मुंबई की शाम हमेशा किसी फिल्म के सेट जैसी लगती थी. ऊँची बिल्डिंग्स की चमकती खिडकियाँ, गाडियों का लगातार शोर, और बीच- बीच में समुद्र की आवाज. उसी समुद्र किनारे खडी थी आयरा मेहता. उसके हाथ में एक छोटी सी डायरी थी, जिसमें वो अपनी अधूरी कहानियाँ लिखती थी. हर पन्ने पर अधूरे ख्वाब, अधूरी बातें और वो सबकुछ जिसे वो कह तो नहीं सकती थी, मगर लिख सकती थी.
बारिश की हल्की बूँदें उसके बालों से फिसलकर चेहरे पर गिर रही थीं. वो आंखें मूँदकर उस एहसास को महसूस कर रही थी. तभी एक काली मर्सिडीज उसके पास आकर रुकी. दरवाजा खुला और बाहर उतरा एक शख्स—लंबा, चौडे कंधों वाला, grey suit में सजा हुआ. उसकी आँखों में वो confidence था जो किसी भी भीड को खामोश कर दे.
Excuse me, उसने गहरी आवाज में कहा, Oberoi Hotel जाना है, रास्ता बता सकती हैं?
आयरा थोडा सकपका गई. उसने जल्दी से जवाब दिया—
सीधे. फिर बायीं तरफ. वहाँ से साफ दिखेगा।
उस आदमी ने हल्की मुस्कान दी.
Thank you. वैसे. आप मुझे देखकर ऐसे नर्वस क्यों हो गईं? मैं कोई फिल्म स्टार नहीं हूँ।
आयरा ने नजरें चुराते हुए धीरे से कहा—
फिल्म स्टार से ज्यादा attitude है आपके अंदर।
वो हँसा और हाथ आगे बढाया.
अर्जुन मल्होत्रा।
आयरा ने उसके हाथ को हल्के से थामा और नाम दोहराया.
अर्जुन.
अर्जुन ने उसकी डायरी की तरफ इशारा किया.
लिखती हो?
हाँ, कोशिश करती हूँ, आयरा ने कहा. लिखना आसान है, पर अपनी जिंदगी जीना बहुत मुश्किल।
अर्जुन ने गहरी नजर से उसकी आँखों में देखा और धीमे से कहा—
शायद अब तुम्हारी जिंदगी की असली कहानी शुरू होने वाली है।
अगली शाम आयरा अपनी दोस्त सान्या की birthday पार्टी में थी. हॉल सुनहरी रोशनी में नहा रहा था. हर तरफ महंगे कपडे, महंगी मुस्कानें और वो नशा था जो सिर्फ अमीरों की पार्टियों में मिलता है. अचानक DJ ने announce किया—
Ladies and gentlemen, please welcome, Mister Arjun Malhotra!
सारे लोग तालियाँ बजाने लगे. अर्जुन ने entry ली, और उसकी आँखें भीड में सिर्फ एक चेहरा तलाश रही थीं. जब उसकी नजर आयरा पर पडी, वो वहीं थम गया. दोनों की नजरें मिलीं और समय जैसे रुक गया.
सान्या दौडकर अर्जुन से मिली और बोली—
Finally! Meet my best friend, Ayra Mehta. दुनिया की सबसे simple और boring लडकी।
सान्या! आयरा ने नाराज होकर कहा.
अर्जुन हँस पडा.
Boring? Not at all. ये तो रहस्यमयी लगती है. और रहस्यमयी लोग हमेशा खतरनाक होते हैं।
पार्टी खत्म होते- होते अर्जुन बालकनी में खडा whisky का गिलास हाथ में लिए दूर शहर की लाइट्स देख रहा था. बारिश शुरू हो चुकी थी. तभी पीछे से आयरा आई.
तुम मुझमें इतनी दिलचस्पी क्यों ले रहे हो? उसने सीधा सवाल किया.
अर्जुन ने धीरे से कहा—
क्योंकि तुम्हारी आँखों में ऐसे सवाल हैं, जिनसे तुम खुद भी डरती हो।
आयरा चौंकी.
क्या कहना चाहते हो?
अर्जुन उसके और करीब आया. उसका चेहरा अब आयरा के बहुत पास था. उसने फुसफुसाकर कहा—
तुम्हारी जिंदगी में एक ऐसा राज है, जो तुम नहीं जानती. और शायद. मैं जानता हूँ।
आयरा के चेहरे पर डर और हैरानी दोनों थे. उसकी धडकनें तेज हो गईं. अर्जुन की आँखों में अजीब सा रहस्य था, जैसे वो कुछ छुपा रहा हो.
तुम्हें लगता है हर कहानी किताबों में लिखी जाती है? अर्जुन की आवाज ठंडी और बहुत गहरी थी.
कम से कम मेरी तो सिर्फ डायरी में है, आयरा ने बालकनी की रेलिंग पकडते हुए कहा, लेकिन मेरी जिंदगी. वो तो किसी फिल्म से भी ज्यादा उलझी हुई है।
अर्जुन ने मुस्कुराकर गिलास किनारे रखा. उलझनें ही तो कहानियों को खूबसूरत बनाती हैं. तुम्हारी आँखों में जो डर है, वो बताता है कि तुम खुद भी अपने सच से भाग रही हो।
तुम मुझे कुछ भी समझो” आयरा ने उसकी तरफ सीधा देखते हुए कहा, पर ये डायलॉग देना बंद करो. तुम हो कौन, और मेरे बारे में इतना कैसे जानते हो?
अर्जुन करीब आया. उसकी खुशबू में महंगे परफ्यूम और हल्की शराब की महक थी. कभी- कभी अजनबी वो जान लेते हैं जो अपने भी नहीं समझ पाते।
आयरा ने नजरें फेर लीं. मुझे ऐसे गेम्स पसंद नहीं।
ये गेम नहीं है, आयरा. ये रियलिटी है. तुम्हारी फैमिली तुम्हारे पापा. तुम सोचती हो सब नार्मल है? ट्रस्ट मी, तुम जिस दुनिया में जी रही हो, वो सिर्फ एक दिखावा है।
उसकी बातें सुनकर आयरा का चेहरा सफेद पड गया. तुम कहना क्या चाहते हो?
सही वक्त आने पर बताऊँगा। अर्जुन ने कहा. बस इतना जान लो कि तुम बहुत स्पेशल हो. और तुम्हारे आसपास जो चमक- दमक है, उसके पीछे बहुत अंधेरा छुपा है।
बारिश तेज होने लगी. आयरा अंदर चली गई. दिल की धडकनें इतनी तेज थीं कि उसे लगा जैसे पूरी पार्टी सुन लेगी. अंदर सब हँस रहे थे, नाच रहे थे, मगर उसके लिए हर आवाज धुंधली पड चुकी थी.
सान्या ने उसे हाथ पकडकर खींचा. तू यहाँ है? कम आन. लेट्स डांस
मेरा मूड नहीं है, आयरा ने खुद को संभालने की कोशिश की.
सान्या ने भौंहें चढाकर कहा, मूड? कहीं अर्जुन की वजह से तो नहीं? Don’t tell me he is hitting on you.
आयरा चौंकी. व्हाट? नान्सेंस!
प्लीज, आई वो हिम. ही इज चार्मिंग, रिच, एन्ड डेन्जरस. और ऐसे लडके कभी भी किसी के लिए सीरियस नहीं होते।
डेन्जरस? आयरा ने फुसफुसाकर कहा.
सान्या ने सिर हिलाया. तू दूर रह उससे. उसके पास सीक्रेटसहैं. जो तुझे हर्ट करेंगे।
आयरा ने कुछ नहीं कहा. बस चुपचाप दूर खडे अर्जुन को देखा. वो भी उसे ही देख रहा था. दोनों की आँखें मिलीं और एक पल के लिए जैसे पूरी भीड गायब हो गई.
पार्टी खत्म होने पर आयरा होटल के बाहर खडी कैब का इंतजार कर रही थी. तभी अर्जुन की कार उसके पास आकर रुकी.
कैन आई हेल्प यू? उसने खिडकी से लीन होकर पूछा.
नहीं, कैब आ जाएगी।
कैब्स इतनी जल्दी नहीं मिलतीं इस मौसम में. बैठ जाओ।
आयरा ने कुछ सोचा, फिर दरवाजा खोलकर बैठ गई. कार के अंदर हल्की म्यूजिक चल रही थी. खामोशी इतनी भारी थी कि दोनों की सांसें भी सुनाई दे रही थीं.
कुछ देर बाद अर्जुन ने कहा—
तुम सोच रही हो न. मैं कौन हूँ, और तुम्हारे बारे में इतना कैसे जानता हूँ?
आयरा ने उसकी तरफ देखा. हाँ. और मैं ये भी सोच रही हूँ कि तुमसे मिलना इत्तेफाक था. या प्लान।
अर्जुन ने मुस्कुराया, उसकी आँखों में हल्की चमक थी.
नथिंग इज कोइनसीडेंस, आयरा जिंदगी में सब कुछ प्लान्ड होता है. और तुम्हारा मेरे रास्ते में आना भी।
आयरा ने गहरी सांस ली. तो अब मैं Kiss कहानी का हिस्सा हूँ?
अर्जुन ने कार रोक दी, उसकी तरफ झुकते हुए बोला—
उस कहानी का. जिसकी शुरुआत आज से है. और जिसका end सिर्फ मैं तय करूँगा।
कार के शीशे पर बारिश की बूँदें गिरती रहीं, और दोनों की आँखों में अनकहा सा तूफान था.
कार रुकते ही आयरा ने खिडकी से बाहर झाँका. सडक पर सन्नाटा था, सिर्फ बारिश की बूंदें और स्ट्रीट लाइट की चमक. वो उलझन में थी, फिर भी अर्जुन की तरफ खींची चली जा रही थी.
तुम ये सब क्यों बोल रहे हो? उसने धीरे से पूछा.
क्योंकि सच छुपाने से पहले ही मैं तुम्हें तैयार करना चाहता हूँ, अर्जुन ने calm आवाज में कहा.
सच? कौन सा सच?
अर्जुन ने उसकी तरफ देखा, उसकी आँखों में वो गंभीरता थी जो किसी रहस्य का बोझ उठाए हुए थी.
तुम्हारे पापा. जो दुनिया के सामने एक परफेक्ट बिजनेस मेन हैं. उन्होंने वो सब किया है, जिसकी कल्पना भी तुम नहीं कर सकती।
आयरा का चेहरा पीला पड गया.
इनफ! मेरे पापा ईमानदार इंसान हैं. उन्हें बदनाम करने की कोशिश मत करो।
अर्जुन ने एक हल्की सांस छोडी.
मुझे उम्मीद थी तुम यही कहोगी. लेकिन तुम्हें जल्द ही सब पता चल जाएगा।
आयरा ने खामोशी से खिडकी के बाहर देखा. कार उसके घर के सामने रुकी. अर्जुन ने दरवाजा खोला.
Good Night आयरा
वो उतरी, मगर उसके दिल में सवालों का तूफान था.
अगली सुबह मेहता हाउस में सब कुछ नार्मल लग रहा था. उसकी माँ नाश्ते की टेबल पर अखबार पढ रही थीं, और पापा फोन पर किसी से तेज आवाज में बात कर रहे थे.
डैड, सब ठीक है? आयरा ने पूछा.
राजेश मेहता ने हडबडाकर फोन काटा.
हाँ, बिल्कुल. बिजनेस की बातें हैं. तुम्हें चिंता करने की जरूरत नहीं।
लेकिन आयरा की नजरें उनके हाथ पर पडीं—हल्का सा cut था, और उस पर अभी भी सूखी हुई खून की परत.
ये चोट.
कुछ नहीं, बस गलती से cut गया, उन्होंने बात टाल दी और जल्दी से टेबल से उठ गए.
आयरा चुपचाप बैठी रही. उसके दिमाग में अर्जुन की बातें गूंज रही थीं—“ तुम्हारी फैमिली नार्मल नहीं है. सब दिखावा है।
उस रात उसे नीन्द नहीं आई. बार- बार उसे अर्जुन का चेहरा याद आ रहा था. अचानक उसका फोन वाइब्रेट हुआ. अन नोन नम्बर से मैसेज आया—
अगर सच जानना चाहती हो तो कल रात ग्यारह बजे पुराने डोकेयर्ड पर आना. अकेली आना. –ओके
उसने घबराकर फोन गिरा दिया. उसका दिल तेजी से धडकने लगा.
अगली रात वो सचमुच वहाँ पहुँची. चारों तरफ अंधेरा था, हवा में जंग और नमक की गंध. एक कोने में अर्जुन खडा था, ब्लैक जेकैट पहने हुए.
तुम आ गईं, उसने कहा
ये सब ड्रामा क्यों? मुझे डर लग रहा है।
अर्जुन उसके करीब आया और उसकी आँखों में देखा.
डरना जरूरी है, क्योंकि जिस दुनिया में तुम रह रही हो, वो उतनी साफ नहीं है जितनी दिखती है. तुम्हारे पापा के नाम पर बने एम्पायर की नींव. खून से भरी है।
आयरा काँप गई.
जस्ट शट अप! ये सब झूठ है।
अर्जुन ने उसके हाथ में एक फाइल थमा दी.
झूठ नहीं, सबूत. देख लो।
आयरा ने कांपते हाथों से file खोली. उसमें कान्ट्रेक्ट, बैंक स्टेटमेंट और कुछ फोटोग्राफ थे. एक तस्वीर में उसके पापा किसी अजनबी आदमी के साथ थे, और अगले पन्ने में वही आदमी खून से लथपथ पडा था.
आयरा की आँखों से आंसू छलक पडे.
नहीं. ये पॉसिबल नहीं है।
अर्जुन ने धीरे से उसका चेहरा ऊपर उठाया.
अब तुम्हें समझ आया मैं क्यों कह रहा था. तुम्हारी जिंदगी सिर्फ दिखावा है।
लेकिन तुम क्यों. तुम्हें इस सबकी परवाह क्यों है?
अर्जुन ने एक पल उसकी आँखों में देखा, फिर नजरें झुका लीं.
क्योंकि ये सिर्फ तुम्हारे पापा की कहानी नहीं है, आयरा. ये मेरी भी कहानी है. और शायद. तुम मेरी आखिरी उम्मीद हो।
आखिरी उम्मीद? आयरा ने कांपती आवाज में पूछा, तुम कहना क्या चाहते हो?
अर्जुन ने फाइल वापस ली और उसे अपने बैग में रख दिया. उसकी आँखों में दर्द था, जैसे किसी बोझ से दबा हो.
तुम्हारे पापा. और मेरे पापा. कभी पार्टनर थे. बिजनेस नहीं, बल्कि उस दुनिया में जहाँ पावर सबकुछ होती है. और जब मेरे पापा ने पीछे हटने की कोशिश की. उन्होंने मेरी फैमिली बर्बाद कर दी।
आयरा की सांस अटक गई. नहीं. तुम झूठ बोल रहे हो. मेरे पापा ऐसे नहीं हो सकते।
अर्जुन की आवाज भारी हो गई.
अगर झूठ होता तो मैं आज यहाँ खडा नहीं होता. मैंने सब कुछ खोया है, आयरा. और अब. अब सिर्फ दो रास्ते हैं. या तो मैं बदला लूँ. या तुम्हारे जरिए सच सामने लाऊँ।
उसने एक पल को उसकी आँखों में गहरी नजर डाली.
लेकिन ये आसान नहीं होगा. क्योंकि सच सामने लाने का मतलब है तुम्हारे अपने पापा को गिरते हुए देखना।
आयरा के चेहरे पर आंसू बहने लगे. मैं. मैं कन्फ्यूज हूँ. एक तरफ तुम हो, जो मुझे ये सब बता रहे हो. और दूसरी तरफ मेरे पापा. मेरी दुनिया. अगर तुम्हारी बात सही निकली तो मैं टूट जाऊँगी।
अर्जुन ने धीरे से उसका हाथ थाम लिया.
मैं तुम्हें टूटने नहीं दूँगा।
उस स्पर्श में सच्चाई और गहराई थी. कुछ सेकंड दोनों खामोश खडे रहे, सिर्फ बारिश की बूँदों की आवाज गूंज रही थी.
अचानक डाकेयर्ड के दूसरी तरफ हल्की सी हलचल हुई. किसी ने अंधेरे से कैमरा क्लिक किया. अर्जुन ने तुरंत आयरा को अपनी तरफ खींचा और गाडी की ओर बढा.
कौन था वो? आयरा ने घबराकर पूछा.
तुम्हारे पापा के लोग, अर्जुन ने गाडी स्टार्ट करते हुए कहा. अब उन्हें पता चल गया है कि तुम सच्चाई के करीब आ रही हो।
गाडी तेज रफ्तार से सडक पर दौड रही थी. आयरा सीट पर चुपचाप बैठी थी, उसकी आँखों में डर साफ झलक रहा था.
अगर ये सब सच है तो मेरे पापा मुझे क्यों छुपाएँगे?
क्योंकि वो तुम्हें बचाना चाहते हैं. लेकिन सच से नहीं. सच के नतीजों से. आयरा, तुम्हें अंदाजा भी नहीं है कि तुम्हारी फैमिली Kiss लेवल तक इन्वॉल्वड है।
बस करो, अर्जुन! आयरा अचानक चिल्लाई. मुझे और कुछ नहीं सुनना. मैं अपने पापा को कभी गलत नहीं मान सकती।
अर्जुन ने गाडी रोक दी. उसकी आँखों में गुस्सा था लेकिन लहजा शांत.
ठीक है. सच मानने की जरूरत नहीं. लेकिन याद रखना—एक दिन तुम खुद उस अंधेरे को देखोगी. और जब वो दिन आएगा. तुम्हें मेरी जरूरत होगी।
आयरा ने खामोशी से उसकी तरफ देखा. उसके दिल में गुस्सा, डर और अजीब सा खिंचाव सब एक साथ था. उसने दरवाजा खोला और बाहर निकल गई.
बारिश अब भी रुकने का नाम नहीं ले रही थी. सडक पर खडे होकर उसने अर्जुन की कार को दूर जाते देखा. उसके दिल में सवालों का तूफान था—क्या अर्जुन सच बोल रहा है, या वो सिर्फ उसके दिमाग से खेल रहा है?
उधर अर्जुन गाडी चलाते हुए अपनी जेब से एक पुरानी तस्वीर निकालता है. तस्वीर में उसका बचपन का चेहरा और साथ में एक आदमी—राजेश मेहता. उसकी आँखों में नफरत की आग थी.
अब खेल शुरू होगा, राजेश मेहता, उसने धीमे से कहा. और इस खेल की चाबी तुम्हारी बेटी है।
आयरा पूरी रात सो नहीं सकी. कमरे में इधर- उधर घूमते हुए उसके दिमाग में वही तस्वीरें घूम रही थीं. उसके पापा का चेहरा, वो फाइल. सब एक साथ. अचानक दरवाजा खटखटाने की आवाज आई.
आयरा, सब ठीक है न? उसकी माँ समीरा की आवाज थी.
हाँ मम्मी. मैं ठीक हूँ।
तो नाश्ते पर आ जाओ. तुम्हारे पापा इंतजार कर रहे हैं।
आयरा ने आईने में खुद को देखा. चेहरा थका हुआ था, आँखें लाल थीं. उसने जल्दी से मेकअप से सब छुपाया और डाइनिंग हॉल में आ गई.
टेबल पर राजेश मेहता हमेशा की तरह अखबार पढ रहे थे. मगर उनकी नजरें लगातार आयरा पर थीं.
कल रात इतनी देर से कहाँ थी? उन्होंने ठंडी आवाज में पूछा.
आयरा का दिल धडकने लगा. दोस्तों के साथ थी।
कौन से दोस्त?
सान्या. उसने झूठ बोल दिया.
राजेश ने अखबार तह किया और मुस्कुराए. तुम्हें पता है न, मैं तुम्हें कुछ भी छुपाते हुए तुरंत पकड लेता हूँ?
आयरा की सांस रुक गई. मगर उसने कुछ कहा नहीं.
एनीवेयज” उन्होंने चाय का घूंट लिया, कल रात किसी ने मुझे बताया कि तुम डाकेयर्ड के आसपास देखी गई थी. क्या कर रही थी वहाँ?
आयरा के हाथ कांप गए. डाकेयर्ड? नहीं पापा. आप गलत समझ रहे हैं।
राजेश ने गहरी नजरों से उसे देखा, फिर हल्की मुस्कान दी. ठीक है. मैं मान लेता हूँ।
लेकिन उस मुस्कान में अजीब सा खतरा छुपा था.
उसी शाम आयरा को मैसेज आया—“ मुझे तुमसे मिलना है. अर्जेंट. होटल द सूर्या Room नम्बर तीन सौ छप्पन, नौ PM.
वो डरते- डरते वहाँ पहुँची. अर्जुन पहले से इंतजार कर रहा था. उसकी आँखों में बेचैनी साफ थी.
तुम्हारे पापा को शक हो गया है कि तुम सच्चाई के करीब पहुँच रही हो. तुम्हें अब और सावधान रहना होगा।
तुम समझते क्यों नहीं? आयरा ने गुस्से में कहा. तुम्हारी बातें सुनकर मेरी दुनिया बिखर रही है. मैं हर वक्त डर में जी रही हूँ. मुझे नहीं पता Kiss पर भरोसा करूँ।
अर्जुन ने उसका हाथ पकड लिया. मुझ पर भरोसा करो।
आयरा ने उसकी आँखों में देखा. उस स्पर्श में अजीब सी गर्माहट थी. जैसे सारी दुनिया से लडने का हौसला वहीं मिल जाए.
लेकिन अगर तुम गलत हुए तो? उसने धीमे से कहा.
तो तुम मुझे छोड देना. लेकिन अगर मैं सही हुआ. तो.
दोनों की आँखें आपस में टकराईं. कुछ पल के लिए समय रुक गया. होटल की खिडकी से छन कर आती लाॅन की रोशनी, धीमा संगीत, और उनके बीच की नजदीकी. सब कुछ बहुत खूबसूरत था.
अचानक अर्जुन का फोन बजा. उसने Call उठाया और चेहरे का रंग बदल गया.
क्या हुआ? आयरा ने घबराकर पूछा.
अर्जुन ने धीरे से कहा—
वो सिर्फ बिजनेस मेन नहीं हैं. आज रात उनका एक ऐसा डील फाइनल होने वाला है, जिससे पूरा शहर हिल जाएगा. और अगर मैंने उन्हें रोका नहीं. तो सब खत्म हो जाएगा।
आयरा की आँखों में डर फैल गया. मतलब?
मतलब. अर्जुन ने उसकी तरफ झुककर फुसफुसाया, तुम्हारे पापा सिर्फ पैसे के खेल में नहीं. खून के खेल में भी हैं।
रात के बारह बजे, राजेश मेहता के फार्म हाउस में सन्नाटा पसरा था. ऊँची- ऊँची दीवारें, सिक्योरिटी गार्ड्स, और अंदर चमकती हुई लाइट्स. डाइनिंग टेबल पर महंगी शराब की बोतलें खुली थीं और चार- पाँच लोग उसके साथ बैठे थे—सब बडे बिजनेस टाइकून, लेकिन असली काम कुछ और था.
राजेश ने मुस्कुराते हुए कहा—
शहर की आधी जमीन अब मेरे नाम होगी. और जो भी बीच में आया. उसे मिटा दिया जाएगा।
उनकी आवाज में ठंडक थी, जैसे इंसान नहीं, शिकारी बोल रहा हो.
दूसरी तरफ, अर्जुन अपनी कार में बैठा था. उसके सामने लैपटॉप खुला था और स्क्रीन पर फार्म हाउस का लाइव सीसीटीवी फुटेज. उसकी आँखों में गुस्सा और बेचैनी दोनों थे.
अब खेल साफ है, उसने बुदबुदाया. आयरा को सच्चाई दिखानी ही होगी।
अगले दिन, आयरा को अर्जुन ने बुलाया. वो एक पुरानी वेयरहाउस में पहुँची. चारों तरफ अंधेरा, दीवारों पर पडी धूल, और बीच में एक प्रोजेक्टर.
ये सब क्या है, अर्जुन? उसने घबराते हुए पूछा.
अर्जुन ने प्रोजेक्टर ऑन किया स्क्रीन पर फुटेज चल रहा था. राजेश और उसके लोग, डील की बातें, धमकियाँ, और खून की प्लानिंग.
आयरा की आँखें भर आईं. नहीं. ये सच नहीं हो सकता. मेरे पापा.
अर्जुन ने उसका चेहरा अपने हाथों में लिया. आयरा, अब भी वक्त है. खुद से झूठ मत बोलो. तुम्हारे पापा एक मुखौटे के पीछे जी रहे हैं. असली चेहरा यही है।
आयरा का पूरा शरीर काँप रहा था. तो मैं क्या करूँ? मैं अपनी फैमिली के खिलाफ कैसे जा सकती हूँ?
अर्जुन ने गहरी आवाज में कहा
कभी- कभी सच का साथ देना ही सबसे बडा प्यार होता है—खुद से, और इस दुनिया से. लेकिन ये आसान नहीं होगा. अगर तुमने मेरे साथ कदम बढाया, तो वापस लौटने का कोई रास्ता नहीं बचेगा।
आयरा उसकी आँखों में देखती रही. वो डर भी रही थी, लेकिन कहीं न कहीं उसके दिल में अर्जुन के लिए अजीब सा खिंचाव और यकीन था.
धीरे- धीरे उसने उसकी हथेलियों को कसकर पकड लिया.
मैं तुम्हारे साथ हूँ।
दोनों के बीच खामोशी छा गई. सिर्फ उनकी धडकनों की आवाज सुनाई दे रही थी. अर्जुन झुककर उसके बेहद करीब आया. उनकी साँसें मिल रही थीं, और उसी पल दुनिया जैसे थम गई थी.
लेकिन तभी अचानक दरवाजा जोर से खुला. बाहर से गोलियों की आवाज आई.
अर्जुन ने आयरा को पकडकर पीछे किया और अपनी जेब से पिस्तौल निकाल ली.
तुम्हारे पापा के लोग आ गए हैं।
आयरा चीख पडी—“ अर्जुन!
गोलियों की गूँज, टूटे शीशे की खडखडाहट और उस अंधेरे वेयरहाउस में अब खेल शुरू हो चुका था—एक ऐसा खेल, जहाँ प्यार और मौत आमने- सामने खडे थे.
वेयरहाउस की टूटी खिडकियों से गोलियों की बारिश हो रही थी. अर्जुन ने तुरंत आयरा को साईड कर दिया
झुको! उसने चिल्लाकर कहा.
आयरा काँपते हुए बोली—“ ये सब मेरे पापा ने भेजे हैं?
हाँ, और अब उनका एक ही मकसद है—मुझे और सच दोनों को मिटाना। अर्जुन की आँखें जल रही थीं.
उसने पिस्तौल निकाली और जवाबी फायर किया. दो लोग जमीन पर गिरे. आयरा का दिल इतनी तेज धडक रहा था कि उसे अपनी सांसें सुनाई देने लगीं.
हम ऐसे नहीं बच पाएँगे! उसने डर से कहा.
अर्जुन ने उसका हाथ कसकर पकडा. जब तक मैं जिंदा हूँ, तुम्हें कुछ नहीं होगा।
वो उसे खींचते हुए पीछे बने गुप्त रास्ते की तरफ ले गया. दोनों दौडते हुए वेयरहाउस के बाहर निकले. बाहर अंधेरे में काली एस You वी खडी थी.
बैठो अंदर! अर्जुन ने चिल्लाया.
गाडी स्टार्ट होते ही पीछे से गाडियाँ और गोलियों की बौछार शुरू हो गई. सडकों पर रात का सन्नाटा, सिर्फ इंजन की गर्जना और टायरों की चीख सुनाई दे रही थी.
आयरा ने सीट पकड ली और काँपते हुए बोली—“ अर्जुन, अगर हमें कुछ हो गया तो?
अर्जुन ने तेजी से स्टेयरिंग घुमाया और उसकी तरफ देखा.
हम दोनों एक- दूसरे के लिए बने हैं. मौत भी हमें जुदा नहीं कर सकती।
कार अचानक मोडी और सामने ट्रक आ गया. अर्जुन ने ब्रेक मारी, गाडी घूमी और पीछे वाली गाडी सीधा ट्रक से टकरा गई. धमाके की आवाज पूरे इलाके में गूँज उठी.
कुछ देर बाद रास्ता साफ हुआ. अर्जुन ने गाडी रोक दी. दोनों हाँफ रहे थे.
आयरा की आँखों में आँसू थे. वो काँपते हाथों से अर्जुन की शर्ट पकडकर बोली—“ तुम्हें चोट तो नहीं लगी?
अर्जुन ने उसकी आँखों में गहराई से देखा.
तुम्हें बचाने के लिए मैं सौ बार मरने को तैयार हूँ।
उनकी सांसें मिल रही थीं. आयरा का चेहरा आँसुओं से भीगा हुआ था, और अर्जुन ने धीरे से उसके आंसू पोंछे.
कुछ सेकंड खामोशी रही. फिर जैसे दोनों ने एक साथ अपने डर, गुस्से और प्यार को एक ही जगह निकाल दिया. अर्जुन ने झुककर उसे अपने सीने से कसकर लगा लिया.
आयरा फूट- फूटकर रो पडी.
अब मैं कभी तुम्हें छोडकर नहीं जाऊँगी. चाहे दुनिया हमारे खिलाफ हो।
अर्जुन ने उसकी ठुड्डी उठाई, आँखों में झाँका और धीमे से कहा—
यही तो चाहता था मैं।
उनके होंठ करीब आए, और उस पल जैसे सारी दुनिया गायब हो गई. सिर्फ दो दिल थे, जो खून और साजिशों के बीच भी एक- दूसरे को चुन रहे थे.
लेकिन तभी अर्जुन का फोन बजा. स्क्रीन पर एक नाम चमक रहा था—“ विक्रांत”
अर्जुन का चेहरा अचानक बदल गया. आयरा ने देखा और पूछा—
कौन है
अर्जुन ने फोन उठाया. दूसरी तरफ से आवाज आई—
गेम ओवर अर्जुन. अबकी बार तुम्हें बचाने वाली कोई नहीं।
आवाज सुनकर अर्जुन की आँखों में हैरत थी.
विक्रांत. तुम?
आयरा घबरा गई—“ ये विक्रांत कौन है?
अर्जुन ने धीरे से कहा—
मेरे बचपन का सबसे बडा दुश्मन. और तुम्हारे पापा का सबसे भरोसेमंद आदमी।
अगले दिन सुबह मुंबई की धूप भी अजीब लग रही थी. शहर की चमक- दमक के बीच आयरा का मन हल्का नहीं था. रात की गोलियों, चेस और अर्जुन के फोन की वो धडकती आवाज उसके दिमाग में लगातार घूम रही थी.
अर्जुन ने उसे अपने घर पर बुलाया. जैसे ही वो पहुँची, अर्जुन की एक्सप्रेशन गंभीर थी. उसने लैपटॉप खोलते हुए आयरा को देखा. स्क्रीन पर तस्वीरें और वीडियो चल रहे थे.
ये विक्रांत है, अर्जुन ने धीरे से कहा. मेरा बचपन का दोस्त. जो कभी मेरा भाई था, अब मेरा सबसे बडा दुश्मन बन चुका है।
आयरा ने स्क्रीन पर देखा. एक लंबा, आदमी, और आँखों में ठंडक. इतना डरावना क्यों दिखता है? उसने फुसफुसाया.
वो सिर्फ दिखता नहीं है, अर्जुन ने कहा. विक्रांत ऐसा है. पैसा पावर रीवेंज. उसके लिए कोई भी रोक नहीं है. और उसका टार्गेट अब हम दोनों हैं।
आयरा के दिल की धडकन तेज हो गई. क्यों
अर्जुन ने उसे अपनी ओर खींचा. क्योंकि तुम्हारे पापा के सारे सीक्रेट्स और मेरी फैमिली का पास्ट. दोनों उसके कन्ट्रोल में हैं. अगर उसने प्लान एगजिक्यूट किया, तो हम शहर में कहीं भी सुरक्षित नहीं रहेंगे।
आयरा ने डर के बावजूद उसकी आँखों में देखा. तो हम क्या करें?
अर्जुन ने उसकी गर्दन के पास हाथ रखते हुए कहा, अब लडना पडेगा. लडाई सिर्फ फिजिकल नहीं, दिमाग की भी है. और मैं नहीं चाहूँगा कि तुम इससे दूर रहो।
आयरा ने उसकी आंखों में डेटरमाईनेशन देखा. डर के बावजूद एक अजीब सा भरोसा और अट्रैक्शन उसके दिल में था. मैं तुम्हारे साथ हूँ।
अर्जुन ने उसकी ठुड्डी पकडकर धीरे से कहा, और मैं तुम्हें कभी खोने नहीं दूँगा।
उस समय अर्जुन ने एक सीक्रेट ड्रायर खोली. उसमें मैपस ओल्ड फाइल्स और कुछ जरूरी कागज थे. ये सब प्लान हैं, उसने कहा. विक्रांत ने शहर की बडी डील्स में इन्टरफेयर करने की कोशिश की. मैं ये सब तब तक छुपा रहा था जब तक मैं तुम्हें सेफ नहीं कर सकता था।
आयरा ने डाक्यूमेंटस देखे. उसके हाथ कांप रहे थे. ये सब इतना बडा. इतना कामप्लिकेटिड क्यों है?
अर्जुन ने गहरी सांस ली. क्योंकि Love और बेट्रायल हमेशा साथ चलते हैं. और अब तुम्हें इस गेम में हिस्सा बनना होगा. चाहे डर लगे या न लगे।
आयरा ने उसकी तरफ देखा. डर और अट्रैक्शन, दोनों उसके चेहरे पर साफ झलक रहे थे. ठीक है. मैं तय्यार हूँ।
अर्जुन ने उसके हाथ को पकडते हुए धीरे से कहा, फिर चलो. अब शहर की सडकों पर सिर्फ हम और वो होगा. कोई पीछे नहीं।
उस शाम से आयरा और अर्जुन दोनों एक- दूसरे के साथ ट्रैन होने लगे. सिटी की गलियों में पीछा, सीक्रेटस मीटिंग्स, और हर कदम पर नजर. लेकिन हर खतरे के बीच, उनके बीच अट्रैक्शन और प्यार और गहरा होता गया.
एक रात, जब वे रूफटॉप पर खडे थे, और शहर की लाइट्स चमक रही थीं, आयरा ने अर्जुन से पूछा—
अगर हम जीत गए. तो क्या हमारा प्यार सेफ रहेगा?
अर्जुन ने उसके गाल पर हाथ रखते हुए कहा, अगर हम साथ हैं, तो कोई भी खतरा हमें जुदा नहीं कर सकता. और ये सिटी, ये डार्कनेस. सब फेड हो जाएगा. बस तुम और मैं।
आयरा ने उसकी बाहों में खुद को दबा लिया. उस पल, बारिश की हल्की बूंदें, सिटी की रोशनी और उनके बीच का प्यार सिनेमाटिक लग रहा था. लेकिन दोनों जानते थे—विक्रांत अभी पीछे है, और अगला मूव सबसे खतरनाक होगा.
रात का अंधेरा सिटी पर छाया हुआ था. मुंबई की लाइट्स नीचे चमक रही थीं, लेकिन रूफटॉप पर सिर्फ आयरा और अर्जुन ही थे. हवा तेज थी, और बारिश की हल्की बूंदें उनकी शर्ट और बालों पर गिर रही थीं.
अचानक, रूफटॉप के दूसरे छोर पर हल्की खडखडाहट हुई. आयरा ने डर के मारे अर्जुन की बांह पकड ली.
क्या हुआ? उसने फुसफुसाया.
अर्जुन ने आँखें तरेरी और धीरे से कहा—
विक्रांत।
उसने पीछे देखा. अंधेरे में एक लंबा शैडो मूव कर रहा था. उसकी आँखें जैसे लेसर बीम की तरह चमक रही थीं.
तुम यहाँ क्यों हो? अर्जुन ने गहरी आवाज में कहा.
विक्रांत ने हँसते हुए कहा—
क्योंकि खेल अब शुरू हुआ है. तुम्हें बचाना अब नामुमकिन है, अर्जुन।
आयरा ने डरते हुए अर्जुन की बाहें और कसकर पकडी.
हम यहाँ से कैसे बचेंगे?
अर्जुन ने उसकी आँखों में देखा.
मुझे भरोसा करो. बस मेरी बात सुनो और मूव करो।
विक्रांत तेजी से रूफटॉप की ओर आया. अर्जुन ने पिस्तौल निकाली और फायर किया. गोलियाँ हवा में तैर रही थीं. आयरा पीछे झुकी और अचानक एक शैडो उसके पास आई.
विक्रांत ने उसे पकडने की कोशिश की. अर्जुन ने तेजी से उसका हाथ पकडा और पीछे खींचा. दोनों लडते हुए रूफटॉप के दूसरी तरफ पहुँचे.
आयरा की सांसें तेज थीं, और उसकी आँखों में डर और वहशत थी
तुम डरते क्यों नहीं? उसने फुसफुसाया.
अर्जुन ने उसकी आँखों में देखा, हल्की मुस्कान के साथ कहा—
डर तब होता अगर तुम सेफ नहीं होती. अब बस मेरा हाथ पकडो।
दोनों ने रूफटॉप के एज की तरफ दौड लगाई. अचानक विक्रांत ने पीछे से एक रोप का इस्तेमाल कर रूफटॉप पर चढाई की. अर्जुन ने तुरंत उसे पकड लिया.
तुम इतने रूथलेस कैसे हो? आयरा ने क्रोध में पूछा.
विक्रांत ने ठंडी आवाज में कहा—
क्योंकि मैं वही हूँ जो कभी किसी से हार नहीं मानता. और अर्जुन, तुम्हें ये लेसन जल्दी सीखना होगा।
अर्जुन ने जोर लगाकर उसे गिरा दिया. विक्रांत लास्ट मूमेंट में रूफटॉप से स्विंग हुआ और नीचे शैडो में गायब हो गया.
आयरा काँपते हुए अर्जुन के पास आई.
मुझे डर लग रहा था.
अर्जुन ने उसे अपनी बाहों में कसकर लिया.
अब कोई डर नहीं रहेगा. मैं हमेशा तुम्हारे पास हूँ।
आयरा ने उसकी आंखों में देखा. उनके बीच की नजदीकी उस पल city की बारिश और रूफटॉप की खतरनाक हवा के बीच और बढ गई.
अगर तुम्हारे बिना ये फाइट होती. मैं शायद सरवाईव नहीं कर पाती। आयरा ने धीरे से कहा.
अर्जुन ने उसका चेहरा उठाया और फुसफुसाया—
अब हम दोनों साथ हैं. कोई भी हमारे बीच नहीं आ सकता. और विक्रांत. वो चाहे जितना रूथलैस क्यों न हो, मैं उसे कभी तुम्हारे पास नहीं आने दूँगा।
बारिश की बूंदें दोनों के ऊपर गिर रही थीं, शहर की रोशनी उनके पीछे चमक रही थी, और रूफटॉप पर दोनों की नजदीकी सिनेमाटिक मूमेंट की तरह फ्रीज हो गई.
दोनों जानते थे—ये सिर्फ पहला अटैक था. विक्रांत पीछे है, और अगली बार उसके प्लान्स और डीडलेय होंगे.
अगली सुबह, अर्जुन ने आयरा को अपने प्राईवेट ऑफिस में बुलाया.
आज से हम सिर्फ रिएक्शन नहीं करेंगे, आयरा, उसने गंभीर आवाज में कहा. अब हमें प्रोटेक्टिव होना होगा. मुझे पता चला कि विक्रांत शहर की मेजर डील्स में इन्टरफेयर करने वाला है. और तुम्हारे पापा की कंपनी उसके नेक्स्ट टार्गेट में है।
आयरा ने डरते हुए पूछा
तो हम क्या करेंगे? सीधे जाकर कॉनफरोन्ट करें?
अर्जुन ने लैपटॉप खोला. मैप्स, डॉक्युमेंट्स और सीक्रेटस कैमरा के फुटेज थे.
ये सीक्रेट Mission है. हमें शहर के चारों मेजर पॉइंट्स पर मौजूद होना होगा, ताकि वो कन्फ्यूज हो जाए. और मैं चाहता हूँ तुम मेरे साथ रहो. तुम्हें अब डरने की जरूरत नहीं, मैं हर कदम पर हूँ.
आयरा ने उसकी आँखों में देखा. डर के बावजूद उसमें ट्रस्ट और प्यार की चमक थी.
ठीक है, मैं साथ हूँ. लेकिन अगर कुछ हुआ
अर्जुन ने उसका हाथ पकड लिया.
कुछ नहीं होगा. हम एक- दूसरे के साथ हैं. हमेशा.
रात को जब दोनों शहर के स्काईलाईन में रूफटॉप से नीचे उतर रहे थे, अर्जुन ने कहा
तुमने अब तक जो देखा, वो सिर्फ शुरुआत है. तुम्हारे पापा के सीक्रेटस. वो बहुत गहरे हैं. और मुझे डर है कि तुम्हें उनके बारे में पता चलने के बाद तुम्हारा भरोसा झटके में आएगा।
आयरा ने धीरे से उसकी बाहों में हाथ डालते हुए कहा—
तुम्हारे साथ मैं किसी भी सच का सामना कर सकती हूँ. चाहे वो कितना भी डरावना क्यों न हो।
अर्जुन ने उसके बालों को हल्के से सहलाया. तुमने मुझे मजबूत बनाया है. अब हम दोनों मिलकर इस खेल को खत्म करेंगे।
अब आगे क्या होगा?
अर्जुन और आयरा की life Kiss मोड पर पहुँचती है?
क्या वे विक्रांत के ट्रैप से बच पाएँगे?
और उनके प्यार और trust की परीक्षा कैसी होगी?
Shadows of Love की कहानी यहाँ से और intense होने वाली है.
पढते रहिए
रात की ठंडी हवाओं में जब चारों ओर खामोशी पसरी हुई थी, आयरा और अर्जुन एक पुराने गेस्टहाउस में छिपे हुए थे। दूर कहीं कुत्तों के भौंकने की आवाज़ें, बीच-बीच में टूटते हुए बल्ब की टिमटिमाहट, और खिड़की से आती हल्की ठंडी हवा—सब माहौल को और भी बेचैन बना रहे थे। अर्जुन के चेहरे पर थकान थी, लेकिन उसकी आँखों में एक ऐसी चमक थी, जो साफ कह रही थी कि अब वो पीछे हटने वाला नहीं है।
आयरा उसके पास आकर बैठ गई। उसकी आँखों में अभी भी डर था, लेकिन उस डर के पीछे एक अडिग विश्वास भी छुपा था। उसने अर्जुन का हाथ थाम लिया और कहा,
“तुम्हें पता है न, चाहे कुछ भी हो, मैं तुम्हारा साथ कभी नहीं छोड़ूँगी।”
अर्जुन ने हल्की सी मुस्कान दी। “यही तो मेरी सबसे बड़ी ताकत है। लेकिन आयरा, आगे का रास्ता बहुत खतरनाक है। तुम्हारे पापा… विक्रांत, वो सिर्फ एक इंसान नहीं हैं। उनके पीछे पूरा नेटवर्क है। पुलिस, राजनीति, हथियार… सब उनके हाथों की कठपुतली हैं। हमें बहुत सोच-समझकर कदम उठाना होगा।”
आयरा ने उसकी आँखों में देखा। “तो फिर हमें भी खेल उनके तरीके से खेलना होगा। लेकिन फर्क ये होगा कि हम सच की ताकत से लड़ेंगे, धोखे से नहीं।”
अर्जुन ने गहरी साँस ली। “तुम ठीक कहती हो। पर विक्रांत तुम्हें कभी आसानी से आज़ाद नहीं करेगा। उसके लिए तुम सिर्फ बेटी नहीं, उसकी ताकत हो। तुम्हारे ज़रिए वो अपने दुश्मनों को कंट्रोल करता है। अगर तुम उसके खिलाफ खड़ी हो गई… तो वो किसी भी हद तक जा सकता है।”
आयरा ने उसकी बात काट दी। “मैं तैयार हूँ, अर्जुन। अगर हमें इस अंधेरे को मिटाना है, तो पहले मुझे खुद उस अंधेरे से बाहर निकलना होगा।”
अर्जुन ने उसके माथे पर किस किया और कहा, “ठीक है। तो फिर अब वक्त है असली लड़ाई शुरू करने का।”
उसी रात अर्जुन ने अपने पुराने साथी कबीर से संपर्क किया। कबीर शहर के अंधेरों को अच्छे से जानता था, हर गली, हर रास्ता, हर रहस्य। उसने अर्जुन को एक पेनड्राइव दी। “इसमें सबूत हैं—विक्रांत के सौदे, उसके नकली अकाउंट्स, और उसके गुप्त हथियारों के ठिकाने। लेकिन इसे सामने लाने से पहले तुम्हें बहुत से इम्तिहान से गुजरना होगा। क्योंकि विक्रांत तुम्हें रोकने के लिए अपने ही लोगों को तुम्हारे खिलाफ खड़ा करेगा।”
आयरा ने पेनड्राइव अपने हाथों में कसकर थामी। उसकी आँखों में आँसू थे लेकिन वो दृढ़ थी। “मेरे पापा को सच का आईना देखना ही होगा। चाहे वो आईना उनके लिए कितना भी खतरनाक क्यों न साबित हो।”
अर्जुन ने उसकी ओर देखा और पहली बार महसूस किया कि आयरा सिर्फ एक मासूम लड़की नहीं, बल्कि उस अंधेरे साम्राज्य की रानी है—जो अब अपने ही साम्राज्य को तोड़ने के लिए तैयार है।
लेकिन इसी बीच बाहर अचानक गोलियों की आवाज़ गूँज उठी। खिड़की का शीशा टूटकर बिखर गया। अर्जुन ने झटके से आयरा को अपनी ओर खींचा और ज़मीन पर गिरा दिया।
“उन्होंने हमें ढूँढ लिया है!” अर्जुन ने दाँत भींचते हुए कहा।
बाहर से काले कपड़ों में कई नकाबपोश लोग गेस्टहाउस को घेर चुके थे। हर ओर बंदूकें तनी थीं। विक्रांत का खेल शुरू हो चुका था।
अर्जुन ने आयरा का हाथ मजबूती से पकड़ा। “अब ये लड़ाई सिर्फ ज़िंदा रहने की नहीं है, बल्कि हमारे प्यार और हमारे विश्वास की भी है।”
आयरा की आँखों में आंसू थे, लेकिन उसकी आवाज़ पत्थर की तरह सख्त। “चलो अर्जुन। अब देखना है कि किसकी जीत होती है—प्यार की या उस अंधेरे की, जिसमें हमें धकेला गया है।”
और फिर अगले ही पल गोलियों की गड़गड़ाहट ने पूरी रात को हिला दिया।
गेस्टहाउस की पुरानी दीवारें गोलियों की आवाज़ से कांप रही थीं। चारों ओर धुएँ और टूटते शीशों की खनखनाहट फैल चुकी थी। अर्जुन ने आयरा को अपने पीछे छुपा लिया और झुककर तेजी से पास रखी मेज़ को ढाल बना दिया।
“आयरा, झुको और पीछे से मत हटना!” उसकी आवाज़ में हुक्म भी था और चिंता भी।
नकाबपोश हमलावर दरवाज़े और खिड़कियों से लगातार फायरिंग कर रहे थे। उनके पास आधुनिक हथियार थे, जबकि अर्जुन के पास सिर्फ दो पिस्तौल और गिनती की गोलियाँ। लेकिन उसकी सबसे बड़ी ताक़त उसका दिमाग और उसकी हिम्मत थी।
अर्जुन ने खिड़की से झांककर दो हमलावरों को गिरा दिया। उनके गिरते ही बाकी लोग चीख उठे। उसी वक्त उसने आयरा की ओर देखा—उसका चेहरा डर से पीला था लेकिन उसकी आँखों में भरोसा अब भी अटल था।
“अर्जुन, हमें यहाँ से निकलना होगा। अगर देर हुई तो वो हमें पकड़ लेंगे।”
अर्जुन ने तुरंत नक्शा खींचा। “पीछे की ओर एक पुराना सीढ़ीनुमा रास्ता है जो स्टोररूम तक जाता है। वहीं से बाहर निकल सकते हैं। लेकिन वहाँ तक पहुँचना आसान नहीं होगा।”
आयरा ने उसका हाथ थाम लिया। “मैं तुम्हारे साथ हूँ। तुम जिस रास्ते से जाओगे, मैं पीछे नहीं हटूँगी।”
अर्जुन ने हल्की मुस्कान दी और दोनों तेजी से स्टोररूम की ओर बढ़ने लगे। गोलियों की बौछार अब भी जारी थी। हर मोड़ पर अर्जुन ने अपनी चालाकी से हमलावरों को मात दी—कभी टूटे फर्नीचर का सहारा लिया, कभी बिजली की तारें काटकर अंधेरा कर दिया।
स्टोररूम तक पहुँचते ही दोनों को थोड़ी राहत मिली। लेकिन राहत ज़्यादा देर तक नहीं टिकी। बाहर मोटरसाइकिलों और गाड़ियों की आवाज़ गूँज उठी। विक्रांत ने पूरा इलाका घेर लिया था।
आयरा ने कांपती आवाज़ में कहा, “वो हमें इतनी आसानी से जाने नहीं देंगे।”
अर्जुन ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा, “तो फिर आज से हम भागेंगे नहीं। आज से लड़ेंगे।”
उसकी आवाज़ में ऐसी ताक़त थी कि आयरा को पहली बार लगा—अर्जुन अकेला नहीं, बल्कि सौ लोगों की सेना के बराबर है।
बाहर धुंध छाने लगी थी। अर्जुन ने स्टोररूम में रखे पुराने तेल के ड्रमों और लकड़ियों को देखा। उसने तुरंत एक प्लान बनाया।
“ये आग हमें रास्ता देगी।”
उसने ड्रम को पलटा और उसमें आग लगा दी। देखते ही देखते गेस्टहाउस धुएँ और लपटों से भर गया। हमलावर घबरा कर पीछे हटने लगे। इसी अफरा-तफरी का फायदा उठाकर अर्जुन और आयरा पिछली दीवार तोड़कर बाहर निकल गए।
लेकिन बाहर जो नज़ारा था, उसने दोनों की साँस रोक दी।
वहाँ खुद विक्रांत खड़ा था। उसके पीछे काले कपड़ों में हथियारबंद सिपाहियों की लंबी कतार। विक्रांत की आँखों में ठंडी मुस्कान थी।
“अर्जुन, मैंने सोचा था तू सिर्फ एक बदकिस्मत लड़का है… लेकिन तू तो मेरे पूरे खेल को हिलाने आया है। और आयरा…” उसने अपनी बेटी की ओर देखा, “तू तो मुझे सबसे बड़ा धोखा दे गई।”
आयरा ने काँपते हुए कहा, “पापा… मैं आपकी कठपुतली नहीं हूँ। आपने जो खून से अपना साम्राज्य बनाया है, मैं उसका हिस्सा कभी नहीं बनूँगी।”
विक्रांत की हंसी गूँज उठी। “तुझे लगता है तू मेरे खिलाफ खड़ी हो सकती है? तेरी नसों में मेरा खून है। और अर्जुन…” उसकी नजर अर्जुन पर जमी, “ये लड़का तुझे सिर्फ बर्बादी देगा।”
अर्जुन आगे बढ़ा। उसकी आवाज़ धीमी लेकिन धारदार थी।
“तुम्हारी ताक़त डर पर टिकी है, विक्रांत। लेकिन हमारा प्यार उस डर से कहीं बड़ा है। आज या तो हम यहाँ जीतेंगे, या फिर मरकर भी तुम्हारे झूठे साम्राज्य को खत्म करेंगे।”
वातावरण में बिजली सी कड़क उठी। बंदूकें तन गईं। हवाओं में मौत का सन्नाटा भर गया।
अचानक गोलियों की बारिश शुरू हुई। अर्जुन ने आयरा को पीछे खींचा और पास की दीवार के सहारे कवर लिया। दोनों तरफ से गोलियाँ चल रही थीं। धुआँ, आग, चीखें—सब कुछ एक युद्धभूमि जैसा हो गया।
अर्जुन ने अपनी पूरी ताक़त झोंक दी। एक-एक करके उसने विक्रांत के आदमियों को गिराना शुरू किया। आयरा भी उसके साथ थी—कभी पत्थर फेंककर, कभी उसे सही वक्त पर चेतावनी देकर। ये सिर्फ एक लड़ाई नहीं थी, बल्कि उनके प्यार की परीक्षा थी।
लड़ाई के बीच अर्जुन और विक्रांत आमने-सामने आ खड़े हुए। दोनों के हाथों में बंदूक थी, लेकिन उनकी आँखों में अलग-अलग दुनिया।
विक्रांत गरजा—“मेरे खिलाफ खड़ा होकर तूने अपनी मौत खुद लिखी है।”
अर्जुन ने शांत स्वर में कहा—“और तुम्हारे खिलाफ खड़े होकर मैंने अपनी ज़िन्दगी को मायने दिए हैं।”
जैसे ही दोनों ने ट्रिगर दबाया, हवा में गूंजती गड़गड़ाहट ने सब कुछ हिला दिया।
उस पल का फैसला किसके पक्ष में होगा—प्यार का या नफरत का?
धुआँ आसमान की ओर उठ रहा था। गोलियों की गड़गड़ाहट थम चुकी थी, लेकिन हवा अब भी बारूद की गंध से भारी थी। चारों ओर बिखरे पड़े लाशें और टूटे हथियार इस बात के गवाह थे कि यह कोई साधारण जंग नहीं, बल्कि नफ़रत और प्यार के बीच की भिड़ंत थी।
अर्जुन और विक्रांत कुछ ही कदमों की दूरी पर खड़े थे। दोनों की बंदूकें तन चुकी थीं। उनकी आँखों में गुस्से की आग और इरादों की ठंडक साफ दिखाई दे रही थी।
आयरा बीच में चीख पड़ी—
“बस करो! ये लड़ाई सिर्फ मौत देगी। मैं अपने पापा को खोना नहीं चाहती… और अर्जुन, तुम्हें भी नहीं।”
लेकिन न तो अर्जुन पीछे हटने को तैयार था, न विक्रांत।
अचानक दोनों ने ट्रिगर दबाया। हवा में एक साथ दो गोलियाँ चलीं।
धड़ाम…!
समय जैसे थम गया। आयरा की चीख गूँज उठी।
अर्जुन ज़मीन पर घुटनों के बल गिर गया, उसके कंधे से खून बह रहा था। दूसरी ओर विक्रांत का हाथ लटक गया—गॉली उसके सीने के पास लगी थी।
विक्रांत लड़खड़ाकर गिर पड़ा। उसके चेहरे पर हैरानी थी—जैसे उसे विश्वास ही न हो कि कोई उसे गिरा सकता है।
आयरा दौड़कर अर्जुन के पास पहुँची। उसकी आँखों से आँसू झर रहे थे।
“अर्जुन! तुम ठीक हो? प्लीज़ कुछ बोलो…”
अर्जुन ने दर्द से कराहते हुए उसका हाथ थामा। “मैं ठीक हूँ… लेकिन हमें जल्दी यहाँ से निकलना होगा। विक्रांत के लोग वापस आ सकते हैं।”
विक्रांत ज़मीन पर पड़ा हाँफ रहा था। उसकी आँखें अब भी आयरा पर टिकी थीं।
“आयरा… तूने… मुझे धोखा दिया।”
आयरा ने काँपते हुए कहा—“नहीं पापा। धोखा आपने दिया था—माँ से, मुझसे, और इंसानियत से। अर्जुन ने मुझे सच दिखाया। और आज मैं उसके साथ खड़ी हूँ।”
विक्रांत की आँखों में आँसू चमक उठे। एक पल के लिए उसकी कठोरता टूट गई। उसने कमजोर हाथ बढ़ाया, लेकिन कुछ कहने से पहले ही उसकी साँसें थम गईं।
चारों ओर सन्नाटा छा गया।
अर्जुन और आयरा वहीं बैठकर एक-दूसरे का हाथ पकड़े रहे। बाहर आसमान में धीरे-धीरे सुबह की लालिमा फैल रही थी। ये लालिमा खून की नहीं, बल्कि नई शुरुआत की थी।
अर्जुन ने कमजोर आवाज़ में कहा—“आयरा… ये खत्म हुआ। अब हमें कोई अलग नहीं कर सकता।”
आयरा ने आँसू पोंछते हुए मुस्कुराने की कोशिश की। “हाँ अर्जुन। अब हमारी कहानी सच्चे मायनों में शुरू होगी।”
गेस्टहाउस की जली हुई दीवारों के बीच से सूरज की किरणें अंदर आ रही थीं। ऐसा लग रहा था जैसे किस्मत खुद कह रही हो—प्यार ने नफ़रत को हरा दिया।
सूरज पूरी तरह उग चुका था। गेस्टहाउस की टूटी खिड़कियों से आती रोशनी उस रात की स्याही को मिटा रही थी। आयरा ने पहली बार बिना डर के गहरी साँस ली। उसे लगा जैसे वर्षों बाद उसने हवा में आज़ादी महसूस की हो।
अर्जुन अब भी ज़ख्मी था। उसका कंधा पट्टी से बंधा हुआ था, लेकिन उसकी आँखों में थकान से ज्यादा एक संतोष था—उसने सबसे बड़ा दुश्मन हरा दिया था।
“अब सब खत्म हो गया, अर्जुन,” आयरा ने धीमी आवाज़ में कहा।
लेकिन अर्जुन की निगाहें खामोश नहीं थीं। उसने धीमे से सिर हिलाया।
“नहीं आयरा। खेल अभी बाकी है। विक्रांत तो गिर गया, लेकिन उसके लोग… उसका पूरा नेटवर्क अभी ज़िंदा है। और अब जब उन्हें पता चलेगा कि उनका सरगना मर चुका है, तो वो हमें कभी चैन से जीने नहीं देंगे।”
आयरा के चेहरे पर चिंता गहराने लगी। “तो अब क्या करेंगे हम?”
अर्जुन ने गहरी साँस ली। उसकी आँखों में दृढ़ता थी।
“अब हम सिर्फ भागेंगे नहीं। अब हम उसकी जड़ों को मिटाएँगे। विक्रांत की मौत से उसका साम्राज्य टूटा है, और यही सही वक्त है उसे हमेशा के लिए खत्म करने का।”
इसी वक्त गेस्टहाउस के बाहर कबीर पहुँच गया। उसकी कार धूल उड़ाते हुए रुकी और वह हड़बड़ी में अंदर आया।
“तुम दोनों ज़िंदा हो! मुझे लगा था शायद…”
अर्जुन ने उसे रोक दिया। “कबीर, मेरे पास वक्त कम है। मुझे तुम्हारी मदद चाहिए। विक्रांत के सारे काले धंधों की जानकारी तुम्हारे पास है, है न?”
कबीर ने जेब से कुछ फाइलें और नक्शे निकाले। “हाँ। लेकिन अर्जुन, यह आसान नहीं है। विक्रांत की मौत से उसके गुर्गे और भी खतरनाक हो गए हैं। अब हर कोई उसकी जगह लेने की कोशिश करेगा। और वो दोनों तुम्हें सबसे बड़ा दुश्मन मानेंगे।”
आयरा ने दृढ़ आवाज़ में कहा, “अगर हमें इस अंधेरे को खत्म करना है, तो हमें लड़ना ही होगा।”
कबीर ने उसकी ओर देखा, फिर अर्जुन की ओर। “ठीक है। लेकिन तुम्हें पता होना चाहिए, यह लड़ाई अब सिर्फ बंदूकों की नहीं होगी। यह राजनीति, मीडिया और पैसों की भी होगी। तुम्हें जनता का भरोसा जीतना होगा। तभी यह साम्राज्य टूटेगा।”
अर्जुन ने ठंडी मुस्कान दी। “तो फिर हम सच को हथियार बनाएँगे।”
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दो दिन बाद…
शहर की सड़कों पर हलचल थी। हर अखबार और न्यूज़ चैनल पर एक ही खबर गूंज रही थी—“माफ़िया किंग विक्रांत की रहस्यमयी मौत”। किसी को सच नहीं पता था। लेकिन अफवाहों ने आग लगा दी थी।
कभी विक्रांत की दहशत से काँपने वाला शहर अब धीरे-धीरे उसकी गिरफ्त से बाहर आ रहा था। लेकिन उसी वक्त, उसके सबसे करीबी आदमी—राघव और इमरान—ने मिलकर नया खेल शुरू कर दिया। दोनों अब खुद को नया सरगना साबित करने पर उतारू थे।
उनकी पहली चाल थी—अर्जुन और आयरा को खत्म करना।
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रात का वक्त था। अर्जुन और आयरा शहर से बाहर एक छोटे से सेफ़हाउस में छुपे थे। चारों तरफ सन्नाटा था। लेकिन अचानक गाड़ियों के टायरों की चीख सुनाई दी।
अर्जुन तुरंत समझ गया—“वो हमें ढूँढ चुके हैं।”
खिड़की से बाहर देखा तो चार SUVs ने पूरे इलाके को घेर लिया। बंदूकधारी सिपाही बाहर निकल आए।
आयरा ने अर्जुन की ओर देखा। उसकी आँखों में अब डर नहीं था, बल्कि आंसुओं के पीछे एक जिद छुपी थी।
“आज चाहे जो हो अर्जुन, मैं तुम्हारे साथ लड़ूँगी।”
अर्जुन ने उसके माथे पर किस किया। “बस यही तो चाहिए मुझे।”
और फिर गोलियों की बौछार ने रात के सन्नाटे को चीर दिया।
अर्जुन ने अपनी बंदूकें उठाईं और आयरा को पीछे खींचते हुए दरवाज़े की ओर बढ़ा। हर तरफ गोलियाँ बरस रही थीं, लेकिन अर्जुन की चाल और उसकी आँखों की तेजी ने उसे बार-बार मौत से बचा लिया।
आयरा ने भी इस बार पीछे हटने से इंकार कर दिया। उसने पास रखी राइफल उठाई और खिड़की से बाहर फायर किया। उसकी गोलियाँ सीधी दुश्मनों पर लगीं। अर्जुन ने उसे देखकर पहली बार महसूस किया—आयरा अब सिर्फ उसका प्यार नहीं, उसकी साथी भी है।
लड़ाई घंटों चली। हर ओर बारूद, खून और चीखों का तूफ़ान था। लेकिन जब धुआँ छंटा, तो सिर्फ अर्जुन और आयरा खड़े थे—ज़ख्मी, थके हुए, लेकिन ज़िंदा।
दूर खड़ा राघव गुस्से से तड़प रहा था। उसने अपने आदमियों को पीछे खींचा और चीखा—
“अर्जुन! यह तो बस शुरुआत थी। असली खेल अभी बाकी है। मैं वो करूंगा जो तुम्हारा विक्रांत भी नहीं कर पाया।”
उसकी गाड़ी धूल उड़ाते हुए अंधेरे में गायब हो गई।
अर्जुन ने आयरा का हाथ थामा और आसमान की ओर देखा।
“हमारी कहानी अभी खत्म नहीं हुई, आयरा। असली तूफ़ान तो अब आने वाला है।”
रात की स्याही अब भी फैली हुई थी। शहर की ऊँची-ऊँची इमारतें, नीचे चमकते स्ट्रीट लाइट्स, और हवाओं में पसरा तनाव… सब बता रहे थे कि अब कुछ बड़ा होने वाला है।
अर्जुन और आयरा अपने सेफ़हाउस में बैठकर घायल हाथों की पट्टी बाँध रहे थे। हर ज़ख्म एक याद दिला रहा था कि उनकी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई।
आयरा ने चुप्पी तोड़ी।
“राघव… मैंने सुना है वो सिर्फ पापा का आदमी नहीं था। वो पापा का दायाँ हाथ था। उनके सारे गुप्त अकाउंट्स और डील्स उसी के पास हैं। इसका मतलब अगर हमें उसका खेल तोड़ना है, तो हमें उसकी दुनिया में घुसना होगा।”
अर्जुन ने गहरी साँस ली।
“सही कह रही हो। राघव विक्रांत का सबसे चालाक शेर था। लेकिन शेर को हराने के लिए सीधी लड़ाई नहीं, शिकार की चाल चाहिए। हमें उसकी ताक़त को उसके खिलाफ इस्तेमाल करना होगा।”
कबीर, जो अब तक खामोश बैठा था, बोला—
“मेरे पास एक खबर है। कल रात राघव और इमरान की मीटिंग है। जगह—पुराना शिपयार्ड। वहाँ सिर्फ उनके सबसे वफादार लोग आते हैं। अगर हम उन्हें वहीं घेर लें, तो उनका पूरा नेटवर्क तोड़ा जा सकता है।”
अर्जुन ने आयरा की तरफ देखा। उसकी आँखों में अब डर नहीं था, बल्कि आग थी।
“तो फिर ये फैसला है। कल रात शिपयार्ड में खेल खत्म होगा।”
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अगली रात – शिपयार्ड
हवा में समंदर की नमी थी। लहरों की आवाज़ और जहाज़ों की जंग खाई चेनें खड़क रही थीं। चारों ओर कंटेनर और क्रेनें खड़ी थीं, जिनके बीच शिपयार्ड एक भूलभुलैया जैसा लग रहा था।
राघव काले सूट में खड़ा था। उसकी आँखों में अहंकार और होठों पर ठंडी मुस्कान। उसके चारों ओर दर्जनों हथियारबंद लोग खड़े थे। इमरान भी उसके साथ था, लेकिन उसकी आँखों में एक अजीब-सी बेचैनी थी।
“विक्रांत की मौत ने इस खेल को आसान बना दिया है,” राघव ने इमरान से कहा।
“अब पूरा साम्राज्य हमारा है। लेकिन… अर्जुन और आयरा अभी जिंदा हैं। जब तक वो जिंदा हैं, लोग हमारे सामने सवाल उठाएँगे। हमें उन्हें मिटाना ही होगा।”
इमरान ने धीमे स्वर में कहा—
“लेकिन राघव, शहर अब बदल रहा है। लोग अब डर में नहीं जीना चाहते। अगर हम अर्जुन को खत्म करेंगे, तो शायद…”
राघव ने उसकी ओर तीखी नजर डाली।
“चुप रहो। डर ही हमारी ताक़त है। और मैं इस ताक़त को किसी अर्जुन के हाथों बर्बाद नहीं होने दूँगा।”
उसी वक्त एक कंटेनर के पीछे से अर्जुन और आयरा धीरे-धीरे बाहर निकले। उनके कदमों में शेर की तरह आत्मविश्वास था।
“राघव!” अर्जुन की आवाज़ गूँज उठी।
“ताक़त का नशा सिर्फ तब तक रहता है जब तक लोग चुप रहते हैं। लेकिन आज ये शहर उठ खड़ा होगा। और तू… तू विक्रांत से भी ज्यादा घमंडी है। इसलिए तेरा अंजाम भी और डरावना होगा।”
सारे हथियारबंद गुर्गे अर्जुन और आयरा की ओर लपके। और फिर शुरू हुआ गोलीबारी का तूफ़ान।
धड़ाम-धड़ाम-धड़ाम…!
हर तरफ गोलियों की आवाज़ें गूँजने लगीं। कंटेनर के पीछे छुपकर अर्जुन ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू की। आयरा भी अब पीछे नहीं थी। उसने स्नाइपर उठाया और दूर बैठे कई हमलावरों को गिरा दिया।
धुएँ और चीखों के बीच, अर्जुन धीरे-धीरे राघव की ओर बढ़ रहा था। हर कदम पर मौत थी, लेकिन उसकी आँखें सिर्फ अपने निशाने पर थीं।
इमरान ने अचानक राघव से कहा—
“ये लड़ाई बेकार है, राघव। अर्जुन सही कह रहा है। हमें इस खून-खराबे को खत्म करना चाहिए।”
राघव का चेहरा गुस्से से तमतमा उठा।
“धोखेबाज़! तू भी अर्जुन का आदमी बन गया?”
और बिना सोचे-समझे उसने अपनी बंदूक इमरान पर चला दी। इमरान वहीं ढेर हो गया।
आयरा चीख उठी, “राघव! तू सिर्फ गद्दार नहीं, कातिल भी है।”
अर्जुन अब बिल्कुल पास था। उसने अपनी बंदूक राघव की ओर तानी।
“खेल खत्म, राघव। अब या तो तू हथियार डाल दे, या…”
राघव हँस पड़ा। उसकी हँसी समंदर की हवाओं में गूँज उठी।
“तुझे लगता है तू मुझे गिरा देगा? अर्जुन, मैं सिर्फ इंसान नहीं, मैं एक सोच हूँ। विक्रांत का खून मेरी रगों में नहीं, लेकिन उसका ज़हर मेरी रूह में है। और ये ज़हर कभी नहीं मिटेगा।”
उसने अचानक ट्रिगर दबाया। लेकिन अर्जुन पहले ही झुक चुका था। गोलियाँ उसके सिर के ऊपर से निकल गईं। उसी पल अर्जुन ने जवाबी फायर किया—एक सीधी गोली, जो राघव के सीने को चीर गई।
राघव लड़खड़ाकर पीछे हटा। उसकी आँखों में अब भी अहंकार था।
“तू सोचता है… ये जीत है? नहीं अर्जुन… ये तो बस शुरुआत है…”
और फिर उसका शरीर समंदर में गिर गया।
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सन्नाटा छा गया। हवा अब भी नम थी, लेकिन उसमें बारूद की गंध के बजाय जीत का स्वाद था।
आयरा ने अर्जुन की ओर देखा। उसकी आँखों में आँसू थे, लेकिन उनमें सुकून भी था।
“अर्जुन… हमने कर दिखाया।”
अर्जुन ने उसका हाथ थामा।
“नहीं आयरा। हमने बस पहला कदम उठाया है। अब इस शहर को डर से आज़ाद करना है। और उसके लिए हमें हर उस जड़ को काटना होगा, जो विक्रांत और राघव ने बोई थी।”
दोनों चुपचाप समुद्र की लहरों को देखते रहे। उनके सामने अब एक नई लड़ाई थी—अंधेरे से आज़ादी की।
शहर धीरे-धीरे अपनी असली सूरत में लौट रहा था। लेकिन अंधेरे के बीच छुपे लोग अभी भी कहीं न कहीं अपने हिस्से की ताक़त जमा रहे थे।
अर्जुन और आयरा अब एक छोटे अपार्टमेंट में छिपकर योजना बना रहे थे।
आयरा ने अर्जुन की ओर देखा, आँखों में जिज्ञासा और चिंता दोनों।
“अर्जुन… क्या हमें लगता है कि ये लोग अब भी हमारे पीछे हैं?”
अर्जुन ने गंभीरता से सिर हिलाया।
“हां, आयरा। राघव का नेटवर्क अभी खत्म नहीं हुआ। वो सिर्फ हमारे सामने से हट गया था। लेकिन शहर के कोनों में उसके लोग अभी भी सक्रिय हैं। हमें हर कदम सोच-समझकर उठाना होगा।”
आयरा ने दृढ़ आवाज़ में कहा,
“तो फिर हम डरेंगे नहीं। अब हम शहर को दिखाएँगे कि डर के खिलाफ लड़ना संभव है।”
अर्जुन मुस्कराया।
“बस यही तो मेरी ताक़त है, आयरा। और अब तुम्हारी भी।”
उसी वक्त कबीर का फोन बजा। उसने फाइल भेजी जिसमें राघव के सभी ठिकानों की लोकेशन और उनके प्रमुख गुर्गों के नाम थे।
कबीर ने गंभीर स्वर में कहा,
“अर्जुन, अगर हम अब हमला नहीं करेंगे तो ये लोग फिर से शहर को अपने कब्ज़े में ले लेंगे। और ये हमला सिर्फ हथियारों से नहीं होगा। मीडिया, सोशल नेटवर्क, हर जगह हमें उनका असली चेहरा उजागर करना होगा।”
आयरा ने आंखें चमकाई।
“चलो, शुरू करते हैं। अब हम सिर्फ लड़ाई नहीं करेंगे, हम न्याय लाएंगे।”
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अगले दिन, अर्जुन और आयरा ने शहर के सबसे बड़े मीडिया हाउस का रुख किया।
अर्जुन ने कैमरे के सामने कहा,
“शहरवासियों, आप जो देख रहे हैं वो सिर्फ शुरुआत है। विक्रांत और उसके बाद राघव के नेटवर्क ने सालों तक आपके ऊपर आतंक फैलाया। लेकिन अब सच सामने आएगा। हम आपको हर सच दिखाएँगे—हर सौदे, हर गुप्त खाता, हर भ्रष्ट अधिकारी जो इस जाल का हिस्सा रहा।”
आयरा ने आगे बढ़कर कहा,
“मेरा पिता और उसके लोग हमें डराने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन आज हम सबके सामने कह रहे हैं—डर के पीछे हम नहीं, सच के साथ हम हैं। और अब हर इंसान को ये जानने का हक़ है कि कौन उनके साथ धोखा कर रहा है।”
अर्जुन ने लाइव स्ट्रीम चालू की। शहर में हर कोने से लोग स्क्रीन पर नजर टिकाए हुए थे।
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राघव ने अपने निजी कार्यालय में बड़े स्क्रीन पर लाइव स्ट्रीम देखी। उसने क्रोध में चीखते हुए कहा,
“अर्जुन और आयरा… ये बस शुरुआत है। मुझे शहर का हर हिस्सा अपना बनाना है। अगर ये लोग मुझे रोकने की कोशिश करेंगे, तो मैं उन्हें सबक सिखाऊँगा। ये खेल अभी खत्म नहीं हुआ।”
इमरान ने डरते हुए कहा,
“राघव… ये सब जनता के सामने हो गया। अब सीधे हमला करना खतरनाक होगा। हमें अपने तरीके बदलने होंगे।”
लेकिन राघव ने उसे ध्यान नहीं दिया।
“नहीं! जो भी कदम उठाना है, अभी उठाना है। अर्जुन और आयरा को अब भुगतना होगा।”
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अपार्टमेंट में अर्जुन ने फाइलें और स्क्रीन के डेटा को देखा।
“ये सिर्फ पहली लड़ाई थी। अब हमें उनके हर कदम की सूचना रखना होगी। हम मीडिया, सोशल नेटवर्क और पुलिस के भरोसे—हर जगह उनका जाल उजागर करेंगे।”
आयरा ने उसकी आँखों में देखा।
“और हम जीतेंगे, अर्जुन। मैं तुम्हारे साथ हूँ, चाहे जो भी हो।”
अर्जुन ने उसका हाथ पकड़ा।
“बस यही मेरी ताक़त है, आयरा। अब ये लड़ाई सिर्फ गोलियों की नहीं, दिमाग और जनता की भी होगी।”
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अगले ही दिन रात में, अपार्टमेंट का दरवाज़ा जोर से खटका। आयरा चौंक गई।
“कौन है?”
लेकिन जवाब कोई नहीं आया।
अचानक रोशनी बुझ गई और कमरे में धुआँ भर गया।
अर्जुन ने तुरंत आयरा को ढकते हुए कहा,
“छुपो! ये लोग केवल धमका नहीं रहे, हमला करने आए हैं। तैयार हो जाओ।”
धीरे-धीरे धुआँ छंटा और बाहर उन्होंने देखा—काले कपड़ों में हथियारबंद लोग उनके अपार्टमेंट के चारों तरफ खड़े थे।
राघव ने दूर से फोन पर हँसते हुए कहा,
“सोचा तुम मीडिया के जरिए जीत जाओगे? ये खेल अब मेरी शर्तों पर चलने वाला है। तुम्हारे पास जितना भी डेटा है, वह सब अब मेरी गिरफ्त में है।”
आयरा ने गोलियों की ओर हाथ बढ़ाया।
“तुम जो सोच रहे हो, वो कभी संभव नहीं होगा। अर्जुन, अब तुम्हारी बारी है।”
अर्जुन ने हथियार उठा लिया। उसकी आँखों में अब सिर्फ एक ही मक़सद था—राघव और उसके अंधेरे नेटवर्क को हमेशा के लिए खत्म करना।
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अर्जुन और आयरा अब सिर्फ ज़िंदा रहने के लिए नहीं, बल्कि शहर और जनता के लिए लड़ रहे हैं।
राघव अपने हर कदम से उन्हें चुनौती दे रहा है।
अगली लड़ाई अब सिर्फ गोलियों की नहीं, बल्कि दिमाग, रणनीति और साहस की होगी।
रात शहर पर काली चादर की तरह छाई हुई थी। अपार्टमेंट की खिड़कियों के बाहर हवाओं में सन्नाटा था, लेकिन भीतर धुआँ फैल चुका था। अर्जुन ने आयरा को पीछे खींचा और दोनों फर्नीचर के पीछे छिप गए। बाहर से अचानक गोलियों की बौछार हुई। दरवाज़े और खिड़कियों पर धमाके गूंजने लगे। आयरा ने कांपते हुए पूछा, “अर्जुन… ये लोग सीधे हमला कर रहे हैं या ट्रैप है?” अर्जुन ने उसकी ओर देखा और गंभीरता से कहा, “हर कदम सोच-समझकर। ये केवल हथियारों की लड़ाई नहीं, दिमाग की भी है। तैयार रहो।”
धुआँ घना था। बाहर काले कपड़ों में हथियारबंद लोग अपार्टमेंट के चारों ओर खड़े थे। राघव की आवाज़ दूर से फोन के जरिए गूँजी, “अर्जुन, आयरा, तुम सोचते हो मीडिया से जीत सकते हो? अब तुम मेरे अंधेरे में फँस गए हो। इस बार कोई बचने वाला नहीं।” आयरा ने घबराए बिना कहा, “हम बचने नहीं आए हैं, हम तुम्हारा जाल तोड़ने आए हैं।” अर्जुन ने ठंडी मुस्कान के साथ कहा, “और ये जाल अब तुम्हारे खिलाफ इस्तेमाल होगा।”
धमाका हुआ। एक ग्रेनेड कमरे में फेंका गया। अर्जुन ने तुरंत उसे फर्श पर गिराया और पीछे झुकते हुए कहा, “आयरा, कवर में रहो।” आयरा ने पास रखी राइफल उठाई और हमलावरों पर निशाना साधा। गोलियाँ सीधी उनके निशाने पर लगीं। अर्जुन ने बिजली का स्विच चालू किया और पूरे अपार्टमेंट में आग फैल गई। धुआँ इतना घना हो गया कि हमलावर पीछे हट गए। अर्जुन ने चिल्लाया, “अब!” और दोनों पीछे वाले दरवाज़े से छत की ओर दौड़े।
छत पर पहुँचते ही राघव खुद वहाँ खड़ा था। उसने कहा, “समझो अर्जुन, अब तुम दोनों का अंत तय है। ये खेल मेरी शर्तों पर चल रहा है।” अर्जुन ने ठंडी आवाज़ में कहा, “तेरी शर्तों पर नहीं, राघव। अब ये खेल हमारे नियमों पर चलेगा।” राघव ने अचानक ड्रोन छोड़ा, हथियार और कैमरों से लैस। ड्रोन ऊपर से हमला कर रहा था। आयरा ने तेजी से चेतावनी दी, “अर्जुन! ड्रोन के नीचे मत आओ!” अर्जुन ने ड्रोन को निशाने पर रखते हुए गिराया। राघव ने क्रोधित होकर चिल्लाया, “ये तो बस शुरुआत है! तुम सोचते हो कि तुम जीत गए?”
अर्जुन और आयरा पीछे हटने को तैयार नहीं थे। अर्जुन ने कहा, “अब तुम्हारे हर कदम को हम उलझाएँगे।” आयरा ने मुस्कान के साथ कहा, “चलो दिखाते हैं कि डर से लड़ाई कैसे जीती जाती है।” दोनों ने मिलकर राघव के गुर्गों को गिराना शुरू किया। उनके कदम, उनकी योजना इतनी तेज़ थी कि हमलावर हारे हुए महसूस करने लगे।
राघव खुद पीछे हटने लगा। उसने कहा, “अर्जुन! ये नामुमकिन है। तुम कैसे…?” अर्जुन ने जवाबी फायर किया और गोलियाँ सीधी राघव के सीने की ओर चलीं। राघव लड़खड़ाया, लेकिन उसकी आँखों में अभी भी अहंकार था। उसने विस्फोटक फेंका, अर्जुन ने तेजी से आयरा को पीछे खींचा और सिस्टम की मदद से विस्फोट को नियंत्रित किया। धुएँ के बीच राघव और उसके गुर्गे भाग खड़े हुए।
सुबह की पहली किरणें छत पर पड़ रही थीं। अर्जुन और आयरा घायल लेकिन जीवित थे। आयरा ने धीरे कहा, “हम कर दिखाए।” अर्जुन ने मुस्कुराते हुए कहा, “यह जीत सिर्फ गोलियों की नहीं, हमारी सोच, रणनीति और विश्वास की है।” दोनों ने हाथ पकड़ा। उनके सामने लंबा रास्ता था—राघव के नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करना और शहर को अंधेरे से मुक्त कराना। लेकिन अगली लड़ाई और भी खतरनाक होने वाली थी। राघव अकेला नहीं था, उसके पास अभी भी लोग शहर के हर कोने में छुपे थे।
राघव और उसके गुर्गे भाग खड़े हुए थे, लेकिन अर्जुन और आयरा जानते थे कि ये केवल पहली लड़ाई थी। शहर में अंधेरे की जड़ें अभी भी जिंदा थीं। अपार्टमेंट से बाहर निकलते ही अर्जुन ने आयरा से कहा, “अब असली खेल शुरू होने वाला है। हमें पता लगाना होगा कि राघव का असली सरगना कौन है और उसका असली मक़सद क्या है।”
आयरा ने सिर हिलाया, “मैं तैयार हूँ, अर्जुन। चाहे जो भी हो, हम उसका सामना करेंगे। लेकिन… मुझे डर है कि ये लड़ाई अब सिर्फ हमारे लिए नहीं, पूरे शहर के लिए जानलेवा हो सकती है।”
अर्जुन ने उसके हाथ कसकर पकड़े। “डर को पीछे छोड़ो। हम साथ हैं, और यही हमारी सबसे बड़ी ताक़त है। हर चाल, हर झूठ, हर खतरनाक कदम अब हमारे सामने है। हम उसे उसकी ही चाल में फँसाएँगे।”
दोनों ने शहर की गलियों में जाकर राघव के नेटवर्क की जाँच शुरू की। हर कोने में निगरानी कैमरे, गोपनीय संदेश और रहस्यमयी डील्स ने यह साफ कर दिया कि राघव अकेला नहीं था। उसके पास ऐसे लोग थे जो हर कदम पर उन्हें रोक सकते थे।
अचानक आयरा ने अर्जुन को घुमाकर कहा, “देखो, ये कोई सादा हमला नहीं है। ये संकेत है कि वो हमें ढूँढ रहा है, लेकिन सीधे नहीं आए। वो हमारा सामना अपनी शर्तों पर करवाना चाहता है।”
अर्जुन ने अपनी जासूसी तकनीक और डेटा का इस्तेमाल करते हुए कहा, “अगर हम उसके हर संकेत को पढ़ेंगे और उसके जाल को उलझाएँगे, तो वह खुद फँस जाएगा। पर ये आसान नहीं होगा। हमें दिमाग और साहस दोनों की जरूरत है।”
आयरा ने आँखों में आग लिए कहा, “तो हम क्या कर रहे हैं, अर्जुन? भागेंगे या लड़ेंगे?”
अर्जुन ने मुस्कान के साथ कहा, “हम लड़ेंगे। और इस बार लड़ाई सिर्फ गोलियों की नहीं, बल्कि हर चाल, हर झूठ और हर साजिश के खिलाफ होगी। लेकिन एक चीज़ तय है—हम साथ हैं, और किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे।”
कहानी यहीं थमती नहीं। अगले मोड़ पर क्या होगा? क्या अर्जुन और आयरा इस जाल में फँसेंगे या उसे मात देंगे?
पढ़ते रहिए, क्योंकि Shadows of Love की लड़ाई अभी और तेज़, और धुआंधार होने वाली है।
कहानी अभी जारी है
रात का सन्नाटा था। शहर की सड़कों पर सिर्फ़ स्ट्रीट लाइट्स की पीली रौशनी बिखरी थी। अर्जुन अपनी काली एसयूवी में बैठा नक्शे और डेटा पर नज़रें गड़ाए हुए था। उसके हाथ में एक खास डिवाइस था—वह डिवाइस जो दुश्मन के हर मूव को ट्रैक कर सकती थी। आयरा उसके बगल में बैठी थी, आँखों में बेचैनी और होंठों पर हिम्मत।
“वे लोग हमें घेरने वाले हैं,” अर्जुन ने धीमी आवाज़ में कहा।
“तो हमें पहले ही उन्हें घेरना होगा,” आयरा ने तड़पकर जवाब दिया।
अर्जुन की निगाहें कठोर हो गईं। उसने गाड़ी का स्टीयरिंग मोड़ा और तेज़ रफ़्तार में गाड़ी को अंधेरी गलियों की ओर घुसा दिया। हवा चीखने लगी। आयरा ने सीट बेल्ट कसकर बांधी और उसके चेहरे पर एक अजीब सा रोमांच था।
कुछ ही देर में दोनों एक पुराने गोदाम के सामने पहुँचे। वहाँ से अजीब-सी रोशनी झलक रही थी और मशीनों की आवाज़ें गूंज रही थीं। अर्जुन ने कार रोकी, पिस्तौल लोड की और बोला—“यहाँ खेल शुरू होता है।”
दरवाज़ा धकेलते ही सामने की तस्वीर देखकर आयरा दंग रह गई। अंदर दुश्मन का ठिकाना था—कंप्यूटर की स्क्रीनें, हथियारों का ढेर और नक्शों पर शहर के अलग-अलग इलाकों को लाल घेरे में दिखाया गया था। इसका मतलब साफ़ था—कोई बड़ा धमाका होने वाला था।
अचानक पीछे से भारी कदमों की आहट आई। “तो तुम आ ही गए, अर्जुन,” गहरी और डरावनी आवाज़ गूंजी।
छायाओं से एक शख्स बाहर निकला—काले कपड़ों में, चेहरा आधा नकाब से ढका हुआ। यही था वो मास्टरमाइंड जिसे अर्जुन महीनों से ढूंढ रहा था।
आयरा ने घबराकर अर्जुन का हाथ पकड़ा। अर्जुन ने उसे आश्वासन दिया और आगे बढ़ा।
“खेल बहुत लंबा खिंच गया,” अर्जुन ने ठंडी मुस्कान के साथ कहा।
“और अब खत्म भी तुम ही करोगे,” नकाबपोश ने जवाब दिया।
अचानक गोदाम की हर स्क्रीन पर काउंटडाउन शुरू हो गया—00:15:00
पूरे शहर को उड़ाने वाला टाइम बम एक्टिवेट हो चुका था।
आयरा की धड़कनें तेज़ हो गईं। “अर्जुन, हमें कुछ करना होगा… वरना सब खत्म हो जाएगा।”
अर्जुन के चेहरे पर कोई डर नहीं था। उसने नकाबपोश को घूरते हुए कहा—“तेरा खेल यहीं खत्म होगा।”
भीषण लड़ाई शुरू हुई। गोलियों की आवाज़ गूंज उठी, मशीनें टूटने लगीं, स्क्रीनें चटकने लगीं। आयरा ने भी हथियार उठाया और अपनी हिम्मत से दुश्मनों को धूल चटा दी। अर्जुन बिजली-सी तेजी से आगे बढ़ा, हर वार का जवाब दिया और आखिरकार नकाबपोश को गिरा दिया।
लेकिन टाइम बम का काउंटडाउन अब सिर्फ़ 03:00 पर था। अर्जुन के माथे पर पसीना छलक आया। उसने तुरंत अपने डिवाइस से हैकिंग शुरू कर दी। आयरा उसकी मदद कर रही थी, तारें जोड़ रही थी, कोड्स बदल रही थी। दोनों की सांसें तेज़ थीं, जैसे पूरा शहर उनकी उंगलियों पर टिका हो।
“30 सेकंड!” आयरा चिल्लाई।
“बस थोड़ा और…” अर्जुन ने पसीने से भीगे चेहरे के साथ कहा।
जैसे ही काउंटडाउन 00:01 पर पहुँचा—अर्जुन ने आखिरी कोड एंटर किया। स्क्रीन अंधेरी हो गई।
बम डिएक्टिवेट हो चुका था।
सन्नाटा छा गया। आयरा ने राहत की सांस ली और अर्जुन के गले लग गई।
“तुम जीत गए…” उसने धीमे स्वर में कहा।
“नहीं,” अर्जुन ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा, “हम जीत गए।”
लेकिन तभी, जमीन हिली। नकाबपोश जिसने खुद को हार मान लिया था, धीरे-धीरे उठ खड़ा हुआ। उसके होंठों पर खतरनाक मुस्कान थी।
“तुम समझते हो ये सब खत्म हो गया? ये तो बस शुरुआत है…”
अर्जुन और आयरा की आँखें चौड़ी हो गईं। असली खेल अभी बाकी था।
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क्या अर्जुन और आयरा इस नए तूफान का सामना कर पाएंगे? या मास्टरमाइंड की अगली चाल सब कुछ तबाह कर देगी?
Shadows of Love की ये जंग अब और भी जानलेवा मोड़ लेने वाली है…
रात का सन्नाटा अब गोलियों और धमाकों की गूँज से टूट चुका था। गोदाम की दीवारें हिल रही थीं, हर जगह धुआँ और बारूद की गंध फैली हुई थी। अर्जुन ने अपनी बंदूक उठाई और आयरा को अपने पीछे खींच लिया। नकाबपोश धीरे-धीरे खड़ा हो रहा था, उसकी आँखों में पागलपन और होंठों पर खतरनाक हंसी थी।
“तुम सोच भी नहीं सकते, अर्जुन,” उसने गहरी आवाज़ में कहा, “ये शहर सिर्फ़ मेरी एक चाल का मोहरा है। असली खेल तो अब शुरू होगा।”
अर्जुन ने अपनी बंदूक सीधी उसकी ओर तान दी।
“चेहरा दिखाने की हिम्मत है? या हमेशा छुपकर ही जीते हो?”
नकाबपोश ने धीरे-धीरे अपना नकाब हटाया। और जैसे ही उसका चेहरा सामने आया, आयरा की साँसें थम गईं।
“ये… ये असंभव है…” उसने कांपते स्वर में कहा।
वो कोई और नहीं, बल्कि अर्जुन का ही पुराना साथी और जासूसी मिशनों का एक्स-एजेंट “कबीर” था। वही कबीर, जिसे सब सालों पहले मर चुका समझते थे।
अर्जुन की आँखें सुर्ख हो गईं।
“कबीर… तुम ज़िंदा हो? और इस रूप में?”
कबीर ने ठंडी हंसी हंसते हुए कहा—
“मरना आसान होता, अर्जुन। मैंने तो जीना चुना, लेकिन उस सिस्टम को जलाकर, जिसने मुझे धोखा दिया। तुमने साथ दिया और उसी सिस्टम ने मुझे जिंदा जलाया। अब मैं लौटा हूँ… बदले के लिए।”
आयरा ने हैरानी से अर्जुन की तरफ देखा।
“तो ये सारा खेल… ये बम… ये साजिश… सब बदला है?”
कबीर की आँखों में पागलपन झलक रहा था।
“हाँ! और ये बदला तब तक अधूरा है, जब तक शहर खून और राख में नहीं बदल जाता। तुम दोनों चाहे लाख कोशिश कर लो, मुझे रोक नहीं पाओगे।”
अचानक उसने बटन दबाया और गोदाम की दीवारें फट गईं। बाहर खड़े उसके हथियारबंद सैनिक अंदर घुस आए। गोलियों की बरसात होने लगी। अर्जुन और आयरा ने पोज़िशन ले ली। हर गोली का जवाब दिया, हर वार का सामना किया। हवा में बारूद और खून की बू थी, पर दोनों पीछे हटने वाले नहीं थे।
आयरा ने तेज़ी से एक सैनिक को गिराया और अर्जुन के साथ खड़ी होकर बोली—
“अर्जुन, ये लड़ाई अब सिर्फ़ मिशन की नहीं, हमारी ज़िन्दगी की है।”
अर्जुन ने उसकी ओर देखा, मुस्कुराया और कहा—
“और ज़िन्दगी के लिए हम हर मौत से लड़ेंगे।”
दोनों ने मिलकर कबीर के सैनिकों को ढेर कर दिया। लेकिन कबीर ने मौका देखकर गोदाम से भाग लिया। जाते-जाते उसने पीछे मुड़कर कहा—
“तुम जीत गए… लेकिन याद रखना अर्जुन, हर जीत सिर्फ़ अगली हार की तैयारी होती है। अब अगला वार दिल पर होगा।”
ये कहकर वो अंधेरे में गुम हो गया।
सन्नाटे में सिर्फ़ अर्जुन और आयरा की भारी सांसें गूँज रही थीं। शहर तो बच गया था, लेकिन असली तूफ़ान अब आने वाला था।
अर्जुन ने आयरा की ओर देखा।
“ये सिर्फ़ लड़ाई नहीं… अब ये हमारी नियति बन गई है।”
आयरा ने उसकी आँखों में आँखें डालकर कहा—
“और हम इसे साथ मिलकर पूरा करेंगे… चाहे मौत ही क्यों न सामने खड़ी हो।”
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कहानी अब नए मोड़ पर है—
कबीर, अर्जुन का पुराना साथी, अब सबसे खतरनाक दुश्मन बन चुका है। उसकी अगली चाल क्या होगी? क्या अर्जुन और आयरा उसका सामना कर पाएंगे, जब हमला उनके दिल और रिश्ते पर होगा?
Shadows of Love का अगला भाग और भी ज़्यादा खतरनाक, खून से लथपथ और रोमांच से भरा होगा…
सुबह की पहली किरणें शहर की ऊँची इमारतों पर पड़ रही थीं। लेकिन अर्जुन और आयरा के लिए ये सुबह किसी नए डर का आग़ाज़ थी। रात का खून और बारूद उनके कपड़ों पर अभी भी चिपका था। दोनों सुरक्षित ठिकाने पर पहुँचे, लेकिन अर्जुन का दिमाग कबीर की बातों में अटक गया था—
“अब अगला वार दिल पर होगा।”
आयरा ने अर्जुन का हाथ थामकर कहा—
“तुम्हारा चेहरा साफ़ कह रहा है कि तुम अंदर से टूट रहे हो। लेकिन अर्जुन, तुम्हें याद रखना होगा, कबीर तुम्हारा अतीत है… और मैं तुम्हारा वर्तमान।”
अर्जुन ने उसकी आँखों में देखा। उन आँखों में हिम्मत थी, पर छुपा हुआ डर भी।
“मुझे डर सिर्फ़ इस बात का है, आयरा,” अर्जुन ने धीमे स्वर में कहा, “कि कबीर का अगला वार… तुम्हें चोट पहुँचाने के लिए होगा।”
उससे पहले कि आयरा कुछ कह पाती, अचानक अर्जुन के फोन पर एक अनजान वीडियो कॉल आया। स्क्रीन पर कबीर का चेहरा दिखा—ठंडी, खतरनाक मुस्कान लिए।
“गुड मॉर्निंग, अर्जुन,” कबीर ने कहा।
“क्या चाहिए तुम्हें?” अर्जुन गरजा।
कबीर ने हंसते हुए स्क्रीन घुमाई—और वहाँ एक बच्चा बंधा हुआ दिखाई दिया। उसकी आँखों में डर, होंठों पर कपड़ा बंधा हुआ।
आयरा चीख पड़ी—“ये… मेरा भाई!!”
अर्जुन के रगों में खून खौल उठा।
कबीर बोला—“अर्जुन, मैंने कहा था ना… अगला वार दिल पर होगा। अब तुम्हारे पास सिर्फ़ 24 घंटे हैं। अगर इस शहर के सबसे सुरक्षित बैंक से मेरे लिए वो डाटा चिप लेकर नहीं आए… तो ये मासूम सांसें लेना बंद कर देगा।”
वीडियो कॉल कट हो गया। कमरे में सन्नाटा छा गया।
आयरा ज़मीन पर बैठ गई, उसके आँसू रुक नहीं रहे थे। अर्जुन ने उसे थामकर कहा—
“वो तुम्हारे भाई तक पहुँच गया… क्योंकि वो जानता है, तुम्हारी जान से बढ़कर तुम्हारा परिवार है। अब ये सिर्फ़ मिशन नहीं, तुम्हारे भाई की ज़िन्दगी की लड़ाई है।”
आयरा ने अपने आँसू पोंछे और काँपती आवाज़ में कहा—
“अर्जुन… मैं किसी भी हद तक जाने को तैयार हूँ। लेकिन हम उसे जीतने नहीं देंगे। चाहे मुझे जान देनी पड़े।”
अर्जुन ने उसकी आँखों में देखते हुए कसम खाई—
“जब तक मैं ज़िंदा हूँ, किसी का बाल भी बाँका नहीं होगा। ये मैं वादा करता हूँ।”
लेकिन अर्जुन जानता था—कबीर का जाल आसान नहीं था।
वो बैंक, जहाँ से कबीर ने डाटा चिप मंगवाई थी, दुनिया के सबसे सुरक्षित जगहों में से एक था। वहाँ घुसना सीधा मौत को दावत देने जैसा था।
अर्जुन ने अपनी पुरानी टीम से संपर्क किया। रातभर नक्शे, पासवर्ड, सुरक्षा सिस्टम और हर एक सुराग का अध्ययन किया गया। आयरा ने भी हथियार उठाए और खुद को तैयार किया। अब ये सिर्फ़ अर्जुन की लड़ाई नहीं थी—आयरा ने तय कर लिया था कि वो अपने भाई को किसी भी कीमत पर बचाएगी।
अगली रात—शहर के बीचों-बीच गगनचुंबी इमारत वाला वो बैंक। चारों तरफ़ सुरक्षा, कैमरे, गार्ड्स और लेजर सिस्टम।
अर्जुन और आयरा ने काले कपड़ों में मास्क पहनकर इमारत की ओर कदम बढ़ाए।
अर्जुन ने धीरे से कहा—
“एक बार अंदर गए तो वापसी आसान नहीं होगी।”
आयरा ने उसकी तरफ देखा—
“वापसी सोचने का वक्त ही कहाँ है, अर्जुन? अब तो या तो जीतेंगे… या मरेंगे।”
दोनों ने एक-दूसरे का हाथ थामा और अंधेरे में इमारत की दीवार पर चढ़ाई शुरू की।
हर कदम मौत का खेल था। लेज़रों की बारीक लाल रौशनी उनकी सांसें रोक रही थी। एक छोटी सी गलती… और सब खत्म।
जैसे ही दोनों बैंक की टॉप फ्लोर पर पहुँचे, अर्जुन ने लॉक तोड़ा और अंदर घुस गए।
चारों ओर नीली रोशनी, बीप की आवाज़ें और सिक्योरिटी कोड्स। अर्जुन तेजी से सिस्टम हैक करने लगा।
लेकिन तभी—अलार्म बज उठा।
लाल लाइट्स पूरे बैंक में चमकने लगीं। गार्ड्स दौड़ पड़े।
आयरा ने बंदूक उठाई और अर्जुन की रक्षा में खड़ी हो गई। गोलियों की गूंज ने पूरी इमारत को हिला दिया।
अर्जुन का माथा पसीने से भीग गया।
“बस कुछ सेकंड और… आयरा, मुझे कवर दो!”
आयरा गोलियों की बारिश झेल रही थी। हर वार का जवाब दे रही थी। अर्जुन ने आखिरकार कोड तोड़ा और चिप निकाल ली।
लेकिन जैसे ही उसने चिप हाथ में ली, स्क्रीन पर कबीर फिर दिखाई दिया।
“बहुत अच्छे… अर्जुन। तुमने मेरी शर्त पूरी कर दी। लेकिन खेल यहीं खत्म नहीं होता।”
अचानक बैंक की खिड़कियाँ धमाके से उड़ गईं। चारों तरफ़ धुआँ और आग।
कबीर की आवाज़ गूंजी—
“अब देखता हूँ, अर्जुन… तुम कैसे अपने प्यार और मिशन को साथ लेकर बाहर निकलते हो।”
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क्या अर्जुन और आयरा इस मौत के जाल से ज़िंदा निकल पाएंगे?
क्या आयरा का भाई सच में सुरक्षित है या कबीर ने कोई और बड़ा जाल बिछा रखा है?
Shadows of Love की लड़ाई अब सीधी मौत के दरवाज़े पर पहुँच चुकी है।
बैंक के अंदर हर तरफ़ धुआँ और आग फैल चुकी थी। अलार्म की चीखती आवाज़ और गार्ड्स की चीखें माहौल को और खतरनाक बना रही थीं। अर्जुन ने चिप को कसकर अपनी जेब में रखा और आयरा का हाथ पकड़ लिया।
“भागो!” अर्जुन गरजा।
दोनों टूटे-फूटे काँच और लेज़र बीम्स के बीच दौड़ पड़े। गार्ड्स पीछा कर रहे थे, गोलियों की बौछार हो रही थी। आयरा ने पलटकर गोली चलाई और दो गार्ड्स को गिरा दिया, लेकिन उनका रास्ता आसान नहीं था।
जैसे ही वे बाहर की ओर बढ़े, अचानक पूरी बिल्डिंग की बिजली चली गई। चारों ओर अंधेरा छा गया। सिर्फ़ लाल इमरजेंसी लाइट्स जल रही थीं। उसी अंधेरे में कबीर की ठंडी आवाज़ गूँजी—
“भागने की कोशिश मत करना, अर्जुन। ये इमारत अब तुम्हारी कब्र है।”
अर्जुन ने दाँत भींचे।
“कबीर, तुझसे लड़ना मेरे लिए मिशन नहीं, अब मेरी जंग है।”
आयरा काँपते स्वर में बोली—
“अर्जुन, हमें जल्दी बाहर निकलना होगा, वरना ये पूरी बिल्डिंग हमारे ऊपर गिर जाएगी।”
अचानक दीवार के पार से धड़ाम की आवाज़ आई और भारी हथियारों से लैस कबीर के सैनिक अंदर घुस आए। अब ये सिर्फ़ भागने की लड़ाई नहीं, बल्कि जीने की जंग थी।
अर्जुन ने आयरा को कवर दिया और दोनों ने गोलियों की बरसात में दुश्मनों को गिराना शुरू किया। हर तरफ़ गोलियों की गूँज और धुएँ का धुंधलका था। लेकिन अर्जुन की निगाह सिर्फ़ बाहर की ओर थी।
“रूफटॉप! वहीं से निकल सकते हैं!” अर्जुन चिल्लाया।
दोनों सीढ़ियों की ओर भागे। सीढ़ियाँ भी आधी जल चुकी थीं। लकड़ी चटक रही थी, लोहे पिघल रहे थे। लेकिन मौत के साए के बीच भी दोनों डटे रहे।
जैसे ही वे छत पर पहुँचे, हवा में हेलिकॉप्टर की आवाज़ गूँजी। अर्जुन ने ऊपर देखा—कबीर का हेलिकॉप्टर।
कबीर खुद खड़ा था, हाथ में रिमोट और चेहरे पर वही शैतानी मुस्कान।
“तो तुम यहाँ तक पहुँच ही गए,” कबीर बोला।
“चिप हमें दे दो, वरना ये इमारत अभी के अभी तुम्हारे ऊपर गिरा दूँगा।”
अर्जुन ने चिल्लाकर कहा—
“अगर मर्द है तो आकर छीन ले! मैं तेरी गंदी चालों में नहीं फँसने वाला।”
कबीर ने मुस्कुराते हुए रिमोट का बटन दबाया।
अचानक बिल्डिंग हिलने लगी, धमाके होने लगे। छत फटने लगी।
आयरा ने घबराकर अर्जुन का हाथ पकड़ा—
“हम बचेंगे कैसे?!”
अर्जुन ने गहरी साँस ली।
“तूने कहा था ना, आयरा… या तो जीतेंगे या मरेंगे। आज… हम जीतेंगे।”
अर्जुन ने पास रखी मशीनगन उठाई और हेलिकॉप्टर की ओर गोलीबारी शुरू कर दी। गोलियों की बौछार से हेलिकॉप्टर हिला, लेकिन कबीर बच निकला। उसने हंसी उड़ाते हुए कहा—
“अर्जुन, ये लड़ाई यहीं खत्म नहीं होगी। अगला वार तुम्हारे सबसे करीब से होगा… तुम्हारी अपनी टीम से।”
ये कहकर कबीर का हेलिकॉप्टर रात के अंधेरे में गुम हो गया।
इधर बिल्डिंग ढह रही थी। अर्जुन ने आयरा का हाथ पकड़ा और दोनों कूदकर नीचे लटके स्टील की बीम से चिपक गए। भारी धमाके के साथ पूरी इमारत ज़मीन पर गिर गई। धुआँ और मलबा चारों तरफ़ फैल गया।
लोगों को लगा अर्जुन और आयरा मारे गए। लेकिन मलबे के बीच से दोनों धीरे-धीरे बाहर निकले—खून से लथपथ, थके हुए, लेकिन ज़िन्दा।
आयरा ने काँपते स्वर में कहा—
“अर्जुन… मेरा भाई? वो सचमुच कबीर के पास है?”
अर्जुन ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा—
“हाँ… और अब वक्त आ गया है कबीर को उसके ही खेल में हराने का। लेकिन याद रखना, उसने जो कहा… ‘अगला वार तुम्हारी टीम से होगा’… इसका मतलब है कि कोई गद्दार हमारे बीच है।”
आयरा की आँखें चौड़ी हो गईं।
“मतलब… हमारे अपने ही किसी ने हमें धोखा दिया है?”
अर्जुन ने सिर झुकाकर कहा—
“हाँ। और जब तक वो गद्दार सामने नहीं आता, तब तक हम किसी पर भरोसा नहीं कर सकते।”
रात के अंधेरे में दोनों की परछाइयाँ लंबी होती चली गईं। उनके सामने अब न सिर्फ़ कबीर, बल्कि धोखा, विश्वासघात और मौत का खेल खड़ा था।
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अब कहानी एक नए मोड़ पर—
कबीर के पास आयरा का भाई है, लेकिन अर्जुन और आयरा की टीम में से ही कोई उनके खिलाफ काम कर रहा है।
कौन है वो गद्दार? क्या अर्जुन और आयरा समय रहते उसे पहचान पाएंगे?
Shadows of Love की जंग अब सिर्फ़ बाहर के दुश्मनों से नहीं, बल्कि अंदर के धोखेबाज़ों से भी है।
सुबह की धूप कमरे में छनकर आ रही थी, लेकिन अर्जुन और आयरा के चेहरे पर कोई रोशनी नहीं थी। दोनों थके हुए, घायल और बेचैन थे। रात का हादसा अभी भी उनकी आँखों में जिंदा था। अर्जुन अपने लैपटॉप पर तेज़ी से टाइप कर रहा था, कबीर की हर मूवमेंट को ट्रैक करने की कोशिश में।
आयरा खिड़की के पास खड़ी थी, उसके चेहरे पर बेचैनी और गुस्सा था।
“मेरा भाई… वो उसके पास है, अर्जुन। मैं इंतज़ार नहीं कर सकती।”
अर्जुन ने स्क्रीन से नजरें हटाए बिना कहा—
“मैं समझता हूँ, आयरा। लेकिन हमें जल्दीबाज़ी नहीं करनी होगी। कबीर चालाक है। अगर हम गलत कदम उठाए, तो तुम्हारे भाई की जान खतरे में पड़ जाएगी।”
आयरा पलटी, आँखों में आँसू थे।
“लेकिन अगर देर हो गई तो? अगर उसने…”
अर्जुन उसके पास आया और उसके कंधे पर हाथ रखा।
“जब तक मैं हूँ, तुम्हारे भाई को कुछ नहीं होगा। मुझ पर भरोसा रखो।”
आयरा चुप हो गई, लेकिन उसके दिल में बेचैनी बढ़ रही थी।
इसी बीच अर्जुन की टीम के तीन लोग कमरे में दाखिल हुए—रणविजय, सीमा और कबीर का पुराना साथी रह चुका विक्रम, जिसे अर्जुन ने हाल ही में टीम में शामिल किया था।
रणविजय ने कहा—
“हमने बैंक वाले हादसे की लोकेशन ट्रैक की है। लेकिन अर्जुन… अजीब बात ये है कि बैंक के अंदर का सुरक्षा कोड तभी तोड़ा जा सकता था जब कोई अंदरूनी जानकारी रखता हो।”
अर्जुन ने माथे पर शिकन डालकर कहा—
“मतलब… हमारे बीच कोई गद्दार है।”
ये सुनकर कमरे में सन्नाटा छा गया। हर कोई एक-दूसरे को शक की नजर से देखने लगा।
विक्रम ने आगे बढ़कर कहा—
“अर्जुन, हो सकता है ये जानकारी बाहर से लीक हुई हो। हमें अपनी टीम पर शक नहीं करना चाहिए।”
अर्जुन ने ठंडी निगाहों से विक्रम को घूरा।
“शक वहीं से शुरू होता है, जहाँ सबसे ज्यादा भरोसा होता है।”
आयरा चुपचाप सब देख रही थी। उसके दिल में भी शक का बीज बोया जा चुका था।
तभी अर्जुन के लैपटॉप पर एक नोटिफिकेशन आया—एक वीडियो मेल। उसने क्लिक किया। स्क्रीन पर कबीर दिखाई दिया, उसके चेहरे पर वही डरावनी मुस्कान।
“अर्जुन… आयरा… खेल अब और दिलचस्प होने वाला है।”
स्क्रीन हिली और सामने आयरा का भाई दिखाई दिया, बंधा हुआ, आँखों में डर। लेकिन इस बार वीडियो में अकेला वो नहीं था—उसके पीछे खड़ी थी सीमा, अर्जुन की अपनी टीम की भरोसेमंद साथी।
आयरा के होंठों से चीख निकल गई।
“सीमा?! ये… ये कैसे हो सकता है?”
अर्जुन का चेहरा पत्थर सा हो गया।
कबीर हंसते हुए बोला—
“तुम्हारी अपनी टीम का हिस्सा… तुम्हारी सबसे भरोसेमंद साथी ही तुम्हारे खिलाफ काम कर रही थी। क्यों सीमा? इन्हें खुद बता दो।”
सीमा ने ठंडी आँखों से कैमरे की ओर देखा।
“हाँ अर्जुन। मैं ही वो गद्दार हूँ। क्योंकि सिस्टम ने मेरे भाई को मार डाला और तुमने चुपचाप आदेशों का पालन किया। अब मैं सिर्फ़ कबीर के साथ हूँ।”
आयरा के पैरों तले ज़मीन खिसक गई।
“तो… तुम ही हो जिसने बैंक का रास्ता कबीर को बताया। तुम ही हो जिसने…”
सीमा ने बीच में टोका—
“हाँ! और अब मैं ही हूँ जो तुम्हारे हर राज़, हर चाल कबीर तक पहुँचाऊँगी।”
वीडियो कट हो गया। कमरे में मौत जैसा सन्नाटा था।
आयरा ने अर्जुन की ओर देखा, आँखों में आँसू और गुस्सा दोनों थे।
“अर्जुन… तुमने हमें बताया क्यों नहीं कि सीमा पर शक है? अगर तुमने पहले बताया होता तो शायद…”
अर्जुन ने गहरी सांस लेकर कहा—
“मैं सबूत चाहता था, आयरा। मैं अंदाज़े पर टीम नहीं तोड़ सकता था।”
आयरा चिल्लाई—
“लेकिन उस अंदाज़े की वजह से मेरा भाई उसकी कैद में है! कबीर ने हमें हर मोर्चे पर मात दी है!”
अर्जुन चुप रहा। उसकी आँखों में अपराधबोध था।
आयरा ने उसकी ओर देखते हुए काँपती आवाज़ में कहा—
“मुझे नहीं पता अर्जुन… हम कबीर से जीत पाएंगे या नहीं। लेकिन इतना तय है कि अगर इस बार मेरे भाई को कुछ हुआ… तो मैं तुम्हें कभी माफ़ नहीं करूँगी।”
अर्जुन के सीने पर ये शब्द गोलियों से भी ज्यादा भारी पड़े।
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अब कहानी एक ऐसे मोड़ पर है जहाँ अर्जुन-आयरा का रिश्ता टूटने की कगार पर है, उनकी टीम में गद्दार सामने आ चुका है, और कबीर का खेल और खतरनाक हो गया है।
Shadows of Love की अगली चाल दिल और दिमाग दोनों को तोड़ने वाली होगी।
रात का सन्नाटा गहरा था, लेकिन अर्जुन के भीतर तूफ़ान मच रहा था। आयरा कमरे के कोने में खड़ी थी, आँखों से आंसू बह रहे थे। उसकी उंगलियाँ कांप रही थीं और होठों पर सिर्फ़ एक ही दर्दनाक सवाल था—
“अर्जुन… अगर सीमा गद्दार थी, तो तुमने मुझे भरोसा क्यों नहीं दिलाया? तुमने सच क्यों छुपाया?”
अर्जुन ने भारी आवाज़ में कहा—
“क्योंकि मुझे डर था… अगर मैंने बताया, तो तुम्हारा भरोसा पहले ही टूट जाएगा। मैं सबूत चाहता था।”
आयरा ने आँखों में आग भरकर कहा—
“और उस सबूत की कीमत मेरा भाई चुका रहा है! अर्जुन, मैं तुमसे प्यार करती हूँ, लेकिन अगर इस बार मेरे भाई को कुछ हुआ… तो मैं तुम्हें कभी माफ़ नहीं करूँगी।”
ये कहते ही आयरा ने अपने आँसू पोंछे, हथियार उठाया और कमरे से बाहर चली गई। अर्जुन उसका नाम पुकारता रह गया, लेकिन वो बिना मुड़े अंधेरे में खो गई।
कमरे में अर्जुन अकेला रह गया। उसकी आँखें सुर्ख हो गईं।
“कबीर… तूने मुझसे मेरा प्यार भी छीन लिया और मेरी टीम भी। अब ये जंग तेरे और मेरे बीच है। और जब तक तू मेरी साँसें नहीं रोकता, मैं तुझे मिटाकर ही दम लूँगा।”
अगली सुबह अर्जुन ने अपने नेटवर्क के जरिए कबीर और सीमा की लोकेशन ट्रैक की—शहर से बाहर एक छोड़ा हुआ फैक्ट्री एरिया।
वहाँ दर्जनों हथियारबंद लोग थे। ये मौत का किला था।
अर्जुन ने अपने दिल से डर और दिमाग से शक निकाल दिया। अब वो अकेला था… और अकेले ही लड़ने को तैयार।
काली जीप में सवार होकर वो फैक्ट्री पहुँचा। दूर से ही वो जगह किसी युद्धभूमि जैसी लग रही थी। अर्जुन ने गहरी सांस ली, हथियार लोड किए और धीरे से बुदबुदाया—
“ये लड़ाई मेरी जान की नहीं… मेरे प्यार, मेरे वादे और इस शहर की इज़्ज़त की है।”
वो छायाओं में घुसा। अंधेरे में सैनिकों को एक-एक कर गिराता गया। उसकी चालें बाघ जैसी और वार बिजली की तरह तेज़ थे। गोलियों की गूंज से पूरा फैक्ट्री हिल रहा था।
आखिरकार अर्जुन सामने पहुँचा—सीमा और कबीर खड़े थे। सीमा के चेहरे पर कोई पछतावा नहीं, सिर्फ़ नफरत थी।
“अर्जुन, तुम्हें अब समझ आया कि भरोसा करना कमजोरी है?” सीमा ने ठंडी आवाज़ में कहा।
अर्जुन ने गुस्से से कहा—
“कमजोरी नहीं… भरोसा इंसानियत है। और तुमने इंसानियत बेची है।”
कबीर हंसा—
“वाह अर्जुन, बहुत बड़े-बड़े डायलॉग बोल रहे हो। लेकिन इस बार तुम्हारे डायलॉग नहीं, तुम्हारी लाश गिरेगी।”
इतना कहते ही चारों ओर से गोलियों की बरसात होने लगी। अर्जुन दीवारों और मशीनों के पीछे छिपकर जवाब देने लगा। हर गोली, हर वार में उसकी आँखों का गुस्सा साफ झलक रहा था।
इसी बीच, आयरा वहाँ पहुँच गई। उसका चेहरा आँसुओं से भरा था, लेकिन हाथों में हथियार और दिल में आग थी।
“अर्जुन… मैं तुमसे नाराज़ हूँ। लेकिन ये जंग हम साथ लड़ेंगे।”
अर्जुन ने उसे देखकर एक पल को साँस रोकी, फिर कहा—
“तुम्हारे बिना मैं अधूरा हूँ। आओ, इस खेल को खत्म करते हैं।”
दोनों ने मिलकर मौत का खेल शुरू किया। गोलियों और धमाकों के बीच अर्जुन ने दर्जनों दुश्मनों को ढेर किया, और आयरा ने सीमा से सीधी भिड़ंत की।
सीमा ने कहा—
“आयरा, तुम जीत नहीं सकतीं। मैंने कबीर को चुना क्योंकि उसने मुझे ताक़त दी।”
आयरा ने ठंडी आँखों से जवाब दिया—
“ताक़त ग़लत रास्ते की नहीं, सच्चाई की होती है।”
दोनों की भिड़ंत जानलेवा थी। आखिरकार आयरा ने सीमा को मात दी और जमीन पर गिरा दिया।
इधर अर्जुन और कबीर आमने-सामने थे। दोनों की आँखों में आग, दिलों में नफरत और हथियारों में मौत थी।
कबीर गरजा—
“आज सब खत्म हो जाएगा, अर्जुन!”
अर्जुन चीखा—
“हाँ, लेकिन तू खत्म होगा!”
दोनों भिड़ गए। मुक्कों की गूंज, गोलियों की चीख और आग की लपटों के बीच ये जंग इतनी जबरदस्त थी कि मानो दो तूफ़ान टकरा गए हों।
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लेकिन तभी… अचानक आयरा का भाई सामने लाया गया, हथियारबंद गार्ड्स के बीच। उसकी गर्दन पर चाकू रखा गया था।
कबीर हंसा—
“अर्जुन, अब देखता हूँ, तू अपने प्यार को बचाता है या उसके भाई को। एक को चुनना होगा।”
कमरे में सन्नाटा छा गया। अर्जुन और आयरा की साँसें रुक गईं।
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क्या अर्जुन आयरा के भाई को बचा पाएगा?
क्या आयरा अर्जुन के इस फैसले को समझ पाएगी या उनका रिश्ता टूट जाएगा?
और क्या कबीर की ये चाल वाकई अर्जुन को मात दे देगी?
Shadows of Love की जंग अब अपने सबसे खतरनाक मोड़ पर पहुँच चुकी है।
हवा में बारूद की गंध थी। फैक्ट्री की दीवारें गोलियों की गूंज से हिल रही थीं। लेकिन उस गूंज से भी ज्यादा भारी था वो पल—जब कबीर ने आयरा के भाई की गर्दन पर चाकू रख दिया।
कबीर ज़हरीली मुस्कान के साथ बोला—
“अर्जुन! अब देखता हूँ… तू कितना हीरो है। सामने दो रास्ते हैं—या तो आयरा का भाई बचेगा, या तेरा मिशन। तू जिसे चुनेगा, वही जिंदा रहेगा।”
आयरा की चीख गूंजी—
“नहीं!! अर्जुन, कुछ करो… उसे बचाओ…”
अर्जुन की आंखों में गुस्सा, दर्द और आँसू एक साथ उमड़ पड़े। उसका दिमाग बिजली की तरह तेज़ दौड़ रहा था।
“अगर मैं कबीर पर गोली चलाऊँ… तो उसका आदमी आयरा के भाई को खत्म कर देगा। अगर मैं भाई को बचाने जाऊँ, तो कबीर भाग जाएगा। लेकिन मैं दोनों को खोने नहीं दूँगा। कभी नहीं!”
अर्जुन ने गहरी सांस ली, और बेहद धीमी आवाज़ में आयरा से कहा—
“मुझ पर भरोसा करो… बस एक आखिरी बार।”
आयरा की आँखें डरी हुई थीं, लेकिन उसने सिर हिलाया।
अचानक अर्जुन ने अपना हथियार ज़मीन पर रख दिया।
“ठीक है, कबीर। मैं हार मानता हूँ।”
कबीर ज़ोर से हंसा—
“वाह… अर्जुन द ग्रेट! आखिरकार घुटने टेक ही दिए।”
लेकिन अगले ही पल—अर्जुन ने अपनी बेल्ट से छुपा हुआ छोटा ब्लेड निकाला और बिजली की तरह हवा में फेंका। ब्लेड सीधा उस आदमी की कलाई पर जा लगा जिसने आयरा के भाई की गर्दन पर चाकू रखा था। चाकू जमीन पर गिर गया।
“अब!” अर्जुन गरजा और तुरंत अपनी बंदूक उठाकर गोलियां दाग दीं। गार्ड्स एक-एक कर ढेर हो गए।
आयरा भागकर अपने भाई तक पहुँची, उसे खींचकर सुरक्षित जगह ले गई। उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे, लेकिन इस बार वो राहत के थे।
“भाई… तुम ठीक हो।”
उधर अर्जुन और कबीर आमने-सामने आ चुके थे। अब कोई रोक-टोक नहीं थी।
गोलियों की आवाज़, लोहे के टकराने की गूंज, और दोनों के बीच खून से भी ज्यादा गहरी नफरत।
कबीर ने घूंसा मारा, अर्जुन ने पकड़कर उसका हाथ मोड़ दिया। कबीर ने घुटना मारा, अर्जुन दीवार से टकराया लेकिन फिर पूरी ताक़त से लौटा।
“तूने आयरा के भाई को निशाना बनाया, कबीर… अब तेरा खेल खत्म।”
कबीर गरजा—
“मैं ही खेल हूँ, अर्जुन! मुझे कोई नहीं हरा सकता।”
दोनों की भिड़ंत इतनी खौफनाक थी कि फैक्ट्री की दीवारें कांप रही थीं। आखिरकार अर्जुन ने कबीर को जमीन पर गिराकर उसकी बंदूक दूर फेंक दी।
उसके सीने पर बंदूक तानकर अर्जुन बोला—
“खेल खत्म, कबीर।”
लेकिन तभी सीमा पीछे से आई और आयरा पर बंदूक तान दी।
“अगर तूने कबीर को मारा… तो आयरा हमेशा के लिए मुझसे छिन जाएगी। और मैं ये होने नहीं दूँगी।”
आयरा हौले से मुस्कराई।
“सीमा… तू मुझे कभी नहीं समझ पाई। क्योंकि प्यार के लिए धोखा नहीं, कुर्बानी चाहिए।”
और अगले ही पल—आयरा ने तेजी से झुककर सीमा की बंदूक छीन ली और उसे धक्का देकर गिरा दिया।
अब मैदान साफ़ था। अर्जुन की उंगली ट्रिगर पर थी, कबीर उसकी गिरफ्त में था। लेकिन… अर्जुन की आँखों में गुस्से से ज्यादा इंसानियत थी।
उसने हथियार नीचे कर दिया।
“नहीं। तुझे मारकर मैं तुझ जैसा नहीं बनूँगा। तुझे ज़िंदा रहकर अपने गुनाहों की सज़ा भुगतनी होगी।”
कबीर की आँखों में पहली बार डर था। पुलिस की गाड़ियाँ फैक्ट्री के बाहर आ चुकी थीं।
आयरा दौड़कर अर्जुन के गले लग गई।
“मैंने कहा था न… हम साथ लड़ेंगे।”
अर्जुन ने थकी हुई लेकिन संतोषभरी मुस्कान दी।
“हाँ… और जीतेंगे भी।”
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लेकिन… कहानी यहीं खत्म नहीं होती।
क्योंकि जब पुलिस कबीर और सीमा को ले जा रही थी… सीमा की आँखों में अब भी नफरत जल रही थी। उसने धीरे से फुसफुसाया—
“ये जंग अभी खत्म नहीं हुई, अर्जुन… मैं वापस आऊंगी।”
सीमा को हथकड़ियों में जकड़कर पुलिस की गाड़ी ले जा रही थी। बाहर बारिश हो रही थी, लेकिन उसकी आँखों में आग अब भी जल रही थी। उसके होंठों पर हल्की सी मुस्कान थी।
“अर्जुन… तू जीत गया सोच रहा है? खेल तो अब शुरू होगा।”
रास्ते में अचानक काले मास्क पहने हथियारबंद लोग गाड़ी के सामने आ खड़े हुए। गोलियों की बौछार हुई, टायर फटे और गाड़ी सड़क किनारे पलट गई। धुएं और खून के बीच सीमा बिना खरोंच बाहर निकली—जैसे ये सब पहले से तय था।
उसने आसमान की तरफ देखा और फुसफुसाई—
“अब मेरी असली चाल शुरू होगी।”
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दूसरी तरफ, अर्जुन और आयरा पहली बार चैन की सांस ले रहे थे। आयरा अपने भाई के साथ थी, और अर्जुन उसके जख्मों पर पट्टी कर रहा था।
आयरा बोली—
“अर्जुन, लगता है अब सब ठीक हो जाएगा।”
“हाँ, आयरा। हमने बहुत लड़ाई झेली है। अब हमें अपना भविष्य बनाना है।”
लेकिन तभी अर्जुन का फोन बजा। कॉल उठाते ही उधर से सिर्फ एक ठंडी, डरावनी आवाज़ आई
“अर्जुन… खेल खत्म नहीं हुआ।”
अर्जुन की आँखें चौड़ी हो गईं। वो आवाज़ सीमा की थी।
आयरा डरकर बोली
“नहीं… ये कैसे मुमकिन है? उसे तो जेल में होना चाहिए था!”
अर्जुन ने गहरी सांस ली।
“नहीं, आयरा। सीमा वापस आ गई है। और इस बार उसका निशाना सिर्फ मैं नहीं… हम दोनों हैं।”
कुछ ही दिनों में शहर में अजीब हादसे होने लगे। सरकारी सर्वर हैक हो गए, पुलिस की फाइलें गायब हो गईं, और नेताओं की सीक्रेट बातें मीडिया में लीक होने लगीं।
हर जगह एक ही नाम गूंज रहा था—सीमा।
लेकिन इस बार सीमा अकेली नहीं थी। वो अब एक अंतरराष्ट्रीय गैंग से जुड़ चुकी थी, जिनके पास पैसा, ताक़त और हथियार सब था।
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एक रात अर्जुन को एक रहस्यमयी पैकेट मिला। उसमें एक पेंड्राइव थी।
जैसे ही उसने पेंड्राइव खोली, स्क्रीन पर सीमा का चेहरा उभर आया।
“अर्जुन… ये पहला तोहफा है। तुम्हें अपने ही पुलिस डिपार्टमेंट की गद्दारी का सच मिलेगा। तुम्हारे अपने लोग तुम्हें धोखा दे रहे हैं।”
अर्जुन का चेहरा सख्त हो गया।
“मतलब… दुश्मन सिर्फ बाहर नहीं, अंदर भी है।”
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यानी अब जंग सिर्फ गोलियों से नहीं, बल्कि धोखे और रहस्यों से भी होगी।