शीर्षक: षड्यंत्र का खुलासा और सुमित्रा देवी का मुखौटा
प्रिया के अचानक हस्तक्षेप और सुमित्रा देवी पर लगाए गए सीधे इल्ज़ाम ने वीर, अनायरा और पूरे दफ़्तर में सन्नाटा पैदा कर दिया। वीर का गुस्सा और संदेह अब अनायरा से हटकर, अपनी माँ पर केंद्रित हो गया था।
"माँ?" वीर ने अविश्वास में कहा। "क्या बकवास कर रही हो, प्रिया? मेरी माँ रिया को नापसंद करती थीं, लेकिन वह रिया के ट्रस्ट के साथ छेड़छाड़ क्यों करेंगी?"
"क्योंकि वह तुमसे नफ़रत करती हैं, वीर!" प्रिया चिल्लाई। "रिया ने मुझे बताया था! रिया को पता था कि सुमित्रा देवी तुम्हें बर्बाद करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं।"
प्रिया ने वीर को कागज़ात दिए। "यह देखो, वीर! जब रिया ने 'आर.के. चैरिटेबल ट्रस्ट' बनाया था, तो उसने ट्रस्ट में एक गुप्त उप-कानून (Sub-Clause) भी जोड़ा था। यह उप-कानून कहता था कि अगर वीर की शादी उसकी पसंद की किसी महिला से नहीं होती है, तो ट्रस्ट की ज़मीन सुमित्रा देवी की निजी कंपनी को दान कर दी जाएगी!"
वीर ने ध्यान से कागज़ात देखे। रिया ने यह उप-कानून इसलिए जोड़ा था, क्योंकि उसे डर था कि अगर वीर की शादी किसी गलत महिला से हुई, तो रिया की मेहनत बर्बाद हो जाएगी। रिया को सुमित्रा देवी की लालच पर भरोसा नहीं था।
"और रिया को पता था कि अनायरा ही तुम्हारे लिए सही है," प्रिया ने आगे कहा। "लेकिन सुमित्रा देवी ने रिया के मरने के तुरंत बाद, इस उप-कानून का फायदा उठाया और इसे बदलकर यह लिखवा दिया कि 'अगर वीर ने किसी डिज़ाइनर (खासकर अनायरा) से शादी की, तो ज़मीन चली जाएगी'!"
वीर का सामना
वीर अब काँप रहा था। उसे लगा जैसे उसकी पूरी दुनिया काँप रही है। उसने तुरंत अपनी माँ को फ़ोन किया।
"माँ! अभी, इसी वक़्त ऑफ़िस आइए!" वीर की आवाज़ इतनी कठोर थी कि अनायरा भी डर गई।
दस मिनट के भीतर, श्रीमती सुमित्रा देवी ऑफ़िस पहुँचीं। उनके चेहरे पर सामान्य कठोरता थी, लेकिन आँखों में घबराहट साफ़ झलक रही थी।
"क्या ड्रामा है, वीर? यह प्रिया... इसने तुम्हें बहका दिया है!" सुमित्रा देवी ने कहा।
वीर ने मेज़ पर कागज़ात फेंके। "यह सच है? रिया ने जो उप-कानून बनाया था, क्या आपने उसे बदल दिया?"
सुमित्रा देवी शांत रहीं, फिर एक लंबी साँस ली। "हाँ! मैंने किया! और मैंने सही किया! वीर! रिया एक साधारण लड़की थी! और यह अनायरा... यह तो और भी गरीब है! मैं तुम्हें रिया की मौत के बाद किसी ऐसी वैसी लड़की के हाथ में नहीं दे सकती थी! तुम्हारा रुतबा है! मैंने तुम्हें इस परिवार का वारिस बनाया है!"
"वारिस?" वीर हँसा—एक कड़वी हँसी। "आपने मुझे पाला, लेकिन आपने मेरे प्यार को, मेरी आज़ादी को और रिया के सपने को मार दिया! आपने रिया और अनायरा को लड़वाया!"
सुमित्रा देवी ने गुस्से में प्रिया की तरफ़ देखा। "रिया ने तुम्हें यह सब बताया, प्रिया? रिया ने कभी अपनी राज़ नहीं खोले। तुमने झूठ बोला!"
"नहीं, रिया ने मुझे कुछ नहीं बताया," प्रिया ने जवाब दिया। "रिया ने मुझसे अनायरा को दूर रखने के लिए एक कहानी बनाई थी, लेकिन उसने एक चीज नहीं छिपाई थी—उसकी डायरी।"
प्रिया ने वह गुप्त डायरी वीर के सामने रख दी, जिसका ज़िक्र हमने भाग 17 में किया था (चूँकि हम भागों को एडजस्ट कर रहे हैं, इसलिए यहाँ इसे पहली बार सामने लाया गया है)।
डायरी का अंतिम राज़ और वीर की पहचान
वीर ने डायरी खोली और पढ़ना शुरू किया।
रिया की अंतिम इच्छा (डायरी से अंश):
"वीर, मुझे डर है कि तुम्हारी माँ तुम्हें तबाह कर देंगी। तुम्हें पता होना चाहिए कि वह तुम्हारी असली माँ नहीं हैं। तुम्हारी असली माँ एक महान आर्टिस्ट थीं, और तुम्हारी माँ, सुमित्रा देवी ने उन्हें एक्सीडेंट में खो दिया, लेकिन तुम्हें अपनी पहचान दे दी। तुम्हारी असली माँ की अंतिम चीज़... मेरी 'फ़ैमिली होम' डिज़ाइन की संगीत कक्ष की दीवार में छिपी है। उसे ढूँढ़ो। वह तुम्हें तुम्हारी विरासत और तुम्हारी असली पहचान दिलाएगा। और वीर... अनायरा ही तुम्हें पूरा कर सकती है। उसे कभी मत छोड़ना।"
यह पढ़कर वीर का शरीर सुन्न पड़ गया। उसकी पूरी ज़िंदगी का आधार, उसकी पहचान, उसकी माँ... सब झूठ था।
"नहीं... नहीं!" सुमित्रा देवी चिल्लाईं। "यह झूठ है! रिया ने तुम्हें मुझसे छीनने के लिए यह सब किया!"
वीर ने मेज़ पर मुट्ठी मारी। "बहुत हो चुका, माँ! आप मेरा प्यार, रिया का सपना, और मेरी पहचान... सब छीनने पर तुली थीं। आज से, आपका और मेरा रिश्ता ख़त्म।"
निर्णायक कदम
वीर, अनायरा और प्रिया तुरंत 'फ़ैमिली होम' साइट की ओर भागे। उन्हें पता था कि अगर डायरी की बात सच निकली, तो सुमित्रा देवी उस दीवार को गिराने से पहले उन्हें रोक देंगी।
साइट पर पहुँचकर, वीर सीधा संगीत कक्ष के पास पहुँचा, जो अभी निर्माणाधीन था।
"जल्दी करो, अनायरा! कौन-सी दीवार?" वीर हाँफ रहा था।
"जिस दीवार पर 'स्टारगेज़र' खिड़की है, वीर!" अनायरा ने कहा। "रिया ने उस जगह को चुना होगा, जहाँ से तारे दिखते हैं।"
वे दोनों मज़दूरों के साथ मिलकर उस दीवार को तोड़ने लगे।
ठीक उसी समय, सुमित्रा देवी अपने गार्ड्स के साथ साइट पर पहुँचीं।
"रुक जाओ! उस दीवार को हाथ मत लगाना!" सुमित्रा देवी चिल्लाईं।
लेकिन बहुत देर हो चुकी थी। दीवार का प्लास्टर टूट गया, और अंदर एक छोटी, पुरानी तिजोरी दिखाई दी।
सुमित्रा देवी के लाख रोकने के बावजूद, वीर ने तिजोरी को खोल दिया। अंदर रिया का अंतिम संदेश था। लेकिन यह संदेश वीर की पहचान या विरासत से जुड़ा नहीं था, बल्कि एक वीडियो रिकॉर्डिंग थी! यह रिकॉर्डिंग रिया ने अपनी मौत से कुछ दिन पहले बनाई थी। वीडियो में रिया ने रोते हुए कहा, "वीर, मैं तुम्हें छोड़कर जा रही हूँ, लेकिन तुम्हें पता होना चाहिए... मेरी मौत एक हादसा नहीं थी। और तुम्हारी असली माँ का हत्यारा... अभी भी ज़िंदा है।"
रिया की मौत का राज़ क्या था? और वीर की असली माँ का हत्यारा कौन था? क्या यह सच वीर और अनायरा के जीवन को एक और भयानक मोड़ देगा? अब केवल पाँच भागों में कहानी ख़त्म होनी है!