Bandhan - 4 in Hindi Fiction Stories by Maya Hanchate books and stories PDF | बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 4

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 4

Chapter 4
Recape 



pichhle Chapter mein humne yah padha ki sanvi aur Arya ki cuteness aur harkatul se sabka Dil Jeet liya hai Raman ji Ka operation successful ho jata hai.







उन दोनों की इस बात पर सब को बहुत प्यार आता है और वह दोनों (खुशी जी अरनव जी )।। दोनों को मना नहीं कर पाते इसलिए वह जूस का ग्लास लेकर पीने लगते हैं। ऐसे ही कर के सान्नवी और आर्य सबको जूस का ग्लास पकड़ा देते हैं और सभी उन की बात माना नहीं कर पाते उन का दिल रखने के लिए सब ने जूस का ग्लास लेकर जूस पीना शुरू करते है।



Ab aage 



तभी एक नर्स ऑपरेशन थिएटर से बाहर आती है। नर्स को देखकर सभी नर्स की तरफ बढ़ते हैं। नर्स उन सब से बोली हमने पेशेंट को आईसीयू में शिफ्ट कर दिया है तो आप में से कोई एक जाकर उन से मिल सकता है  इतना  बोलकर नर्स वाह से चली गई। 



नर्स की बात सुनकर सब ने एक दूसरे का चेहरा दिखा फिर अर्णव जी ने कहा हमें लगता है कि बड़ी बहू को अंदर जाना चाहिए। 



खुशी जी भी अर्णव जी की बात पर सहमति जतातीं है। 



उन दोनों की बात सुनकर इशिता जी कहती है पर मां जी पापा जी आपके हो थे हुए में कैसे जा सकती हूं। आप ही उनसे मिलकर आई ए।



इशिता जी की बात सुनकर खुशी जी ने कहा नहीं बड़ी बहू हम सब में से ज्यादा उसे तुम्हारी जरूरत है और तुम्हें उसकी तो, तुम जाओ हम बाद में जाएंगे। 



खुशी जी का बात सुनकर इशिता की कुछ बोल ने ही वाली थी कि अर्णव जी ने कहा हमने कहा ना कि आप रमन से मिलेंगी । तो जाइए। 



इशिता जी चुप हो जाती है और उनकी बात मान जाती है। और वह आईसीयू में चली जाती है उनके जाते ही। 



शिवाय ने प्रणय से इशारों में कुछ कहा तो प्रणय उस की बात समझ कर सान्नवि और आर्य को वहां से ले जाता है 



जैसे ही सन्नवी और आर्य वहां से चले गए तो घर वाले शिवाय को अपनी सवालिया निगाहों से देखते है।



उनकी ऐसी निगाहों को देखकर शिवाय समझ गया कि वह क्या कहना चाहते हैं।



तो शिवाय ने उन्हें सबको आईसीयू के बाजू में बना हुआ रेस्ट रूम में ले गया क्योंकि यह हॉस्पिटल बड़ा हाई-फाई है या पेशेंट और उसकी फैमिली के लिए आराम करने की जगह है। 



जैसे ही सब लोग रेस्ट रूम में गए सब ने शिवाय पर सवालों का बहूचारा शुरू कर दिया।



अर्णव जी ने बड़े ही गुस्से में पूछा , यह सब क्या है शिवू तुमने शादी कर ली और हम लोगों को बताना भी जरूरी नहीं समझा ।।यहां तक की तुम्हारे दो इतने प्यारे बच्चे भी है कब तक नहीं बताते हमें और क्यों नहीं बताया हमें? अगर आज रमन इमरजेंसी में हॉस्पिटल में नहीं होता तो हमें तो यह बात पता ही नहीं चलती।



खुशी जी सवाल करती है क्या हुआ शिवू क्या तुझे नहीं लगता हमें तेरे बारे में जानने की कोई हक है या नहीं तू हमें अपना कुछ समझता ही नहीं? 



रुचिता जी ने भी पूछा बोलिए ना देवर जी चुप क्यों है सवालों का जवाब दीजिए सब क्या पूछ रहे हैं अपने क्यों हमें यह सब नहीं बताया? 



तभी कमरे में एक आवाज सुनाई दी आप लोगों उसे से बोलने दोगे तो बोलेगा ना जब से अंदर आए तब से आप लोग उसे बोलने ही नहीं दे रहे अपने ही सवाल पूछ रहे हो यह आवाज किसी और कि नहीं वनराज की है जो तब से सब की बातें सुन रहा है।।



वनराज की बात सुनकर अर्णव जी ने अपने गुस्से से लाल भरी आंखों से पूछा तो बोल तेरे छोटे को की जवाब दे हमारा। कहां है उन बच्चों की मां। क्यों नहीं आई है और इस ने किस से शादी की है ?



तभी शिवाय ने धीरे से नजर उठाए और दादा जी(अर्णव जी) के सामने जाकर बोला कि दादा जी मैंने कोई शादी नहीं की है और......... वह बस इतना ही बोला था कि उसके गालों पर एक थप्पड़ की आवाज आई खुशी जी ने शिवाय को थप्पड़ मारा सभी यह देखकर चौंक गए ।
क्या कहा तूने.... तूने शादी नहीं की क्या मतलब समझे इसका। हम लोग ने क्या तूझे यह परवरिश दिया है कि तू किसी लड़की का फायदा उठाया। देख शिवाय आज तक इस परिवार में हमने किसी भी लड़की का अपमान नहीं किया और तू ने किसी का फायदा..... खुशी इतना ही बोली  कि ......



शिवाय ने कहा नहीं दादी यह कैसे सोच सकती है कि आपका शीवू किसी लड़की का फायदा उठायाग या किसी के साथ गलत करेगा ।आप भूल रही है मेरे अंदर कपाड़िया खानदान का खून बह रहा है।



रुचिता ने कहा फिर आपने यह बात भूल गए क्यों देवर जी की आपके अंदर कपाड़िया खानदान का खून बह रहा है, तो अपने बिना शादी के दो बच्चे ची ...मुझे बोलने में भी शर्म आ रहा है.

आप ऐसे कैसे कर सकते हो😤? 



शिवाय ने कहा नहीं भाभी ।ना मैं शादी की है, ना ही मैं किसी लड़की का फायदा उठाया है। हां यह बात सच है कि वह दोनों बच्चे मेरे हैं पर मैंने आज तक कभी किसी लड़की को हाथ नहीं लगाया है। 



शिवाय की बात सुनकर वहां खड़े सारे लोग हक्के-बक्के रह गए क्योंकि उन्हें शिवाय की बात समझ में ही नहीं आ रहा था कि वह बोल क्या रहा है ।
पर वहां खड़ा वनराज बिना कुछ बोले सबको देख रहा था खासकर शिवाय को शिवाय को भी वनराज की नजरों का तपिश महसूस हो रहा था पर उसने कुछ नहीं कहा। 



तभी दरवाजे से एक आवाज आई क्या कहा तूने ,तूने शादी नहीं की ना ही किसी लड़की को हाथ लगाया फिर भी वह तेरे बच्चे हैं पर कैसे तू बोल क्या रहा है ।तुझे समझ आ रहा है। 



जब सब ने यह आवाज सुन तो उनकी नजर दरवाजे की तरफ गई जहां इशिता जी खड़ी हैं इशिता जी शिवाय को घूरते हुए अंदर आई और उसके कॉलर को पकड़ते हुए बोली @ बोल शिवाय तूने अब तक क्या-क्या बोला तुझे समझ में आ रहा है तू क्या बोल रहा है ।



इशिता जी बहुत ही गुस्से में दिखाई दे रही है जिसकी वजह से उन का  शरीर कांप रहा है उनके आंखों में आंसुओं के वजह से और थोड़े से गुस्से की वजह से भी लाली छाई हुई है। 



शिवाय कुछ कहता उससे पहले ही अरनव जी और खुशी ने इशिता जी से पूछा बड़ी बहू रमन कैसा है उसे होश आया उन की बात सुनकर इशिता जी ने अपने हाथों से शिवाय की कॉलर छोड़ दी और उनकी तरफ नमी से देखते हुए बोलिए मां जी पापा जी उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया है और डॉक्टर ने कहा है कि उन्हें होश आने में थोड़ा समय लगेगा लेकिन अब वह खतरे से बाहर है।



उनके बात सुनकर सब ने एक राहत की सांस ली कि अब रमन जी ठीक है और खतरे से भी बाहर है। 



तभी इशिता जी फिर से शिवाय की तरफ मूढ़ी और उस सवाल किया? बोल हमारे सवालों का जवाब दे शिवाय। 



जो वनराज अब तक चुप था और सब कुछ खामोशी से देख रहा था उसने एकदम चिल्लाते हुए कहा आप लोग तब से क्या बोल रहे हो उसे बोल- बोल, बोल । लेकिन आपने उसे बोलने का मौका कहा दे रहे हो ।



एक चुप होता नहीं की दूसरा सवाल करना शुरू हो जाते हैं ।
ऐसे में वह कैसे बोलेगा, और दादा जी आप आप हमारे शिवू को जानते हैं क्या वह कभी ऐसा कोई काम नहीं करेगा जिसकी वजह से परिवार का अपमान हो । 



उस के संस्कारों पर सवाल उठे यह अपने दिए हुए संस्कारों पर कैसे सवाल उठा सकते हो कि उसने किसी और लड़की का फायदा उठाया है।



 आप यह बात सोच भी कैसे सकते हैं कि हमारा शिवू ऐसा कुछ ऐसा कर सकता है दादी अपने एक बार भी थप्पड़ मारने से पहले यह नहीं सोचा कि इस दुनिया में मेरा शिवू जैसा कोई नहीं है वह किसी के साथ बुरा करना तो दूर ऐसा सोच भी नहीं सकता है और आपने उसे थप्पड़ मार दिया।😡😡😡



वनराज की बात सुनकर इशिता जी को ऐसा लगा किसी ने उन्ह के सीने में खंजर से मार दिया क्योंकि आज तक उन्होंने शिवाय को मारना तो दूर की बात उस पर आपने आंखें उठा कर भी नहीं देखा था उनका दिल अब सवालों की जगह शिवाय के लिए तड़प उठा।।
 उन्होंने ध्यान दिया कि शिवाय के गालों पर खुशी जी के मारे हुए थप्पड़ का निशान छप चुका है ।



जैसे उन्होंने यह देखा उनकी आंखों से पानी झर- झर बहने लगा और वह शिवाय के गालों पर हाथ रखकर बोली मेरे शिवाय को दर्द हो रहा है।



मां जी आप यह कैसे कर सकती हो आज तक जिस बच्चे पर मैंने गुस्सा करना तो दूर की बात है मैंने उसे घूर कर भी नहीं देखा और आप उसे थप्पड़....... कैसे  मार सकती हो मेरे बच्चे को कितना दर्द हो रहा होगा। 



इशिता जी की बात सुनकर खुशी जी को भी अब अफसोस हो रहा था क्योंकि आज तक उन्होंने अपने पोता -पोती तो दूर की बात अपने बच्चों तक पर हाथ नहीं उठाया था अब उनका हाथ कांपने लगा है ।वह अपने उसे हाथ को देख रही थी जिस हाथ  से उन्होंने शिवाय को थप्पड़ मारा। 



अब खुशी जी के भी आंखों में से आंसू बहाना शुरू हो गया। 



तभी रुचिता जी ने कहा पर मां जी दादी मां ने जो किया वह सही है अगर बच्चे गलत रास्ते पर जाए तो मां-बाप को कठोर बनना पड़ता है। 



रुचिता जी की बात सुनकर वनराज जी ने कहा तुमने सही कहा रुचिता अगर बच्चे गलत रास्ते पर गए तो मां-बाप को कठोर बनना पड़ता है ।
पर मेरा छोटे कोई गलत काम नहीं कर सकता हैं और मुझे उस पर पूरा भरोसा है कि वह कभी गलत काम नहीं कर सकता और कभी नहीं करेगा ।

वनराज की बातें सुनकर शिवाय अपनी नजर इधर-उधर करता है जैसे वह कुछ छुपाना चाहता हो।



तो रुचिता जी ने आवाज ऊंची करते हो बोली फिर पूछों अपने भाई से की अगर उन्होंने शादी नहीं किया तो वह बच्चे किस के हैं ।



वनराज ने कहा तुम सब उसे बोलने का मौका दोगे तो वह बोलेगा जब भी वह बोलना चाहता है। तुम में से कोई ना कोई उसे सवाल पूछना शुरू कर देते हो। 



तभी अर्णव जी की रोबदार आवाज़ सबके कानों में गूंजे अब कोई भी उस से कुछ  सवाल नहीं पूछेगा अब  वह सिर्फ जवाब देगा ।अर्णव जी की ऐसी आवाज सुनकर घर के सारे लोग एक तरफ चुपचाप खड़े हो गए। 



शिवाय धीरे से सामने आया और घुटनों के बल बैठकर बोला यह बात सच है कि मैंने कोई शादी नहीं की है पर यह बात उतनी ही सच है कि वह दोनों बच्चे मेरे हैं कपाड़िया खानदान के वारिस है शिवाय अनुज कपाड़िया के बच्चे हैं । उनके रगो में जो खून दौड़ रहा है वह शिवाय कपाड़िया का ही है।



दादू, दादी ,बड़ी मां ,भाई ,भाभी ई स्वियर मैंने कभी अपने संस्कारों को नहीं भूला और ना ही मैंने अपने परवरिश पर सवाल उठने दिया ।



आज तक मैं किसी भी लड़की को अपनी जिंदगी में शामिल नहीं किया आज भी मेरी जिंदगी में जो औरत ते है वह मेरी मां दादी भाभी बुआ और छोटी है इनके अलावा मेरी जिंदगी में कोई और औरत नहीं आई है। 



मैं आप लोगों को अपने बच्चों का जन्म का सच नहीं बताना चाहता हूं और ना ही आपसे झूठ बोलना चाहता हूं इसलिए प्लीज मुझे मजबूर मत कीजिए यह सवाल पूछ कर इतना बोलकर शिवाय ने अपनी दोनों हाथ जोड़ लिए। 



शिवाय यह हालत देखकर वहां खड़े तीनों औरतों के दिल ‌ पसीज गया। 



तभी ,तभी उसे रिस्टरूम का दरवाजा खुला और सबकी नजर दरवाजे के पास गए जहां एक नर्स खड़ी हुई है उसे नर्स ने कहा पेशेंट को होश आ गया है आप लोग मिल सकते हो पर इतना बोलकर वहां से चली गई।



नर्स के जाते ही अर्णव जी ने कहा अब जो बातें होगी वह घर पर होगी यहां नहीं जो सवाल जवाब करना है वह घर पर होगा उठो अब तुम मुझे घर जाकर सारे सवालों का जवाब दोगे, ना कि बहाने दोगे इतना बोलकर वह रेस्टोरेंट से बाहर की तरफ चले जाते हैं। 



उनके पीछे-पीछे खुशी इशिता रुचि तीनों भी चले जाते हैं 



वनराज शिवाय को उठाकर खड़ा करता है और बोलता है देखो छोटे आज तक मैंने तुझ पर विश्वास किया है और आगे भी करता रहूंगा यह दुनिया इधर की उधर हो जाए पर वनराज अपने शिवू का साथ नहीं छोड़ेगा। 



वनराज की ऐसी बात सुनकर शिवाय बहुत इमोशनल हो जाता है और उसे गले लगाते हुए कहता है सच कह रहा हूं भाई मैंने आज तक किसी लड़की को छूना तो दूर आंख उठा कर देखा भी नहीं और आप जानते हो क्यों। 



शिवाय की बात सुनकर वनराज ने कहा जानता हूं इसलिए पूछना चाहता हूं कि बच्चे तुम्हारे हैं और तुमने किसी को नहीं छुआ तो कैसे हुए ।



शिवाय कहा भाई यह सब बात में आप को बाद में बताऊंगा अब हमें बड़े पापा को देखने जाना होगा ।इतना बोलकर वह वनराज को अपने साथ आईसीयू वार्ड में लेकर जाता है।







क्या है संन्नवि और आर्यका जन्म का सच?



आखिर क्यों नहीं बताना चाहता है शिवाय अपने घर वालों को सच?



अगर शिवाय ने किसी भी लड़की को नहीं छुआ तो कैसे जन्म लिया आर्य और संवि ने ‌



Spoiler alert 



Jald hi hogi heroine ki entry. 



Sath mein third main लीड bhi ।
गैस मेरी कहानी को पढ़ते रहिए और प्लीज कमेंट करके बताना कि आपको कहानी कैसी लगी है अच्छी या बुरी अगर बुरी लगी है तो भी बताइए। 
क्योंकि आपका फीडबैक जानकर मैं कहानी को सुधार सकती हूं। 
थैंक यू सो मच पढ़ने के लिए।