कैंपस की रौनक अब धीरे-धीरे सबके लिए सामान्य हो रही थी। नए दोस्त, नए assignments और नए experiences — हर दिन किसी न किसी के लिए यादगार बन जाता। लेकिन अनाया के लिए सबसे यादगार हर वो पल था जब उसकी नज़र राज पर पड़ जाती।
राज अब भी वही था — सीरियस, अपने subjects में खोया हुआ और seniors की तरह हर किसी की मदद करने वाला। उसके आसपास हमेशा एक हल्की-सी distance रहती, जैसे वो दुनिया से जुड़ा भी है और अलग भी। शायद यही रहस्य, यही खामोशी अनाया को और गहराई से उसकी ओर खींचती जा रही थी।
लाइब्रेरी की शांति में जब सब अपनी-अपनी किताबों में डूबे होते, अनाया की आँखें अक्सर किसी और पन्ने पर अटक जातीं — राज के चेहरे पर। उसे देखना ही जैसे उसकी reading बन गया था।
एक दिन लैब में उन्हें ग्रुप असाइनमेंट दिया गया। किस्मत का खेल कहें या दुआओं का असर — अनाया और उसकी सहेली का टॉपिक उसी प्रोजेक्ट में था, जिसे राज guide कर रहा था। अनाया का दिल तेज़ी से धड़कने लगा। ये वही पल था, जिसका उसने कई बार सोचा था, पर कभी माना नहीं था कि सच भी हो सकता है।
राज की आवाज़ calm थी, steady थी — “तो… process समझ आया?”
अनाया घबराकर बोली, “थोड़ा सा clear नहीं है… कोशिश कर रही हूँ।”
राज ने उसके notes लिए, step-by-step समझाया। उसकी आँखें notes पर थीं, लेकिन अनाया की आँखें सिर्फ़ उस पर। हर शब्द उसके दिल पर उतर रहा था। उसकी सहेली ने कान में धीरे से कहा,
“तुम्हें topic समझ आ रहा है या सिर्फ़ उसे देख रही हो?”
अनाया झेंपकर मुस्कुरा दी।
उस दिन practical ख़त्म होने के बाद बाहर अचानक बारिश शुरू हो गई। कैंपस की गलियाँ भीगने लगीं। राज छतरी लेकर बाहर निकला। तभी उसने देखा, अनाया बिना छतरी के खड़ी है।
“बारिश में भीगना ज़रूरी है क्या?” उसकी आवाज़ में हल्की सख़्ती थी, मगर ध्यान भी।
अनाया ने धीरे से कहा, “कभी-कभी बारिश feel करने के लिए होती है, छुपने के लिए नहीं।”
राज पल भर चुप रहा, फिर अपनी छतरी उसके ऊपर कर दी।
“ठीक है… लेकिन बीमार मत पड़ना। पढ़ाई miss हो जाएगी।”
उसके लिए यह एक simple बात थी, मगर अनाया के लिए जैसे किसी ख्वाब का पूरा होना। दोनों साथ-साथ चलते रहे। बूंदें छतरी से फिसलतीं, ज़मीन पर गिरतीं, और अनाया को लगता जैसे हर बूंद उसके दिल में कोई नया एहसास जगा रही है।
उस रात हॉस्टल में उसने अपनी diary खोली और लिखा—
“आज उसने मुझे बारिश से बचाया। उसके लिए शायद ये छोटी-सी बात होगी, लेकिन मेरे लिए… ये एक ख्वाब था। उसके हर शब्द, हर लम्हे में मुझे अपना संसार दिखाई देता है। शायद वो कभी न समझे, लेकिन मेरी दुआएँ अब सिर्फ़ उसके लिए हैं।”
उधर, राज अपने कमरे में बैठा था, notes और किताबों से घिरा हुआ। उसे अंदाज़ा भी नहीं था कि उसी कैंपस में एक लड़की है, जिसकी हर प्रार्थना उसके नाम से शुरू होकर उसी पर ख़त्म होती है।
राज के लिए वो बस एक जूनियर थी… लेकिन अनाया के लिए? वो उसकी पूरी दुनिया बन चुका था।
To Be Continued…
(क्या कभी राज को महसूस होगा कि उसकी ख़ामोशी के पीछे कोई दिल, हर धड़कन में उसे पुकार रहा है?)