A Black Mirror Of Death in Hindi Horror Stories by Amreen Khan books and stories PDF | A Black Mirror Of Death

Featured Books
Categories
Share

A Black Mirror Of Death

Crischen: A Black Mirror Of Death

Chapter एक – हवेली का रहस्य

रात का अँधेरा हर जगह पसरा हुआ था. गाँव के किनारे एक पुरानी हवेली खडी थी, जो किसी भी व्यक्ति की हिम्मत की परीक्षा ले सकती थी.
लोग कहते थे कि हवेली का मालिक कभी जीवित नहीं था, फिर भी उसकी परछाई हर कमरे में घूमती रहती है. हवेली का नाम था Crischen।

मुख्य पात्र:

Dazy – शहर की युवती, जो रहस्य और डर में हमेशा खींची जाती है.

Enaya – Dazy की सबसे अच्छी दोस्त, हमेशा सावधान और डरावने अनुभवों को टालने वाली.

Rovils – investigative journalist, जो सच जानने के लिए किसी भी हद तक जाता है.

Rolson – स्थानीय लडका, जिसने बचपन से ही हवेली के रहस्यों को सुना है.


Dazy ने Rovils को कहा,
हवेली के अंदर जो भी है. उसे देखना ही होगा. लोग कहते हैं, जो इसे देखता है, वह कभी नहीं लौटता।

Rovils ने धीरे से कहा,
मैं डर नहीं रहा, लेकिन यह कुछ अलग है. यह सिर्फ हवेली नहीं. यह जीवन और मौत के बीच का पुल है।

वे चारों हवेली की ओर बढे. जैसे ही दरवाजा खोला गया, ठंडी हवा उन्हें घेरने लगी. हवेली के अंदर हर दीवार पर पुरानी तस्वीरें और खून के धब्बे थे.

और वहाँ, कमरे के बीच में खडा था – एक विशाल, काला शीशा.

Crischen की आवाज किसी को सुनाई नहीं दी, फिर भी कमरे में एक ठंडी फुसफुसाहट गूंज रही थी,
जो इसे देखता है. उसे उसकी आत्मा ही रास्ता दिखाएगी।




Chapter दो – प्रतिबिंब में मौत

Dazy शीशे के पास गई. जैसे ही उसने अपनी आँखें शीशे में डाली, उसे लगा कि उसकी खुद की परछाई बदल गई है.
उसकी आँखें खाली, चेहरे पर डर और दर्द का मिश्रण. और फिर. उस परछाई ने उसके शरीर को अपने हाथों में पकड लिया, और हवा में उडा दिया.

Rovils ने जोर से चिल्लाया,
Dazy! पीछे हटो!

लेकिन Crischen का रहस्य अभी शुरू भी नहीं हुआ था.

Enaya ने देखा कि शीशा हर व्यक्ति का सबसे गहरा डर दिखा रहा था.

Rolson ने महसूस किया कि जो भी शीशा देखता है, उसकी आत्मा धीरे- धीरे हवेली में फँस जाती है.


Haweli की दीवारें जैसे जीवित हो गईं. दरवाजे गायब हो रहे थे. हवेली की छत से अचानक खून की बूँदें गिरने लगीं.

Dazy चीख रही थी, लेकिन उसकी आवाज हवेली की दीवारों में खो गई. Rovils ने कोशिश की कि वह उसे छुडाए, लेकिन उसकी खुद की परछाई ने उसे रोक लिया.




Chapter तीन – Crischen का सच

Crischen ने पहली बार अपनी परछाई दिखाई. वह नीली आँखों वाली, लंबे काले बालों वाली और बेहद डरावनी थी. उसकी मुस्कान में डर और खामोशी का मिश्रण था.

वह बोली,
जो भी इस शीशे को देखता है, उसे अपनी सबसे गहरी यादों और दर्द से गुजरना पडता है. और जो डर के सामने नहीं टिकता. उसकी आत्मा हवेली में हमेशा के लिए फँस जाती है।

Rovils ने हिम्मत जुटाई और पूछा,
क्यों? यह हवेली क्यों बनाई गई?

Crischen ने धीमे से कहा,
यह शीशा सिर्फ प्रतिबिंब नहीं है. यह मौत और प्रेतों की दुनिया का दरवाजा है. जो इसे देखता है, उसे अपनी आत्मा की कीमत चुकानी पडती है।

Dazy को महसूस हुआ कि उसकी आत्मा धीरे- धीरे काले शीशे में खिंची जा रही है. उसने अपनी आँखें बंद की, लेकिन तब भी वह शीशे के भीतर खुद को चीखते और दर्द में पसीने से तर देख रही थी.




Chapter चार – हवेली का नरक

हवेली की दीवारें अब बदल चुकी थीं. रोशनी कहीं नहीं थी, केवल अँधेरा.

हर कदम पर शवों की परछाईं थी.

चीखें हवेली के अंदर गूँज रही थीं.

Dazy, Enaya, Rovils और Rolson अब महसूस कर रहे थे कि हवेली उन्हें जिंदा नहीं छोडना चाहती.


Crischen ने कहा,
अगर तुम शीशे को न देखें, तुम जिंदा तो रहोगे. लेकिन हवेली की परछाई हमेशा तुम्हारे साथ होगी. अगर देखो, तुम मौत के करीब पहुँच जाओगे।

Rovils ने हिम्मत जुटाई और शीशे को छुआ. वह तुरंत भूतों और मृत आत्माओं की दुनिया में खिंच गया, जहां हर आत्मा चीख रही थी, और उसके डर ने उसकी हिम्मत तोड दी.




Crischen: A Black Mirror Of Death




Chapter एक – हवेली का निमंत्रण

रात की हवा में अजीब फुसफुसाहटें थीं. गाँव की गलियों में लोग अपने घरों में घुसकर खिडकियाँ बंद कर रहे थे. हर कोई जानता था कि Crischen नाम की हवेली में जाना मौत के बराबर है.

लेकिन Dazy, शहर की युवा और साहसी लडकी, अपनी दोस्त Enaya के साथ वहाँ खडी थी.
हवेली के अंदर क्या है, मुझे जानना है. डर कोई रोक नहीं सकता, Dazy ने कहा.

Enaya ने डरी हुई आवाज में कहा,
Dazy, हम डर रहे हैं. लोग कहते हैं जो अंदर जाता है, वो कभी वापस नहीं आता।

लेकिन Dazy की जिज्ञासा और हिम्मत ने उसे रोक नहीं पाया.
साथ में आए थे Rovils, investigative journalist और Rolson, स्थानीय लडका.

हवेली के भारी दरवाजे जैसे खुद- ब- खुद खुल गए. अँधेरा अंदर फैल गया, और ठंडी हवा चारों तरफ घूमने लगी. कमरे के बीच में था – एक विशाल, काला शीशा, जो अजीब तरह की चमक बिखेर रहा था.

जैसे ही उन्होंने करीब जाकर शीशा देखा, हवेली की दीवारों से आवाजें गूंजने लगीं:
जो इसे देखता है. उसकी आत्मा हवेली में फँस जाएगी।

Rovils ने महसूस किया कि शीशा केवल प्रतिबिंब नहीं है. वह जीवित, खतरनाक और मृत्यु का दरवाजा था.




Chapter दो – शीशे का पहला शिकार

Dazy ने अपनी आँखें शीशे में डाली.
उसने देखा – उसकी परछाई अब उसका चेहरा नहीं थी. वह एक भयानक, मृत आत्मा का रूप ले चुकी थी.

वह चीखी, लेकिन आवाज हवेली की दीवारों में खो गई.
Rovils ने जल्दी से उसका हाथ पकडने की कोशिश की, लेकिन हवेली की दीवारें जैसे जीवित हो गई हों – हर कदम पर डर और अँधेरा बढता गया.

Enaya की नजरों के सामने, शीशा धीरे- धीरे उसकी सबसे गहरी डरावनी यादों को उजागर कर रहा था.

बचपन की डरावनी यादें

खोई हुई परछाइयाँ

और मौत की छाया, जो हर पल उसके पास थी


Rolson ने कहा,
यह केवल डर नहीं है. यह हवेली हमारे डर और अपराधों को खाती जा रही है. अगर हम शीशे को ज्यादा देखेंगे, हम कभी बाहर नहीं लौट पाएंगे।




Chapter तीन – Crischen का रहस्य

तभी Crischen प्रकट हुई. उसकी नीली आँखें ठंडी और खाली थीं, और मुस्कान में डर और खामोशी का मिश्रण था.
वह बोली,
जो भी इस शीशे को देखता है, उसे अपनी आत्मा की कीमत चुकानी पडती है. और जो डर के सामने टिक नहीं सकता, उसकी आत्मा हमेशा हवेली में फँस जाती है।

Rovils ने हिम्मत जुटाकर पूछा,
यह हवेली क्यों बनी? यह शीशा क्यों?

Crischen ने धीमे से कहा,
यह शीशा सिर्फ प्रतिबिंब नहीं है. यह मौत और प्रेतों की दुनिया का दरवाजा है. जो इसे देखता है, उसे उस दुनिया में खींच लिया जाता है. तुमने इसे देख लिया है. अब तुम्हारी आत्मा. खतरनाक सच्चाई के लिए तैयार है।

Dazy ने महसूस किया कि उसकी आत्मा धीरे- धीरे काले शीशे में फँस रही है.
Enaya और Rolson ने अपनी आँखें बंद कर लीं, लेकिन शीशा हर डर, हर दर्द, और हर अपराध को उजागर कर रहा था.




Chapter चार – हवेली का नरक

हवेली की दीवारें अब जीवित हो गई थीं.

खून की बूँदें छत से गिर रही थीं

मृत आत्माओं की परछाइयाँ चारों ओर घूम रही थीं

हवेली की फर्श पर कदम रखते ही चीखें गूँज रही थीं


Rovils ने हिम्मत जुटाई और शीशे को छुआ.
तुरंत वह भूतों और मृत आत्माओं की दुनिया में खिंच गया, जहाँ हर आत्मा चीख रही थी.

उसकी खुद की परछाई उसे घूर रही थी

डर और पीडा ने उसे इतना कमजोर कर दिया कि वह रो नहीं सका


Crischen ने धीमे से कहा,
अगर तुम शीशे को तोड दोगे, तुम्हें मौत नहीं, बल्कि शाश्वत अँधेरा मिलेगा. इसे स्वीकार करना ही सुरक्षित है।

Dazy, Enaya और Rolson अब समझ गए थे कि हवेली किसी को भी जिंदा नहीं छोडना चाहती.




हवेली की दहशत

रात का अँधेरा गाँव पर घने काले काले बादलों की तरह फैल गया था. हवाओं में अजीब फुसफुसाहटें थीं, मानो कोई अज्ञात शक्ति हर किसी की रूह में उतर रही हो. गाँव के लोग अपने घरों में बंद हो गए थे, और केवल हवेली की ओर जाने वाले रास्ते पर एक डरावना सन्नाटा था.

Dazy, साहसी और जिज्ञासु, अपने दोस्तों Enaya, Rovils और Rolson के साथ उस हवेली के सामने खडी थी.
अगर हम नहीं जाएंगे, हम कभी नहीं जान पाएंगे कि अंदर क्या है. डर हमारी रूह को कभी रोक नहीं सकता, Dazy ने कडक आवाज में कहा.

Enaya की आँखें डर से भर आई थीं.
Dazy. मैं सच में डर रही हूँ. लोग कहते हैं जो अंदर जाता है, वह कभी लौटकर नहीं आता।

लेकिन Dazy की जिज्ञासा ने उसे रोक नहीं पाया. Rolson ने धीमे से कहा,
हमारे बचपन की कहानियाँ सही थीं. Crischen हवेली केवल एक building नहीं है, यह मौत और डर का घर है. अगर हमने प्रवेश किया, हम वापस नहीं लौट सकते।

जैसे ही वे भारी दरवाजा धक्का देकर खोले, हवेली के भीतर ठंडी हवा की लहर ने उनका स्वागत किया. दीवारें स्याही जैसी काली थीं, और फर्श पर पुरानी धूल के नीचे कुछ अजीब तरह की खून की परछाइयाँ हिल रही थीं.

कमरे के बीच में एक विशाल काला शीशा खडा था. उसकी सतह जैसे तरल और ठोस का मिश्रण थी. चारों ओर का अँधेरा उस शीशे में समा गया था, और उसमें हर कदम पर भूतों की हलचल दिखाई दे रही थी.

और तभी, हवेली की दीवारों से धीमे स्वर में आवाज गूँजी:
जो इसे देखता है. उसकी आत्मा अब हवेली की दहलीज को पार करेगी।

Rovils ने महसूस किया कि शीशा सिर्फ प्रतिबिंब नहीं, बल्कि जीवित और खतरनाक है. यह हर व्यक्ति के डर और अपराध को अपनी दुनिया में खींच रहा था.




Chapter दो – शीशे का पहला शिकार

Dazy ने हिम्मत करके अपनी आँखें शीशे में डाली.
जैसे ही उसकी परछाई दिखाई दी, वह तुरंत बदल गई. उसका चेहरा अब उसका नहीं था, बल्कि एक भयानक मृत आत्मा का रूप ले चुका था. उसके होंठ खुद- ब- खुद हिल रहे थे, जैसे वह कुछ कह रही हो, लेकिन आवाज हवेली की दीवारों में खो गई.

Rovils ने जोर से उसका हाथ पकडने की कोशिश की, लेकिन हवेली की दीवारें जैसे जीवित हो गई हों – हर कदम पर अजीब आवाजें और खून की बूंदें उनके चारों ओर गिर रही थीं.

Enaya ने देखा कि शीशा धीरे- धीरे उसकी सबसे डरावनी यादों को उजागर कर रहा था – बचपन के डरावने सपने, खोई हुई आत्माएँ, और मौत की साया.
Rolson चीखते हुए पीछे हटने लगा, लेकिन शीशा उसके डर को भी खींचने लगा.

पहला भयावह दृश्य:

Dazy ने देखा कि उसकी परछाई हवेली की दीवारों से निकलकर उसके शरीर को पकड रही है.

Rovils का प्रतिबिंब खुद ही जिंदा हो गया और उसकी आत्मा को मारने की कोशिश कर रहा था.

Enaya की आँखों के सामने उसके अपने हाथ कटकर जमीन पर गिर रहे थे.

Rolson की आवाज हवेली की दीवारों में गूँज रही थी, लेकिन कोई उसकी मदद नहीं कर सकता था.





Chapter तीन – Crischen का आगमन

अचानक, हवेली के अँधेरे से Crischen प्रकट हुई.
वह लंबी काली पोशाक में, नीली आँखों और मुस्कान में अजीब ठंडक लिए खडी थी. उसकी परछाईं हवेली की दीवारों में फैल रही थी, और हर जगह डर का माहौल बन गया.

वह बोली,
जो भी इस शीशे को देखता है, उसे अपनी आत्मा की कीमत चुकानी पडती है. और जो डर के सामने टिक नहीं सकता. उसकी आत्मा हमेशा हवेली में फँस जाएगी।

Rovils ने कांपते हुए पूछा,
यह हवेली क्यों बनी? और यह शीशा क्या है?

Crischen ने धीमे स्वर में कहा,
यह शीशा केवल प्रतिबिंब नहीं है. यह मौत और प्रेतों की दुनिया का दरवाजा है. जो इसे देखता है, उसकी आत्मा धीरे- धीरे इस दुनिया में फँस जाती है. तुमने इसे देख लिया है. अब तुम्हारा सामना होना ही बाकी है।

Dazy ने महसूस किया कि उसकी आत्मा धीरे- धीरे शीशे में खिंच रही है.
Enaya और Rolson ने अपनी आँखें बंद कर लीं, लेकिन शीशा हर डर, हर दर्द और हर अपराध को उजागर कर रहा था.



Chapter छह – मौत की दुनिया में फँसना

Dazy, Enaya, Rovils और Rolson अब शीशे के अंदर की दुनिया में फँस चुके थे. बाहर की हवेली गायब हो चुकी थी. चारों तरफ अँधेरा, खून जैसी हवा, और चीखें गूँज रही थीं.

Rovils ने अपनी आँखें खोली तो उसने देखा कि वह अपने ही डर के साये में फँसा हुआ है.

उसका प्रतिबिंब उसका दुश्मन बन चुका था, और उसे मारने की कोशिश कर रहा था.

Dazy ने महसूस किया कि उसका हाथ किसी अदृश्य शक्ति ने पकड लिया है और वह धीरे- धीरे हवा में उडा जा रहा है.

Enaya की आवाज हवेली की दीवारों में गूँज रही थी, लेकिन कोई उसे सुन नहीं सकता था.


Crischen ने धीरे- धीरे अपनी नीली आँखें चमकाईं और बोली,
जो भी डर के सामने झुकेगा, उसकी आत्मा हमेशा के लिए इस दुनिया में फँस जाएगी।

Rolson ने देखा कि चारों ओर अजीब प्रेत और मृत आत्माएँ घूम रही हैं. उनकी आँखें खून जैसी लाल थीं और हर एक आत्मा उनके डर को चीर रही थी.

Dazy ने हिम्मत जुटाई और कहा,
हमें एक रास्ता ढूँढना होगा. शीशे के बाहर निकलने का कोई तरीका तो होगा!

लेकिन Crischen की आवाज फुसफुसाई,
बाहर कोई नहीं है. तुम अब मेरी दुनिया के हिस्से बन गए हो. और जितना तुम डरोगे. उतना ही तुम दर्द महसूस करोगे।




Chapter सात – दर्दनाक परीक्षण

अब हर एक का सबसे भयंकर डर सामने आया:

Rovils ने देखा कि उसका सबसे प्रिय दोस्त उसकी आँखों के सामने मर रहा है, और वह helpless था.

Dazy को महसूस हुआ कि उसकी आत्मा धीरे- धीरे उसके शरीर से अलग हो रही है, और हर बार जब वह चीखती, उसका दर्द हवेली के हर कोने में फैलता.

Enaya के सामने उसकी सारे गहरे अपराध सामने आ गए – उसने बचपन में जो डर और दुःख महसूस किया था, वही अब उसके सामने जीवित हो गया.

Rolson की परछाई उसे लगातार घूर रही थी, और हर बार उसकी आत्मा पर हाथ रखती तो वह जमीन में धसता चला जाता.


Crischen ने कहा,
यह केवल शुरुआत है. जितना तुम भागोगे, उतना ही अँधेरा बढेगा. डर और पीडा से भागना असंभव है. तुम अब मेरी दासता में हो।

हर दिशा में अजीब दरवाजे और भूतिया रास्ते थे. कोई रास्ता स्थिर नहीं था. यदि कोई दरवाजा खुलता, तो सामने एक और दर्दनाक दृश्य होता.




Chapter आठ – शीशे की गहरी सच्चाई

Dazy ने धीरे से कहा,
मुझे लगता है. शीशा केवल प्रतिबिंब नहीं है. यह हमारी आत्माओं की सबसे गहरी यादों और अपराधों का आईना है. अगर हम डर से लडें, तो ही हम बच सकते हैं।

Crischen हँसी और बोली,
सही कहा, लेकिन हर कोशिश की कीमत तुम्हारी आत्मा का दर्द है. हर डर, हर चीख तुम्हारे भीतर गहरी छाप छोड जाएगी।

Rovils ने देखा कि शीशा अब उनकी अतीत की यादों को तोडकर उन्हें जीवित दहशत में बदल रहा है.

Dazy के सामने उसके बचपन की वह घटना आई जिसमें वह अकेली और डर में थी.

Enaya को उसकी अपनी गलती और दुखद यादें बार- बार झकझोर रही थीं। Chapter नौ – Crischen की सच्चाई

Dazy ने Crischen से पूछा,
तुम कौन हो? और यह हवेली क्यों बनी?

Crischen ने धीमे से कहा:
मैं इस हवेली का रक्षक हूँ. शीशा केवल एक दरवाजा है. जो इसे देखता है, वह मेरी दुनिया में प्रवेश करता है. डर और पीडा से भरी यह दुनिया केवल उन्हीं को छोडती है, जो अपनी रूह की शक्ति समझते हैं. बाकी. हमेशा के लिए फँस जाते हैं।

Rovils ने देखा कि शीशा अब उनके अंदर के डर को बाहर निकाल रहा था.

Dazy का डर उसकी आत्मा को काट रहा था.

Enaya की यादें उसे असली रूप में डरावनी आत्माओं में बदल रही थीं.

Rolson की परछाई अब पूरी तरह उसका पीछा कर रही थी.


Crischen ने कहा,
अब तुम्हें अपना डर देखना होगा. डर के बिना कोई रास्ता नहीं. जो डर के सामने टिक जाएगा, वही जीवित बच पाएगा।




Chapter दस – मौत और भूतों की लडाई

चारों ने अपने डर का सामना करने की कोशिश की.

Dazy ने अपनी चीखों और दर्द को कंट्रोल करके परछाई से लडना शुरू किया.

Enaya ने अपनी पुरानी गलतियों और यादों का सामना किया, जिससे वह धीरे- धीरे शांति महसूस करने लगी, लेकिन शीशा हर पल उसे फिर खींच रहा था.

Rovils ने अपने डर को पहचानते हुए आत्म- विश्वास जुटाया, लेकिन हर कदम पर हवेली के भूत उसे रोक रहे थे.

Rolson अब अपनी परछाई के साथ स्ट्रगल कर रहा था, और हर बार जब वह हारता, हवेली का अँधेरा उसे गहरे खाई में खींच लेता.


Crischen ने कहा:
सभी को अब अपनी आत्मा का मूल्य चुकाना होगा. यह केवल एक परीक्षण नहीं, यह तुम्हारी रूह की परीक्षा है।




Chapter ग्यारह – शीशे के बाहर निकलने की उम्मीद

Dazy ने महसूस किया कि सिर्फ डर का सामना करके ही बाहर निकला जा सकता है. उसने अपने दोस्तों को कहा:
हमें अपने डर का सामना करना होगा. केवल तभी हम बाहर निकल सकते हैं. अगर हम भागे, हमारी आत्मा हमेशा के लिए फँस जाएगी।

चारों ने अपने डर का सामना किया.

Dazy ने अपने डर को देखा और उसे स्वीकार किया.

Enaya ने अपनी गलती और दुःख को स्वीकार किया.

Rovils ने अपने डर का सामना किया और आत्म- विश्वास जुटाया.

Rolson ने अपनी परछाई के डर को समझा और उसे चुनौती दी.


धीरे- धीरे शीशा की सतह साफ होने लगी, और हवेली का अँधेरा थोडा हल्का होने लगा.




Chapter बारह – Crischen का अंत और नई शुरुआत

अंत में, Dazy, Enaya, Rovils और Rolson ने शीशे की दुनिया से बाहर निकलने में सफलता पाई.
Crischen ने मुस्कुराते हुए कहा:
तुमने अपना डर स्वीकार किया. इसलिए तुम जीवित बचे. लेकिन याद रखो. डर हमेशा तुम्हारे भीतर रहेगा. कभी भी हवेली की तरह, यह फिर वापिस आ सकता है।

चारों धीरे- धीरे गाँव की ओर लौटे. हवेली अब दूर की परछाई बन गई थी.

Dazy ने महसूस किया कि उसकी आत्मा में अब एक नई शक्ति और साहस है.

Enaya ने सीखा कि दर्द और गलती का सामना करना ही असली जीत है.

Rovils ने अपनी investigative क्षमता और आत्म- विश्वास को समझा.

Rolson ने अपनी सबसे गहरी डरावनी याद को मात दी.


लेकिन सभी जानते थे. Crischen और काला शीशा हमेशा कहीं न कहीं मौजूद है, और एक दिन फिर से किसी को अपने अँधेरे और दर्द की दुनिया में खींच सकता है.


Rolson अपने भीतर के सबसे गहरे डर के साये में फँसा हुआ था – मौत और अकेलेपन का डर.




Chapter तेरह – Crischen का अँधेरा वापस

रात गहरी और ठंडी थी. गाँव की गलियाँ अब वीरान थीं, जैसे किसी ने समय और आवाजों को रोक दिया हो.
Dazy, Enaya, Rovils और Rolson की आत्माएँ अभी भी पिछले अनुभव से थरथर कांप रही थीं. उन्होंने सोचा कि उन्होंने डर को पार कर लिया है, शीशे की दुनिया से बाहर निकल आए हैं.

लेकिन Crischen का अँधेरा कभी नहीं मरता.




भयानक शुरुआत

Rovils ने रात को गाँव के किनारे देखा कि एक अजीब नीली रोशनी धीरे- धीरे हवेली की ओर बढ रही थी.
देखो. वह रोशनी. यह वही है. Crischen वापस आ रही है! उसने चीखते हुए कहा.

Dazy ने हिम्मत जुटाई, लेकिन उसके हृदय में डर की लहर दौड गई.
हमने उसे हराया था. हमें अब डरना नहीं चाहिए।

लेकिन Enaya ने महसूस किया कि कहीं न कहीं Crischen का शीशा अब उनके सपनों में प्रवेश कर रहा है.

उसने अपनी आँखें बंद कीं, लेकिन फिर भी उसने देखा कि उसके सपनों में उसकी पुरानी गलती जीवित होकर उसके चारों ओर घूम रही थी.

Rolson ने महसूस किया कि उसकी परछाई धीरे- धीरे उसे खींच रही थी, और डर के बिना भी उसे हल्की चोट लग रही थी.


Crischen की आवाज धीरे- धीरे चारों के भीतर गूँजने लगी:
डरने का समय खत्म नहीं हुआ. यह बस शुरुआत है. तुम्हारी आत्माएँ अब मेरी दुनिया में फिर से प्रवेश करने वाली हैं. इस बार. तुम कहीं नहीं बचोगे।




शीशा का नया स्वरूप

अगले पल, वही काला शीशा गाँव के किनारे दिखाई दिया.

पहले की तुलना में यह अधिक जीवित और खतरनाक लग रहा था.

सतह पर न केवल उनके प्रतिबिंब थे, बल्कि उनके भूतपूर्व डर, अपराध और दर्द के रूप भी जिंदा हो गए थे.

हवेली का अँधेरा अब गाँव की सडकों पर फैल रहा था.


Dazy ने महसूस किया कि यदि वे शीशे से नहीं लडेंगे, तो गाँव का पूरा हिस्सा अँधेरे और मौत में फँस जाएगा.

Rovils ने कहा,
हमें अब सिर्फ अपनी हिम्मत नहीं, बल्कि अपने डर को भी नियंत्रित करना होगा. नहीं तो. हम सभी नहीं बचेंगे।

Enaya ने देखा कि उसका प्रतिबिंब अब अलग- अलग रूपों में बदल रहा था – उसकी सबसे गहरी यादें और डर हवेली की दुनिया से भी डरावनी लग रही थीं.

उसके बचपन का वह सपना जिसमें वह अकेली थी

उसकी गलती जिसमें उसने किसी का दिल तोडा

और अब, एक प्रेत बनकर उसका सामना कर रहा था


Rolson ने महसूस किया कि परछाई उसकी आत्मा को धीरे- धीरे निगल रही है, और हर पल वह अपने शरीर में दर्द महसूस कर रहा था.




Crischen की धमकी

Crischen ने धीरे- धीरे चारों के सामने प्रकट होकर कहा:
अब तुम्हें मेरी पूरी दुनिया का सामना करना होगा. केवल डर का सामना करने वाला जीवित रहेगा. बाकी. हमेशा के लिए मेरे अँधेरे में फँस जाएंगे।

और तभी, शीशा फटने लगी.

एक- एक करके उनके डर की यादें बाहर निकलने लगीं

Dazy के सामने उसकी खुद की परछाई उसका पीछा कर रही थी

Enaya को उसके पुराने सपनों के भूत घेरे हुए थे

Rovils और Rolson को उनके गहरे अपराध और डर के भूत सताने लगे


चारों ने महसूस किया कि इस बार उनका सामना अतीत, वर्तमान और भविष्य के डर से होगा.




अत्यधिक psychological torture

Dazy: शीशा में उसने देखा कि उसकी आत्मा धीरे- धीरे काटी जा रही है. उसकी चीख हवेली की दीवारों में गूँज रही थी.

Enaya: उसे बार- बार अपनी गलती और दर्दनाक घटना दिखाई गई. उसकी आत्मा बार- बार फट रही थी.

Rovils: उसका डर उसकी रूह में उतर गया, और हर बार जब वह हिला, हवेली की परछाइयाँ उसे काट रही थीं.

Rolson: उसकी परछाई अब पूरी तरह उसका पीछा कर रही थी, और हर पल उसे अपने भीतर के अँधेरे में खींच रही थी.


Crischen हँसते हुए बोली,
यह केवल शुरुआत है. जितना तुम डरोगे, उतना ही अँधेरा बढेगा. तुम अब मेरी दुनिया के दास हो।




शीशे के भीतर एक नई दुनिया

अब शीशा पूरी तरह उनके चारों के सामने फैल गया.

गाँव की गलियाँ अब अँधेरे और भूतों से भरी हुई थीं

हर कोने में डर और चीखें थीं

हवेली का अँधेरा हर कदम पर बढ रहा था


Dazy ने कहा,
हमें अब डर से लडना होगा. डर को पहचानो और उसे स्वीकार करो. तभी हम बाहर निकल पाएंगे।

Rovils ने अपने डर को समझते हुए आत्म- विश्वास जुटाया.
Enaya ने अपनी गलती और डर का सामना किया.
Rolson ने अपनी परछाई से लडा.

लेकिन शीशा लगातार उनके डर को खींच रहा था.




अंतिम परीक्षण

Crischen ने कहा:
अब तुम्हें अपने सबसे गहरे डर का सामना करना होगा. जो झुकेगा, उसकी आत्मा हमेशा मेरी दुनिया में फँस जाएगी. जो टिकेगा. वही जीवित बचेगा।

Dazy ने देखा कि उसकी परछाई उसके अंदर उतर रही थी.

Enaya की पुरानी यादें भूत बनकर उसके चारों ओर घूम रही थीं.

Rovils की आत्मा का अँधेरा अब वास्तविक रूप में उसके सामने था.

Rolson के डर ने उसकी रूह को लगभग निगल लिया.


चारों ने मिलकर अपने डर का सामना किया. उन्होंने शांति और साहस जुटाया.




Crischen का असली स्वरूप

Crischen ने अपनी असली शक्ति दिखायी:

उसकी नीली आँखें पूरी तरह लाल हो गईं

उसकी मुस्कान अब भूत और अँधेरा बन चुकी थी

हवेली और शीशा पूरी तरह जीवित हो गए, और चारों को अपनी दुनिया में घेर लिया


Dazy ने महसूस किया कि केवल साहस और आत्म- विश्वास ही उन्हें बाहर निकाल सकता है.
Enaya ने अपनी गलती स्वीकार की और डर को चुनौती दी.
Rovils ने अँधेरे से लडते हुए अपनी आत्मा को बचाया.
Rolson ने परछाई को मात दी और अपने भीतर की शक्ति महसूस की.




अंतिम संघर्ष और बाहर निकलना

शीशा धीरे- धीरे टूटने लगी. Crischen ने चीखते हुए कहा:
तुमने इस बार बचने की हिम्मत दिखाई. लेकिन याद रखो. डर और पीडा हमेशा तुम्हारे साथ रहेगी. मैं हमेशा कहीं न कहीं तुम्हारे पास हूँ।

चारों ने मिलकर शीशे की दुनिया से बाहर कदम रखा.

हवेली अब दूर की परछाई बन गई थी

गाँव की गलियाँ फिर से सामान्य दिखने लगीं

Dazy, Enaya, Rovils और Rolson अब थके हुए लेकिन जीवित थे


लेकिन हर किसी के मन में डर और डरावने दृश्य अभी भी मौजूद थे.

Dazy ने कहा,
हमने इसे हराया, लेकिन Crischen हमेशा कहीं न कहीं है. एक दिन फिर से हमारी रूह को चुनौती देगी।




Chapter चौदह – Crischen का अंतिम खेल

रात अब और भी काली और गहरी हो गई थी. हवेली की परछाई अब गाँव के हर कोने में फैल रही थी.
Dazy, Enaya, Rovils और Rolson ने सोचा कि उन्होंने Crischen को हराया, लेकिन अब उन्होंने महसूस किया कि असली खतरा अभी सामने आया है.

Crischen की आवाज धीरे- धीरे चारों के भीतर गूँज रही थी:
तुमने अब तक मेरे छोटे खेल खेले. अब तुम्हें मेरा अंतिम खेल खेलना होगा. जो झुकेगा. उसकी आत्मा हमेशा मेरी दासता में फँस जाएगी।

भयानक संकेत

चारों ने देखा कि हवेली की दीवारों से लाल और नीली रोशनी बाहर आ रही थी.

शीशा अब गाँव के बीच में खडा था, पहले से और भी डरावना

हवेली की परछाई अब हर व्यक्ति की आत्मा में प्रवेश कर रही थी

डर और दर्द हवा में घुल रहे थे


Rovils ने कहा,
यह कोई साधारण शीशा नहीं. यह हर चीज को महसूस कर सकता है. हर डर, हर दोष, हर गलती।

Enaya ने महसूस किया कि उसकी गलती अब भूत बनकर उसके चारों ओर घूम रही है.
Dazy ने अपने हाथ ऊपर उठाए, अपने डर का सामना किया और कहा,
हमें मिलकर इसका सामना करना होगा. डर हमें नहीं रोक सकता!




भयंकर परीक्षण

Crischen ने अपनी असली शक्ति दिखाना शुरू किया:

चारों के सबसे गहरे डर शीशे में जीवित हो गए

Dazy के सामने उसका सबसे बडा डर – अकेलापन और मौत – उभर आया

Enaya के चारों ओर उसकी गलतियों के भूत घूम रहे थे

Rovils की आत्मा उसके अंदर के डर में फँस रही थी

Rolson की परछाई अब पूरी तरह उसका पीछा कर रही थी


Crischen बोली:
अब तुम्हें अपनी रूह की गहराई तक उतरना होगा. डर का सामना करना और स्वीकार करना ही तुम्हारा जीवन बचा सकता है।

चारों ने हिम्मत जुटाई.

Dazy ने अपनी चीखों और डर को नियंत्रित किया

Enaya ने गलती और डर का सामना किया

Rovils ने आत्म- विश्वास से अँधेरे का सामना किया

Rolson ने परछाई के डर को चुनौती दी





अत्यधिक डरावना दृश्य

Dazy की परछाई उसे पकडने की कोशिश कर रही थी, हर बार उसे हवा में उठाती और फर्श पर गिराती

Enaya के भूत उसके चारों ओर घूम रहे थे, उसकी चीखों से हवेली और गाँव गूँज रहे थे

Rovils के डर ने उसे लगभग निगल लिया, लेकिन उसने आखिरी दम तक लडाई जारी रखी

Rolson का डर पूरी तरह उसकी आत्मा में उतर गया, और हर कदम पर उसे दर्द और पीडा महसूस हुई


Crischen हँसते हुए बोली,
यह केवल शुरुआत थी. अंत अब आएगा. जो डर का सामना नहीं करेगा. उसकी आत्मा हमेशा मेरी होगी।




Chapter पंद्रह – अंतिम संघर्ष और डर का अंत

अब चारों ने महसूस किया कि बचने का एक ही रास्ता है – Crischen के अँधेरे का सामना करना.

अंतिम योजना

Dazy ने कहा,
हमारी ताकत सिर्फ हमारी हिम्मत और विश्वास में है. हमें अपने डर का सामना करना होगा, और एक साथ रहना होगा।

चारों ने एक- दूसरे का हाथ पकड लिया.

Dazy ने अपने डर का सामना किया

Enaya ने अपनी गलती और पीडा को स्वीकार किया

Rovils ने अपने भीतर के अँधेरे को चुनौती दी

Rolson ने अपनी परछाई को मात दी


Crischen का सामना

Crischen ने खुद को चारों के सामने प्रकट किया.

उसकी नीली आँखें अब लाल हो चुकी थीं

मुस्कान अब भूतिया और डरावनी बन चुकी थी

हवेली की परछाई अब चारों के चारों ओर घूम रही थी


Dazy ने कहा,
तुम हमें डराकर नहीं रख सकती. डर और अँधेरा हमारे भीतर नहीं होगा।

Crischen ने चीखते हुए कहा,
तुम समझ नहीं सकते कि डर क्या है. यह हमेशा तुम्हारे भीतर रहेगा!

लेकिन जैसे ही चारों ने एक साथ अपने डर और दर्द का सामना किया, शीशा धीरे- धीरे टूटने लगा.

हवेली की परछाई कम होने लगी

भूत और अँधेरे गायब होने लगे

Crischen की शक्ति धीरे- धीरे कम होती गई


अंतिम क्षण

चारों ने अपनी आखिरी शक्ति जुटाई और शीशे में झांक कर कहा:
हमारा डर अब हमारा मालिक नहीं होगा. हमारी आत्मा हमारी है।

शीशा फट गया. Crischen की चीख हवेली में गूँज रही थी, लेकिन धीरे- धीरे वह अँधेरे में विलीन हो गई.

गाँव के लोग बाहर आए और देखा कि हवेली शांत और खाली हो गई है

Dazy, Enaya, Rovils और Rolson थके हुए लेकिन जीवित थे

सभी ने महसूस किया कि Crischen हमेशा कहीं न कहीं है, लेकिन अब उनका डर और साहस उन्हें बचा सकता है







Dazy ने दोस्तों को देखा और कहा:
हमने इसे हराया. लेकिन याद रखो, डर हमेशा हमारे भीतर रहेगा. और अगर हम कमजोर होंगे. Crischen फिर लौट सकती है।

Enaya ने सिर हिलाया,
हमने ना केवल डर का सामना किया, बल्कि अपनी आत्मा की ताकत को भी जाना।

Rovils ने कहा,
हमारे भीतर जो भय था, वह अब हमारे साहस में बदल गया. Crischen अब केवल एक याद बन गई है।

Rolson ने अपने हाथ उठाकर कहा,
हम बाहर हैं, और अब हमें डर से जीतना आ गया है।

चारों ने गाँव की ओर कदम बढाए, लेकिन शीशे की परछाई और Crischen की शक्ति हमेशा उनके भीतर बनी रही.

यह कहानी खत्म नहीं हुई

यह केवल एक नए डर और साहस की शुरुआत थी


Dazy, Enaya, Rovils और Rolson ने सोचा कि Crischen को हराया. लेकिन रात के अँधेरे में अचानक वही नीली रोशनी दिखाई दी. हवेली की परछाइयाँ गाँव में फैल गईं. शीशा, अब और भी जीवित, उनके सबसे गहरे डर को बाहर खींच रहा था. Dazy ने डर को गले लगाया, Enaya ने अपनी गलती स्वीकार की, Rovils ने अँधेरों का सामना किया, और Rolson ने अपनी परछाई को चुनौती दी. शीशा फट गया, Crischen चीखती हुई गायब हो गई. लेकिन चारों जानते थे—यह केवल विराम है; अँधेरा हमेशा कहीं न कहीं उनका इंतजार करता रहेगा.
💫💫

Chapter अठारह – हवेली का अंतिम जाल

रात अब अंधेरे और ठंडी हवाओं से और भी खतरनाक हो गई थी. गाँव के ऊपर घनी काली धुंध फैल गई थी. हवेली की परछाई अब जंगल और गलियों में फैल चुकी थी, और हर कोने में फुसफुसाहटें सुनाई दे रही थीं.

Dazy ने धीरे- धीरे कहा,
हमने सोचा था कि Crischen को हराया, लेकिन यह सिर्फ शुरुआत थी. यह अंधेरा. हमारे पीछे है।

Enaya कांपते हुए बोली,
Dazy. मैं अपने डर को महसूस कर सकती हूँ. यह अब हमारे भीतर उतर रहा है. हमारी आत्माएँ हमारी नहीं रहीं।

Rovils ने टूटे हुए शीशों को देखा जो हवेली के चारों ओर बिखरे थे.
यह शीशा अब जीवित है. यह हर डर को बाहर ला रहा है. देखो, हमारी परछाइयाँ. वे जिंदा हो गई हैं!

Rolson ने चीखते हुए कहा,
मुझे छोड दो! मेरी आत्मा मेरी है. मेरी!
लेकिन हवेली की परछाई उसे उठा रही थी और फर्श पर पटक रही थी.




भूतिया माहौल और डर

चारों के चारों ओर हवेली की दीवारें जीवित प्रेतों की तरह हिल रही थीं.

हवा में खून की गंध और चीखें गूँज रही थीं

दीवारों से हाथ और चेहरा बाहर आकर पकडने की कोशिश कर रहे थे

जमीन के नीचे से काले साये उभर रहे थे, हर कदम पर उन्हें खींच रहे थे


Dazy ने देखा कि उसकी परछाई अब अलग रूप ले चुकी थी.

हाथ नुकीले हो गए

चेहरे पर अजीब मुस्कान थी

उसकी हर हरकत का मजाक उडा रही थी


Enaya की चीख हवेली में गूँज रही थी.
नहीं. मुझे मत पकडो. मुझे मत!
लेकिन उसकी परछाई उसे कसकर पकड चुकी थी.

Rovils ने महसूस किया कि उसके डर की यादें भूत बनकर उसके चारों ओर घूम रही थीं.

बचपन का अकेलापन

पुरानी गलती

मौत और अकेलापन
सभी उसकी आत्मा को घेर चुके थे.


Rolson जमीन पर गिरा और चीखा,
मुझे छोड दो! मेरी आत्मा मेरी है. मेरी!
लेकिन उसकी परछाई ने उसे हवा में उठाया और फर्श पर पटक दिया.




Crischen की धमकी और संवाद

Crischen की आवाज हवेली की दीवारों में गूँज उठी.
तुमने अब तक बचने की कोशिश की, लेकिन अब तुम्हें मेरी पूरी शक्ति का सामना करना होगा. जो डर का सामना नहीं करेगा. उसकी आत्मा हमेशा मेरी दुनिया में फँस जाएगी।

Dazy ने चीखते हुए कहा,
हम डरेंगे नहीं! हमारी आत्माएँ हमारी हैं, तुम्हारा खेल खत्म हो गया।

Crischen ने हँसते हुए कहा,
साहस दिखाना आसान है. जब तुम्हारा डर तुम्हारे भीतर उतर रहा हो, तब देखेंगे।

Enaya ने डर और दर्द को महसूस करते हुए कहा,
हमने अपनी गलती और डर को स्वीकार किया. अब हमारी ताकत वही है।

Rovils ने जोर से कहा,
तुम हमें अपनी दुनिया में नहीं खींच सकती!

Rolson ने अपनी परछाई को चुनौती दी,
तुम हमारे भीतर नहीं उतर सकती!




भयंकर संघर्ष

Dazy की परछाई उसके शरीर से अलग होकर हवेली में घूम रही थी. हर बार जब वह हिला, हवेली की दीवारें उसे चोट पहुँचा रही थीं.

Enaya के चारों ओर उसकी गलती और दर्दनाक यादें भूत बनकर घूम रही थीं.

Rovils का डर उसे जमीन में दबा रहा था.

Rolson की परछाई अब उसकी आत्मा को खींच रही थी, उसे हवा में उठाकर फर्श पर पटक रही थी.


चारों ने आखिरी शक्ति जुटाई.

Dazy ने चीखा,
हम डर से नहीं मरेंगे! हमारी आत्मा हमारी है!

Enaya ने कहा,
हमारी गलती और डर अब हमारी ताकत है!

Rovils ने कहा,
हवेली तुम्हें अपनी नहीं बनने देगी!

Rolson ने चुनौती दी,
हमारे भीतर नहीं उतर सकती!




शीशे का टूटना और अँधेरा कम होना

जैसे ही चारों ने अपने डर और दर्द का सामना किया, शीशा धीरे- धीरे फटने लगा.

Crischen चीखती हुई हवेली में घुल गई

परछाइयाँ हवा में बिखर गईं

हवेली का अँधेरा कम होने लगा


लेकिन चारों जानते थे कि यह केवल विराम है. Crischen हमेशा कहीं न कहीं मौजूद रहती है.

Dazy ने कहा,
हमने इसे हराया, लेकिन डर हमारे भीतर हमेशा रहेगा. और अगर हम कमजोर होंगे. यह फिर लौट आएगी।

Enaya ने धीरे कहा,
हमने ना केवल डर का सामना किया, बल्कि अपनी आत्मा की ताकत जान ली।

Rovils और Rolson ने सिर हिलाया.
हम जीवित हैं. लेकिन हवेली और Crischen की याद हमेशा हमारे भीतर रहेगी।

चारों गाँव की ओर लौटे. हवेली अब केवल डरावनी परछाई बन गई थी.
लेकिन हवा में अभी भी चीखें और फुसफुसाहटें मौजूद थीं.



Chapter अठारह – हवेली का अंतिम जाल

रात अब अंधेरे और ठंडी हवाओं से और भी खतरनाक हो गई थी. गाँव के ऊपर घनी काली धुंध फैल गई थी. हवेली की परछाई अब जंगल और गलियों में फैल चुकी थी, और हर कोने में फुसफुसाहटें सुनाई दे रही थीं.

Dazy ने धीरे- धीरे कहा,
हमने सोचा था कि Crischen को हराया, लेकिन यह सिर्फ शुरुआत थी. यह अंधेरा. हमारे पीछे है।

Enaya कांपते हुए बोली,
Dazy. मैं अपने डर को महसूस कर सकती हूँ. यह अब हमारे भीतर उतर रहा है. हमारी आत्माएँ हमारी नहीं रहीं।

Rovils ने टूटे हुए शीशों को देखा जो हवेली के चारों ओर बिखरे थे.
यह शीशा अब जीवित है. यह हर डर को बाहर ला रहा है. देखो, हमारी परछाइयाँ. वे जिंदा हो गई हैं!

Rolson ने चीखते हुए कहा,
मुझे छोड दो! मेरी आत्मा मेरी है. मेरी!
लेकिन हवेली की परछाई उसे उठा रही थी और फर्श पर पटक रही थी.




भूतिया माहौल और डर

चारों के चारों ओर हवेली की दीवारें जीवित प्रेतों की तरह हिल रही थीं.

हवा में खून की गंध और चीखें गूँज रही थीं

दीवारों से हाथ और चेहरा बाहर आकर पकडने की कोशिश कर रहे थे

जमीन के नीचे से काले साये उभर रहे थे, हर कदम पर उन्हें खींच रहे थे


Dazy ने देखा कि उसकी परछाई अब अलग रूप ले चुकी थी.

हाथ नुकीले हो गए

चेहरे पर अजीब मुस्कान थी

उसकी हर हरकत का मजाक उडा रही थी


Enaya की चीख हवेली में गूँज रही थी.
नहीं. मुझे मत पकडो. मुझे मत!
लेकिन उसकी परछाई उसे कसकर पकड चुकी थी.

Rovils ने महसूस किया कि उसके डर की यादें भूत बनकर उसके चारों ओर घूम रही थीं.

बचपन का अकेलापन

पुरानी गलती

मौत और अकेलापन
सभी उसकी आत्मा को घेर चुके थे.


Rolson जमीन पर गिरा और चीखा,
मुझे छोड दो! मेरी आत्मा मेरी है. मेरी!
लेकिन उसकी परछाई ने उसे हवा में उठाया और फर्श पर पटक दिया.




Crischen की धमकी और संवाद

Crischen की आवाज हवेली की दीवारों में गूँज उठी.
तुमने अब तक बचने की कोशिश की, लेकिन अब तुम्हें मेरी पूरी शक्ति का सामना करना होगा. जो डर का सामना नहीं करेगा. उसकी आत्मा हमेशा मेरी दुनिया में फँस जाएगी।

Dazy ने चीखते हुए कहा,
हम डरेंगे नहीं! हमारी आत्माएँ हमारी हैं, तुम्हारा खेल खत्म हो गया।

Crischen ने हँसते हुए कहा,
साहस दिखाना आसान है. जब तुम्हारा डर तुम्हारे भीतर उतर रहा हो, तब देखेंगे।

Enaya ने डर और दर्द को महसूस करते हुए कहा,
हमने अपनी गलती और डर को स्वीकार किया. अब हमारी ताकत वही है।

Rovils ने जोर से कहा,
तुम हमें अपनी दुनिया में नहीं खींच सकती!

Rolson ने अपनी परछाई को चुनौती दी,
तुम हमारे भीतर नहीं उतर सकती!




भयंकर संघर्ष

Dazy की परछाई उसके शरीर से अलग होकर हवेली में घूम रही थी. हर बार जब वह हिला, हवेली की दीवारें उसे चोट पहुँचा रही थीं.

Enaya के चारों ओर उसकी गलती और दर्दनाक यादें भूत बनकर घूम रही थीं.

Rovils का डर उसे जमीन में दबा रहा था.

Rolson की परछाई अब उसकी आत्मा को खींच रही थी, उसे हवा में उठाकर फर्श पर पटक रही थी.


चारों ने आखिरी शक्ति जुटाई.

Dazy ने चीखा,
हम डर से नहीं मरेंगे! हमारी आत्मा हमारी है!

Enaya ने कहा,
हमारी गलती और डर अब हमारी ताकत है!

Rovils ने कहा,
हवेली तुम्हें अपनी नहीं बनने देगी!

Rolson ने चुनौती दी,
हमारे भीतर नहीं उतर सकती!




शीशे का टूटना और अँधेरा कम होना

जैसे ही चारों ने अपने डर और दर्द का सामना किया, शीशा धीरे- धीरे फटने लगा.

Crischen चीखती हुई हवेली में घुल गई

परछाइयाँ हवा में बिखर गईं

हवेली का अँधेरा कम होने लगा


लेकिन चारों जानते थे कि यह केवल विराम है. Crischen हमेशा कहीं न कहीं मौजूद रहती है.

Dazy ने कहा,
हमने इसे हराया, लेकिन डर हमारे भीतर हमेशा रहेगा. और अगर हम कमजोर होंगे. यह फिर लौट आएगी।

Enaya ने धीरे कहा,
हमने ना केवल डर का सामना किया, बल्कि अपनी आत्मा की ताकत जान ली।

Rovils और Rolson ने सिर हिलाया.
हम जीवित हैं. लेकिन हवेली और Crischen की याद हमेशा हमारे भीतर रहेगी।

चारों गाँव की ओर लौटे. हवेली अब केवल डरावनी परछाई बन गई थी.
लेकिन हवा में अभी भी चीखें और फुसफुसाहटें मौजूद थीं.



Chapter उन्नीस – Crischen का असली रूप

रात इतनी काली थी कि आँखों को भी अँधेरा घेर रहा था. हवेली अब केवल दीवार और छत नहीं थी, बल्कि जीवित प्रेतों और परछाइयों का अँधेरा बन गई थी.

Dazy ने काँपते हुए कहा,
हमने सोचा कि यह खत्म हो गया, लेकिन. यह और भी भयानक लग रहा है. यह सिर्फ शुरुआत है।

Enaya ने फुसफुसाया,
हवेली. हमारे डर और दर्द को महसूस कर रही है. हर चीख हमारी आत्माओं में उतर रही है।

Rovils ने देखा कि शीशा अब मृत्यु के आकार में बदल रहा है, और परछाइयाँ उसमें फँस रही थीं.
यह अब केवल शीशा नहीं रहा. यह. जीवित हो गया है. यह हमारी आत्मा को निगलना चाहता है।

Rolson चीखते हुए बोला,
हमें यहां से भागना होगा. जल्दी!
लेकिन हवेली ने उनके कदम रोक दिए. दीवारें खुद को उनके चारों ओर कस रही थीं.




Crischen की असली ताकत

Crischen प्रकट हुई. उसकी नीली आँखें अब लाल हो चुकी थीं और उसके चेहरे पर भूतिया मुस्कान थी.

उसके हाथ लंबे और नुकीले हो गए थे

उसकी परछाई अब चारों के चारों ओर घूम रही थी

उसकी आवाज हवेली की दीवारों से गूँज रही थी, जैसे अंतिम मौत की चेतावनी


तुमने अब तक बचने की कोशिश की, लेकिन अब तुम्हें मेरी पूरी शक्ति का सामना करना होगा. जो डर का सामना नहीं करेगा. उसकी आत्मा हमेशा मेरी होगी।

Dazy ने चीखा,
हम डरेंगे नहीं! हमारी आत्माएँ हमारी हैं!

Enaya ने कहा,
हमारी गलती और डर अब हमारी ताकत है!

Rovils ने कहा,
हवेली तुम्हें हमारी आत्माओं में नहीं रहने देगी!

Rolson ने चुनौती दी,
हमारे भीतर नहीं उतर सकती!




भयंकर death traps

Crischen ने हवेली को हिलाया. दीवारों से नुकीले कांटे बाहर आए, फर्श पर अंधेरे साये घूम रहे थे.

Dazy के सामने उसकी परछाई ने हथियार पकड लिए और हमला किया

Enaya के चारों ओर भूत उसकी गलती और डर को मारने की कोशिश कर रहे थे

Rovils जमीन में दबता रहा, पर हर कदम पर भूतों और shadows उसे खींच रहे थे

Rolson की परछाई उसकी आत्मा को ऊपर उठाकर फर्श पर पटक रही थी


चारों ने आखिरी शक्ति जुटाई. उन्होंने अपने डर का सामना किया.

Dazy ने चीखा,
हम डर से नहीं मरेंगे! हमारी आत्मा हमारी है!

Enaya ने कहा,
हमारी गलती और डर अब हमारी ताकत है!

Rovils ने कहा,
हवेली तुम्हें अपनी नहीं बनने देगी!

Rolson ने चुनौती दी,
हमारे भीतर नहीं उतर सकती!




Chapter बीस – अंतिम मुकाबला और विजय

चारों ने एक साथ अपनी शक्ति और साहस का उपयोग किया. शीशा धीरे- धीरे फटने लगा.

Crischen चीखती हुई हवेली में घुल गई

परछाइयाँ हवा में बिखर गईं

हवेली का अँधेरा कम होने लगा


लेकिन Crischen ने आखिरी बार चीखा,
तुमने मुझसे हिम्मत दिखाई, लेकिन यह केवल विराम है. मैं हमेशा कहीं न कहीं मौजूद रहूँगी।

Dazy ने कहा,
हमने इसे हराया, लेकिन डर हमारे भीतर हमेशा रहेगा. और अगर हम कमजोर होंगे. यह फिर लौट आएगी।

Enaya ने धीरे कहा,
हमने ना केवल डर का सामना किया, बल्कि अपनी आत्मा की ताकत जान ली।

Rovils और Rolson ने सिर हिलाया.
हम जीवित हैं. लेकिन हवेली और Crischen की याद हमेशा हमारे भीतर रहेगी।

चारों गाँव की ओर लौटे. हवेली अब केवल एक डरावनी परछाई बन गई थी.
लेकिन हवा में अभी भी चीखें और फुसफुसाहटें मौजूद थीं.

यह सिर्फ विराम था, अंत नहीं.


Dazy ने देखा, नीली रोशनी कहीं दूर से चमक रही थी.
यह खत्म नहीं हुआ. एक दिन फिर. हमें चुनौती देगी।

Enaya ने सिर हिलाया.
हम डरेंगे नहीं. हम तैयार हैं. और इस बार हम उसे हराने की पूरी ताकत जुटाएंगे।

Rovils ने कहा,
हवेली अब हमारी नहीं, लेकिन उसकी याद हमें हमेशा सचेत रखेगी।

Rolson ने आखिरी बार कहा,
हम जीवित हैं. और अब हमारे भीतर जो साहस है, वह किसी अँधेरे को हरा सकता है।




यदि आप चाहो तो मैं इस कहानी का Extended Ultimate Horror Version बना दूँ जिसमें:

Crischen की वापसी के नए रूप

Extreme death traps

Maximum terror और suspense

Psychological horror और brutal final showdown
Chapter इक्कीस – अँधेरा बढता है

रात अब इतना घना और ठंडा था कि हवा में चलती हर सांस डर की गूँज छोड रही थी. हवेली के चारों ओर नीली और लाल रोशनी झिलमिला रही थी. चारों – Dazy, Enaya, Rovils और Rolson – गाँव की ओर लौट रहे थे, लेकिन उनके भीतर डर और अतीत की यादें अब भी जीवित थीं.

अचानक धुंध में से तीन नई परछाइयाँ उभरीं. उनके नाम थे:

Talan – एक अजीब भूतिया युवक, जिसके चेहरे पर हमेशा अजीब मुस्कान और आँखों में अंधेरा था.

Mira – लडकी, जिसकी आवाज हवेली में गूँजते ही लोगों को पागल कर देती थी.

Kiran – युवा लडका, जिसकी छाया अपने मालिक से स्वतंत्र हो चुकी थी.


Dazy ने धीरे कहा,
कौन. कौन है यह? हमने तो Crischen को हराया नहीं था?

Talan की आवाज हवा में गूँजी,
हम हमेशा यहां थे. बस अब तुम्हें डराने का समय है।

Mira ने चीखते हुए कहा,
तुम हमारे खेल के हिस्से हो. और अब तुम्हारे डर को हमेशा के लिए निगल लेंगे।

Rovils ने कहा,
ये कौन हैं? हमारे पास पहले से ही Crischen का डर काफी था!

Rolson ने देखा कि हवेली की परछाइयाँ अब नई शक्तियों के साथ बढ गई थीं.

हर दीवार पर अचानक हाथ निकल रहे थे

खून की बूंदें हवा में तैर रही थीं

shadows हर कदम पर उनके चारों ओर फैल रही थीं





भयानक वातावरण

Enaya की परछाई अब Mira के डर और चीखों से डरावनी हो गई थी

Dazy की आत्मा पर Talan का अजीब प्रभाव पड रहा था

Rovils की आत्मा Kiran की परछाई से खींची जा रही थी

Rolson के चारों ओर अजीब साये घूम रहे थे, जो उसका पीछा कर रहे थे


Enaya ने धीरे- धीरे कहा,
हमारे डर अब हमारे भीतर नहीं. हवेली में फैल चुके हैं. यह अब हमारी आत्माओं को निगलने आया है।

Dazy ने चीखा,
हम डरेंगे नहीं! हम चारों मिलकर इसका सामना करेंगे!

Talan हँसते हुए बोला,
साहस दिखाना आसान है, जब डर तुम्हारे भीतर उतर रहा हो. लेकिन तुम अब हमारी ताकत से नहीं बच सकते।




भूतिया संघर्ष और चीखें

हवेली की दीवारें अब जीवित प्रेतों की तरह हिल रही थीं.

Dazy को उसकी परछाई और Talan ने एक साथ घेरा

Enaya को Mira के भूत उसके भीतर घुसने की कोशिश कर रहे थे

Rovils जमीन में दबा हुआ था, Kiran की shadow हर कदम में उसे खींच रही थी

Rolson पर चारों ओर अजीब shadows टूट पड रही थीं, उसे हवा में उठाकर पटक रही थीं


चारों ने अपनी आखिरी शक्ति जुटाई.

Dazy ने चीखा,
हम डर से नहीं मरेंगे! हमारी आत्मा हमारी है!

Enaya ने कहा,
हमारी गलती और डर अब हमारी ताकत है!

Rovils ने कहा,
हवेली तुम्हें हमारी नहीं बनने देगी!

Rolson ने चुनौती दी,
हमारे भीतर नहीं उतर सकती!




Crischen की वापसी का संकेत

जैसे ही चारों ने अपने डर का सामना किया, हवेली की परछाइयों में नीली रोशनी फिर चमकी.

Crischen का हँसता चेहरा दिखाई दिया

उसके हाथ लंबे और नुकीले हो गए

उसका अँधेरा अब Talan, Mira और Kiran की शक्तियों से जुड गया


Crischen ने कहा,
तुमने नए डर का सामना किया, लेकिन यह केवल शुरुआत है. मैं हमेशा लौटूंगी. और हर बार तुम्हारा डर और दर्द बढ जाएगा।

Dazy ने देखा कि हवेली अब अत्यधिक खतरनाक और मृत्युदायक जाल बन चुकी थी.
Chapter बाईस – Crischen का असली रूप

रात अब इतनी काली थी कि आँखें भी अँधेरे में खो जाती थीं. हवेली की दीवारें अब केवल पत्थर नहीं, बल्कि जीवित अँधेरा बन चुकी थीं. नीली और लाल रोशनी हवेली के हर कोने में झिलमिला रही थी.

Dazy, Enaya, Rovils और Rolson ने देखा कि Crischen ने अपनी असली ताकत प्रकट कर दी थी.

उसका चेहरा अब भूतिया और विकृत था, आँखों में लाल आग

हाथ लंबे, नुकीले और भयानक हो गए

उसकी परछाई अब चारों के चारों ओर फैल चुकी थी

हवेली की परछाइयाँ अब नई प्रेत शक्तियों से जुड गई थीं


Crischen ने कहा,
तुमने पहले जितना भी डर देखा, वह केवल शुरुआती था. अब तुम्हें मेरी पूरी ताकत का सामना करना होगा. जो डर का सामना नहीं करेगा. उसकी आत्मा हमेशा मेरी होगी।

Enaya ने कांपते हुए कहा,
Dazy. यह अब हमारे भीतर उतर रहा है. हमारी आत्माएँ हमारी नहीं रहीं।




भूतिया माहौल

दीवारों से हाथ बाहर निकल रहे थे, फर्श पर shadows घूम रही थीं

हवा में चीखें और फुसफुसाहटें लगातार गूँज रही थीं

Dazy की परछाई अलग होकर जीवित प्रेत बन चुकी थी

Enaya के चारों ओर उसकी गलती और दर्दनाक यादें भूत बन गईं

Rovils की shadow उसे जमीन में दबा रही थी

Rolson की आत्मा को अजीब shadows उठा रही थीं और पटक रही थीं


Talan, Mira और Kiran अब Crischen की शक्ति में शामिल हो गए थे.
Talan ने हँसते हुए कहा,
अब तुम्हारा अंत नजदीक है. डर और दर्द तुम्हें निगलेंगे।

Mira ने चीखते हुए कहा,
हमारा खेल अभी खत्म नहीं हुआ. और तुम इसमें फँस चुके हो।

Kiran की परछाई Rovils पर टूट पडी, जमीन में उसे खींच रही थी.




Chapter तेईस – भयानक संघर्ष

चारों ने अपनी आखिरी शक्ति जुटाई.

Dazy ने चीखा,
हम डर से नहीं मरेंगे! हमारी आत्मा हमारी है!

Enaya ने कहा,
हमारी गलती और डर अब हमारी ताकत है!

Rovils ने कहा,
हवेली तुम्हें हमारी नहीं बनने देगी!

Rolson ने चुनौती दी,
हमारे भीतर नहीं उतर सकती!

लेकिन Crischen ने हँसते हुए कहा,
तुम जो भी करोगे, डर और अँधेरा तुम्हें घेरता रहेगा. अब तुम्हें अपने डर और मृत्यु का सामना करना होगा।

Dazy के सामने उसकी परछाई और Talan ने हमला किया

Enaya के चारों ओर Mira के भूत उसकी आत्मा में प्रवेश कर रहे थे

Rovils की shadow जमीन में उसे दबा रही थी

Rolson की आत्मा अजीब shadows में फँस रही थी


चारों ने अपनी आखिरी हिम्मत से विरोध किया.




Chapter चौबीस – Death Traps और चीखें

हवेली अब extreme death traps में बदल चुकी थी.

दीवारें अचानक गिर रही थीं, और फर्श से कांटे निकल रहे थे

shadows चारों के चारों ओर घूम रहे थे

खून की बूंदें हवा में तैर रही थीं

भूत उनके डर और गलती से मजबूत हो रहे थे


Dazy ने देखा कि उसका डर अब पूरी तरह भूत बनकर हमला कर रहा था.
Enaya ने चीखते हुए कहा,
मुझे मत छोडो. मुझे मत!
लेकिन भूत उसके चारों ओर घूम रहे थे.

Rovils जमीन में दबा हुआ था और Kiran की shadow उसे खींच रही थी.
Rolson की परछाई अब पूरी तरह उसकी आत्मा को पकड चुकी थी.

चारों ने एक साथ जोर लगाया.

Dazy ने चीखा,
हम डर से नहीं मरेंगे!
Enaya ने कहा,
हमारी ताकत हमारी गलती और डर है!
Rovils ने कहा,
हम हवेली की पकड में नहीं आएंगे!
Rolson ने कहा,
हमारे भीतर नहीं उतर सकती!




Chapter पच्चीस – अंतिम मुकाबला और विजय

चारों ने अपने डर और दर्द का सामना किया.
शीशा धीरे- धीरे फटने लगा.

Crischen चीखती हुई हवेली में घुल गई

Talan, Mira और Kiran की shadows बिखर गईं

दीवारें और floor अब शांत हो गए


Crischen ने आखिरी बार कहा,
तुमने मुझसे हिम्मत दिखाई, लेकिन याद रखो. मैं हमेशा कहीं न कहीं मौजूद रहूँगी।

Dazy ने कहा,
हमने इसे हराया, लेकिन डर हमारे भीतर हमेशा रहेगा।

Enaya ने कहा,
हमने ना केवल डर का सामना किया, बल्कि अपनी आत्मा की ताकत जान ली।

Rovils और Rolson ने सिर हिलाया.
हम जीवित हैं. लेकिन हवेली और Crischen की याद हमेशा हमारे भीतर रहेगी।

चारों गाँव की ओर लौटे. हवेली अब केवल एक डरावनी परछाई बन गई थी.
लेकिन हवा में अभी भी चीखें और फुसफुसाहटें मौजूद थीं.

यह सिर्फ विराम था, अंत नहीं.


Dazy ने देखा नीली रोशनी कहीं दूर से चमक रही थी.
यह खत्म नहीं हुआ. एक दिन फिर. हमें चुनौती देगी।

Enaya ने सिर हिलाया.
हम डरेंगे नहीं. हम तैयार हैं. इस बार हम उसे पूरी ताकत से हराएंगे।




अगर आप चाहो तो मैं इसे और भी Extended Epic Horror Version में ले जाऊँ, जहाँ:

Crischen की ultimate वापसी

नए supernatural creatures
Chapter छब्बीस – Crischen की वापसी

जैसे ही चारों गाँव की ओर लौटे, नीली रोशनी धीरे- धीरे दूर से उनके पीछे बढ रही थी.

Dazy ने महसूस किया कि हवेली और Crischen की ताकत अब उनके अंदर की यादों और डर में गहरी उतर गई है.

Enaya ने कहा,
यह खत्म नहीं हुआ. यह डर अब हमारे भीतर हमेशा रहेगा।


अचानक अँधेरे में से तीन नए चेहरे उभर आए:

Nox – अंधकार का जीव, जिसकी छाया खुद को अलग करके हमला कर सकती थी

Lyra – लडकी, जिसकी चीख सुनते ही मनुष्य पागल हो जाते थे

Orion – विशाल, भूतिया प्रेत, जिसकी छाया जमीन और हवेली दोनों में फैल रही थी


Rovils ने कांपते हुए कहा,
ये. ये सब Crischen के साथ हैं! अब हम अकेले नहीं हैं।

Rolson ने कहा,
हमें मिलकर इसका सामना करना होगा. डर को हराना होगा।




भयानक माहौल

हवेली की परछाइयाँ अब गाँव के हर कोने में फैल रही थीं

shadows चारों के चारों ओर घूम रही थीं, हर कदम पर खींच रही थीं

हवा में चीखें और फुसफुसाहटें लगातार गूँज रही थीं

खून की बूंदें जमीन और हवा में तैर रही थीं


Dazy की परछाई अब Talan और Nox से जुड गई थी.
Enaya के चारों ओर Mira और Lyra की shadows घूम रही थीं.
Rovils और Rolson को Orion की विशाल shadow ने घेर लिया था.

Dazy ने चीखा,
हम डर से नहीं मरेंगे! हमारी आत्मा हमारी है!

Enaya ने कहा,
हमारी गलती और डर अब हमारी ताकत है!

Rovils ने कहा,
हवेली तुम्हें हमारी नहीं बनने देगी!

Rolson ने चुनौती दी,
हमारे भीतर नहीं उतर सकती!




भयंकर संघर्ष

Dazy को उसकी परछाई और Nox ने चारों तरफ से घेरा

Enaya के चारों ओर Mira और Lyra के भूत घूम रहे थे

Rovils जमीन में दबा हुआ था और Orion की shadow उसे खींच रही थी

Rolson के चारों ओर अजीब shadows टूट पड रही थीं, उसे हवा में उठाकर पटक रही थीं


चारों ने अपनी आखिरी शक्ति जुटाई.

Dazy ने चीखा,
हम डर से नहीं मरेंगे!

Enaya ने कहा,
हमारी ताकत हमारी गलती और डर है!

Rovils ने कहा,
हम हवेली की पकड में नहीं आएंगे!

Rolson ने कहा,
हमारे भीतर नहीं उतर सकती!





अंतिम showdown

शीशा फटने लगा और हवेली का अँधेरा टूटने लगा.

Crischen चीखती हुई हवा में विलीन हो गई

Talan, Mira, Kiran, Nox, Lyra और Orion की shadows बिखर गईं

दीवारें अब शांत हो गईं, लेकिन हवा में अभी भी फुसफुसाहटें थीं


Dazy ने कहा,
हमने इसे हराया. लेकिन डर हमारे भीतर हमेशा रहेगा।

Enaya ने कहा,
हमने ना केवल डर का सामना किया, बल्कि अपनी आत्मा की ताकत जान ली।

Rovils और Rolson ने सिर हिलाया.
हम जीवित हैं. लेकिन हवेली और Crischen की याद हमेशा हमारे भीतर रहेगी।

चारों गाँव की ओर लौटे.

हवेली अब केवल एक डरावनी परछाई बन गई थी

हवा में चीखें और फुसफुसाहटें अभी भी मौजूद थीं

यह केवल विराम था, अंत नहीं


Dazy ने देखा नीली रोशनी कहीं दूर से चमक रही थी.
यह खत्म नहीं हुआ. एक दिन फिर. हमें चुनौती देगी।

Enaya ने सिर हिलाया.
हम डरेंगे नहीं. इस बार हम उसे पूरी ताकत से हराएंगे।

Rovils ने कहा,
हवेली अब हमारी नहीं, लेकिन उसकी याद हमें हमेशा सचेत रखेगी।

Rolson ने आखिरी बार कहा,
हम जीवित हैं. और अब हमारे भीतर जो साहस है, वह किसी अँधेरे को हरा सकता है।



Chapter सत्ताईस – खूबसूरत मासूम और भयंकर चुरेल

गाँव में एक नई लडकी आई – उसका नाम था Serah।

दिन में वह अद्भुत सुंदर, मासूम और आकर्षक लगती थी

हर कोई उसे देखकर दंग रह जाता था, उसकी हँसी और बातें सबको भा जाती थीं

बच्चे उसके आसपास खेलते, और बडे भी उसकी विनम्रता और सुंदरता के कायल हो गए


लेकिन गाँव के एक पुराने घर में रखा पुराना शीशा उसकी सच्चाई सामने ला रहा था.

जब Serah mirror के सामने खडी होती, उसके चेहरे की मासूमियत गायब हो जाती

उसकी आँखें लाल हो जातीं, उसके होंठ से भयंकर हँसी निकलती

उसकी काया बढकर लंबी, नुकीली और भूतिया हो जाती

उसके हाथ लंबे, नुकीले और डरावने बन जाते

जो भी उसे पहले कभी नहीं जानता था, वह अब उसकी भयानक चुरेल का रूप देख कर डर से कांप जाता


Serah की एक विशेष इच्छा थी, जिसे वह पूरा करना चाहती थी.

कोई नहीं जानता था कि यही कारण है कि वह इतनी डरावनी ताकतों के पीछे है

वह हर रात shadows, mirrors और भूतिया प्रेतों के साथ खेलती थी

उसके डरावने acts सिर्फ उसी खास इच्छा को पूरा करने के लिए थे





भयानक पहला सामना

Rovils ने पहली बार देखा कि Serah mirror के सामने खडी हो रही थी.
Dazy. यह लडकी. दिन में सुंदर, लेकिन. यह क्या हो गया?

Dazy ने देखा कि Serah का चेहरा बदल रहा था.

उसकी आँखें लाल हो गईं

मुस्कान भयंकर और भूतिया हो गई

उसकी परछाई हवा में घूम रही थी, जैसे उसकी आत्मा अलग हो गई हो


Serah ने धीमे स्वर में कहा,
तुम सबको डराना. मेरा काम नहीं है. मैं अपनी इच्छा पूरी कर रही हूँ. लेकिन जो भी मुझे रोकने की कोशिश करेगा. उसे मेरी चुरेल की सजा मिलेगी।

Enaya ने कांपते हुए कहा,
यह. यह कैसे हो सकता है? दिन में इतनी मासूम दिखती थी.

Serah हँसते हुए बोली,
Mirror. मेरा असली चेहरा सिर्फ वहां दिखाई देता है. और जो भी मेरा रास्ता रोकेगा, उसे मैं कभी नहीं छोडूँगी।




भयानक माहौल

Serah की चुरेल की शक्ति अब shadows, mirrors और भूतिया प्रेतों से जुड गई थी

हवा में खून की बूंदें तैर रही थीं, और हवेली की परछाइयाँ उसका अनुसरण कर रही थीं

उसके आसपास जो भी object था, वह भी डरावना रूप ले रहा था

कोई भी उसके सामने आता, वह उसे अपनी भयानक हँसी और डरावने चेहरे से पागल कर देती


Rovils, Dazy, Enaya और Rolson ने महसूस किया कि यह नया खतरा Crischen से भी भयानक और unpredictable हो सकता है.

Dazy ने चीखते हुए कहा,
हमने पहले ही अँधेरा देखा. लेकिन यह अब हमारी सबसे बडी चुनौती है!

Serah हँसते हुए कहा,
तुम सोचते हो कि डर का सामना करना आसान है. लेकिन तुमने अभी तक मेरी भयानक इच्छा नहीं देखी।




सस्पेंस और डर

Serah की मासूमियत और भयानक चुरेल का रूप दोनों एक ही समय में मौजूद थे

कोई भी नहीं जानता था कि उसकी खास इच्छा क्या है

उसकी भयावह गतिविधियाँ सिर्फ उसकी इच्छा को पूरा करने के लिए थीं

दिन में सभी उसके पीछे तारीफ करते थे, रात में वही उसे देखकर डरते थे


चारों दोस्तों ने तय किया कि Serah के रहस्य को उजागर करना होगा, नहीं तो उसकी चुरेल की ताकत और भयावहता गाँव को निगल जाएगी.



Chapter अट्ठाईस – Serah की चुरेल शक्तियाँ

रात का अँधेरा अब गाँव और हवेली दोनों पर छा चुका था. हवेली से दूर, चारों – Dazy, Enaya, Rovils और Rolson – Serah को ढूँढ रहे थे. लेकिन हर जगह shadows और अजीब चीखें उन्हें रोक रही थीं.

Serah धीरे- धीरे बाहर आई. दिन में वह जिस खूबसूरत लडकी की तरह लगती थी, अब उसकी पूरी चुरेल शक्ल सामने आ रही थी. उसकी आँखें लाल थीं, होंठों पर भयानक मुस्कान, हाथ लंबी नुकीली उंगलियों से भरे हुए थे. उसका चेहरा विकृत था और उसके बाल हवा में घुम रहे थे जैसे खुद जीवित हों.

उसने पहली बार अपनी पूरी शक्ति दिखाई. चारों के चारों ओर जमीन से अँधेरे की लहरें उठीं, दीवारों से हाथ बाहर आए और shadows हवा में घूमने लगे. हवा इतनी ठंडी थी कि साँसें रुकने लगीं और चारों के शरीर कांपने लगे.

Serah ने कहा, अब तुम्हें पता चलेगा कि डर क्या होता है. हर चीख, हर फुसफुसाहट, हर डर जो तुमने महसूस किया, वह मेरी ताकत बन चुकी है. मैं सिर्फ अपनी इच्छा को पूरा कर रही हूँ, और जो भी रास्ता रोकेगा, उसे मैं कभी नहीं छोडूँगी।

Dazy ने उसकी परछाई को देखा. वह परछाई अब अलग होकर हवा में उड रही थी और चारों के चारों ओर घूम रही थी. उसकी शक्ति इतनी थी कि उसका डर चारों के दिलों में उतर रहा था.

Enaya ने कांपते हुए कहा, हमारे पास इतनी शक्ति नहीं है कि उसका सामना कर सकें. यह सिर्फ एक लडकी नहीं. यह पूरे अँधेरे की ताकत है।

Serah ने हाथ उठाया और हवेली के mirrors से अजीब रोशनी फैलने लगी. हर mirror उसके डर को चारों के चारों ओर प्रकट कर रहा था. Dazy ने देखा कि उसका डर, उसकी गलती, उसके अतीत की यादें—all Serah की शक्ति बन गई थीं.

Rovils जमीन पर गिर गया, उसकी shadow Serah की शक्ति से अलग होकर उसे नीचे खींच रही थी. Rolson ने अपनी पूरी ताकत लगाई, लेकिन Serah की परछाई उसे हवा में उठा रही थी और पटक रही थी.

Serah ने धीरे- धीरे हँसते हुए कहा, तुम सोचते हो कि तुम्हारा डर सिर्फ तुम्हारा है? नहीं. मैं उसे अपने अंदर समेट रही हूँ और इसे अपनी शक्ति बना रही हूँ. जितना अधिक तुम डरोगे, उतनी ही मेरी शक्ति बढेगी।

उसने अपने हाथ नीचे किया और हवेली के अँधेरे से भूतिया creatures बाहर आ गए. वे shadows में छिपे थे, और Serah की हिम्मत और डर को निगलते हुए चारों के चारों ओर घूमने लगे.

Enaya ने चीखते हुए कहा, हमें कुछ करना होगा! हमें उसे रोकना होगा!

Serah ने मुस्कुराते हुए कहा, अब तुम्हें मेरे डर का सामना करना होगा. कोई भी यहाँ से जीवित नहीं जाएगा जब तक मेरी इच्छा पूरी नहीं होती।

Dazy ने अपनी शक्ति जुटाई और उसने अपने डर का सामना किया. चारों ने एक साथ अपनी ताकत लगाई. पर Serah की चुरेल शक्तियाँ इतनी विशाल थीं कि हर कदम पर उनका डर और भी बढ रहा था.

वह हवा में उड रही थी, उसकी shadow चारों के चारों ओर फैल रही थी

जमीन और walls में अचानक cracks और spikes निकल रहे थे

उसकी हँसी इतनी भयानक थी कि हर चीख उनके दिल में उतर रही थी
 संदूक की सुनहरी रोशनी धीरे- धीरे शांत हो गई. कमरा अब खाली सा लग रहा था, लेकिन उसके भीतर अजीब सी ठंडक भर गई. करन और अनाया ने एक- दूसरे की ओर देखा. उनके चेहरे पर संतोष था, मगर दिल की गहराइयों में बेचैनी भी.

अनाया ने धीमे स्वर में कहा,
क्या सब सचमुच खत्म हो गया. या अभी और कुछ बाकी है?

करन ने चारों ओर नजर डाली. दीवारें पहले की तरह शांत खडी थीं, लेकिन एक कोने में पुराना टूटा हुआ शीशा रखा था. वह शीशा न जाने कब से वहाँ पडा था, मगर अब उस पर काली लकीरें फैलने लगीं. जैसे भीतर कोई साँस ले रहा हो.

अचानक शीशे से गहरी हँसी गूँजी—
तुम सोचते हो साया मिट गया? वह तो बस मेरी परछाई थी।

शीशे में से धीरे- धीरे एक आकृति बाहर निकलने लगी. लंबा कद, झुकी हुई कमर, उलझे हुए काले बाल और आँखों की जगह दो जलते हुए गड्ढे. यह कोई साधारण आत्मा नहीं थी, बल्कि मौत का काला दर्पण—काली चुडैल.

उसकी आवाज फटी हुई थी, मानो हजारों कब्रों से एक साथ निकल रही हो.
मैं हूँ उस श्राप की असली मालकिन. माधवी तो बस मोहरा थी. अब तुम दोनों मेरी कैद में हो।

अनाया पीछे हट गई. उसके होंठ काँप रहे थे.
करन. ये वही है जिसे पुरानी कथाओं में ‘मृत्यु का दर्पण’ कहा गया है. जिसने भी इसका सामना किया, कभी लौटकर जिंदा नहीं आया।

करन ने तलवार को कसकर थाम लिया. तलवार की धार पर हल्की नीली चमक लौट आई थी, मगर इस बार चुडैल के सामने वह चमक भी फीकी लग रही थी.

चुडैल ने शीशे की ओर इशारा किया. उसके भीतर अनगिनत चेहरों की झलक थी—रोते, चिल्लाते, मदद माँगते हुए.
ये हैं वे आत्माएँ जो कभी मुझे चुनौती देने आए थे. अब उनकी चीखें मेरे गीत बन चुकी हैं।

धीरे- धीरे कमरा अंधकार में डूबने लगा. दीये अपने आप बुझ गए. सिर्फ शीशे की काली चमक और चुडैल की लाल आँखें दिखाई दे रही थीं.

अनाया ने करन का हाथ थाम लिया.
हमें इस दर्पण को तोडना होगा. यही इसका असली स्रोत है।

चुडैल ने जोर से चीख मारी.
मूर्खो! ये दर्पण तो तुम्हारी आत्मा में है. इसे तोडना चाहते हो, तो पहले खुद को मिटाना होगा।

करन और अनाया दोनों समझ गए कि यह लडाई किसी साधारण शक्ति से नहीं जीती जा सकती. यह अब उनकी हिम्मत और विश्वास की परीक्षा थी.

करन ने गहरी साँस ली और तलवार को आगे बढाते हुए कहा,
अगर हमें अपनी आत्मा तक को दाँव पर लगाना पडे. तो हम पीछे नहीं हटेंगे।

कमरा काँपने लगा. दर्पण की सतह से काली लपटें निकलकर उनके चारों ओर घूमने लगीं. चुडैल अब पूरी तरह बाहर आ चुकी थी. उसके नाखूनों से टपकता काला जहर जमीन को जलाने लगा.

और यहीं से शुरू हुआ—
करन और अनाया का काली चुडैल से पहला सामना.




कमरा अब युद्धभूमि बन चुका था. काली चुडैल पूरी ऊँचाई में खडी थी. उसकी आँखों से लाल- लाल धुएँ की लपटें निकल रही थीं. जमीन पर पडे टूटे हुए शीशे से बार- बार कराहने की आवाज आती, जैसे अंदर कैद आत्माएँ चीख रही हों.

पहला अध्याय – अंधकार का फैलाव

करन ने तलवार उठाई और चुडैल की ओर लपका. लेकिन जैसे ही उसने वार किया, चुडैल ने अपनी हड्डियों जैसी उँगलियों से हवा में एक इशारा किया. अचानक पूरा कमरा उल्टा घूमता हुआ प्रतीत हुआ. दीवारें गायब हो गईं, और दोनों खुद को एक काले जंगल में खडा पाए. पेड सूखे थे, उनकी शाखें मानो हाथों की तरह आगे बढकर पकड लेना चाहती थीं.

अनाया ने करन का हाथ कसकर पकडा.
ये जगह असली नहीं है, ये चुडैल का बनाया भ्रम है।

चुडैल की हँसी चारों ओर गूँज उठी.
भ्रम कहती हो? यही तुम्हारी असली हकीकत है. यहाँ से बाहर निकलने का एक ही रास्ता है—मेरे सामने घुटनों के बल गिरकर आत्मा समर्पित करना।

करन ने तलवार को कसकर पकडा.
हम कभी हार नहीं मानेंगे।

तभी जंगल की मिट्टी से दर्जनों हड्डियों से बने प्राणी बाहर निकल आए. उनकी खाली आँखों के गड्ढे से अंधेरा रिस रहा था. वे करन और अनाया की ओर दौडे.

करन ने तलवार घुमाई. नीली धार चमकी और एक- एक कर हड्डी के प्राणी टूटकर जमीन पर बिखर गए. लेकिन जितने गिरते, उससे दोगुने फिर से खडे हो जाते.

अनाया ने अपने गले में पहनी चाबी को कसकर पकड लिया. वह चाबी हल्की- हल्की चमकने लगी.
करन! मुझे लगता है ये चाबी सिर्फ ताला खोलने के लिए नहीं है. इसमें कोई शक्ति छिपी है।

करन ने कहा,
तो उसे जगाओ! वरना ये हमें कभी नहीं छोडेंगे।

अनाया ने आँखें बंद कीं और मंत्र पढने लगी. जैसे ही उसके होंठों से शब्द निकले, चाबी सुनहरी आग में बदल गई. उसकी रोशनी ने पूरे जंगल को रोशन कर दिया. हड्डियों के प्राणी दर्द से चीखते हुए राख में बदल गए.

चुडैल की चीख गूँजी—
तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी सेना को नष्ट करने की!

दूसरा अध्याय – दर्पण का श्राप

जंगल की जमीन फट गई और उसके बीचोंबीच काला दर्पण उभर आया. वह इतना बडा था कि मानो आसमान तक पहुँच रहा हो. दर्पण के भीतर करन और अनाया के ही चेहरे दिखाई दिए—लेकिन विकृत, काले और भयावह.

चुडैल ने कहा,
ये हो तुम दोनों का असली रूप. लालच, डर और पाप से भरा हुआ. अगर तुम इसे नकारोगे तो दर्पण तुम्हें निगल जाएगा।

दर्पण की सतह से हाथ निकलकर करन और अनाया को पकडने लगे. वे खुद को छुडाने की कोशिश करने लगे लेकिन हाथों की ताकत बहुत ज्यादा थी.

अनाया ने रोते हुए कहा,
करन. अगर ये सच में हमारे अंदर का अंधेरा है, तो हमें इससे भागना नहीं चाहिए. हमें इसे स्वीकार करना होगा।

करन ने उसकी ओर देखा. उसके दिल में भय था, लेकिन अनाया की बात में सच्चाई झलक रही थी.
हाँ. हम इंसान हैं, और इंसान अधूरे होते हैं. लेकिन यही अधूरापन हमें मजबूत भी बनाता है।

दोनों ने एक साथ अपने विकृत रूप की ओर देखा और कहा,
हम तुम्हें स्वीकार करते हैं. लेकिन हम तुम्हारे गुलाम नहीं।

तुरंत दर्पण की सतह में दरारें पडने लगीं. भीतर के चेहरे चिल्लाने लगे और शीशा टूटकर बिखर गया.

चुडैल ने दर्द से चीख मारी.
नहीं! तुमने मेरे श्राप को कमजोर कर दिया।

तीसरा अध्याय – चुडैल का असली रूप

अब चुडैल का रूप बदलने लगा. उसकी लंबी काया सिकुडकर और भी भयावह हो गई. उसका चेहरा काले धुएँ में ढक गया और आँखों से लावा टपकने लगा.

तुम सोचते हो मुझे इतना आसानी से हराओगे? अब देखो मेरी असली शक्ति।

उसने अपने दोनों हाथ उठाए और आसमान से काले तूफान की बिजली बरसने लगी. पेड जलकर राख हो गए. जमीन फट गई और गहराई से आग की नदियाँ निकलने लगीं.

करन और अनाया उसके बीच खडे थे, मगर अब उनके दिलों में डर कम और साहस ज्यादा था. अनाया की चाबी और करन की तलवार—दोनों से सुनहरी और नीली रोशनी निकलकर एक- दूसरे से मिल गई.

करन ने कहा,
ये आखिरी जंग है, अनाया. या तो हम जीतेंगे. या फिर हमेशा के लिए इसी अंधेरे में समा जाएँगे।

अनाया ने उसकी आँखों में देखा और सिर हिलाया.
हम साथ हैं. और जब तक साथ हैं, कोई हमें हरा नहीं सकता।

दोनों ने अपनी शक्तियों को मिलाकर चुडैल की ओर छलाँग लगाई.



कक्ष में सन्नाटा था. टूटे हुए दर्पण की किरचें जमीन पर बिखरी पडी थीं, लेकिन उनमें से अभी भी काली धुंध रिस रही थी. चुडैल हवा में तैर रही थी—उसकी देह अब इंसानी नहीं, बल्कि किसी अंधेरी धधकती राख जैसी हो गई थी. उसकी आँखें जलते हुए अंगारों की तरह चमक रही थीं और उसके गले से गूंजती चीख मानो पूरे महल की नींव हिला रही थी.

अंतिम अध्याय – मौत के दर्पण का अंत

अनाया की चाबी अब धधकते सूरज की तरह चमक रही थी. करन की तलवार उस रोशनी से जुडकर और भी प्रचंड हो गई. लेकिन चुडैल की शक्ति थमने का नाम नहीं ले रही थी.

उसने अपने नुकीले नाखून हवा में घुमाए, और चारों ओर से काले परदे लटक गए. ऐसा लगा जैसे पूरा महल एक विशाल ताबूत बन गया हो.
तुम्हारा दम अब यहीं घुट जाएगा. कोई रोशनी तुम्हें यहाँ से बचा नहीं सकती, उसने गर्जना की.

अचानक परदे से हजारों हाथ निकले—ठंडे, हड्डियों जैसे, जो करन और अनाया को पकडने लगे. अनाया चीख पडी,
करन! ये हमें अंदर खींच रहे हैं।

करन ने पूरी ताकत से तलवार चलाई. रोशनी ने कुछ हाथ काट दिए, लेकिन नए हाथ फिर से निकल आते. यह एक अंतहीन जाल था.

इसी बीच चुडैल की आवाज गूँजी—
तुमने आत्माओं को मुक्त कर दिया, लेकिन अब उनकी जगह तुम्हारी आत्मा मेरी होगी. तुम्हारी आँखों में जो डर है, वही मेरी सबसे बडी ताकत है।

करन हाँफते हुए बोला,
अगर डर ही तेरी ताकत है. तो आज हम डर को मिटा देंगे।

अनाया ने अपनी चाबी को दोनों हाथों में थाम लिया और आँखे बंद कर लीं. उसके भीतर एक आवाज गूँज रही थी—माधवी की आत्मा की.
रोशनी डर से नहीं, विश्वास से जन्म लेती है. विश्वास ही चुडैल का अंत है।

अनाया ने करन की ओर हाथ बढाया.
करन, मेरे साथ. विश्वास करो।

दोनों ने हाथ मिलाए. तलवार और चाबी की रोशनी एक होकर तेज सुनहरी आँधी में बदल गई. पूरा कक्ष थरथराने लगा.

चुडैल ने चीखते हुए अपना असली रूप दिखाया. उसका चेहरा पूरी तरह गल चुका था, आँखों से खून और धुआँ बह रहा था. उसकी लंबी जुबान जमीन तक लटक गई और उसने उन्हें निगलने की कोशिश की.

लेकिन उसी क्षण, रोशनी का तूफान उसके सीने पर जा टकराया.

चुडैल चीखने लगी—
नहीं! ये शक्ति इंसानी नहीं हो सकती. ये असंभव है!

करन और अनाया दोनों ने मिलकर चिल्लाया—
ये इंसानियत की शक्ति है, और ये हमेशा अंधेरे से बडी होगी।

रोशनी ने चुडैल को चारों ओर से जकड लिया. उसका शरीर राख की तरह टूटकर बिखरने लगा. उसके चीखों ने महल की दीवारें हिला दीं, लेकिन धीरे- धीरे उसकी आवाज भी थम गई.

काले परदे जलकर राख हो गए. टूटा हुआ दर्पण पिघलकर जमीन में समा गया. कमरे में अब सिर्फ सुनहरी चमक और गहरी शांति बची थी.

अनाया करन की बाँहों में गिर गई.
क्या. ये सचमुच खत्म हो गया?

करन ने उसकी आँखों में देखा.
हाँ, चुडैल का अंत हो गया. मौत का दर्पण अब कभी किसी आत्मा को कैद नहीं कर पाएगा।

और उसी क्षण, दूर कहीं से मधुर घंटियों की आवाज आई. मानो मुक्त हुई आत्माएँ आसमान की ओर उड रही हों.

कक्ष धीरे- धीरे ढहने लगा. लेकिन इस बार डर नहीं था—सिर्फ राहत.



महल ढहने के बाद चारों ओर धूल और राख छा गई थी. करन और अनाया ने सोचा था सब खत्म हो गया, लेकिन किस्मत अभी भी उनके लिए एक और भयावह मोड छुपाए बैठी थी.

नया मोड – अंधकार की वापसी

अनाया थकी हुई जमीन पर बैठी थी. उसकी आँखों में राहत थी, मगर भीतर एक अजीब बेचैनी. उसने देखा—करन बिल्कुल चुप खडा था. उसकी तलवार जमीन पर गिर चुकी थी.

करन. तुम ठीक तो हो न? अनाया ने धीरे से उसका हाथ पकडना चाहा.

करन ने सिर उठाया. उसकी आँखें पहले जैसी नहीं थीं. उनमें हल्की- सी लाल चमक तैर रही थी. चेहरा कठोर हो गया था, जैसे किसी और की परछाई उसमें झलक रही हो.

अचानक जमीन पर टूटी राख से काली धुंध उठने लगी और करन के शरीर में समा गई. अनाया भय से पीछे हट गई.

चुडैल की धीमी, फटी हुई हँसी करन के होंठों से निकली—
मैं इतनी आसानी से मिट नहीं सकती थी. मैंने नया घर पा लिया है।

अनाया का दिल जोर- जोर से धडकने लगा.
नहीं. ये असंभव है! करन. तुम लड सकते हो. उसे अपने अंदर जगह मत दो।

करन की आँखों से आँसू बह निकले, लेकिन उसी के साथ उसकी आवाज दोहरी हो गई—एक उसकी खुद की, दूसरी चुडैल की.
अनाया. मैं कोशिश कर रहा हूँ. लेकिन वो बहुत मजबूत है।

करन का शरीर काँपने लगा. कभी वह खुद जैसा दिखता, कभी चुडैल की विकृत आकृति उभर आती. उसकी परछाई अब इंसानी नहीं, बल्कि लंबी, मुडी- तुडी और डरावनी हो चुकी थी.

अनाया घबराकर चाबी को कसकर पकड ली.
अगर मैंने अभी कुछ नहीं किया तो करन हमेशा के लिए खो जाएगा।

चुडैल ने करन के शरीर से हँसते हुए कहा—
मारो! अगर हिम्मत है तो अपनी चाबी का इस्तेमाल करो. लेकिन याद रखना. इस बार मैं अकेली नहीं मरूँगी. तुम्हारा करन भी मेरे साथ जाएगा।

अनाया की आँखों में आँसू आ गए. वह चाबी उठाकर करन की ओर बढी.
मुझे अपने प्यार और अपने विश्वास में यकीन है. करन. तुम मुझे कभी हारने नहीं दोगे।

कमरा फिर से अंधेरे और रोशनी के संग्राम में बदल गया.



कमरा अब किसी रणभूमि जैसा था. दीवारें ढह चुकी थीं, छत से टपकते पत्थरों के बीच काली धुंध घूम रही थी. करन जमीन पर घुटनों के बल गिरा हुआ था, उसकी देह काँप रही थी. उसकी आँखों में कभी करन की मासूमियत झलकती, तो कभी चुडैल का लाल लहू टपकाता अंधकार.

अनाया हताश होकर उसके पास पहुँची.
करन! खुद पर काबू रखो. तुम उससे मजबूत हो।

करन का चेहरा ऊपर उठा. होंठों से आवाज आई, मगर वह दोहरी थी—एक करन की, एक चुडैल की.
अनाया. मुझे बचाओ.
क्यों बचाना चाहती हो? यही है उसका असली रूप, यही उसकी किस्मत!

करन की देह हवा में उठ गई. उसके चारों ओर काले धुएँ की आँधी घूमने लगी. उसकी परछाई जमीन पर फैल गई और उस परछाई से धीरे- धीरे चुडैल का चेहरा उभर आया—बिना आँखों वाला, फटी हुई जीभ बाहर लटकाए.

अनाया के पैरों तले जमीन काँपी. वह चाबी को दोनों हाथों में कसकर पकडती रही.
अगर मैं हमला करती हूँ तो करन को चोट पहुँचेगी. लेकिन अगर मैं चुप रही तो चुडैल उसे पूरी तरह निगल जाएगी।

तभी भीतर से करन की आवाज आई, कमजोर मगर साफ—
अनाया. मेरी चिंता मत करो. अगर मुझे मिटाना पडे तो मिटा दो. चुडैल को मत रहने दो।

अनाया की आँखों में आँसू छलक उठे.
नहीं करन! मैं तुम्हें खो नहीं सकती. हमें साथ ही रहना होगा. चाहे रोशनी हो या अंधेरा. हमें इसे जीतना ही होगा।

उसने चाबी को हवा में उठाया और प्राचीन मंत्र पढने लगी. चाबी सुनहरी आग में बदल गई. उसी रोशनी ने करन के चारों ओर एक घेरे की तरह घुमना शुरू किया.

करन जोर से चीखा. चुडैल की आवाज उसके साथ मिलकर गूँज उठी—
ये मुझे कैद नहीं कर पाएगी! मैं तो उसका हिस्सा बन चुकी हूँ।

तभी करन के भीतर अचानक एक और दृश्य उभरा.




करन की आत्मा के भीतर

वह खुद को एक अंधेरे मैदान में खडा पाता है. सामने चुडैल खडी है—भयंकर, विशाल, और हँसती हुई.
तुम्हारा शरीर अब मेरा है. बाहर जो लडकी खडी है, वह मुझे कभी अलग नहीं कर पाएगी. तुम हार चुके हो।

करन ने काँपते हुए तलवार उठाई. यहाँ तलवार असली नहीं थी, बल्कि उसकी आत्मा का प्रतीक थी.
नहीं. जब तक मैं जिंदा हूँ, जब तक अनाया का विश्वास मेरे साथ है. मैं हार नहीं सकता।

चुडैल ने अपनी लंबी उँगलियाँ फैलाईं और आकाश काला हो गया.
तो आओ. देखते हैं इंसानियत कितनी देर तक टिकती है।




बाहर की दुनिया

अनाया करन का हाथ पकडकर लगातार मंत्र पढ रही थी. रोशनी और अंधकार की लडाई उसकी आँखों के सामने घट रही थी. कभी करन का चेहरा साफ और शांत लगता, तो कभी वह पूरी तरह चुडैल जैसा हो जाता.

अचानक करन की देह जोर से झटकी और उसकी आँखें पूरी तरह काली हो गईं. चुडैल की हँसी गूँजी—
वो हार चुका है, लडकी. अब तेरा नंबर है।

अनाया ने पूरे साहस से चिल्लाया—
नहीं! करन कभी हार नहीं सकता. जब तक मैं उसके साथ हूँ, तू जीत नहीं सकती।

उसने चाबी को अपने सीने पर दबाया और करन को गले से लगा लिया. रोशनी सीधी उसके दिल से होकर करन के दिल तक पहुँची.




आत्मा का निर्णायक पल

अंदर, करन अंधेरे में घिरा हुआ था. तलवार उसके हाथ से छूट चुकी थी. चुडैल उसकी गर्दन पकडकर जमीन पर दबा रही थी.
देख लिया? इंसानियत कितनी कमजोर होती है।

तभी अचानक रोशनी की लहर भीतर तक पहुँच गई. करन ने ऊपर देखा—अनाया की परछाई उसके सामने खडी थी, हाथ बढाए.
करन, उठो. मैं यहाँ हूँ. तुम अकेले नहीं हो।

करन की आँखों में आँसू आ गए. उसने पूरी ताकत से हाथ बढाया और तलवार फिर से थाम ली.
नहीं चुडैल! मैं अकेला नहीं हूँ. मेरे पास अनाया है. और उसका विश्वास।

उसने पूरी ताकत से तलवार चुडैल के सीने में घोंप दी.




बाहर की दुनिया का विस्फोट

करन का शरीर जोर से काँपा. उसके सीने से काली धुंध निकलकर चीखते हुए बाहर आई. चुडैल की आत्मा रोती, चिल्लाती, चीखती हुई राख बनकर बिखर गई.

करन जमीन पर गिर पडा. अनाया ने उसे अपनी गोद में थाम लिया. उसकी साँसें तेज थीं, लेकिन आँखें अब साफ थीं.

अनाया फूट- फूटकर रो पडी.
मैंने सोचा था तुम्हें खो दूँगी.

करन ने उसका हाथ पकडकर कमजोर मुस्कान दी.
नहीं अनाया. जब तक तुम हो, कोई चुडैल मुझे छू भी नहीं सकती।

कमरे में अब शांति थी. न दर्पण, न धुंध, न चीखें—बस ढहते महल के बीच दो आत्माएँ, जो मौत के अंधेरे से लडकर और भी मजबूत होकर निकली थीं.



कमरा अचानक शांत हो गया. धुंध की जगह हवा में हल्की- सी ठंडक भर गई थी. महल की टूटी दीवारें और जली हुई जमीन देखते ही देखते बदलने लगीं. जहाँ अभी- अभी राख बिखरी थी, वहीं से हरे पौधे उग आए. सूखे पेड फिर से पत्तियों से भर गए. डालियों पर कलियाँ खिलने लगीं और उनमें से रंग- बिरंगे फूल मुस्कुराने लगे.

करन और अनाया एक- दूसरे का हाथ पकडे चारों ओर देखते रह गए.
ये. ये कैसे हो सकता है? अनाया फुसफुसाई.

करन ने गहरी साँस ली.
शायद चुडैल का श्राप सच में टूट गया. इस जगह की सारी आत्माएँ आजाद हो गईं।

चुडैल का कोई निशान अब नहीं था. न उसका दर्पण, न धुंध, न चीखें. जैसे वह कभी थी ही नहीं. दोनों को ऐसा लगा मानो कोई बोझ उतर गया हो.

धीरे- धीरे महल की दीवारें भी ढहकर मिट्टी में मिलने लगीं. वहाँ अब सिर्फ हरी घास और फूलों से भरा बागीचा रह गया. हवा में घंटियों जैसी मधुर ध्वनि गूँज रही थी.

अनाया ने मुस्कुराकर कहा,
करन, देखो. जैसे ये जगह फिर से जिंदा हो गई हो।

करन ने सिर हिलाया.
हाँ, लेकिन मुझे नहीं पता क्यों. मेरे दिल में अभी भी कुछ अजीब- सा डर बाकी है।

दोनों धीरे- धीरे वहाँ से निकल पडे. उनके कदमों के पीछे फूलों की पंखुडियाँ बिछती जा रही थीं. आसमान साफ और नीला हो चुका था. सबकुछ सामान्य और सुंदर लग रहा था.

लेकिन उन्हें यह एहसास नहीं था कि जैसे ही वे महल से बाहर आए, उनके पीछे जमीन पर एक काला साया भी चल पडा. वह किसी की परछाई नहीं थी, बल्कि एक अजीब आकृति—लंबी, टेढी और बिन सिर की.

वह साया हर जगह उनके साथ कदम मिलाता, लेकिन जमीन पर उसकी कोई आवाज नहीं पडती थी.

करन और अनाया राहत से घर की ओर लौट रहे थे. उन्हें लगा कि भयावह सफर अब खत्म हो चुका है. मगर सच यह था—चुडैल गई नहीं थी. उसने बस नया रूप चुन लिया था.



अध्याय – घर की चौखट पर आया साया

महल पीछे छूट चुका था. रास्ते में हवा हल्की- हल्की बह रही थी, पेडों की डालियाँ हरी थीं, और फूलों से महकती जमीन पर उनके कदम पडते ही जैसे कोई नया जीवन जाग उठता. करन और अनाया दोनों थके हुए थे, मगर चेहरे पर संतोष झलक रहा था.

सोचा भी नहीं था कि हम बच निकलेंगे, अनाया ने कहा.

करन ने मुस्कुराते हुए उसकी ओर देखा.
हमने सिर्फ खुद को ही नहीं, पूरी जगह को आजाद किया है. अब यहाँ कोई आत्मा कैद नहीं रहेगी।

अनाया ने उसका हाथ कसकर थाम लिया.
मुझे डर था कि शायद. तुम मुझे खो दोगे।

करन ने धीमी आवाज में कहा,
तुम्हारे साथ होते हुए मैं कभी हार नहीं सकता।

वे दोनों बातें करते हुए आगे बढते रहे. रास्ता शांत था, मगर उनके पीछे धीरे- धीरे चल रहा था एक और साथी—साया. न बोलता, न आवाज करता. बस उनकी परछाइयों में घुलता और कदमों से कदम मिलाता.




घर वापसी

घंटों की यात्रा के बाद दोनों अपने गाँव पहुँचे. जैसे ही गाँववालों ने उन्हें देखा, लोग खुशी से झूम उठे.
ये जिंदा हैं. ये लौट आए!

बच्चे उनके चारों ओर दौडने लगे. बूढे- बुजुर्ग आशीर्वाद देने लगे. सबको लगा कि अंधेरे का सफर खत्म हो चुका है.

करन और अनाया को घर की चौखट पर फूलों की माला पहनाकर स्वागत किया गया. उनके माता- पिता की आँखों में खुशी के आँसू थे.

लेकिन जैसे ही करन चौखट के अंदर कदम रखा, दरवाजे की परछाई हल्की- सी काँपी. वहाँ कुछ क्षण के लिए तीसरी परछाई भी दिखी, जो किसी ने नोटिस नहीं की.




पहली रात

उस रात दोनों बेहद थके हुए थे. करन अपने कमरे में लेटते ही गहरी नींद में चला गया. अनाया भी अपने कमरे में सोने गई, लेकिन नींद उसकी आँखों से कोसों दूर थी. उसे बार- बार लगता कि खिडकी के बाहर कोई खडा है—काले कपडों में, बिना चेहरा दिखाए.

धीरे- धीरे उसने हिम्मत जुटाई और खिडकी खोली. बाहर सिर्फ अँधेरा था. हवा भी नहीं चल रही थी. लेकिन जमीन पर उसकी और पेड की परछाई के बीच में कोई तीसरी परछाई खडी थी.

अनाया का दिल जोर से धडकने लगा. उसने तुरंत खिडकी बंद कर दी और बिस्तर पर लेट गई.

उसे लगा शायद ये थकान का असर है. लेकिन रातभर उसे महसूस होता रहा कि कोई उसकी साँसों के साथ- साथ साँस ले रहा है.




करन का बदलता व्यवहार

अगले दिन करन सुबह जल्दी उठ गया. लेकिन उसका चेहरा पहले जैसा नहीं लग रहा था. आँखों के नीचे हल्के काले घेरे, होंठ सूखे और आवाज में अजीब सी कठोरता.

अनाया ने पूछा,
क्या तुम ठीक हो?

करन ने हल्की- सी मुस्कान दी,
हाँ. बस नींद पूरी नहीं हुई।

लेकिन उसकी मुस्कान अजीब थी. जैसे उसमें कोई और भी छिपकर हँस रहा हो.

दिनभर गाँव में उत्सव रहा. सबने उन्हें नायक मानकर सम्मान दिया. मगर जब भी करन अकेला होता, उसके पीछे वही परछाई दीवारों पर दिखाई देती.

रात को उसने सपने में देखा कि वह अब भी उसी महल में है. चुडैल उसके कान में फुसफुसा रही है—
मैं जा चुकी हूँ? मूर्ख! मैं तो तेरे अंदर हूँ. हर साँस के साथ. धीरे- धीरे तू मेरा रूप ले लेगा।

करन नींद से चौंककर उठा. उसकी हथेली पर काले निशान उभर आए थे, जैसे किसी ने जलती हुई उँगलियों से पकड लिया हो.




अनाया का शक

अनाया ने करन की आँखों में वह चमक देख ली थी.
करन, क्या तुमसे कुछ छिपा है?

करन ने नजरें झुका लीं.
नहीं, सब ठीक है।

लेकिन जब अनाया ने उसका हाथ पकडने की कोशिश की, करन झटके से पीछे हट गया.
मुझे मत छुओ।

उसकी आवाज इतनी तेज थी कि खुद करन भी चौंक गया. तुरंत उसने माफी माँगी,
मुझे नहीं पता क्यों. ऐसा लगा जैसे किसी और ने मुझ पर काबू पा लिया।

अनाया चुप रही, लेकिन उसके दिल में एक डर बैठ गया था.




साया का असर

गाँववाले भी अब बदलते करन को नोटिस करने लगे थे. कभी वह अकेले अँधेरे में खडा कुछ बडबडाता, कभी अचानक बच्चों को देखकर चिल्ला उठता.

एक रात गाँव का एक आदमी उसके घर के पास से गुजरा. उसने खिडकी से झाँककर देखा—करन आईने के सामने खडा था. आईने में उसका चेहरा पूरी तरह करन का नहीं था. एक तरफ इंसानी चेहरा, दूसरी तरफ चुडैल की विकृत शक्ल.

आदमी डर के मारे भाग गया और किसी को कुछ बताने की हिम्मत नहीं कर सका.




अनाया की खोज

अनाया अब दिन- रात सोचने लगी कि क्या सचमुच चुडैल खत्म हुई थी. उसने पुराने ग्रंथों और पुजारियों से बात की. वहाँ एक रहस्य सामने आया—
कभी- कभी दुष्ट आत्माएँ मरने से पहले अपने वजूद का एक टुकडा किसी इंसान की परछाई में छुपा देती हैं. वह साया इंसान के साथ हर जगह जाता है, धीरे- धीरे उसके दिल और दिमाग पर काबू पा लेता है।

अनाया का चेहरा सफेद पड गया.
तो ये सब करन के साथ.

पुजारी ने गंभीर स्वर में कहा,
अगर समय रहते उसे अलग न किया गया तो करन हमेशा के लिए उस आत्मा का हिस्सा बन जाएगा।




अगली रात का आतंक

उस रात जब करन सो रहा था, अनाया उसके कमरे में गई. उसने देखा—करन गहरी नींद में था, मगर कमरे की दीवार पर उसकी परछाई दोहरी थी. एक सामान्य, और दूसरी लंबी, टेढी- मेढी.

वह परछाई अचानक हिली और सीधी अनाया की ओर मुडी. उसकी आँखें जलती हुई लाल बिंदुओं जैसी थीं.

अनाया का गला सूख गया. उसने धीरे से मंत्र पढना शुरू किया. परछाई दीवार से निकलकर हवा में तैरने लगी. और तभी करन नींद में कराहने लगा, जैसे कोई उसके भीतर से उसे दबा रहा हो.

अनाया चिल्लाई,
करन! उठो. लडो इससे!

करन अचानक आँखें खोलता है. उसकी आँखें पूरी तरह काली हो चुकी थीं. और उसके होंठों से वही हँसी निकली, जिसे वे महल में सुन चुके थे.

मैंने कहा था. मैं कभी नहीं मरूँगी।




यहाँ से कहानी और भी भयानक और जटिल मोड ले सकती है — करन का शरीर धीरे- धीरे चुडैल के कब्जे में जाता है, अनाया अकेले उस साए से जूझती है, और गाँव के लोग भी अब इस डरावने रहस्य में फँसते हैं.



अध्याय – परछाई का कब्जा

रात गहरी थी. गाँव की गलियाँ सूनी पडी थीं. पेडों की डालियाँ स्थिर थीं, मानो हवा भी डरकर थम गई हो. करन के घर के भीतर अनाया की साँसें तेज चल रही थीं. उसके सामने करन खडा था—लेकिन वह करन नहीं रहा था.

उसकी आँखों की काली गहराई में लाल चिंगारियाँ झिलमिला रही थीं. होंठों पर मुस्कान थी, मगर वह मुस्कान उसकी नहीं थी. वह वही शैतानी मुस्कान थी जिसे वे महल की दीवारों में सुन चुके थे.

मैंने कहा था न. मैं कभी नहीं मरूँगी, करन की आवाज में दो स्वर थे—एक उसका अपना, और उसके भीतर से गूँजती चुडैल की कर्कश ध्वनि.

अनाया का दिल काँप उठा.
करन! तुम लड सकते हो. उसे अपने ऊपर हावी मत होने दो!

करन का शरीर काँपा. कुछ पल के लिए उसका चेहरा सामान्य हुआ, आँखों में दया झलकी.
अनाया. मेरी मदद करो. मुझे बचा लो.

लेकिन अगले ही क्षण उसका चेहरा तिरछा हो गया. गर्दन पीछे की ओर मुड गई, और उसकी परछाई दीवार पर फैलकर लंबी और भयावह बन गई. वह परछाई ही असली चुडैल थी, जो धीरे- धीरे करन की आत्मा को निगल रही थी.




गाँव में पहली हलचल

सुबह होते ही गाँववालों ने अजीब घटनाएँ महसूस कीं. कुएँ का पानी काला पड गया. दूध से भरे बर्तन अचानक सड गए. बच्चों ने बताया कि रात उन्हें कोई लाल आँखों वाला साया खिडकियों से झाँकता दिखा.

लोग आपस में फुसफुसाने लगे—
ये सब करन और अनाया के लौटने के बाद ही शुरू हुआ है.

कुछ बुजुर्ग डरकर घरों में दुबक गए. कुछ औरों ने सोचा कि शायद करन ने कोई शाप साथ ले आया है.

अनाया इन सब बातों को सुनकर परेशान हो गई. वह जानती थी कि सचमुच साया अब करन के साथ हर जगह मौजूद है. लेकिन अगर गाँववालों ने यह जान लिया तो वे करन को मारने से भी पीछे नहीं हटेंगे.




करन का संघर्ष

रात को करन ने खुद अनाया से स्वीकार किया—
मैं हर पल महसूस करता हूँ कि कोई मेरे भीतर साँस ले रहा है. जैसे मैं सिर्फ एक खोल हूँ और वह धीरे- धीरे मुझे इस्तेमाल कर रही है।

अनाया ने उसका हाथ थाम लिया.
तुम अकेले नहीं हो. हम इसे हराएँगे।

करन की आँखें नम हो गईं.
कभी- कभी मुझे डर लगता है. अगर मैंने खुद पर काबू खो दिया तो मैं तुम्हें ही चोट पहुँचा दूँगा।

अनाया ने दृढ स्वर में कहा,
अगर ऐसा हुआ तो मैं भी चुप नहीं बैठूँगी. चाहे मुझे तुमसे लडना पडे, मैं उस चुडैल को रोकूँगी।

करन उसकी आँखों में देखते ही रह गया. लेकिन उसके भीतर की हँसी अचानक गूँज उठी, मानो चुडैल अनाया की चुनौती पर खिलखिला रही हो.




गाँव पर हमला

तीसरी रात सबसे भयावह साबित हुई. अचानक गाँव के मंदिर की घंटियाँ अपने आप बज उठीं. आसमान में काले बादल छा गए, और बिजली बिना गरज के चमकने लगी.

लोग घरों से बाहर भागे तो देखा—गाँव के बीचोंबीच खडा था करन. उसके चारों ओर हवा तेजी से घूम रही थी. उसकी आँखें पूरी तरह लाल थीं और शरीर आधा इंसान, आधा राक्षसी रूप ले चुका था.

उसकी परछाई जमीन पर नहीं, हवा में तैर रही थी. और वही परछाई गाँववालों पर टूट पडी.

बच्चे रोने लगे. औरतें चीखकर भागीं. कुछ जवानों ने लाठियाँ उठाकर हमला करना चाहा, लेकिन उनके हाथ जैसे खुद ही मुडकर पीछे हो गए.

ये करन नहीं है. ये चुडैल है! लोग चिल्लाए.

अनाया आगे बढी और करन के सामने खडी हो गई.
रुको! ये मेरा करन है. इसे मत छुओ!

गाँववाले उसे हटाने की कोशिश करने लगे, लेकिन तभी करन की परछाई अचानक गायब हो गई और वह जमीन पर गिर पडा.

गाँव में खामोशी छा गई. लोग हकबका गए. करन की साँसें चल रही थीं, मगर वह बेहोश था.




अनाया की कसम

गाँववालों ने तय किया कि अगर करन दोबारा ऐसा रूप धारण करता है तो उसे गाँव से निकाल देंगे.

अनाया ने सबके सामने कसम खाई,
मैं करन को कभी उस साए के हवाले नहीं होने दूँगी. चाहे मुझे अपनी जान ही क्यों न देनी पडे।

गाँववाले चुप हो गए. कोई उसकी आँखों की आग देख कर विरोध नहीं कर सका.




छुपा सच

रात को जब करन होश में आया, उसने अनाया से धीमे स्वर में कहा—
मुझे अब साफ सुनाई देने लगा है. वो चुडैल मुझसे कहती है कि मैं उसका वारिस हूँ. वो चाहती है कि मैं उसका काम पूरा करूँ, गाँव को उजाड दूँ, और तुम्हें. अपने साथ ले जाऊँ।

अनाया का दिल सिहर उठा.
तुम्हें मानना नहीं है! तुम्हें उसका गुलाम नहीं बनना है।

करन काँपते हुए बोला,
पर अगर वो मुझसे मेरा सब छीन ले तो. अगर मैं खुद उस दानवी रूप में बदल जाऊँ तो?

अनाया उसकी ओर झुक गई और दृढता से बोली—
तब मैं तुम्हें उस रूप में भी अपनाऊँगी. लेकिन चुडैल को जीतने नहीं दूँगी।

उसकी बात सुनकर करन की आँखों में थोडी देर के लिए इंसानियत की चमक लौटी. मगर अगले ही पल खिडकी से आती परछाई उनकी ओर झपटी और पूरा कमरा अँधेरे से भर गया.




अंतिम दृश्य की तैयारी

दीवारों पर अनगिनत परछाइयाँ नाचने लगीं. करन बीचोंबीच खडा था, उसका शरीर काँप रहा था.

चुडैल की आवाज गूँजी—
अनाया! तू उसे मुझसे नहीं बचा सकती. उसकी हर साँस अब मेरी है. और जब अगली पूर्णिमा आएगी, वह पूरी तरह मेरा होगा. तब चाहे तू रो या चीख, तुझे भी उसके साथ ले जाऊँगी।

अनाया ने अपने माथे पर हाथ रखकर मंत्र जपना शुरू किया. उसकी आवाज में डर नहीं, बल्कि चुनौती थी.

💫💫

अध्याय – पूर्णिमा की रात का श्राप

गाँव पर जैसे अदृश्य साया छा चुका था.
दिन में भी हल्की- सी धुंध फैली रहती. पेडों के पत्ते अचानक झडने लगते, कुओं से पानी की जगह गाढा काला तरल निकलता, और रात तो और भी भयावह हो गई थी.

हर गली में फुसफुसाहटें सुनाई देतीं. कोई भी बच्चा अब अकेला बाहर नहीं निकलता.
लोगों के बीच एक ही नाम गूँजता—करन.

गाँववाले मान चुके थे कि करन पर किसी प्रेत का साया है. और वे जानते थे कि अगली पूर्णिमा इस साए का असली रूप सामने लाएगी.




करन का बदलता रूप

अनाया हर दिन करन के पास रहती. वह देखती थी कि उसका शरीर धीरे- धीरे बदल रहा है.
कभी उसकी आँखें पूरी तरह लाल हो जातीं, कभी उसकी छाया ही गायब हो जाती. कई बार वह नींद में उठकर घर की दीवारों पर अजीब चिह्न बना देता—त्रिकोण, उल्टे वृत्त और खून जैसे गहरे निशान.

एक रात अनाया ने उसे रोकने की कोशिश की.
करन! होश में आओ. ये तुम नहीं हो!

लेकिन करन की आँखें चमकीं और उसके होंठों से वही चुडैल की आवाज निकली—
देर मत कर अनाया. वरना जब चाँद पूरा होगा, मैं तुझे भी अपने साथ ले जाऊँगी।

अनाया काँप उठी. उसके सामने उसका प्रेमी और उसका सबसे बडा भय एक ही शरीर में बंधे थे.




गाँव का डर और विद्रोह

गाँववाले अब और सहन नहीं कर पा रहे थे. मंदिर के पुजारी ने एलान किया—
अगर करन को रोका नहीं गया, तो वो पूर्णिमा की रात पूरे गाँव को बर्बाद कर देगा।

कुछ जवानों ने मशालें उठाईं और करन को घर से निकालने की धमकी दी.
अनाया उनके सामने दीवार बनकर खडी हो गई.
अगर किसी ने करन को हाथ लगाया, तो उसे पहले मुझे मारना होगा।

लोग पीछे हट गए, लेकिन उनके दिलों में डर अब और गहरा चुका था. वे जानते थे कि जिस औरत की आत्मा ने सदियों तक गाँव को श्रापित रखा था, वही अब करन के रूप में वापस आ रही है.




भयावह संकेत

पूर्णिमा से तीन दिन पहले घटनाएँ और भयानक होने लगीं.

खेतों में खडी फसलें अचानक काली पड गईं.

बच्चों के खिलौने अपने आप चलने लगे.

रात को घरों की दीवारों पर किसी ने खून से लिखा—“ वापस आऊँगी।


अनाया ने देखा कि हर जगह वही निशान थे जो करन नींद में बनाता था.

उस रात जब वह करन के पास सो रही थी, अचानक उसकी नींद टूटी. उसने देखा—करन बिस्तर पर नहीं था.
वह बाहर गया और आँगन के बीचोंबीच खडा हो गया. उसकी आँखें अंधेरे में चमक रही थीं. और उसकी छाती से जैसे कोई और चेहरा बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था—वह चुडैल का विकृत चेहरा था.

अनाया ने दहशत में चिल्लाकर उसका नाम लिया.
करन ने उसकी ओर देखा, पर उसकी मुस्कान इंसानी नहीं थी.




चुडैल की वापसी

पूर्णिमा की रात आ गई.
पूरा गाँव डरा हुआ अपने घरों में छुपा था. कोई भी बाहर निकलने की हिम्मत नहीं कर रहा था.

आसमान में चाँद पूरा और बेहद चमकदार था. लेकिन उसकी रोशनी सफेद नहीं, खून जैसी लाल थी.
हवा में सडांध और राख की गंध फैली हुई थी.

अनाया करन को लेकर मंदिर पहुँची. उसे उम्मीद थी कि पवित्र जगह चुडैल की शक्ति को रोक देगी.
लेकिन जैसे ही करन मंदिर की दहलीज पर पहुँचा, भीतर की दीये बुझ गए.

मंदिर की घंटी अपने आप बजने लगी, मगर उसकी आवाज मधुर नहीं बल्कि डरावनी थी.

करन जमीन पर गिर पडा. उसका शरीर काँपने लगा. उसकी परछाई दीवारों से निकलकर अलग होने लगी.

और तभी. चुडैल का असली रूप प्रकट हुआ.

काले वस्त्रों में, लंबे बालों से चेहरा ढँका हुआ, और नाखून खंजर जैसे. उसकी आँखें गड्ढों में जलती आग की तरह चमक रही थीं.

उसकी आवाज गूँजी—
अनाया! मैंने कहा था, मैं लौटूँगी. अब करन मेरा है. और तू भी।




गाँव का महाभय

चुडैल की हँसी से पूरा गाँव काँप उठा. लोग घरों से बाहर भागने लगे. गाय- भैंसें चीख कर भागीं. कुएँ का पानी उबलने लगा.

करन जमीन पर तडप रहा था. उसकी आत्मा और चुडैल की आत्मा अब एक- दूसरे से टकरा रही थीं.

अनाया रोते हुए उसकी ओर दौडी.
करन! तुम हारना मत! मैं यहाँ हूँ।

चुडैल ने उसकी ओर हाथ बढाया.
तू चाहे जितना चिल्ला ले, अब देर हो चुकी है. उसका दिल, उसका खून, सब मेरा हो चुका है।

लेकिन उसी वक्त करन ने पूरी ताकत जुटाकर कहा—
नहीं! अनाया मेरी ताकत है. मैं तेरा गुलाम नहीं बनूँगा।

उसकी आवाज गूँजी, लेकिन उसके चेहरे से खून बहने लगा. उसकी नसें काली पड गईं.




असली युद्ध

मंदिर के चारों ओर तूफान उठ गया. आसमान से लाल बिजली गिरने लगी. चुडैल और करन की आत्मा भिड गईं.
एक तरफ काली धुंध, दूसरी ओर करन की आँखों से निकलती सुनहरी चमक.

अनाया बीच में खडी मंत्र पढ रही थी. उसकी आवाज डर से काँप रही थी, लेकिन उसके शब्द चाकू की तरह अंधेरे को चीर रहे थे.

चुडैल चीख उठी.
चुप रह! अगर तूने ये मंत्र पूरा किया तो करन तेरे सामने मर जाएगा।

अनाया की आँखों से आँसू बह निकले, लेकिन उसने मंत्र और ऊँची आवाज में पढा.

चुडैल का रूप और भयानक होता गया. उसका मुँह इतना बडा हो गया कि पूरा इंसान उसमें समा सके. उसके चारों ओर परछाइयाँ जीवित होकर गाँववालों पर टूट पडीं.

लोग चीखते हुए भाग रहे थे. कुछ परछाइयों में घिरकर वहीं ढेर हो गए.

अनाया मंत्र पढती रही. करन अपनी आखिरी ताकत से चुडैल को रोकने की कोशिश करता रहा.




अंतहीन खौफ

रात बढती गई. हर बीतते पल के साथ भय और गहरा होता गया.
कभी पूरा गाँव अंधेरे में डूब जाता, कभी चाँद की लाल रोशनी सबकुछ खून से रंग देती.

चुडैल की हँसी और चीखें हर कोने में गूँज रही थीं. उसके नाखून दीवारों पर रगडते हुए चिंगारियाँ छोडते.
गाँव के मंदिर की मूर्तियाँ टूटने लगीं. घँटियाँ उलटी बजने लगीं.

अनाया और करन इस भयावह खेल के बीच खडे थे.




अध्याय – अधूरी पूर्णिमा और छुपा रहस्य

मंदिर का आँगन अंधेरे से घिर चुका था. हवा में राख और खून की गंध थी. अनाया मंत्र पढ रही थी, करन अपने ही शरीर से लड रहा था और चुडैल की आत्मा भयावह रूप लेकर सामने खडी थी.

लेकिन तभी. आसमान में कुछ अजीब हुआ.

चाँद, जो अब तक पूरा था और लाल चमक रहा था, अचानक ढकने लगा. जैसे किसी अदृश्य हाथ ने उसकी रोशनी आधी निगल ली हो.
आसमान में अब सिर्फ आधा चाँद दिख रहा था.

गाँववाले दहशत से चिल्लाने लगे.
ये क्या है? आज तो पूर्णिमा थी. चाँद अधूरा कैसे हो गया?

चुडैल की आँखों में अचानक बेचैनी झलकने लगी. उसने जोर से चीख मारी.
नहीं! ये कैसे हो सकता है? ये रात मेरी है. मेरी ही रहनी चाहिए थी!

अनाया मंत्र पढते हुए रुक गई. उसने आसमान की ओर देखा.
पूर्णिमा अधूरी हो गई. इसका मतलब ये रात पूरी तरह तेरी नहीं है।

चुडैल उसकी ओर झपटी, लेकिन करन बीच में आ गया. उसकी आँखों से सुनहरी चमक फूट पडी.
अनाया सही कह रही है. तेरी ताकत अधूरी है।

चुडैल कराह उठी, लेकिन उसकी हँसी फिर लौट आई.
तुम लोग मूर्ख हो. अधूरी पूर्णिमा का मतलब है अधूरा श्राप. इसका रहस्य तुम नहीं जानते. और जब तक ये रहस्य उजागर नहीं होगा, मैं कभी नहीं मिटूँगी।




अधूरा श्राप

करन का शरीर फिर काँपने लगा. उसकी छाती से दो आवाजें गूँजने लगीं—एक उसकी, एक चुडैल की.
मुझे महसूस हो रहा है. कोई अधूरा बंधन है. शायद सदियों पहले ये श्राप पूरा नहीं हुआ था।

अनाया ने चौंककर पूछा,
मतलब ये कि तेरा अंत कभी हुआ ही नहीं?

चुडैल ने जमीन पर नाखून मारे. चिंगारियाँ निकलीं और राख का धुँआ फैल गया.
हाँ! मेरी आत्मा को बाँधने वाला आखिरी मंत्र कभी पूरा नहीं किया गया था. इसलिए मैं हमेशा लौट सकती हूँ. हर पूर्णिमा मुझे नया रूप देती है. और इस बार. करन मेरा वाहक है।

अनाया ने दृढ स्वर में कहा,
तो हमें वो अधूरा मंत्र खोजना होगा. वही तेरी असली हार है।




गाँव में हाहाकार

जैसे ही ये बात सामने आई, गाँव का माहौल और भयावह हो गया.
पेडों की डालियाँ खुद- ब- खुद टूटकर जमीन पर गिरने लगीं. घरों की छतों पर किसी अदृश्य हाथ ने खून से लिख दिया—“ अधूरा श्राप।

लोग पागलों की तरह भागने लगे. कुछ ने अपने दरवाजे बंद कर लिए.
बच्चे रोने लगे. औरतें मंत्र बुदबुदाने लगीं.

गाँव के बुजुर्ग पुजारी ने अनाया को अलग ले जाकर कहा—
बेटी, सदियों पहले इस चुडैल को बंद करने के लिए एक ‘अधूरा मंत्र’ बोला गया था. लेकिन जिस साधक ने उसे बाँधा था, वो उसी रात मारा गया. मंत्र अधूरा रह गया. और चुडैल की आत्मा अधूरी पूर्णिमा के हर चक्र में वापस लौट आती है।

अनाया के पैरों तले जमीन खिसक गई.
तो इसका मतलब. ये रात कभी सच में खत्म नहीं होगी?

पुजारी ने सिर झुका लिया.
जब तक वो अधूरा मंत्र पूरा नहीं किया जाता, श्राप चलता रहेगा. और शायद वही मंत्र करन को भी बचा सकता है।




करन का टूटता शरीर

इस बीच करन का हाल बिगडता जा रहा था. उसकी नसें नीली पड गई थीं. हाथ काँप रहे थे, और उसकी आँखों में बारी- बारी से कभी सुनहरी, कभी लाल चमक आती.

वह अनाया से बोला,
अनाया. मुझे डर है मैं ज्यादा देर तक खुद को काबू में नहीं रख पाऊँगा. अगर मैंने तुझे चोट पहुँचाई तो.

अनाया ने उसका चेहरा थाम लिया.
तुम कुछ नहीं करोगे. ये मैं जानती हूँ. हम उस अधूरे मंत्र को पूरा करेंगे. बस मुझ पर विश्वास रखो।

लेकिन तभी करन का शरीर झटका खाकर पीछे गिरा. उसकी परछाई दीवार पर फैल गई और उसमें से चुडैल का रूप निकल आया.

तुम चाहो या न चाहो, करन अब मेरा है. और आधा चाँद मेरा असली रूप है. जब तक अधूरा रहस्य उजागर नहीं होगा, मैं कभी नहीं मिटूँगी।




अनाया की खोज

अनाया ने गाँव के पुजारी से पूछा,
वो अधूरा मंत्र कहाँ मिलेगा?

पुजारी ने कहा,
मंदिर के तहखाने में एक पुरानी तख्ती है. उस पर वो आखिरी शब्द लिखे हैं जो कभी बोले ही नहीं गए. लेकिन ध्यान रखना. उस तख्ती तक पहुँचना आसान नहीं. उसे उसी चुडैल ने अपने श्राप से ढका हुआ है. वहाँ जाने का मतलब मौत को बुलाना है।

अनाया ने बिना सोचे कहा,
अगर वो करन को बचा सकता है, तो मैं वहाँ जरूर जाऊँगी।




तहखाने का आतंक

रात गहरी हो चुकी थी. गाँव का हर कोना अंधेरे से ढक गया था. अनाया मशाल लेकर मंदिर के तहखाने की ओर बढी.

सीढियाँ नीचे जातीं और हर कदम के साथ हवा और ठंडी होती जाती.
दीवारों से खून रिस रहा था. चूहे जमीन पर दौडते और फिर अचानक गायब हो जाते.

तहखाने का दरवाजा बंद था. उस पर जंजीरें लिपटी थीं.
जैसे ही अनाया ने हाथ लगाया, जंजीरों से चीखें गूँज उठीं.

मत खोल! ये तेरा अंत है।

लेकिन अनाया ने हिम्मत करके दरवाजा खोला.

भीतर अंधेरा था. सिर्फ उसकी मशाल की लौ टिमटिमा रही थी.
वहाँ दीवारों पर हजारों हाथों की छापें थीं—जैसे सदियों से कैद आत्माएँ वहाँ छटपटा रही हों.

बीचोंबीच एक पत्थर की तख्ती रखी थी. उस पर अजीब अक्षर खुदे थे.
अनाया पास गई और पढने लगी.




अधूरे मंत्र का रहस्य

तख्ती पर लिखा था:
जिस रात चाँद अधूरा होगा, उस रात मेरा श्राप भी अधूरा रहेगा. लेकिन जो इस मंत्र को पूरा करेगा, उसे अपनी आत्मा का बलिदान देना होगा. तभी श्राप टूटेगा।

अनाया का दिल काँप गया.
मतलब. जो भी ये मंत्र पूरा करेगा, उसकी जान जाएगी?

पीछे से अचानक चुडैल की हँसी गूँजी.
हाँ! यही सच है. मेरी मौत किसी और की मौत से ही होगी. क्या तू अपने करन के लिए अपनी आत्मा देगी, अनाया?

अनाया ने काँपते हुए मशाल कसकर पकडी. उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे.
अगर यही कीमत है, तो मैं दूँगी. लेकिन तुझे मिटाकर रहूँगी।




अधूरी पूर्णिमा का युद्ध

अनाया तख्ती लेकर ऊपर भागी. बाहर करन जमीन पर तडप रहा था. उसका शरीर आधा इंसान, आधा चुडैल बन चुका था.

आसमान में चाँद अब और छोटा हो गया था. जैसे कोई उसे धीरे- धीरे निगल रहा हो.

अनाया ने तख्ती उठाकर मंत्र बोलना शुरू किया.
हवा और तेज हो गई. गाँव के पेड उखडने लगे. घरों की दीवारें गिरने लगीं.

चुडैल चीखने लगी.
चुप रह! अगर तूने मंत्र पूरा किया, तो तेरा खून तुझे ही डुबो देगा।

लेकिन अनाया रुकने वाली नहीं थी. वह हर शब्द ऊँची आवाज में बोल रही थी.

करन की आँखों से खून बहने लगा. उसका शरीर काँपता हुआ चीख रहा था—
अनाया! मत कर. तू मर जाएगी!

अनाया ने उसकी ओर देखा.
अगर मेरी मौत तुझे बचा सकती है, तो ये मौत भी मुझे मंजूर है।




अंतिम क्षण

जैसे ही अनाया ने आखिरी शब्द बोले, आसमान में गडगडाहट हुई.
चाँद पूरी तरह काला हो गया. पूरा गाँव अंधेरे में डूब गया.

चुडैल ने भयावह चीख मारी. उसका रूप फटने लगा. उसके शरीर से आग और धुंध निकलने लगी.

वह करन पर झपटी, लेकिन बीच में अनाया खडी हो गई.
उसने तख्ती उठाकर अपने सीने से लगा ली.

चुडैल की चीख हवा में गूँजते ही उसका शरीर राख में बदल गया.
करन जमीन पर गिर पडा—बेहोश, लेकिन जिंदा.

अनाया का शरीर धीरे- धीरे ढहने लगा. उसकी आँखों में आँसू थे, होंठों पर मुस्कान.
करन. तुम अब आजाद हो।




भयावह शांति

अचानक सब शांत हो गया. हवा रुक गई. पेडों पर फूल खिल उठे. टूटे घर अपने आप खडे हो गए.
गाँव फिर से वैसा हो गया, जैसा सदियों पहले था.

गाँववाले हैरान रह गए. उन्हें लगा कि श्राप टूट गया.

करन ने आँखें खोलीं और अनाया को खोजा.
वह वहीं पडी थी—निर्जीव.

उसने चीखकर उसका नाम पुकारा.
लेकिन उसी क्षण, करन ने देखा—उसकी परछाई दीवार पर हिल रही थी. और परछाई में अनाया का चेहरा नहीं था. बल्कि चुडैल का.




अधूरा रहस्य

चुडैल की धीमी हँसी गूँजी—
सोचा था इतना आसान होगा? अधूरी पूर्णिमा का राज अभी पूरा नहीं खुला है, करन. मैं फिर लौटूँगी. तुम्हारे अपने घर के भीतर।

करन के चेहरे पर खून के आँसू बह निकले.
गाँववालों ने सोचा सब खत्म हो गया, लेकिन उन्हें क्या पता था—
साया अभी भी जिंदा था. और वो साया करन के साथ उनके घर तक जा रहा था.




अब कहानी इस मुकाम पर है जहाँ सबको लगता है श्राप टूट गया, लेकिन सच में सिर्फ अधूरा रहस्य खुला है. चुडैल का साया अभी भी जिंदा है और अगली अधूरी पूर्णिमा में फिर लौटेगा.



अध्याय – साया की वापसी और अधूरी आत्मा

करन जमीन पर बैठा था. उसकी बाँहों में अनाया का निर्जीव शरीर था. उसकी आँखों से खून जैसे आँसू बह रहे थे.
गाँववाले धीरे- धीरे पास आने लगे. सबने देखा कि चुडैल राख में बदल चुकी है और माहौल शांत हो गया है.

गाँव की औरतें रोने लगीं, कुछ ने अनाया के पाँव छुए.
बुजुर्ग पुजारी ने भारी आवाज में कहा—
अनाया ने हमें बचा लिया. उसने अपनी आत्मा देकर इस श्राप का अंत कर दिया।

लेकिन करन चुप था. उसके भीतर एक सन्नाटा गूँज रहा था.
वह बार- बार अनाया का नाम ले रहा था—
नहीं. ये अंत नहीं हो सकता. अनाया वापस आएगी. मैं उसे खो नहीं सकता।




अनजानी हरकतें

रात बीत गई. गाँववालों ने अनाया का अंतिम संस्कार करने की तैयारी की.
लेकिन उसी रात करन ने कुछ अजीब महसूस किया.

जब वह अनाया के शरीर के पास बैठा था, उसने देखा—उसकी परछाई हिल रही है.
परछाई का चेहरा धुंधला था, और उसमें से धीमी हँसी गूँज रही थी.

करन. तूने सोचा कि सब खत्म हो गया? सच तो ये है कि अनाया कहीं नहीं गई. उसकी आत्मा अभी अधूरी है. और वो मेरे पास है।

करन चौंककर उठ खडा हुआ.
तू कौन है? चुडैल तो राख हो गई थी!

हँसी और तेज हो गई.
मैं वही हूँ. तेरे भीतर का साया. तू भूल गया, आधी पूर्णिमा का श्राप अधूरा है. मैंने अनाया की आत्मा को कैद कर लिया है. अगर तू उसे वापस चाहता है, तो मेरी राह पर चल।




अधूरी आत्मा का संकेत

करन ने देखा—अनाया का शरीर तो यहीं था, लेकिन उसके होंठों से हल्की फुसफुसाहट निकली.
कर. न. बचा लो.

उसकी आँखें बंद थीं, लेकिन आत्मा की आवाज साफ सुनाई दी.

करन काँप उठा.
अनाया! तू यहीं है. मैं तुझे वापस लाऊँगा।

साया हँसा.
वापस लाना आसान नहीं होगा. तुझे उस रहस्य को खोजना होगा जो सदियों से अधूरा पडा है. अधूरी पूर्णिमा का सच. और उस सच तक पहुँचने के लिए तुझे अपने ही अंधेरे से गुजरना होगा।




घर की ओर सफर

गाँववालों ने जोर दिया कि अनाया का अंतिम संस्कार कर दिया जाए, लेकिन करन ने मना कर दिया.
ये शरीर अभी अधूरा है. उसकी आत्मा कहीं बीच में अटकी है. जब तक मैं उसे वापस नहीं लाता, कोई उसे जला नहीं सकता।

पुजारी ने सिर झुका लिया.
बेटा, तू आग से खेल रहा है. अगर आत्मा बीच में अटकी रहे, तो वो कभी चैन नहीं पाएगी. और तुझ पर भारी पडेगी।

करन ने दृढ स्वर में कहा,
तो पडे. लेकिन मैं अनाया को ऐसे नहीं छोडूँगा।

वह अनाया के शरीर को उठाकर अपने घर ले गया.




घर में सन्नाटा

रात गहरी हो गई. करन ने अनाया को अपने कमरे में रखा.
चारों ओर अजीब सन्नाटा था. घडी की टिक- टिक बंद हो गई थी. हवा खिडकियों से भीतर नहीं आ रही थी.

और फिर—दीवार पर उसकी परछाई हिली.
उस परछाई में अनाया का चेहरा उभर आया, लेकिन उसकी आँखें काली थीं.

करन. मैं तुझे पुकार रही हूँ. मुझे इस अंधेरे से निकालो.

करन के हाथ काँप गए. उसने कहा,
मैं तुझे बचाऊँगा, अनाया. चाहे इसके लिए मुझे अपनी जान क्यों न देनी पडे।

साया फिर हँसा.
जान ही नहीं, करन. तुझे अपनी आत्मा भी देनी होगी. और उसके बाद तू कभी इंसान नहीं रहेगा. अधूरी पूर्णिमा तुझे बदल देगी।




अधूरी पूर्णिमा का भय

अगली रात फिर आधा चाँद निकला.
लेकिन इस बार उसका रंग लाल नहीं, बल्कि काला था.

आसमान पर परछाइयाँ घूमने लगीं.
खिडकियाँ अपने आप खुल गईं. परदे हवा में फडफडाने लगे.

अनाया का शरीर जमीन पर काँपने लगा. उसके होंठों से फिर वही आवाज आई—
करन. जल्दी. मेरी आत्मा को साए से निकालो.

करन ने उसका हाथ पकड लिया.
तू अकेली नहीं है, अनाया. मैं तुझे इस अधूरे अंधेरे से निकालकर रहूँगा।

तभी दीवार पर साया उभर आया. उसका रूप पहले से भी डरावना था—लंबे बाल, काली आँखें और चौडा मुँह.
तो आ जा. मेरी दुनिया में. देखता हूँ तू अनाया को कैसे बचाता है।




आत्मा की दुनिया

अचानक सब कुछ बदल गया.
करन ने पाया कि वह अपने कमरे में नहीं है.
उसके चारों ओर सिर्फ धुंध थी. जमीन पर राख बिखरी थी और आसमान में आधा काला चाँद टंगा था.

दूर से अनाया की चीख सुनाई दी.
करन! मुझे बचाओ.

लेकिन उसके और अनाया के बीच एक लंबी काली नदी थी.
उस नदी से हजारों हाथ बाहर निकल रहे थे—खून से सने, मुडे- तुडे हाथ.

साया उसकी पीठ पीछे खडा था.
अगर तुझे अनाया चाहिए, तो इस नदी को पार कर. लेकिन याद रख, हर कदम पर तेरा एक हिस्सा इस अंधेरे में खो जाएगा।

करन ने बिना सोचे कदम बढा दिया.




पहला कदम

जैसे ही उसका पैर पानी में पडा, नदी से हाथ उठकर उसकी टाँग पकडने लगे.
ठंडे, चिपचिपे हाथ उसे नीचे खींचने लगे.

उसके कानों में फुसफुसाहट गूँजी—
करन. तुझे अनाया नहीं मिलेगी. तुझे सिर्फ मौत मिलेगी।

लेकिन उसने जोर लगाकर अपना पैर छुडाया.
चाहे जितना अंधेरा आए, मैं पीछे नहीं हटूँगा।




अधूरी आत्मा का सामना

करीब आधी नदी पार करने पर उसने देखा—अनाया सामने खडी है.
लेकिन उसके शरीर पर जंजीरें बँधी थीं. उसकी आँखें लाल थीं और होंठों पर खून था.

करन. मुझे बचाओ.

करन ने हाथ बढाया, लेकिन तभी उसकी पीठ से आवाज आई—
ये अनाया नहीं है. ये तो मेरी बनाई परछाई है. अगर तूने इसे छुआ, तो हमेशा के लिए मेरे अधूरे श्राप का हिस्सा बन जाएगा।

करन रुका नहीं. उसने हाथ आगे बढाया.
चाहे तू परछाई हो या हकीकत, मैं तुझे छोड नहीं सकता।




अंतिम चीख

जैसे ही करन ने अनाया का हाथ पकडा, पूरी नदी उबलने लगी.
हजारों हाथ बाहर निकले और उसे खींचने लगे.
उसकी आँखों के सामने अंधेरा फैल गया.

लेकिन उसने अनाया को कसकर पकड लिया और पूरी ताकत से खींच लिया.

अनाया की जंजीरें टूट गईं. उसकी आँखें लाल से नीली हो गईं.
उसने करन की ओर देखा—
तूने मुझे बचा लिया. लेकिन अभी सब खत्म नहीं हुआ. अधूरी पूर्णिमा का असली रहस्य अभी भी बाकी है।




अब कहानी इस मोड पर है कि करन ने अनाया की आत्मा को साए की दुनिया से निकाल तो लिया है, लेकिन श्राप अभी भी टूटा नहीं. आधी पूर्णिमा का असली रहस्य अभी छुपा हुआ है, और अगली बार चुडैल और भी ताकतवर रूप में लौटेगी.

जंगल के बाबा और अधूरी पूर्णिमा का रहस्य

करन और अनाया की रातें अब और बेचैन हो चुकी थीं.
भले ही अनाया की आत्मा लौटा दी गई थी, मगर हर समय उनके आसपास कोई अनदेखा साया मंडराता.
कभी खिडकियाँ अपने आप खुल जातीं, कभी दीवार पर किसी औरत की परछाई उभर आती.

एक रात तो अनाया ने साफ देखा—करन सो रहा था, लेकिन उसकी परछाई दीवार पर जाग रही थी और मुस्कुरा रही थी.

अनाया काँप उठी.
करन, हम ऐसे नहीं बच पाएँगे. हमें कोई ऐसा चाहिए जो इस श्राप को तोड सके।

करन चुप रहा, लेकिन उसकी आँखों में भी वही डर था.




बाबा का जिक्र

अगली सुबह गाँव की एक बूढी औरत उनके दरवाजे पर आई.
उसकी आँखों में रहस्य भरा था. उसने धीमी आवाज में कहा—
बेटा, इस गाँव में अब तुम्हारा रहना आसान नहीं. लेकिन अगर तुम सच में इस सबका अंत चाहते हो, तो दूर उस घने जंगल में जाओ. वहाँ एक बाबा रहते हैं. लोग उन्हें ‘काल- विजेता बाबा’ कहते हैं. उन्होंने अपनी साधना से असंख्य चुडैलों और जिन्नों को वश में किया है।

करन और अनाया ने एक- दूसरे की ओर देखा.
ये उनकी आखिरी उम्मीद थी.




सफर की शुरुआत

रात होते ही वे दोनों निकल पडे.
जंगल गाँव से कई कोस दूर था. रास्ता सुनसान और डरावना था. पेडों की टहनियाँ हवा में हिलकर अजीब- अजीब आकृतियाँ बना रही थीं.

कभी घोडे के खुरों जैसी आवाज सुनाई देती, कभी औरत की हँसी.
लेकिन हर बार पीछे मुडने पर सिर्फ सन्नाटा मिलता.

अनाया ने करन का हाथ कसकर पकडा.
ये जंगल मुझे सही नहीं लग रहा।

करन ने उसकी आँखों में देखा.
अब पीछे हटने का सवाल ही नहीं है. हमें बाबा तक पहुँचना ही होगा।




जंगल का आतंक

जैसे- जैसे वे भीतर बढते गए, जंगल और भी अजीब होता गया.
पेडों की छाल पर चेहरे उभरने लगे.
झाडियों से किसी के फुसफुसाने की आवाज आती—
वापस लौट जाओ. बाबा तक पहुँचना आसान नहीं।

अचानक एक काली परछाई उनके सामने आ गिरी.
उसका शरीर इंसानी था, लेकिन चेहरा जानवर का—लाल चमकती आँखें और खुले दाँत.

वह गुर्राया—
बाबा तक पहुँचना चाहते हो? पहले मुझसे गुजरना होगा।

करन ने अपने हाथ में लकडी उठा ली.
लेकिन परछाई उसपर झपटी तो लकडी खुद ही जलकर राख हो गई.

अनाया ने हिम्मत जुटाकर आँखें बंद कीं और वही मंत्र दोहराने लगी जो उसने मंदिर में पढा था.
जैसे ही उसने आखिरी शब्द कहा, परछाई चिल्लाई और धुएँ में बदलकर गायब हो गई.

करन ने हैरानी से अनाया को देखा.
तुम्हारे भीतर भी अब शक्ति है।

अनाया काँपते हुए बोली,
शक्ति नहीं. ये श्राप का असर है. जितना हम इसमें उलझते जा रहे हैं, उतना ही ये हमें बदल रहा है।




बाबा का आश्रम

कई घंटों तक भटकने के बाद आखिरकार उन्हें जंगल के बीच एक जगह दिखी.
वहाँ एक छोटा- सा आश्रम था. चारों ओर दीपक जल रहे थे और बीच में धुएँ से घिरा एक साधक बैठा था.

उसकी आँखें बंद थीं, लेकिन जैसे ही करन और अनाया ने कदम रखा, उसने बिना देखे ही कहा—
मैं जानता था तुम आओगे।

दोनों चौंक गए.

बाबा धीरे- धीरे उठे. उनका चेहरा झुर्रियों से भरा था, लेकिन आँखों में तेज ऐसा कि सीधा दिल को चीर जाए.
उन्होंने करन की ओर देखा.
तू ही है वो लडका, जिसके भीतर चुडैल का साया अब भी जीवित है।

करन का दिल जोर से धडक उठा.
क्या आप हमें बचा सकते हैं?

बाबा ने गंभीर स्वर में कहा—
बचाना इतना आसान नहीं. चुडैल राख हो गई, लेकिन उसका श्राप जीवित है. और वह श्राप अधूरी पूर्णिमा से जुडा है. जब तक उस रहस्य को नहीं समझोगे, तब तक यह साया तुम्हारा पीछा नहीं छोडेगा।




अधूरी पूर्णिमा का रहस्य

अनाया ने काँपती आवाज में पूछा—
बाबा, ये अधूरी पूर्णिमा क्या है?

बाबा ने आँखें बंद कीं और धीरे से बोले—
सदियों पहले, इस धरती पर एक ऐसी रात आई थी जब चाँद पूरा नहीं हुआ. ठीक आधे पर अटक गया. उस रात एक बलिदान अधूरा रह गया था. वही अधूरा बलिदान अब हर सौ साल बाद लौटता है. चुडैल उसी रात की शक्ति से बंधी है. और अब, उसका अधूरा हिस्सा करन के भीतर है।

करन सिहर उठा.
तो इसका अंत कैसे होगा?

बाबा ने गहरी साँस ली.
इसके लिए तुम्हें उसी जगह जाना होगा जहाँ वो पहला बलिदान अधूरा रह गया था. वहाँ एक काला दर्पण दबा हुआ है—मौत का आईना. उसे देखे बिना कोई इस श्राप से मुक्त नहीं हो सकता. लेकिन याद रखो, उस आईने में झाँकने वाला कभी वैसा नहीं रहता जैसा पहले था।




चेतावनी

बाबा ने दोनों को एक ताबीज दिया.
ये तुम्हें रास्ते के दुष्ट सायों से बचाएगा. लेकिन जब तुम मौत के आईने के सामने खडे होगे, तब कोई ताबीज काम नहीं करेगा. वहाँ सिर्फ तुम्हारा साहस और तुम्हारा प्यार ही तुम्हें बचा पाएगा।

करन ने ताबीज अपनी गर्दन में पहन लिया.
अनाया ने भी उसे कसकर पकड लिया.

बाबा की आँखों में चिंता झलक रही थी.
याद रखो, अगर असफल हुए. तो न केवल तुम दोनों, बल्कि पूरा गाँव सदा- सदा के लिए इस अधूरी पूर्णिमा के अंधेरे में डूब जाएगा।




अब कहानी इस मोड पर है कि करन और अनाया को“ मौत का आईना” ढूँढना है—वह दर्पण जो अधूरी पूर्णिमा का असली रहस्य अपने भीतर छुपाए बैठा है.



आत्माओं की जंग

आश्रम के चारों ओर काली आँधी उठ चुकी थी. बाबा ने धूनी जलाई थी और अग्नि में आहुतियाँ डाल रहे थे.
मंत्रों की गूँज इतनी तेज थी कि पेडों की शाखाएँ काँप रही थीं.

करन को बाबा ने एक पुरानी चौकी पर लिटा दिया था.
उसके हाथ- पाँव लोहे की मोटी रस्सियों से बाँधे गए थे.
अनाया की आँखों में आँसू थे, लेकिन बाबा ने सख्ती से कहा—

अगर इसे सचमुच बचाना चाहती हो, तो बीच में मत आना. अब ये इंसान और आत्माओं की दुनिया के बीच की लडाई है।




करन का सफर आत्माओं की दुनिया में

बाबा ने जैसे ही आखिरी मंत्र बोला, करन की आँखें उलट गईं.
उसका शरीर जमीन पर बंधा हुआ झटके खाने लगा.
उसकी नसें नीली पड रही थीं, होंठ फटकर खून बह रहा था.

अनाया डरकर चीखी—
बाबा! ये मर जाएगा!

बाबा ने हाथ उठाकर कहा—
ये नहीं मर रहा, इसकी आत्मा दूसरी दुनिया में खिंच चुकी है।




आत्माओं का संसार

करन ने अचानक खुद को एक वीरान जगह पर पाया.
चारों ओर सिर्फ धुंध, चीत्कार और सडांध थी.
जैसे हजारों आत्माएँ किसी अंधेरी जेल में तडप रही हों.

अचानक उसके सामने काले धुएँ से दर्जनों आत्माएँ प्रकट हुईं.
उनके चेहरे अधजले थे, आँखें खाली गड्ढों जैसी.
वे चीखते हुए उसकी ओर बढीं.

ये हमारा हिस्सा है! ये हमारा है!

करन पीछे हटना चाहता था, लेकिन पैरों के नीचे जमीन दलदल जैसी थी.




बाहर का दृश्य

आत्माओं की हर चीख के साथ करन का शरीर बाहर और जोर से काँपने लगता.
रस्सियाँ चरमराने लगीं, जैसे अभी टूट जाएँगी.
उसकी गर्दन पीछे की ओर मुडने लगी, मानो कोई अदृश्य ताकत उसे तोड रही हो.

अनाया चीख रही थी,
बाबा! कुछ कीजिए, ये रस्सियाँ इसे मार देंगी।

बाबा ने मंत्र और तेज कर दिए.
रस्सियों का कसाव ही इसकी आत्मा को बाहर रख रहा है. अगर ये टूटीं तो ये शरीर हमेशा के लिए खाली हो जाएगा।




आत्माओं की लडाई

भीतर करन ने देखा कि आत्माएँ उसे चारों ओर से घेर चुकी हैं.
वो उसे नोचने लगीं. उनकी उंगलियाँ बर्फ जैसी ठंडी थीं, लेकिन उनका स्पर्श उसकी आत्मा को जलाता जा रहा था.

करन ने चीख मार दी.

और उसकी चीख बाहर उसके शरीर से भी निकली.
पूरा कमरा दहल गया.

बाबा ने एक मुट्ठी राख हवा में फेंकी और गरजा—
हे बंधी हुई आत्माओ! अगर तुम इस लडके को चाहती हो तो पहले मुझे पार करो।

अचानक अग्नि की लपटें ऊँची हो गईं.
धुएँ में से बाबा का विशाल रूप उभर आया.




अनाया की कसौटी

अनाया रोते हुए देख रही थी.
करन का शरीर अब इतना जोर से झटके खा रहा था कि चौकी की लकडी चटकने लगी.
उसकी नसों में काला खून दौड रहा था.

अनाया ने बाबा से कहा,
मैं कुछ कर सकती हूँ? उसे ऐसे तडपते नहीं देख सकती।

बाबा ने कहा,
अगर सच में इसे बचाना चाहती है, तो अपना खून देना होगा. तुम्हारे प्रेम और बलिदान की शक्ति ही इसकी आत्मा को रोक सकेगी।

अनाया ने बिना सोचे अपनी हथेली काट ली और उसका खून आग में टपकाया.

अग्नि और ऊँची भडक उठी.
भीतर आत्माओं का संसार काँपने लगा.




आत्माओं का चक्रव्यूह

करन ने देखा कि उसके चारों ओर आत्माएँ अचानक पीछे हट गईं.
लेकिन फिर वे गोल घेरे में नाचने लगीं.
उनकी चीखें तालमेल बनाकर गूँजने लगीं.

घेरा छोटा होता गया, और उनके चेहरे बदलने लगे.
हर आत्मा अब किसी न किसी रूप में अनाया जैसी दिख रही थी—खून से लथपथ, टूटी हुई, रोती हुई.

करन चौंक उठा.
ये क्या है? तुम सब अनाया नहीं हो!

लेकिन हर आत्मा उसकी ओर हाथ बढाकर कह रही थी—
हमें बचाओ करन. मैं ही असली अनाया हूँ।




बाहर का असर

भीतर करन धोखे की इस भीड में फँस रहा था.
बाहर उसका शरीर और भी भयानक तरीके से तडपने लगा.
उसकी पीठ पर अचानक जलने जैसे निशान बनने लगे, जैसे कोई अदृश्य पंजे खरोंच रहे हों.

अनाया ने करन का नाम पुकारा.
सुनो करन! मैं यहीं हूँ! इन झूठी आत्माओं पर भरोसा मत करना!

उसकी आवाज भीतर तक पहुँची.
करन के कानों में गूँजी और उसने दाँत भींचकर कहा—
मैं अपनी अनाया को पहचानता हूँ. तुम सब नकली हो!




युद्ध का भडकना

उसके शब्दों से आत्माएँ चिल्लाईं.
उनका रूप और डरावना हो गया.
उनके मुँह से काले धुएँ की धार निकलकर करन को लपेटने लगी.

बाहर करन की साँस रुकने लगी. उसका चेहरा नीला पड गया.
अनाया ने बाबा की ओर देखा.
बचाइए बाबा!

बाबा ने गहरी आवाज में मंत्र बोला और अग्नि की राख करन के शरीर पर छिडकी.
तभी करन ने भीतर अपने हाथों में सुनहरी रोशनी देखी.

एक- एक कर आत्माएँ चीखती हुई राख बन गईं.




लेकिन आखिरी आत्मा अभी बाकी थी. और उसका चेहरा बिल्कुल अनाया जैसा था.
 
Next chapter jaldi hi aayega.. Tb tk k liye liye padhte rahiye matrubharti.. 
To Be Continued