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कमरे में सक्षम उसे दीवार के पास जाता है जहां पर सारे कपाड़िया का तस्वीर लगा हुआ था। वह एक कली पर्दे को दीवार से हटता है तो वहां सामने कपाड़िया की तस्वीर थी जिसे देखकर वह तिरछी मगर घटिया स्माइल करते हुए अपने हाथ को गले पर फिरते हुए बोला "अब टाइम आ गया है अपने ससुराल जाने की इतना कह कर वह किसी बकवास फिल्म के विलेन की तरह हंसने लगता है उसकी हंसी ऐसी थी जिसे देखकर कमजोर दिल वाला इंसान राम राम सत्य हो जाता।
वह इतना, बोलकर उसे फोन पर एक मैसेज टाइप कर देता है"प्लेन शुरू कर दो,, उसे मैसेज में सिर्फ यह चार शब्द ही उसने लिखकर सेंट कर दिया था।
अब आगे
सुबह के समय
शर्मा हाउस और मल्होत्रा हाउस में आज कुछ ज्यादा हाल-चाल थी -क्योंकि कल आरोही और तरुण की सगाई होने वाली थी जिसके लिए दोनों परिवार बड़े ही उत्साहित थे।
पर जया जी और अंकिता जी के मन में तो एक अलग सा ही डर बसा हुआ था। वह दोनों तो भगवान से यह प्रार्थना कर रहे थे कि यह शादी और सगाई किसी भी विघ्न के बिना हो जाए क्योंकि तीन बार शादी कैंसिल हो चुकी थी।
जिसके लिए वह दोनों आज गुरुद्वारा मता टेकने और लंगर लगवाने जा रहे थे।। तो आरोही और बाकी सब लोग आज शॉपिंग के लिए जा रहे थे जिसके लिए आरोही बड़े एक्साइटिडली तैयार हो रही थी।
मल्होत्रा हाउस में
जया जी लक्ष्मी जी को सगाई की तैयारी के बारे में बता रही थी की सगाई में क्या-क्या चाहिए क्या मंगवाना है कैसे तैयारी करनी है इत्यादि चीज।
तो वही लक्ष्मी जी बिना मन के जया जी की बातें सुन रही थी। वह तरुण से तो बहुत प्यार करती थी पर उन्हें आरोही अपने भतीजे के लिए फूटी आंख नहीं बाती है। क्योंकि आरोही को पसंद न करने के लिए उनके पास दो रीजंस है।
1 पहले तो उन्हें आरोही एक अपशगुनी लड़की लगती है। क्योंकि पंडित जी ने पहले ही बता दिया था कि तरुण और आरोही की शादी होना मुश्किल होगा कोई ना कोई इनकी शादी में समस्या उत्पन्न होगी। और जैसे ही पंडित जी ने कहा वह बात धीरे-धीरे सच हो रही थी जिसकी वजह से वह आरोही को अपशगुनी लड़की मान रही थी।
2 दूसरा कारण यह था कि वह तरुण की शादी अपनी पसंद की लड़की से करवाना चाहती थी। जो उनकी हर बात गधे की तरह माने और हर बात पर हां मम्मी जी हां मम्मी जी कहे ।
पर आरोही तो ऐसी लड़की थी नहीं वह लोगों की बात मानना जानती थी तो उन्हें अपनी बात मनवाना भी जानती थी जो लक्ष्मी जी को बिल्कुल भी पसंद नहीं था।
तरुण का कमरा
तरुण का कैमरा बड़ा कलरफुल था उसके कमरे को हर रंग से रंगा हुआ था। उसके कमरे को देखकर ऐसा लगता था कि जैसे हम किसी कलरफुल वर्ल्ड में आ गए हो।
उसके कमरे के सामने वाली दीवार पर आरोही की बड़ी सी तस्वीर को पेंट किया हुआ था। जिसमें वह खिल खिलाकर हंस रही थी उसके बाल हवा में उड़ रहे थे। और उसके हाथों ने एक तितली को पकड़ा हुआ था जिससे आरोही बड़े प्यार से निहार रही थी।
तरुण ने इस तस्वीर को ऐसा बनाया हुआ था जैसे कोई देखा तो एक पल के लिए ब्रह्मा चला जाता कि वहां आरोही की पेंटिंग नहीं बल्कि खुद आरोही बैठी हुई हो।
तो दूसरे दीवार पर तरुण के कुछ आर्टवर्क एस थे। और तीसरी सीड दीवार पर परिवार की तस्वीर ट्रॉफी और फ्रेंड ब्रशस पेंट रखे हुए थे।
फोर्थ साइड तरफ का दीवार एकदम प्लेन था इस दीवार पर कुछ नहीं रंग गया था सिर्फ सफेद रंग का दीवार और उसे दीवार के पास एक टेबल और चेयर रखा हुआ था यह प्लेस तरुण का फेवरेट प्लेस था क्योंकि इस प्लेस से तरुण अपने पूरे कमरे और बालकनी को अच्छे से देख सकता था और इस जगह वह बैठकर अपने आर्ट 🎨 पर वर्क करता था।
तरुण के रूम में एक क्लोजर था जहां पर उसके कपड़े रखे हुए थे। जिसमें ज्यादा तो कलरफुल कपड़े ही थे।
तो वहीं गिन कर काला और सफेद रंग के कपड़े थे तरुण को यह दोनों रंग कुछ खास पसंद नहीं थे जिसकी वजह से उसने इस रंग के कपड़े ज्यादा पसंद नहीं थे।
तरुण के पास ज्यादा तो कैजुअल कपड़े हैं। फॉर्मल्स बहुत ही काम है क्योंकि वह ज्यादातर टाइम अपने काम, आरोही और परिवार के साथ ही बीतता था उसे पार्टी में जाना या किसी बिजनेस में मीटिंग के लिए जाना बहुत ही ज्यादा मुश्किल लगता था।
तरुण ने अपने घर के हर दीवार को अपने कल से रंगा हुआ था। मल्होत्रा हाउस का एक भी ऐसा दीवार नहीं था जहां पर तरुण ने अपनी कलाकारी नहीं दिखाई हो। यहां तक की हर कमरे का इंटीरियर डिजाइन तरुण ने खुद डिजाइन किया है।
खासकर अपनी तीनों बहनों के कमरे को तो तरुण ने एक-एक चीज को बड़े ध्यान से डिसाइड किया हुआ है।
तरुण इस वक्त आईने के सामने खड़ा होकर पीले रंग का शर्ट और ब्राउन रंग की कार्गो पैंट पहना हुआ था।
उसके करली हेयर्स जो से चार्मिंग बना रही थी उसके आंखों पर एक गोल्डन फ्रेम का चश्मा था। उसने गले में आरोही और अपने नाम का लॉकेट पहना हुआ था तो शर्ट के ऊपर के तीन बटन खुले छोड़ दिया था।
तो एक हाथ में वॉच था तो दूसरे हाथ में अपनी बहनों के बंधी हुई राखी थी और साथ में एक ब्रेसलेट जो उसकी मां की आखिरी निशानी थी।
तरुण अपने चेहरे पर 108 बल्ब की चमक लेकर परफ्यूम को लग रहा था। वह बहुत ही ज्यादा खुश था अपने और आरोही के सगाई को लेकर लेकिन अंदर ही अंदर उसे चिंता हो रही थी कि इस बार सगाई में कोई रुकावट ना आए सगाई शांति से हो जाए।
तरुण तैयार हो गया था वह अब नीचे जाने के लिए दरवाजे के पास गया तो देता है कि उसकी तीनों बहन यही तारा और वीर तैयार होकर उसके कमरे की तरफ आ रहे हैं तो वह वहीं ठहर जाता है।
तारा तरुण के पास आकर उसे छेड़ते हुए कहती हैं "ooh 😲 भाई अपना यह चार्मिंग पर्सनालिटी की बिजली किस पर गिरने का इरादा है,,।
तारा की बात सुनकर तरुण के चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट आती है पर उसके नाक हल्का लाल होता है जिसे देखकर यशी और वीर ताली बजाकर हंसने लगते हैं।
तारा की बात को वीरा आगे बढ़ती है "दीदू किसी और पर नहीं हमारी होने वाली भाभी पर भैया बिजली गिरने वाले हैं,,
यशी भी उन दोनों का साथ देते हुए बोलती है हां तारा यह कैसी बात कर रही हो हमारे भाई तो सिर्फ एक ही लड़की के ऊपर अपनी अदाओं का ब्रह्मास्त्र छोड़ सकते हैं।
तरुण तीनों की बात सुनकर अपनी आंखें छोटी करकर उन तीनों को घूरने लगता है।
जिसे देखकर वह तीनों एक पल के लिए सतपाका जाती है।
मगर वह बहाने ही क्या जो अपने भाई से डर जाए। एक समय के लिए दो नदी के किनारे मिल सकते हैं जमीन आसमान एक हो सकता है पर बहन भाई से डरे यह मुमकिन ही नहीं नामुमकिन है।
तरुण को घूरते देखकर तारा अपनी आंखों मैं हल्की नाटक किया नमी लाकर बोलती है" भाई मैं आपकी कंप्लेंट दादी से करूंगी यह कहकर कि आप हम तीनों को अपनी चश्मे वाली आंखों से डरा रहे हो,,।
तारा की बात सुनकर तरुण जो उन तीनों को घूर रहा था वह एकदम नॉर्मल होकर एक बनावटी मुस्कुराहट देखकर बोलता है ऐसे कभी हो सकता है क्या मैं तुम तीनों को डराओ,, वह भी अपनी बात को खत्म कर पाता उससे पहले ही वीर बीच में ही टपकती है ................
"ऐसा हो सकता नहीं ऐसा हो गया है भाई अभी-अभी आपने हम तीनों को अपनी इन चश्मे वाले आंखों से डराया है,,
वीर की बात सुनकर तरुण के चेहरे पर पसीना आने लगता है क्योंकि वह जानता था अगर यह तीनों देवियां दादी के पास जाकर इस कंपलेंट करेंगे तो उसकी दादी उसका कान मरोड़ कर लाल कर देगी और उसके पापा और दादू से डांट पड़ेगी वह अलग। तरुण की हालत किसी मासूम बिल्ली की तरह हो गई थी जिसे देखकर यशी को उसे पर दया आती है।
और वह वीर और तारा को तरुण को आगे परेशान न करने के लिए कहती है और वह तरुण के पास जाकर उसके हाथ को पकड़ते हुए बोलती हैं" भाई वह दोनों तो आपकी टांग खींचाइ कर रहे थे। इतना कहकर वह वीर के आंखों से काजल निकाल कर तरुण के कान के पीछे लगाते हुए आगे अपने बात को बढ़ाती है "आपको किसी की नजर ना लगे भाई,,।
इतना बोलकर वह उसके गले लग जाती है । तरुण भी उसे अपने गले लगा लेता है उन दोनों को ऐसे गले लगाते देखकर तारा और वीर को जलन होती है जिसकी वजह से वह दोनों एक भी एकदम से जाकर उन दोनों को गले लगाते हैं जिसकी वजह से चारों बैलेंस नहीं बना पाए और बेड के ऊपर धडम से गिर जाते हैं।
पहले तो वह चारों एक दूसरे को अंजनी नजरों से देखते हैं फिर खिलखिला कर पागलों की तरह हंसने लगते हैं।
वह चारों इतनी जोर से हंस रहे थे कि उनकी हंसी की शोर हाल में बैठी हुई जया जी और लक्ष्मी जी के कानों में पढ़ रही थी तो वही उनके कमरे के कुछ दूरी पर स्टडी रूम था जहां मनीष जी, यश जी, और सिद्धार्थ जी अपने बिजनेस के बारे में बात कर रहे थे।
जब उनके कानों में भी अपने बच्चों की खिलखिला ने लगाने वाली हंसी पड़ती है तो वह लोगों के चेहरे पर भी एक कोमल मुस्कान आती है और वह लोग अपनी बातों को बीच में छोड़कर तरुण के कमरे की तरफ बढ़ जाते हैं।
सब लोग तरुण के कमरे के बाहर खड़े हो जाते हैं तो वह देखते हैं कि तरुण की बेड टूट चुका है और वह चारों उसे बेड पर पड़े पड़े ही हंस रहे हैं।
जया जी और लक्ष्मी जी तो अपने बच्चों की बालियां ले रही थी उन्हें किसी की नजर ना लगे। क्योंकि उन्हें यह नजारा देखना है के लिए बहुत ही काम ही मिलता है। बिकॉज़ चारों लोग अपने काम में ऐसे बिजी रहते हैं कि यू इस तरह हंसना तो दूर की बात है बहुत ही काम मौका मिलता है एक दूसरे की शक्ल को देख पाना।
तरुण जहां पर अकादमी चित्रकार को चलाने में बिजी रहता है तो वही वीर अपने डॉक्टर की पढ़ाई करनें में बिजी रहती है।
और रही बात यशी और तारा की तो जहां तारा फैशन डिजाइनिंग कोर्स में बिजी रहती है तो वही यशी अपने पापा और चाचू के साथ मिलकर बिजनेस को संभालती है।
वह सिद्धार्थ जी की असिस्टेंट मैनेजर है। ।
दूसरी तरफ शर्मा हाउस में
यहां भी फैमिली टाइम ही चल रहा था। जहां बालोतरा अपनी बहू का आने का इंतजार कर रहे थे तो वही शर्माज में अपनी बेटी की विदाई की इमोशनल मोमेंट्स चल रहे थे।
यूं तो सभी के चेहरे पर मुस्कुराहट थी पर अंदर से सभी लोग भगवान से यही प्राय कर रहे थे कि इस बार शादी में कोई भी गड़बड़ी न हो इस बार शादी ना टल जाए।
आरोही ने आज पीले रंग की स्लीवलेस शर्ट पहना हुआ था जिस पर उसने एक लॉन्ग पिंक कलर rayon का 🧥 कोट पहना हुआ था, और साथ में येलो कलर का कस्टम मेड जींस पहना हुआ था जिस पर पिंक कलर से डिजाइन बनाया गया था।
कानों में उसने बड़ी-बड़ी इयररिंग्स पहने हुए थे। बालों को उसने एक पोनीटेल में बांधकर छोड़ दिया था और आगे की तरफ दो लाटों को रखा था।
होंठ पर उसने म्यूट पिंक कलर की लिपस्टिक लगाई हुई थी। हाथ में ब्रेसलेट था और दूसरे हाथ में मेटल की बैंगल्स थी।
पैरों में उसने मोजड़ी पहने हुए थे जो उसके ओवर ऑल पूरे रूप को कंप्लीट बना रहा था।
वह तैयार होकर नीचे हॉल में आती है जहां पर शशांक उसका बाड़े ही बेसब्री से इंतजार कर रहा था।
आरोही को नीचे आते देखकर वहां पर खड़े सभी लोग अंकित,रामा जी, शशांक और सारे सर्वेंट उसे बिना पल के चिपकाए निहार रहे थे।
क्योंकि इस वक्त वह इतनी ज्यादा खूबसूरत और क्यूट लग रही थी कि वह लोग चाह कर भी उसके ऊपर से अपनी नजर को हटा नहीं पा रहे थे।
आरोही के लिए यह तो कोई बड़ी बात नहीं थी क्योंकि हमेशा उसके घर वाले उसे ऐसे ही नहीं आते थे। जैसे कि वह आसमान से उतरी हुई परी हो।
वह नीचे जाकर सबको उनके ख्यालों से बाहर लाती है। इसके बाद सभी सर्वेंट अपने-अपने कामों में ध्यान लगाते हैं तो वही अंकित जी उसकी नजर उतरती है।
शशांक अंकिता जी से कहता है मोम जल्दी करो पहले इसने तैयार होने में इतना टाइम लगा दिया है। अब शॉपिंग करने में और टाइम लगाएगी तो हमें जल्दी निकलना है बहुत लेट हो चुका है।
और वैसे भी तरुण और बाकी सब हमारा वेट कर रहे होंगे,,।
उसकी बात सुनकर अंकित जी उसे अपने आगे बड़े-बड़े कर कर देखती है और उसे चुप रहने का इशारा करती है। जिसे देखकर शशांक मुंह बनाते हुए चुप हो जाता है। राम जी बड़ी प्यारी से अपनी बीवी और बेटी को देखते हैं।
वही शशांक, आरोही के चेहरे पर इतनी प्यारी मुस्कुराहट देखकर मन में खुद से वादा करता है कि वह कभी उसकी मुस्कुराहट को कब नहीं होने देगा।
कुछ देर बाद सभी लोग घर से निकलते हैं अंकित जी जय जी के साथ गुरुद्वारे के लिए निकल जाती है तो वही राम जी फंक्शन हॉल की तैयारी देखने में निकल जाते हैं तो शशांक और आरोही शॉपिंग के लिए।
आरोही शशांक से कहती है भैया गाड़ी को पहले कपाड़िया पेंशन की तरफ लेकर चलिए।।
उसकी बात सुनकर शशांक उसे सवाली बाहरी निगाहों से देखता है।
जिसे समझ कर आरोही कहती है "वह क्या है ना कि मुझे कौरव सान्नवी और आर्य के लिए भी शॉपिंग करनी है और मैं उनसे वादा किया था कि मैं एक दिन उन्हें तीनों को शॉपिंग लेजाऊंगी,,।
उसकी बात सुनकर शशांक कहता है " रू बच्चा उन तीनों को कभी और शॉपिंग के लिए ले जाना क्योंकि यह तुम्हारी सगाई की शॉपिंग चल रही है तुम अपनी शॉपिंग पर ध्यान दोगी या बच्चों की शॉपिंग पर। वह इनडायरेक्ट यह बोलना चाहता था कि बच्चों को शॉपिंग मत ले जाना।
शशांक की बात सुनकर आरोही की मुस्कान फीकी पड़ जाती है। क्योंकि उसे कुछ दिनों से ऐसा लग रहा था जैसे शशांक जानबूझकर उसे और बच्चों को दूर रख रहा है। यह उसका शक था कि इनट्यूशन वही जाने।
आरोही के चेहरे की मुस्कान को फीकी पढ़ते देखकर शशांक उसको समझाते हुए बोलता है "मैं तुम्हें बच्चों को शॉपिंग ले जाने से मन नहीं कर रहा हूं मैं यह कह रहा हूं कि यह पल तुम्हारा और तरुण का है जिसे तुम्हें जी भरकर जीना चाहिए यह पल तुम्हारी जिंदगी में बार-बार नहीं आएगा,,।
आरोही शशांक की बात समझ रही थी पर उसका मन कुछ बेचैन था वह कल रात जैसे तैसे कर कर अपने मन की बेचैनी को छुपा लिया था जिसका साथ तरुण ने अच्छे से दिया था पर उसकी बेचेनी उसके मन से जाने का नाम ही नहीं ले रही थी।
वजह से तैसे करके शशांक को बच्चों को शॉपिंग ले जाने के लिए माना लेती है। जिसकी वजह शशांक आरोही के सामने हार मान लेता है और कार को कपाड़िया मेंशन की तरफ बढ़ा देता है।
कपाड़िया मेंशन
सर्वेंट हाउस
एक लड़की बेड पर खड़े होकर कमरे की चीजों को इधर-उधर फेक रही थी तो वही सामने कुछ बॉडीगार्ड उसे लड़की को पकड़ना चाहते थे क्योंकि वह लड़की पूरे कमरे का तहत नहस कर चुकी थी।
जिसकी आवाज मेंशन के अंदर तक जा रही थी। जिसे सुनकर सारे घर वाले परेशान होकर सर्वेंट हाउस की तरफ बढ़ जाते हैं।
तो वही वह लड़की बेड पर खड़े होकर इधर-उधर देखते हैं तभी उसकी नजर फ्रूट बास्केट में जाती है जहां पर एक चाकू रखा हुआ था वह लड़की बॉडीगार्ड को चकमा देकर उसे चाकू के पास जाती है और चाकू को लेकर बॉडीगार्ड की तरफ कर देती है।
जिसे देखकर बॉडीगार्ड जहां थे वहीं खड़े हो जाते हैं क्योंकि अगर वह थोड़ा आगे बढ़ते तो वह लड़की उसे पर या खुद पर चाकू चला देता जिसकी वजह से वह लोग आगे नहीं बढ़ रहे थे।
कौन है यह लड़की आखिर ऐसा क्यों कर रही है जाने के लिए बढ़िया अगला चैप्टर तब तक के लिए टेक केयर बाय बाय लव यू रीडर।
आज का चैप्टर आपको कैसा लगा प्लीज बताना जरूर।
मैं नीचे आरोही और तरुण की फोटो उनके लुक के साथ भेज दिया है। और तरुण की कमरे की फोटो भी आपको कैसी लगी यह जरूर बताना
कॉमेट और रिव्यू देना मत भूलना।।