Bandhan - 7 in Hindi Love Stories by Maya Hanchate books and stories PDF | बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 7

Featured Books
Categories
Share

बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 7

7Recape

 पिछले चैप्टर में हमने यह पढ़ा की हमारी हीरोइन की एंट्री होती है जिस का नाम आरोही है। 

आरोही रमन कपाड़िया से मिलने आती है और उन्हें डांटना शुरू कर देती है कि उन्हें अपने हेल्थ की चिंता ही नहीं है उन्हें बस चिंता की चिंता है कि वह कैसे चिंता करें उसकी ऐसी बात सुनकर जो वार्ड का माहौल अब तक गंभीर था वह खुश माहौल बन गया इधर दूसरी तरफ रूपाली वनराज को एक न्यूज़ बताती है जिसकी वजह से कंपनी के शेयर्स दिनभर दिन गिरते जा रहे हैं। शिवाय ने कहा कि हमें लोगों से बाद में नहीं पढ़ना चाहिए पहले न्यूज़ को फैलने से रोकना चाहिए तभी रूपाली की नजर शिवाय पर जाती है तो वह शिवाय को देखते ही रह जाती है।

अब आगे

जब वनराज देखता है कि रूपाली की नजर शिवाय से हट नहीं रही है तो ,वह खास ने लगता है। जिसकी आवाज सुनकर रूपाली होश में आती है और शिवाय से अपनी नजर हटती है और एंबार्रास्मेंट की वजह से अपने आंखों को नीचे झुका लेती है। 

वनराज ने कहा बोल तो तुम सह रहे हो छोटे पर कैसे करेंगे आई मीन पैसे देकर सबका मुंह बंद करवा सकते हैं पर हम ऐसा क्यों करें जबकि यह न्यूज़ बिल्कुल गलत है। 

शिवाय ने कहा तो मैंने कब कहा कि हमें पैसे देकर लोगों का मुंह बंद करवाना है। 

शिवाय की बातें सुनकर वनराज को कुछ समझ में नहीं आता है 

तो वनराज बोला तुम बोलना क्या चाहते हो छोटे साफ-साफ बोलो। 

वनराज की बात सुनकर शिवाय ने कहा भाई सिंपल सी बात है कि यह सब लोग बड़े पापा के गलत खबर दिखा रहे तो हमें भी कंपनी के ऑफिशल वेबसाइट पर बड़े पापा के ठीक होने का नोटिस डालना चाहिए और साथ में एविडेंस भी उसके बाद हमें यह भी अनाउंस करना चाहिए कि हम उन न्यूज़ रिपोर्टर हाउसेस एंड जिन जिन अफवाह लोगों ने भी फैलाया है उन पर ऑफिशियल एक्शन लेंगे F I R करेंगे।

शिवाय की बात सुनकर वनराज चेहरे पर एक स्माइल आ गई और रूपाली शिवाय से और भी ज्यादा इंप्रेस हो गई। 

वनराज ने रूपाली को ऑर्डर दिया कि जैसे शिवाय ने कहा है वैसे ही करो ‌

रूपाली ने भी हां में सहमति हिलाई। 

वार्ड के अंदर 

रमन जी की बात सुनकर आरोही ने अपनी सीर पर मार लिया। 

अंकल आपको पता है अगर आपको आज कुछ हो जाता तो अब सबका क्या होता और बात रही उम्र की तो दादा जी की भी उम्र हो गई है लेकिन वह आज तक आपकी तरह अस्पताल में एडमिट नहीं हुए हैं तो यह उम्र वाली भाहना तो मुझे मत देना। 

आरोही की बात सुनकर दादा जी यानी अर्णव जी थोड़ा hurt ओपन होते हुए बोले क्या बोले आपने आरोही उमर उमर होगी इस बुड्ढे की मेरी नहीं मैं अभी भी जवान हूं तुमने कैसे कहा कि मैं बुड्ढा हुआ हूं। 

अर्णव जी की बात सुनकर आरोही ने अपने कान पकड़ कर बोली नहीं दादू मैंने तो आपकी उम्र को लेकर कुछ नहीं कहा बस मैंने कहा कि आप अंकल के पापा हो कर भी उनके भाई लगते हैं। 

बस मैं आपकी तारीफ की है आरोही में अपने बातों को गोल-गोल घूमते हुए अरनव जी को समझाया। 

अर्णव जी के चेहरे पर और एक ही बात सुनकर 440 वोल्ट का स्माइल चिपक गया और वह रमन जी के तरफ की chidani wale मुस्कान के साथ बोले देखा बरखुरदार आरोही क्या बोल रही है। फिट रहा करो हमारी तरह पता नहीं आजकल के बच्चों को क्या हो गया है कि यह बात बात पर अस्पताल में ग्लूकोज की बोतल चढ़वाने आते हैं। 

अर्णव जी की बात सुनकर खुशी जी बोली बस की जी आपने तारीफ करना इतना बोलकर वह आरोही की तरफ देखकर बोली अच्छा बेटा तुम यह बताओ कि तुम कैसी हो और कब आई और तुम्हें कैसे पता चला कि रमन हॉस्पिटल में है, और तुम्हारे डांस कंपटीशन का क्या हुआ है।

आरोही जब खुशी जी की सवाल सुनती है तो वह खुश होकर अपने गले लगाते हुए बोली दादी मां ने कंपटीशन में थर्ड प्राइस जीती है आई नो की यह जीत ज्यादा बड़ी नहीं है पर यह मेरे टीम की पहली जीत है तो मैं बहुत-बहुत ही ज्यादा खुश हूं। और बात हुई कि मैं कैसे हूं तो आपको दिख रही हो ना एकदम a1 हूं। आरोही सब बात मुस्कुरा कर और बहुत खुश होकर बोल रही थी आरोही की मुस्कुराहट पर उसके गालों पर छोटा डिंपल पढ़ रहा था जो से और भी ज्यादा सुंदर बना रहा है।

आरोही की बात सुनकर खुशी जी आरोही के चेहरे को अपने हाथ में भरकर बोली बधाई हो बच्चा आप ऐसे ही जीत की सीढ़िया पर चलती जाओ। 

खुशी जी की बात सुनकर आरोही ,उन्हें गले लगाते हुए बोली थैंक यू सो मच दादी। 

रुचि जी और इशिता की भी आरोही को कंग्रॅजुलेशन बोलते हैं आरोही उन दोनों को भी थैंक यू बोलती है। 

अर्णव जी बोलते हैं तो जीतने की खुशी में मिठाई कहां है आरोही बच्चा। 

अर्णव जी की बात सुनकर आरोही अपने सिर पर फिर से जोर से मारती है और ओएमजी दादू मैं तो स्वीट का डब्बा टैक्सी में भूल गई। 

आरोही की बात सुनकर वहां पर खड़े सभी लोग ठहक कहां का मार्कर हंसने लगते हैं। 

उन सब का आरोही की ऐसी लापरवाह की आदत पता है।

आरोही अपनी दोनों हाथों को फोल्ड कर मुंह बनाते हुए बोली इस बात पर आप सब हंस क्यों रहे हो। इस वक्त आरोही इतनी क्यूट लग रही थी कि रुचिता उसके पास जाकर उसके गालों को खींचते हुए बोली आरु तुम इतनी क्यूट कैसे हो सकती हो।

वनराज और शिवाय दोनों वार्ड की तरफ एक दूसरे से बात करते हुए आ रही थे ,कि उन्हें वार्ड के अंदर से इतनी जोरों से हंसने की आवाज सुनाई दे रही थी कि वह दोनों वहीं खड़े होकर सबकी हंसने की आवाज सुन रहे थे। 

वनराज जी ने शिवाय की तरफ देखकर बोला अब तक सब ऐसे हैं उदास थे जैसे यही जिंदगी की आखिरी सांस हो पर अब सब ऐसे क्यों हंस रहे जैसे की सर्कस में आए हो। 

वनराज की बात सुनकर शिवाय अपने कंधे उठाते हुए बोला मुझे कैसे पता होगा मैं भी तो आपके साथ ही था अब तक। 

पर अचानक से ही शिवाय का दिल जोर-जोर से धड़कने लगता है। 

उसके अपने आसपास से अजीब सी खुशबू आने लगती है शिवाय अपने दिल की धड़कनों को चाह कर भी इग्नोर नहीं कर पता है और चारों तरफ देखने लगता है
 की उसे यह खुशबू कहां से आ रही है।

वनराज शिवाय की तरफ देखते हुए बोला चलो हम भी अंदर जाकर देखते हैं कि ऐसा क्या कर तब चल रहा है कि सब लोग ऐसे हैं पागलों की तरह हंस रहे हैं। 

शिवाय भी वनराज के बातों में हम ही मिलते हुए उसके साथ वार्ड के अंदर जाने लगा। 

जैसे-जैसे शिवाय व्हाट की तरफ जा रहा था वैसे-वैसे उसके दिल की धड़कन धड़कने का रफ्तार और भी ज्यादा बढ़ने लगता है। 

जैसे ही वनराज शिवाय व्हाट के अंदर जाते हैं तो शिवाय देखता है कि एक लड़की की पीठ उसकी तरफ है और सब उसे लड़की से बात करते हुए हंस रहे हैं और वह लड़की भी सब की बातों पर हंसते हुए ही जवाब दे रही है। 

शिवाय उसे लड़की को बिना देखे ही पहचान सकता था तो सामने होकर भी वह कैसे नहीं पहचानता वह जानता था कि यह लड़की कौन है। शिवाय पिछले 5 साल से इस चेहरे से उसे लड़की से दूर रहने के लिए ही तो अपना सब कुछ छोड़कर अमेरिका में शिफ्ट हो गया था। 

यही वह लड़की थी कि जिसके लिए शिवाय ने जीना सिखा था, यही वह लड़की थी जिसमें शिवाय के बारे में जिंदगी में रंग भरकर भी उसे बे रंग बना दिया था। 

हां यह वही थी शिवाय का पहला प्यार और शायद आखरी भी शिवाय का एक तरफा प्यार। आरोही 

आरोही को देखकर शिवाय की दिल से एक आवाज निकलती है

कैसा इश्क है मेरा जो मुकम्मल हो कभी ना मुकम्मल है

तू मेरे पास होकर भी कितनी दूर है कैसे मैं तुम्हें बात बताओ कि  

मैं कितनी मोहब्बत करता हूं तुम से देखो

खुदा ने मुझे यह बताने का भी हक नहीं दिया।

 की कोई है जो तेरा होकर भी तेरा ना हो सका।

 कैसे मोहब्बत है मेरी मुकम्मल होकर भी मुकम्मल ना रहा।(यह सिर्फ शायरी नहीं है इसके पीछे एक राज भी है )ओके

डियररीडर

मुझे शायरी लिखना नहीं आता पर मैंने कोशिश तो की है मैं अच्छी से शायरी को लिखूं और शिवाय के जज्बातों को इस शायरी के द्वारा बता सकूं।।

आपको कहानी अच्छी लगी तो प्लीज कमेंट करना या इसमें कोई कामी लगे तो तो प्लीज सजेशन देना की मैं क्या-क्या चेंज कर सकती हू।।

क्या होगा जब शिवाय और आरोही एक दूसरे के सामने होंगे 

क्या कभी आरोही को पता चलेगा शिवाय के जज्बातों के बारे में। 

क्या रिएक्शन देगी आरोही शिवाय को देखकर

💡 Spoiler alert 



Jaldi hogi hamare third lead ki entry aur sath mein hoga Shivay ke wapasi ka party aur Aarohi ki sagai.