Tere Mere Darmiyaan - 14 in Hindi Love Stories by CHIRANJIT TEWARY books and stories PDF | तेरे मेरे दरमियान - 14

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तेरे मेरे दरमियान - 14


मोनिका :- तुमने इसकी किमत नही दैखी क्या ? अगर मन बहलाने के लिये दैख रही हो तो ठिक है पर गलती से भी इसे लेकर बिलिंग काउंटर के पास मत चले जाना । 





आदित्य: - कृतिका ये तुम पर बहोत अच्छी लगेगी । ये तुम ले लो ।




मोनिका :- बस हो गया आदित्य । मुझे इंप्रेस करने के लिए तुम्हें ये सब करने की कोई जरुरत नही है । मैं अब वापस तुम्हारे पास नही जाने वाली ।



आदित्य: - मोनिका क्या प्लिज यहां से दुसरी और जाओगी । कृतिका ये कल के पार्टी मे तुम पहनना ।



मोनिका :- तुम फटीचरो को किसने पार्टी मे इंन्वाइट किया ?




मोनिका के बार बार फटीचर कहने पर कृतिका गुस्सा होकर कहती है ।




कृतिका :- पहले तो तुम हमे बार बार ये फटीचर कहना बंद करो समझी । तुमसे तो हम कई गुना अच्छे है जो किसी और के सहारे उछला नही करते । और दुसरी बात ये है के कल हमे विद्युत तिवारी ने इंनवाईट किया है । 




मोनिका हंसती हूई कहती है ।




मोनिका :- क्या ! हा हा हा हा । तुम लोगो को विद्युत तिवारी ने बुलाया है , क्या मजाक कर रहे हो । तुम लोग ये सब इसिलिए कर रहे हो ना ताकी मुझे लगे के मैने आदित्य को छोड़कर गलत किया । कसम से तुमलोगो का प्लानिंग बहोत अच्छी है ।




विकी :- अगर उनके घर मे कोई पार्टी होती तो सबसे पहले मुझे खबर होती । तुम जैसे फटीचर को नही ।




कृतिका :- तबतो ये अच्छी बात है । इसी से पता चलता है के तुम्हारी ओकात क्या है । क्योकी पार्टी तो कल है और तुम्हें पता ही नही है , तुमसे पहले मुझे पता है । और हां उस सिक्योरिटी को भी तुमसे पहले पता है । 




कृतिका इतना बोलकर एक सिक्योरिटी को बुलाती है और उससे पुछती है ।




कृतिका :- भैया । जरा यहां आना ।





सिक्योरिटी: - जी मेडेम ।




कृतिका :- कल विद्युत तिवारी के घर मे क्या है , तुम्हें पता है ।




सिक्योरिटी: - जी मेडम , कल उन्होने अपने घर मे पार्टी रखी है और मैं भी कल जा रहा हूँ ।





उस सिक्योरिटी की बात को सुनकर मोनिका और विकी हैरान था । के एक मामूली सिक्योरिटी को कार्ड मिला है पर उसे अभी तक कुछ पता ही नही है ।




कृतिका :- दैखा , एक मामूली सिक्योरिटी गार्ड तक को पता है पर तुम्हें नही । इससे तो तुम्हारी वेल्यु का पती चल ही रहा है ।




कृतिका के ईतना कहने पर विकी और मोनिका दौनो ही बहोत गुस्सा हो जाता है । पर आदित्य कृतिका और रमेश को लेकर वहां से दुसरी और चला जाता है ।




आदित्य और उसके दोस्त कपड़े लेकर बिलिंग कांउटर पर जाता है । विकी और मोनिका ये सब दैख रहा था और मन ही मन सौच रहा था के अब ये लोग इतना पैसा कहां से देगा ।



पर ये क्या आदित्य ने सारे कपड़े ले लिए और बिना पैसे दिए ही वहां से चला गया और सिक्योरिटी गार्ड ने ना बिल चेक किया और ना ही कपड़े । सिक्योरिटी गार्ड ने एक सेल्युट किया और वो सब वहां से चला गया ।




मोनिका ये सौच सौच कर पागल हो रही थी के आखिर ऐसा क्यो हो रहा है । 



मोनिका तुरंत बिलिंग कॉउटर पर गयी और वहां पर मौजूद बिलिंग करने वाले पूछती है ।




मोनिका :- हेलो भाई साहब । जरा सुनिये ।



बिलिंग बॉय :- जी मेडेम कहिए ।




मोनिका :- वो जो अभी गया यहां से कपड़े लेकर ।




बिलिंग बॉय :- कौन वो आदित्य सर ?




उस लड़के के आदित्य को आदित्य सर बोलने पर मोनिका हैरान थी ।




मोनिका :- हां वही, तुम जानते हो उसे । जो उसे आदित्य सर बुला रहे हो ।



बिलिंग बॉय :- छोडिए ना मेडेम आप काम बोलो ना क्या है ।




मोनिका :- उसने जो सामान लिया वो लगभग एक - दो लाख की तो होगी ।




बिलिंग बॉय: - पाँच लाख की थी ।



मोनिका :- पाँच लाख । पर तुमने उसे वो सब कपड़े बिना पैसे के ही दे दिए । और वो तुम्हारा सिक्योरिटी उसे बिना चेक किए ही जाने दिया ।





बिलिंग बॉय: - ये क्या पूछ रही हो मेडम । मुझे और भी बिल्स बनानी है , आप जाओ यहां से अभी । लगता है आप आदित्य सर को जानती नही हो ।





इतना बोलकर बिलिंग बॉय दुसरा बिल बनाने लगता है । मोनिका बहोत ही ज्यादा हैरान थी । उसे कुछ समझ मो नही आ रहा था के आखिर ये सब क्या हो रहा है ।





तभी विकी को एक फोन आता है । विकी फोन को रिसीव करता है ।




विकी :- जी सर , ओके सर । सब हो जाएगा , आप टेंशन मत लिजिए । मैं अभी आ रहा हूँ ।




विकी इतना बोलकर फोन रख देता है । तो मोनिका विकी से पूछती है । 




मोनिका :- कौन था , किसका फोन था ?




विकी :- मोनिका , वो आदित्य सच बोल रहा था । कल विद्युत तिवारी के घर मे पार्टी है । और मुझे उसका काम सौंपा गया है । आखिर ये आदित्य क्या चीज है । 




मोनिका और विकी आदित्य के बारे मे जितना जान रहा था उन दोनो को उतना ही हैरानी हो रही थी ।





दुसरे दिन पार्टी की शाम । सभी पार्टी इंज्वाई कर रहे थे । पार्टी मे अशोक , जानवी , विकी , मोनिका विद्युत , अनय और भी बहोत सारे लोग थे । तभी मोनिका विद्युत के पास जाती है और कहती है ।



मोनिका :- congratulations sir . आपको आपके बेटे के मॉल खुलने के लिये आपको बहोत बहोत बधाई ।




विकी :- congratulations sir . 



विद्युत: - थेंक्यू, थेंक्यू ।





तभी वहां पर अशोक और जानवी भी आती है । 




अशोक :- congratulations sir .





विद्युत: - अरे अशोक जी । थेंक्यू सो मच ।



जानवी :- congratulations sir .




विद्युत: - थेंक्यू बेटा । 




अशोक :- सर पार्टी आपने तो शानदार दी है । पर सर मन मे एक बात है जो मैं आपसे पूछना चाहता हूँ ।




विद्युत: - हां हां पूछो ।


अशोक :- सर आप इतने बड़े बिजनेसमैन हो । आप चाहो तो क्या कुछ नही कर सकते । हजारो सॉपिगं मॉल खड़ा कर सकते है पर सर ये पार्टी चार सॉपिगं के लिए तो नही है ।




विद्युत: - बिल्कुल सही समझे आप अशोक जी । वो क्या है ना मेरा बेटा बिल्कुल मेरे पे गया है । वो मेरे सपोर्ट और मेरे पहचान के बिना कुछ करना चाहता था । और उसने ये कर दिखाया । बस उसी के खुशी मे ये पार्टी है । 




जानवी :- मतलब वो यही है और सबके सामने एक आम इंसान बनके रह रहा है ।



To be continue.........