chapter 74
मेघा को होश में देखकर किसी को फर्क नहीं पड़ता है तो वही वनराज का दिल अजीब सी कशमकश था।
मेघा की हरकत देखकर उसे उसके साथ बिताए हर पल उसके दिमाग में एक रिल की तरह चल रहा था।
तो वही रुचिता के कुछ अलग ही सिचुएशन चल रहे थे जहां वह मेघा को होश में देखकर खुश थी तो साथ में घबराई हुई भी थी अब उसे किस बात का डर था वही जाने।
aab aage
मेगा चाकू को बॉडीगार्ड की तरफ करते हुए धीरे-धीरे से दरवाजे की तरफ सरकती है जहां कपाड़िया परिवार पहले से ही उसका पूरा ड्रामा बिना एक्सप्रेशन के साथ देख रहे थे।
जैसे ही मेगा पलट कर भागने वाली थी तो उसकी नजर दरवाजे पर खड़े वनराज पर पड़ी जिसे देखकर मेघा का चेहरा टमाटर की तरह लाल हो गया था।
मेगा चाकू को साइड में फेंक कर बड़े गुस्से से दनदनाते हुए वनराज की तरफ जाती है और एक खींचकर वनराज के गाल पर जोरदार तमाचा मारती है।
यह तमाचा इतना जोरदार था कि वहां पर खड़े सभी के कानों में संननननननननन............ आवाज गूंजती है। क्योंकि मेगा ने इस थप्पड़ में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी।
(आखिर क्यों मारा मेघा ने वनराज को थप्पड़ अगर आपको पता है तो कमेंट में बताना ओके)
जहां कपाड़िया हाउस में यह तमाशा हो रहा था तो वही अमेरिका
इंडिया में इस वक्त सुबह का समय था तो वही अमेरिका घनी अंधेरी रात से घिरा हुआ था।
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थॉम्पसन दर्रा (Thompson Pass): यह पृथ्वी पर सबसे बर्फीले स्थानों में से एक है, जहाँ बहुत ज़्यादा बर्फबारी होती है। यह एक पर्वतीय दर्रा है जहाँ आबादी बहुत ही कम है।
यह जगह जितनी सुंदर है उतनी ही भयानक भी खासकर अंधेरी रात में तो बहुत ही ज्यादा डरावनी लगती है।
अमेरिका में इस जगह शिवाय अपने दोनों बच्चों के साथ रहता है।
शिवाय का जट उसके घर के रूफ पर लैंड होता है।
लैंड होने के बाद जट का दरवाजा ऑटोमेटिक खुल जाता है।।
जिसमें से पहले प्रणय बाहर निकलता है उसके बाद शिवाय आर्य को गोद में लेकर उतरता है तो वही दुर्गा की गोद में सान्नवि थी।
जिसे प्रणय अपनी गोद में लेता है। उसके बाद दुर्गा जट से उतरती है।
उन लोगों के उतरने के बाद शिवाय के बॉडीगार्ड तीनों को झुक कर ग्रीट करते हैं जिस पर दुर्गा और प्रणय उनके ग्रीट का जवाब देते हुए आगे बढ़ते हैं।
तो वही शिवाय बिना कुछ कहे बड़े रोबीले अंदाज से चलता है।
सभी ने एक मोटी कोर्ट पहनीं हुई थी क्योंकि अभी अमेरिका का टेंपरेचर -30 है।
दुर्गा तो ठंड की वजह से ठीठोर रही थी। शिवाय को तो इस टेंपरेचर से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। तो वही प्रणय कुछ समय के लिए इंडिया में रहने की वजह से उसकी भी ठंड बर्दाश्त करने की हालत थोड़ी कम हो गई थी पर इतनी नहीं कि वह कापता रहे।
वह तीनों विला की तरफ चलते हैं तो वहां एक बुड्ढी औरत जिसने सूट सलवार पैना हुआ था और सर पर दुपट्टा ओढ़ था ।
तो साथ में एक मोटा स्वेटर पैना हुआ था जिसका रंग पर्पल था। उसे बूढी औरत का उम्र 68 के आसपास था।
चलिए अब हम ,इन से मिलते हैं ...... इन का नाम जसमींदर(jasminder Kaur) कौर है।
यह इस घर की केयरटेकर है। इनके परिवार में कोई भी नहीं है।
मेरा मतलब है कि उनके पति का देहांत 12 साल पहले हो गया था। इनके दो बच्चे थे जिसमें एक लड़का और एक लड़की थी।
उनकी बेटी 13 साल की उम्र में गुमशुदा हो गई थी जो आज तक इन्हें नहीं मिली, जसमींदर जी के जीने की एकलौता सहारा, उनका बेटा 25 साल के उम्र में देश के लिए शहीद हो गया था।
इसके बाद से यह अकेली हो गई थी।घर वालों ने इन्हें निकाल दिया था।
इसके बाद वह घर-घर भटकती रह गई एक दिन मानव तस्करी करने वाले ने इनक किडनैप किया था।
4 साल पहले शिवाय ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग गैंग को पकड़ा था। जीन में से एक विक्टिम जसमींदर जी
भी थी।
उसके बाद से, वह शिवाय के साथ बच्चों की केयरटेकर बनकर रह रही है और बच्चों और शिवाय के साथ रहने से उन्हें फिर से जीने की उम्मीद जगी है, जो उन्होंने अपने परिवार को खोने के बाद खो दी थी।
यहां पर जसविंदर जी को सभी लोग बिजी कहा कर पुकारते हैं। हम भी इन्हें बिजी का कर ही बुलाएंगे।
चलिए अब कहानी में बढ़ते हैं।
तीनों को आते देखकर बिजी के आंखों में चमक आती है क्योंकि जब से वह लोग इंडिया गए थे तब से उन्हें पूरा घर सुना सुना लग रहा था उनका मन भी घर में नहीं लग रहा था।
वैसे भी बीजी 3 महीने के लिए अपनी अमेरिकन सहेलियों के साथ घूमने गई थी।
इतने माहीनो बाद सबको देख कर उन्हें बहुत ही ज्यादा खुशी हो रही थी। उनकी आंखें तो सान्नवि और आर्य को देखने के लिए तरस सी गई थी।
शिवाय बिजी को इतनी ठंड में दरवाजे पर खड़े देखकर उसे गुस्सा आने लगता है। क्योंकि बिजी की तबीयत बहुत ही ज्यादा खराब रहती है।
जिसकी वजह से शिवाय उनके ऊपर बहुत सारे रिस्ट्रिक्शन लगाया हुआ था।
लेकिन बिजी तो बिजी ही है वह कभी शिवाय की कोई बात मानती ही नहीं है। जिसकी वजह से शिवाय को गुस्सा आ रहा था।
अगर शिवाय अपने परिवार के बाद किसी की फिक्र करता है तो वह बिजी है।
उसके परिवार के बाद, बिजी ही इकलौती इंसान है जो शिवाय की बात कभी नहीं मानती है और ना ही शिवाय से डरती है।
शिवाय उन्हें घूरते हुए घर के अंदर चला जाता है तो उसके पीछे-पीछे दुर्गा बिजी और प्रणय भी जाते हैं।
प्रणय संवि को दुर्गा की गोद में देते हुए, अपने कमरे की तरफ बढ़ जाता है ।तो वही बिजी शिवाय के पीछे जाती हैं ।
क्योंकि बिजी को जी भरकर आर्य और संवि को देखना था। तो वही दुर्गा को शिवाय से कुछ बात करना था।
शिवाय कमरे में जाकर आर्य को बेड पर लेटा देता है तो दुर्गा आर्य के बाजू में संवि को लीटा देती है। तो वही बिजी रूम का हीटर चालू कर देती है। जिसकी वजह से कमरे में गर्माहट बढ़ जाती है।
शिवाय उन दोनों पर चादर ओड देता है और जूक कर दोनों के माथे को चूम लेता है। तो वही बिजी बैड के साइड में बैठकर संवि और आर्य के माथे को सहलाते हुए अपने आंखों में ममता भरकर देखती है।
फिर बच्चों के माथे ,गाल, उनकी नन्हे नन्हे हथेलियां को बारी-बारी किस करती है। वह कितने समय बाद दोनों को देख रही थी।
वह बच्चों को प्यार कर ही रही थी कि उन्हें अपने ऊपर किसी की घूरती नजर महसूस होती है ।
जिसे वह कुछ देर से टालनें की कोशिश करती है पर टाल नहीं पाती है।
जब बिजी को यह महसूस होता है कि शिवाय उन्हें घूरना बंद नहीं कर सकता है तो वह उल्टा शिवाय को घूरते हुए देखती है ।
वह दोनों एक दूसरे के साथ घूरने की कंपटीशन कर ही रहे थे कि दुर्गा उन दोनों के बीच में आते हुए कहती है।
"आप दोनों किस लिए एक दूसरे को घूर रहे हो, अगर आप दोनों का कंपटीशन खत्म हो गया तो प्लीज हमें कारण बताने का कष्ट करें,,।
बीजी दुर्गा की बात सुनकर कहती है मेनू नहीं पता यह मैनू क्यों ताक रहा है।
"उल्टा तां मैंनू ही इसनू तकणा चाहीदा सी ते पुछणा चाहीदा सी, जदों एह इंडिया जान वाला सी तां मैंनू क्यूं नहीं लै गया?
लै नहीं गया, ठीक आ… पर दस्सणा वी ज़रूरी सी नहीं समझा।। 💔,,
(उल्टा मुझे ही इसे घूरना चाहिए और से सवाल करना चाहिए कि यह इंडिया जाने वाला था तो मुझे क्यों नहीं लेकर गया नहीं लेकर गया सही है पर बताना भी जरूरी)
वह इतना बोलकर बिजी....., शिवाय से नजरों को हटाकर दूसरी तरफ देखती है। जिसे देखकर शिवाय अपने सर को ना मै हिलाता है।
तो वही दुर्गा को बिजी की बात सुनकर हंसी आ रही थी और उनकी नाराजगी देखकर उसे उन पर बहुत ही ज्यादा प्यार आ रहा था।
शिवाय बिजी के पास जाता है और एक गहरी सांस लेकर उन्हें अपनी तरफ पलटते हुए कहता है।
"जाना जरूरी था बिजी अगर इमरजेंसी ना होती तो मैं इंडिया के लिए नहीं जाता और रही बात आपको नहीं बताने की तो आप यहां नहीं थी।
तो आप ही बताइए कि मैं आपको कैसे बताता?
शिवाय की बात सुनकर बिजी की नाराजगी दूर होती है क्योंकि प्रणय ने ऊनको पहले ही सब कुछ बता दिया था।
बिजी को वापस नॉर्मल होते देखकर,शिवाय वापस अपने पुराने वाले अवतार में आ जाता है। वहीं ठंडा और रूड पर्सनालिटी में।।
वह इस बार बीजी को घूरते हुए कहता है,,
“आपको कितनी बार समझाया है कि इस तरह इतनी रात तक जागा मत कीजिए। और ऊपर से आपने अपने हाथों में ग्लव्स भी नहीं पहने हैं!
"आप तो बच्चों से भी ज्यादा बच्ची है आपको एक ही बात कितनी बार दोहराने पड़ता है,,
ऐसे ही वह बिजी को 15 मिनट तक लेक्चर देता है।
जिसे बिजी किसी शरारती बच्चे की तरह चुपचाप से सुन रही थी। शिवाय का लेक्चर खत्म होते ही,
बिजी मासूमियत के साथ बोलती है "एह तां मैंनू बच्चियें नाल मिलणा सी न, इस्से करके ही तां अज्ज तक जगी आ मैं… नहीं तां मैं तां कब दी सौ गई होंदी! 😋✨,,
(मुझे बच्चों से मिलना था जिसकी वजह से मैं अब तक जगी हूं वरना मैं तो कब का सो जाती।)
उनकी बात सुनकर शिवाय के पास उनसे बहस करने के लिए कुछ बचा ही नहीं था। वह आंखों में नरमी लाते हुए -मगर ठंडा लेहज में कहता है"तो अब! अपने बच्चों से मिल लिया ना तो सो जाइए,,
वैसे भी बहुत रात हो चुकी है ।
आपको और देर तक जागना नहीं चाहिए ।
आपके सेहत के लिए अच्छा नहीं होगा।
इतना बोलकर वह वॉशरूम की तरफ बढ़ जाता है। बिजी को उसकी बात सुनकर उसे पर गुस्सा आता है । वह यह भी जानती थी कि शिवाय बस उनकी चिंता कर रहा है। जिसकी वजह से उनके चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट आती है।
,,पुत्तर, तू होर कमरे विच जाके सौ जा। अज्ज मैं बच्चियें दे नाल सो होंगी।,,
(बेटा तुम किसी और कमरे में सो जाओ आज बच्चों के साथ में सोंगी।)
बिजी वॉशरूम की तरफ जाते हुए शिवाय से जोर से कहती है।।
जिस पर शिवाय बिना पीछे मूढ़े ही अपने सर को हीला देता है।
दुर्गा बिजी के हाथ पकड़ कर बेड पर बैठते हुए कहती है, "ओए सोनियो, तीन महीनों दी ट्रिप च की-की कीती? कित्थे-कित्थे फिरदी रहीं? अपनी सहेलियों दे नाल की-की कीती?"।
(3 महीने की ट्रिप पर आपने क्या-क्या किया है कहां गई हो अपनी सहेलियों के साथ)
दुर्गा अपने मनमौजी अंदाज़ में सवाल करती है।
बस हुण सौ जा पुत्तर… तू लम्बे सफर तो आयी ऐं न, थकी होई लगदी ऐं।
कल सवेरे गल्लां कर लांगे, हुण आराम कर ले।
वेसे, तू खाना खा ल्या ऐं?
जे नहीं खादा तां मैं हुणे तेरे वास्ते कुछ बना दिनी आं। ❤️🌙
(बस बच्चा हम लोग कल सुबह बात करेंगे वैसे भी तुम थकीहारी इतनी दूर के सफर कर कर आई हो। और हां तूम ने खाना खाया है या नहीं अगर नहीं तो मैं अभी तुम्हारे लिए खाना बना देती हूं।)
बीजी ने धीमे स्वर में कहा, चेहरे पर चिंता और आंखों में ममता झलक रही थी — जैसे अपनी थकी हुई पोती को प्यार से सुला रही हों।
"आप चिंता मत कीजिए हम लोगों ने खाना खा लिया है और वैसे भी बहुत रात हो चुकी है आप सो जाइए मैं भी अपने कमरे में जाकर सोती हूं।,,
दुर्गा मुस्कुराते हुए कहती है और वहां से पलट कर चली जाती है।
इस समय बिजी की बातें उसके दिल को छू गई थी। दुर्गा बहुत ही इमोशनल फील कर रही थी, जिसकी वजह से वह वहां से चली गई। उसके जाते ही बिजी भी बेड पर बच्चों को गले लगाते हुए सो गई।
दुर्गा अपने कमरे में आती है । फ्रेश होती है और टाइम देखी है तो उसे समझ में आता है कि इस वक्त इंडिया में सुबह हो गई होगी।
तो वह अपना फोन लेती है। तो उसमें कार्तिक के कई सारे मिस कॉल्स दिखते हैं। जिसे देखकर उसे याद आता है कि उसने यहां आने से पहले कार्तिक को इन्फॉर्म नहीं किया है जिसकी वजह से वह
कार्तिक को कॉल लगाती है। रिंग जा रही थी। पर कार्तिक कॉल नहीं उठा रहा था।
वह ऐसे ही लगातार कार्तिक को तीन से चार बार कॉल करती है पर कार्तिक उसका कॉल नहीं उठाता है।
जिसकी वजह से वह कार्तिक को मैसेज करती है।,
"श्री शेखावत! में और शिवाय अमेरिका में है।। कल रात किसी इमरजेंसी की वजह से हमें अमेरिका आना पड़ा,,।।.................... इसके बाद दुर्गा को क्या मैसेज टाइप करना है वह समझ में नहीं आ रहा था तो वह आधा अधूरा मैसेज ही कार्तिक को सेंड कर देती है।
दूसरी तरफ
शिवाय बालकनी में रेलिंग को टीक कर खड़ा था उसके हाथ में एक बीयर की बोतल थी। जिसे शिवाय ने एक सांस में ही खत्म कर दिया था।
वह एकटक खाली आसमान को घर रहा था। उसके आंखों में कई सारे इमोशंस तैर रहे थे। उसे अब अपनी जिंदगी एक बोझ सी लग रही थी।
उसे ऐसे लग रहा था जैसे उसके जिंदगी में अंधेरे के सिवा कुछ नहीं है। वह इस वक्त को अकेला और टूटा हुआ महसूस कर रहा था।
वह कमरे की तरफ जाता है तो उसे कमरे की कोने में गिटार दिखता है जिसे लेकर वह बार रूम की तरफ जाता है ।।
जहां से वह एक और बीयर की बोतल उठता है और घर के बाहर की गार्डन में जाकर बर्फ की चादर पर बैठ जाता है।
उसके सीने में इतना दर्द हो रहा था कि उसे ठंड का एहसास ही नहीं हो रहा था।
वह बियर की बोतल को अपने मुंह से बड़ी बेदर्दी से खोलता है और बोतल को मुंह से ही दूसरी तरफ फेंक देता है।
आज उसकी गोल्डन ब्राउन आंखें लाल हो गई थी। जिसमें आंसू का एक कतरा भी नहीं था फिर भी उसके आंखों में दर्द की समुद्र बह रही थी।
वह गिटार को अच्छे से एडजस्ट करता है और गिटार पर तार छेड़ देता है। और गुनगुनाने लगता है।
म्यूजिक 🎶🎶🎶🎶🎶🎶🎶🎶🎶🎶
सपने
तेरे सपनों में है नाराजी
मुझे लगता है कि बात दिल की होती
लफ्जों की धोखेबाजी
तुम साथ हो या ना हो क्या फर्क है बेदर्द जी
जिंदगी में दर्द है
उसके आंखों के सामने आरोही से हुई पहली मुलाकात की तस्वीर आ रही थी।
अगर तुम साथ हो
दिल संभल जाए
अगर तू साथ हो
हर गम फिसल जाए
अगर तू साथ हो
दिल ये निकल जाए
अगर तुम साथ हो
हर गम फिसल जाए
उसे वह वक्त याद आ रहा था , जो से यह नहीं पता था कि तरुण आरोही का मंगेतर है। उसे वह पल याद आ रहा था जहां आरोही और वह एक दूसरे के साथ बैठकर बातें करते थे ।।।
यूं कह सकते हैं कि बातें तो आरोही करती थी पर शिवाय उसकी आवाज को किसी गाने की धुन की तरह सुनता था।
दिल में कोई भी हो उदासी
मुझे लगता है
कि बातें दिल की होती
लफ्जों की धोखेबाजी
तुम साथ हो या ना हो क्या फर्क है बेदर्द जी
जिंदगी में दर्द है
उसके आंखों के सामने वह तस्वीर भी आती है जहां तरुण पूरे कॉलेज के सामने अपने घुटनों पर बैठकर आरोही को प्रपोज करता है तो वही आरोही बड़ी खुश होकर उसकी प्रपोजल को मानती है और उसके गले लगा कर घूमती है।
अगर तुम साथ हो
दिल संभल जाए
अगर तू साथ हो
हर गम फिसल जाए
अगर तुम साथ हो
दिल संभल जाए
अगर तू साथ हो
हर गम फिसल जाए
होठों पर एक मजाक भरी मुस्कान लेकर आगे की धुन को गुनगुनाता हैं।
मुझे लगता है
कि बात दिल की होती
लफ्जों की धोखेबाजी
तुम साथ हो या ना हो क्या फर्क है बेदर्द जी
जिंदगी में दर्द है
अगर तुम साथ हो
दिल संभल जाए
अगर तू साथ हो
हर गम फिसल जाए
अगर तुम साथ हो
दिल संभल जाए
अगर तू साथ हो
हर गम फिसल जा
म्यूजिक 🎶🎶🎶🎶🎶🎶🎶🎶🎶
वह आखरी के लाइन गाते हुए पीछे की तरफ गिर जाता है। इस समय उसने अपने शरीर पर कोई कपड़ा पहना नहीं था।
वह अपनी आंखें बंद करता है तो उसकी आंखों की किनारो से आंसू की एक बूंद गिरकर उसे बर्फ की चादर में कहीं गुम हो जाती है।
तो वही बालकनी में खड़ी हुई दुर्गा और बिजी उसकी ये हाल देखकर अपनी आंसू को रोक नहीं पाती है ।
दुर्गा तो बालकनी में इसीलिए आई थी क्योंकि उसे कार्तिक को कॉल करना था पर घर के अंदर तक नेटवर्क नहीं आ रहा था। मगर घर के बाहर का नजारा देखकर उसका दिल धक से रह जाता है।
तो वही बिजी की नींद शिवाय की गुनगुनाहट से खुल गई थी।
इन दोनों के अलावा कोई और भी था जो शिवाय को ऐसे देखकर अपने दिल में दर्द महसूस कर रहा था।
यह कोई और नहीं कार्तिक और वनराज है। नेटवर्क की वजह से दुर्गा का वीडियो कॉल कार्तिक को लग गया था तो वही कार्तिक ने कॉल को उठा लिया था।
अपने छोटे की यह हालात देखकर वनराज को ऐसा लग रहा था कोई उसे नुकेली चाबूक से मार रहा हो।
और वैसे भी वनराज ने शिवाय से उस दिन से बात करना बंद कर दिया था जिसकी वजह से वनराज को और भी ज्यादा दर्द (गिल्ट) हो रहा था।
तो वही कार्तिक की गुस्सा नाराजगी गायब हो गई थी उसे अब शिवाय की टेंशन हो रही थी।
अब कहानी में क्या होगा जाने के लिए पढ़ीए अगला चैप्टर।
गैस रिव्यू, कमेंट, और स्टीकर देना मत भूलना।
बाय-बाय लवली रीडर 😘😘😘😘