Nazar Se Dil Tak - 10 in Hindi Love Stories by Payal Author books and stories PDF | नज़र से दिल तक - 10

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नज़र से दिल तक - 10



गाँव का मेडिकल कैंप खत्म होते–होते शाम गहरा चुकी थी।
दिन भर patients को देखना, medicines बाँटना और लगातार खड़े रहना… ये सब Anaya के लिए नया और बेहद थकाने वाला अनुभव था।

पर अजीब बात ये थी कि उसकी थकान के बावजूद दिल में एक हल्की सी खुशी थी।
Raj का हर बार सही समय पर guidance देना, उसकी छोटी-छोटी मदद करना—सब कुछ जैसे एक अनजानी ताक़त दे रहा था।

Hospital लौटते समय वैन की खिड़की से बाहर देखते हुए Anaya ने गाँव के छोटे घरों और खेतों को देखा।

“पहली बार इतनी नज़दीक से गाँव की ज़िंदगी देखी है,” उसने सोचा, “सब कुछ इतना सादा और असली है।”

Raj सामने की सीट पर files चेक कर रहे थे, लेकिन कभी-कभी पीछे मुड़कर students की हालत देखते।
उनकी नज़रें जब भी Anaya से मिलतीं, एक हल्की सी पूछताछ होती—थक तो नहीं गई?

Anaya बस हल्की मुस्कान से जवाब देती।

Hospital पहुँचते ही Raj ने सभी को instructions दिए—
“सब सबसे पहले dinner करो और फिर rest. Tomorrow morning reporting sharp 8 am.”
बाकी students अपनी-अपनी rooms की तरफ निकल गए।
Anaya ने भी hostel जाने की कोशिश की, लेकिन पैरों में अचानक भारीपन महसूस हुआ।
उसका सिर हल्का चकराया और आंखों के सामने धुंध-सी छाने लगी।

Raj ने दूर से देखा तो फौरन उसकी ओर बढ़े।
“Anaya, you okay?” उनकी आवाज़ में usual calmness थी, मगर चिंता साफ़ झलक रही थी।

Anaya ने weak मुस्कान दी—“बस थोड़ा dizzy लग रहा है, शायद थकान है।”

Raj ने बिना समय गंवाए उसे hospital की rest room में ले जाकर बैठाया।
“Sit down. Don’t move.”
उन्होंने तुरंत water bottle दी और nurse को बुलाकर vitals check करने को कहा।
“Dehydration है, शायद exhaustion भी,” nurse ने कहा।

Raj ने खुद medicines arrange कीं और softly कहा,
“Dinner करोगी तो energy वापस आएगी। I’ll get something.”
Anaya ने protest करने की कोशिश की—“मैं खुद ले लूंगी।”

Raj ने थोड़ा सख़्त होते हुए कहा,
“Enough. अभी तुम कहीं नहीं जाओगी। Stay here. I’ll be back.”

कुछ ही देर में वे soup और हल्का खाना लेकर लौटे।
उन्होंने प्लेट आगे बढ़ाते हुए calm tone में कहा,
“Eat slowly. You need this.”
Anaya ने देखा कि उनके चेहरे पर कोई औपचारिक doctor वाला भाव नहीं था,
बल्कि एक अनकही देखभाल थी जिसे वह नाम नहीं दे पा रही थी।

खाना खाते समय Anaya ने हल्की हँसी में कहा,
“Sir, आप patients के साथ-साथ students के भी doctor बन जाते हैं।”
Raj ने हल्की मुस्कान दी—“Responsibility का हिस्सा है। और तुमने आज बहुत मेहनत की है।”

कुछ देर की चुप्पी में बस machines की हल्की बीप और बाहर से आती हवा की आवाज़ थी।

Anaya ने Raj की ओर देखा—

क्या ये सिर्फ़ mentor की care है या कुछ और…?
दिल ने कई सवाल उठाए, लेकिन उसने उन्हें शब्दों में बदलने की हिम्मत नहीं की।

Raj ने medicines टेबल पर रखते हुए कहा,
“अब कोई discussion नहीं। Lights off, proper rest. Tomorrow camp report submit करनी है।”
Anaya ने सिर हिलाया।
Raj जाने लगे तो doorway पर पलटकर उन्होंने एक बार फिर कहा,
“Good night, Anaya. Take care.”

दरवाज़ा बंद होते ही Anaya ने आँखें मूँद लीं।
थकान से शरीर टूट रहा था,
पर दिल में Raj की परवाह का एक अजीब-सा सुकून समा गया था—
जैसे कोई अनकहा रिश्ता धीरे-धीरे आकार लेने लगा हो।




To Be Continued…

(कुछ भावनाएँ शब्दों में नहीं उतरतीं, पर उनकी हल्की-सी आहट दिल को बार-बार छूती रहती है…)