Nazar Se Dil Tak - 14 in Hindi Love Stories by Payal Author books and stories PDF | नज़र से दिल तक - 14

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नज़र से दिल तक - 14

अगली सुबह hospital के atmosphere में वही usual hustle था, लेकिन Anaya के लिए आज कुछ अलग महसूस हो रहा था।

Raj की एक नज़र, एक शब्द, अब उसके दिन की शुरुआत तय करने लगे थे।उसने खुद से कहा — “Focus Anaya, you’re here to learn…”पर दिल कहाँ किसी logic से चलता है?

Rounds के दौरान Raj ने नए interns को समझाते हुए एक patient का case discuss किया। Anaya थोड़ी distance पर खड़ी थी, पर उसकी नज़रें बार-बार Raj की तरफ जा रही थीं।

उनका बोलने का तरीका, calm expression, और हर patient से empathetic tone — सब कुछ उसे और खींच रहा था।

Raj ने अचानक उसकी ओर मुड़कर कहा —“Anaya, तुम next case explain कर दो।”Anaya थोड़ा nervous हुई, पर confident tone में case present किया।

Raj ने approving smile दी —“Good. अब तुम field में ready हो रही हो।”उसकी वो एक smile Anaya के लिए पूरे दिन का energy source बन गई।Lunch break में

Raj staff room में files देख रहे थे जब Anaya ने door पर हल्की knock की —“Sir, वो camp reports ready हैं।

”Raj ने सिर उठाया — “Good. Sit down.”Anaya ने hesitation में कहा, “Sir, आप busy हैं, मैं बाद में आ जाऊँ?”Raj ने calm tone में कहा —“नहीं, अभी ठीक है। और next week फिर से camp schedule है — तुम भी जाओगी।

”Anaya की आँखें चमक उठीं, “सच में, sir?”Raj ने हल्की हँसी में कहा, “हाँ, लेकिन इस बार ज़्यादा rest और proper hydration के साथ।

”Anaya मुस्कुराई — “I’ll take care, sir.”कुछ देर दोनों के बीच हल्की चुप्पी रही।Raj ने file बंद करते हुए कहा —“Anaya, तुम अपने काम में बहुत sincere हो। लेकिन… कभी-कभी professional distance maintain करना भी ज़रूरी होता है।

”उसकी बात सुनकर Anaya पलभर को चुप रह गई।दिल में जैसे किसी ने धीरे से कुछ छू लिया हो —“Sir, I understand,” उसने बस इतना कहा, पर उसकी आवाज़ में हल्का सा टूटाव था।

Raj ने उसकी आँखों में देखा — वहाँ hurt भी था, respect भी, और एक अनकहा सवाल भी — “क्या मेरी feelings गलत हैं?

”Raj ने नज़रें झुका लीं।“तुम talented हो, Anaya। मैं नहीं चाहता कि कोई भी distraction तुम्हारे path को affect करे।”Anaya ने सिर हिलाया, पर उसके अंदर जैसे कुछ टूट गया था।

वो उठी और धीरे से बोली, “I’ll get back to work, sir.”Raj ने कुछ कहने की कोशिश की, पर शब्द जैसे गले में अटक गए।

शाम को hostel लौटते हुए Anaya balcony में खड़ी थी, हवा बालों से खेल रही थी।उसने diary खोली —> “शायद feelings की भी अपनी सीमाएँ होती हैं…जहाँ दिल रुक जाना चाहता है, वहाँ दिमाग उसे आगे बढ़ा देता है।

Raj sir की बातें सही हैं, पर ये दिल… ये अब मानता ही नहीं।”उसी समय Raj अपने cabin में अकेले बैठे थे, सामने वही camp report पड़ी थी।

उन्होंने धीरे से खुद से कहा —> “कभी-कभी किसी को दूर रखकर भी उसका ख्याल आते रहना ही सबसे मुश्किल होता है…”दोनों ने उस रात कोई बात नहीं की,पर दोनों के दिलों में वही सवाल गूंजता रहा —

क्या दिल की ये सरहदें टूटेंगी, या बस अनकही रह जाएँगी?


To Be Continued…

(कभी-कभी दिल की दूरी ही सबसे गहरी नज़दीकी होती है… और शायद यही कहानी अब एक नए मोड़ की ओर बढ़ रही है।

)