मोनिका :- ये तो विकास है । पर ये जानवी का हाथ ऐसे क्यों पकड़ा है । और ये विकास यहां पर बिना इंवाईट के कैसे आ गया । कुछ गड़बड़ है ।
जानवी :- हाथ छोड़ो मैं कहती हूँ ।
विकास: - क्यो जानवी । ऐसा क्या हो गया जो तुम मुझसे बात तक नही कर रही हो । मैने ऐसा क्या कर दिया । अच्छा तो क्या तुम्हें कोई पंसद आ गया ।
जानवी :- विकाश ये क्या बोल रहे हो ?
विकास: - अगर ऐसी बात नही है तो चलो मेरे साथ अभी ।
इतना बोलकर विकाश जानवी को जबरदस्ती वहां से ले जाना चाहता है ।
जानवी :- विकास , ये क्या कर रहे हो , छोड़ो मेरा हाथ । विकाश मैं कहती हूँ मेरा हाथ छोड़ो ।
जानवी के इतना कहने के बाद भी जब विकाश उसको खिच रहा था तब जानवी विकाश से अपना हाथ छुड़ाती है और उसे एक जौरदार थप्पड़ मारती है । विकास को ये बिल्कुल भी अच्छा नही लगता ।
जानवी :- अभी तो सिर्फ थप्पड़ मारा है अगर दोबारा मुझे छुने की कोशिश की तो मैं चिल्लाकर सबको बुला लूंगी तब तुम्हारी इज्जत भी जाएगी ।
विकास: - ये थप्पड़ तुम्हें बहोत मंहगा पड़ेगा जानवी ।
इतना बोलकर विकाश वहां से चला जाता है ।
आदित्य अनय को चुप रहने और वहां से जाने को इशारा करता है । तब अनय समझ जाता है और चुप हो जाता है ।
अनय :- इसकी तारिफ और क्या ही करु । अच्छा ठिक है आपलोग बात करिए मैं अभी आता हूँ ।
इतना बोलकर अनय वहां से चला जाता है ।
आदित्य: - अंकल वो भैया... मेरा मतलब है अनय जी के बातो पर ध्यान मत दिजिए वो तो कुछ भी बोल देते है ।
अशोक :- ( मन ही मन ) इसने अनय को भैया कहा । हो ना हो आदित्य का और विद्युत जी का जरुर कुछ तो कनेक्शन है । तभी तो मुझे ऐसा लग रहा है के मैने इसो
कही देखा है ।
आदित्य: - अंकल आप क्या सौचने लग गए ?
अशोक :- कुछ नही बेटा वो मैं ऐसे ही । अनय ने कुछ गलत नही कहा बेटा । मैं भी जानता हूँ के तुम कैसे हो ।
कृतिका :- अंकल आपने खाना खाया ।
अशोक :- नही बेटा ।
कृतिका :- चलिए ना खाना खाते है ।
अशोक :- हां चलो । बेटा जानवी तुम भी चलो साथ मे ।
जानवी को दैखकर आदित्य हल्की मुस्कान देता है पर जानवी तुछ भी रियेक्सन नही देती ।
फिर सभी खाना खाने चले जाते है । मोनिका आदित्य को दैखकर बहोत हैरान और जलन फील कर रही थी । क्योकी पार्टी मे उसे सबसे ज्यादा अटेंशन मिल रहा था ।
पार्टी खतम होने वाली थी सभी गेस्ट अब जा चुके थे ।
वहां पर अब सिर्फ अलोक ,जानवी , मोनिका, विकी , आदित्य और उसके दोस्त मौजूद थे । अशोक और जानवी वहां से जाने लगता है ।
कार मे बेठे अशोक जानवी से कहता है ।
अशोक :- बेटा पार्टी मे तुमने दैखा , कैसे विद्युत जी और उनके बड़े बेटे आदित्य के साथ बात कर रहे थे । अनय ने ये तक मुझसे कहा के आदित्य की पहुंच उससे भी ज्यादा है ।
अशोक इतना बोलता ही है के तभी गाड़ी के कांच पर कोई डंडे से मारता है जिससे सामने की कांच टुट जाती है और अशोक को चोट लगती है । अशोक कार का ब्रेक मारता है । अचानक हूए हमले से दोनो काफी घबरा जाता है ।
अशोक कार को रौककर अपने सर तो पकड़ता है , जहां से हल्की हल्की खुन आ रही थी । जानवी चिल्लाकर कहती है ।
जानवी :- पापा ...! पापा आप ठिक है ?
जानवी इतना कहती के तभी दो लड़के जो मास्क पहने थे आते है , उसमे से एक विकास रहता है जो मास्क के कारण पहचान मे नही आ रहा था । कार का गेट खोलता है और जानवी को खिंचकर बाहर निकालता है ।
जानवी: - कौन हो तुमलोग । छोड़ो मुझे , Leave me . पापा ....पापा । छेड़ो मुझे ।
जानवी चिल्ला कर ये सब बोल रही थी तभी विकाश ने जानवी के गाल पर जौर से थप्पड़ मारता है जिससे जानवी के होंट से खुन निकलने लगता है । अशोक किसी तरह लड़खड़ाते हूए जानवी के पास जाना है ।
अशोक :- छोड़ दो मेरी बेटी को । कौन हो तुम लोग क्या चाहते हो ?
तभी विकास अशोक को पकड़ता है और उसे दुर धकेल देता है । अशोक कुछ दुर जाकर गिरता है ।
जानवी :- पापा ..... ( रोती हूई ) पापा ... छोड़ो मुझे , कौन हो तुमलोग । प्लिज छोड़ो मुझे ।
जानवी के कहने पर विकास जानवी के पास जाता है और उसके चेहरे हाथ फेरने लगता है । तो जानवी विकास के मुह पर थुंक देती है जिससे विकास बहोत ज्यादा गुस्सा हो जाता है और जानवी के गाल को अपनो हाथ पकड़ कर कहता है । विकास अपनी आवाज को बदलकर कहता है ।
विकाश :- बहोत गर्मी है ना तुझमे । आज मैं तेरी सारी गर्मी उतार देता हूँ ।
इतना बोलकर विकास एसीड लेकर आता है जिसे दैखकर जानवी डर जाती है ।
विकास: - तुझे बहोत घमंड है तुझे अपनी खुबसुरती पर , तुझे लगता है के तेरे पिछे सब भागेगें । आज मैं तेरे चेहरे की ऐसी हालत करुगां के कोई और तो क्या खुद तुम भी अपनी चेहरे नफरत करोगी ।
अशोक वहां पर लाचार होकर गिरा हूआ था । विकास एसीड लोकर धिरे धिरे जानवी की और बड़ रहा था ।
जानवी :- प्लीज छोड़ दो मुझे । ऐसा मत करो ।
अशोक :- उसे छोड़ दो प्लीज । मैं तुमलोगो के आगे हाथ जोड़ता हूँ । ऐसा मत करो । कोई है , प्लिज हेल्प ।
विकास लगभग जानवी के करीब पहूँच जाता है तभी उधर से आदित्य और उसके दोस्त बाईक से आ रहे थे । एक बाईक पर आदित्य और दुसरे पर कृतिका और रमेश ।
आदित्य को बााईक की रोशनी से हल्की हल्की दिखाई देता है उसे लगता है के कोई झगड़ा कर रहा है ।
आदित्य: - इतनी रात को बिच सड़क पर ये कौन लोग हो सकता है ?
पर जैसे ही आदित्य थोड़ी और सामने पहूँचता है तो दैखता है के एक लड़का मास्क पहने जानवी को पकड़ रखा है और एक को हाथ मे एसीड है । आदित्य अपनी बाईक की स्पीड बड़ाता है और विकास को जिसके हाथ मे एसीड था उसे बाईक से टक्कर मार देता है ।
जिससे विकास कुछ दुर जाकर गिरता है और विकाश के हाथ से एसीड गिर जाता है । कृतिका और रमेश अशोक को जाकर उठाता है । आदित्य जानवी की और बड़ता है तो वो लड़का जानवी को छोड़कर आदित्य को मारने आता है ।
आदित्य उसे पकड़कर दुर फेंक देता है । आदित्य विकास और उसके साथी को बहोत मारता है । तभी विकास उठता है और अपनी गाड़ी से एक और एसीड का बोतल निकालता है और जानवी की तरफ फेंक देता है ।
जिससे जानवी अपनी आंखे बंद लेती है और बाकी सब बहोत डर जाता है । तभी आदित्य भागकर जाता है और जानवी को गले लगा लेता है । जिससे एसीड आदित्य के पिठ पर गिर जाता है जिससे आदित्य के कपड़े गलने लगता है और कही कही चमड़ी पर भी लग जाता है।
To be continue.....104