बारिश की हल्की बूँदें हवेली की पुरानी दीवारों से टकरा रही थीं, जैसे कोई अतीत की गाथा गुनगुना रहा हो। यह 'रत्नावली हवेली' थी, सदियों पुरानी, जिसके जंग लगे लोहे के दरवाजे और खिड़कियाँ एक गहन रहस्यमयी एहसास पैदा कर रही थीं। चारों ओर घने पेड़ खड़े थे, उनकी काली, डरावनी शाखाएँ बारिश की बूँदों में और भी विद्रूप लग रही थीं। हवेली के भीतर एक हल्की, हड्डियों तक पहुँचने वाली ठंडक थी, और हवा में धूल, पुराने कागज़ों और सीलन की मिली-जुली, अजीब-सी खुशबू तैर रही थी।
माया, 24 साल की, उस कमरे के बीचोबीच खड़ी थी। वह लंबी, पतली, और हल्की सुनहरी त्वचा वाली थी। उसकी गहरी भूरी आँखों में एक अदम्य जिज्ञासा और हल्की डर की झलक थी। उसके लंबे, काले, लहराते बाल उसकी पीठ तक गिर रहे थे। आज उसने हल्का पेस्टल ग्रीन रंग की स्लीवलेस ड्रेस पहनी थी, जिसकी हल्की चमक हवेली के अंधेरे को चुनौती दे रही थी। उसके हाथ में उसका पुराना sketchbook था, जिसमें एक धुंधली पेंटिंग का स्केच बना था।
"कहीं मैंने इसे पहले देखा है... पर कहाँ?" माया ने धीरे से खुद से कहा, उसकी आवाज़ हवेली की अनंत खामोशी में घुलती चली गई। यह आवाज़ गूँजकर वापस आई, जैसे हवेली उसे जवाब देने की कोशिश कर रही हो। पेंटिंग की टूटी हुई, धुंधली आँखें उसे घूर रही थीं। माया को लगा जैसे वह पेंटिंग उसे किसी अनसुलझे अतीत में खींच रही है।
तभी, पास के दरवाजे पर खटखटाहट की आवाज़ आई। वह आवाज़ हल्की नहीं थी; यह जैसे हवेली की खामोशी को चीरती हुई आई। माया चौंक कर पलटी।
सामने, दहलीज पर आदिल खड़ा था। 27 साल का, लंबा, कड़क कद काठी वाला युवक। उसका हल्का गोरा रंग, तीखी, गहरी नीली आँखें और चेहरे पर हल्की कटी हुई दाढ़ी थी। उसने गहरा नीला शर्ट और काले जीन्स पहने थे। उसका अंदाज़ स्टाइलिश था, लेकिन उसकी आँखों में एक गहन रहस्य था जिसने माया की धड़कनों को एक नई ताल दे दी।
माया ने हल्की घबराहट और उलझन के साथ पूछा, "आप... कौन हैं? और इस बंद कमरे में क्या कर रहे हैं?"
आदिल ने एक पल के लिए अपनी नीली आँखें माया की आँखों में गड़ा दीं। उसके चेहरे पर एक धीमी मुस्कान खिली।
"मैं वही हूँ जो तुम्हें यह समझने में मदद करेगा कि यह पेंटिंग सिर्फ रंग और काग़ज़ नहीं है। यह एक नक्शा है," आदिल ने झुककर और अपनी आवाज़ को गहरा करते हुए कहा, "इसमें छुपा है एक राज़।"
माया की आँखों में एक असहज चमक आई। उसके मन में डर था, पर उससे ज़्यादा थी उत्तेजना। वह जानती थी कि इस पल के बाद, उसकी ज़िन्दगी पहले जैसी नहीं रहेगी।
आदिल धीरे से आगे बढ़ा। उसने पेंटिंग को दीवार से उठाया और उसके पीछे चिपका हुआ एक मुड़ा हुआ, पीला पड़ चुका नोट निकाला।
"देखो," उसने नोट माया की ओर बढ़ाते हुए कहा, "इस नोट में कुछ नाम और एक तारीख लिखी हैं, जो तुम्हारे अतीत से... तुम्हारे परिवार से जुड़ी हैं।"
माया ने कांपते हाथों से नोट पकड़ा। जैसे ही उसने पहला शब्द पढ़ा, उसके सिर में दर्द की एक लहर उठी। उसकी भूली हुई यादें धीरे-धीरे सामने आ रही थीं—कुछ अस्पष्ट चेहरे, कुछ धुंधली हँसी। यह सब वह भूल चुकी थी, पर कहीं न कहीं, वह इसे जानना भी चाहती थी। आदिल की नीली आँखें, अब और भी करीब थीं, जिनमें एक शांत रहस्य और हल्की मुस्कान थी। वह उसकी ओर खींची चली जा रही थी।
माया ने फुसफुसाया, "तुम... यह सब कैसे जानते हो? तुम इसमें कैसे शामिल हो?"
आदिल ने रहस्यमय ढंग से मुस्कुराते हुए कहा, "मैं वही हूँ जो तुम्हारे अतीत और तुम्हारे वर्तमान को जोड़ता है। और शायद तुम्हारे भविष्य को भी।"
माया का दिल तेज़ी से धड़कने लगा। आदिल की मौजूदगी में एक अजीब सा चुम्बकीय आकर्षण था—डर और उत्साह का मिश्रण। हवेली के सन्नाटे में, खतरे के बीच भी, पहली नज़र का रोमांस चमकने लगा था।
तभी, कमरे के बाहर से कुछ और आवाज़ें सुनाई दीं।
"नील, अगर तुम्हारे जूते खुद चल सकते तो तुम्हारे लिए रेस लग जाती! तुम हमेशा पीछे क्यों रह जाते हो!" सारा ने ऊँची, हँसमुख आवाज़ में कहा।
नील, 26 साल, हल्का गोरा, मस्कुलर और हमेशा हँसमुख, रंगीन टी-शर्ट और जीन्स में, कमरे के दरवाजे पर प्रकट हुआ। उसने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "और अगर तुम्हारी हँसी बिजली होती, तो पूरा शहर रोशन हो जाता। पर तुम यहाँ क्या कर रही हो, माया? और... यह कौन है?"
माया मुस्कुराई, राहत की एक लहर उसके शरीर से गुज़र गई। आदिल ने उसकी ओर देखा, उसके चेहरे पर हल्की चिंता का भाव आया, जो तुरंत छिप गया। यह छोटा सा पल, हवेली की उदासी में भी, एक गर्मजोशी और मानवीय जुड़ाव की झलक दे रहा था।
थोड़ी दूरी पर खड़े आर्यन और कीरा भी थे। आर्यन लंबा, आकर्षक और स्मार्ट लुक में, कीरा पतली, लंबे बालों वाली और एक रहस्यमयी, शांत मुस्कान लिए। वे एक-दूसरे को देख मुस्कुरा रहे थे। उनका हल्का, शांत रोमांस इस कहानी में एक और गहराई ला रहा था।
जैसे ही माया और आदिल नोट के रहस्य पर और बात करने वाले थे, हवेली के मुख्य दरवाजे के पास एक गहरा, काला साया प्रकट हुआ।
यह था जवेन। 28 साल, काले बाल, कड़क बॉडी, गहरी भूरी आँखों वाला, जिसकी उपस्थिति में एक खतरनाक ऊर्जा थी। वह एक काले सूट में, बेहद चिकना और क्रूर लग रहा था। उसके होंठों पर एक सर्द, घमंडी मुस्कान थी।
"सोचा था, तुम्हें अकेले ही पेंटिंग का राज़ समझने दूँगा? इतनी आसानी से नहीं," उसने ठंडी और खतरनाक आवाज़ में कहा, जो हवेली के अँधेरे में गूँज उठी।
आदिल ने तुरंत माया को अपनी ओर खींचा, उसे अपनी सुरक्षात्मक मुद्रा में लेते हुए। उसके शरीर की गर्मी माया को एक क्षणिक ढाढ़स दे गई।
"डरो मत, मैं तुम्हें सुरक्षित रखूंगा," उसने फुसफुसाते हुए कहा।
माया ने अपने हाथ से आदिल का हाथ थाम लिया। यह स्पर्श खतरे के बीच भी रोमांस की गहराई को व्यक्त कर रहा था। उनके बीच का बंधन, पहली बार, एक मज़बूत नींव ले रहा था।
जवेन ने अपने कदम बढ़ाए, उसकी आँखों में घातक इरादा था। हवेली की खिड़कियों से आती हवा और बारिश की आवाज़ सस्पेंस को और बढ़ा रही थी।
आदिल ने नोट और पेंटिंग को कसकर पकड़ा और माया के साथ, तेज़ी से कमरे के दूसरे दरवाज़े की ओर भागा। यह दरवाज़ा, जिसकी जंग लगी सिटकनी जवेन की उपस्थिति से कहीं अधिक डरावनी लग रही थी, उनकी एकमात्र आशा थी।
हवेली की दीवारों से गूंजती उनकी कदमों की आवाज़, बारिश की बूँदों का संगीत और पीछे जवेन के आने का खतरा—यह सब मिलकर कहानी को थ्रिल और रोमांस से भर रहा था।
माया ने भागते हुए आदिल की ओर देखा।
"तो... जो कुछ भी छुपा हुआ था, वह तुम्हारे और मेरे बीच के राज़ से जुड़ा है?"
आदिल ने भागते-भागते एक नज़र माया पर डाली और हाँ में सिर हिलाया।
"हाँ, माया... और इसका खुलासा तुम्हारे साहस पर निर्भर करेगा।"
वे अगले गलियारे में मुड़े। तभी हवेली की एक खिड़की हवा के ज़ोर से खुल गई, और हवा में पुराने, पीले पड़ चुके पत्र उड़ने लगे, जैसे अतीत खुद बाहर आ रहा हो।
पीछे, नील और सारा एक कोने में छिपकर हँस रहे थे, उनकी हल्की कॉमेडी इस गंभीर क्षण में भी थोड़ी राहत दे रही थी। आर्यन और कीरा भी चिंतित आँखों से यह सब देख रहे थे।
जवेन ने आख़िरी बार ज़ोर से चिल्लाते हुए हमला करने की कोशिश की, लेकिन आदिल और माया की तेज टीमवर्क ने उसे कुछ देर के लिए भ्रमित कर दिया।
हवेली के अंधेरे में, पेंटिंग और नोट की रोशनी में, आदिल और माया के बीच की गर्मजोशी उनके धीरे-धीरे उभरते प्रेम को दिखा रही थी। अब यह सिर्फ़ एक राज़ की खोज नहीं थी, यह उनके साझे भविष्य की शुरुआत थी।