अगली सुबह Anaya अपने hostel room से जल्दी उठी। शरीर में थोड़ी थकान अभी भी थी, लेकिन मन में नई energy थी। आज hospital में routine duties के साथ-साथ कुछ extra tasks भी थे। Raj पहले से ही ward में patients को देख रहे थे।
Anaya ने आते ही softly कहा—
“Good morning, sir. Ready हूँ।”
Raj ने उसकी थकी आँखों पर नज़र डाली और पूछा—
“तुम ठीक हो? कल शाम थोड़ा weak लग रही थी।”
Anaya ने हल्की मुस्कान दी—
“हाँ, sir, बस थोड़ा tired थी। अब ठीक हूँ।”
Rounds के दौरान Raj बार-बार subtly ध्यान रखते रहे कि Anaya overwork न करे। जब उन्होंने देखा कि Anaya एक elderly patient के vitals check करते हुए थोड़ी देर तक खड़ी रही, Raj ने softly कहा—
“Anaya, थोड़ा rest कर लो। बाकी patients मैं और बाकी team देख लेंगे।”
Anaya ने झिझकते हुए जवाब दिया—
“Sir, मैं वहीं रहूँगी। Patients देखना सीखना ज़रूरी है।”
Raj ने सिर हिलाया, उसकी determination देखकर थोड़ी approval और subtle admiration झलक रही थी। उन्होंने quietly ensure किया कि Anaya पानी पीती रहे और lunch समय पर खा ले।
Lunch break में Raj ने अपने हाथों से हल्का खाना उसकी plate में रखा।
“खाओ, energy चाहिए। कोई excuse नहीं।”
Anaya internally blush कर गई। उसकी आँखों में हल्की चुप्पी और दिल में धीरे-धीरे उठती curiosity थी—Raj की यह care, यह subtle attention… क्या ये सिर्फ़ mentorship है, या कहीं personal touch भी है?
दिनभर duties चलती रहीं। Raj बार-बार subtle reminders देते रहे—“पानी पीना, बैठकर थोड़ी देर rest करना।” हर बार Anaya को लगता कि ये सिर्फ़ professional guidance नहीं, कुछ और भी है।
Ward के patients के charts update करते समय Anaya internally सोच रही थी—
“Raj sir की हर नज़र, हर gesture… क्यों मुझे इतना personal लगता है? क्या ये सिर्फ़ मुझे ही लग रहा है, या उन्होंने सच में notice किया है?”
जब दिन खत्म हुआ और hospital से लौटने के लिए students बाहर निकले, Raj ने casually कहा—
“कल थोड़ा हल्का रहो। Body और mind दोनों need rest। Overwork ठीक नहीं है।”
Anaya ने सिर हिलाया, लेकिन उसके दिल में हल्की confusion और growing admiration का mix महसूस हुआ। उसे लगा कि Raj की हर छोटी बात, हर subtle gesture उसे और करीब खींच रहा है।
Hostel पहुँचकर Anaya ने diary खोली और softly लिखा—
“आज भी हर छोटी care ने दिल को छू लिया। मुझे समझ नहीं आ रहा कि ये mentorship है या कुछ और। शायद मैं खुद ही overthink कर रही हूँ… पर दिल ये सब अलग तरीके से feel कर रहा है।”
रात में उसे नींद धीरे-धीरे आई, लेकिन मन में Raj की वो calm और attentive छवि बार-बार घूम रही थी। वह जानती थी कि किसी भी तरह की personal feeling अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन इन छोटे-छोटे पल ने उसके दिल में अनजाने जज़्बात जगा दिए थे।
To Be Continued…
(कभी-कभी किसी की परवाह इतनी खामोशी से ज़िंदगी में उतरती है कि हमें खुद एहसास नहीं होता — कब किसी की मौजूदगी हमारी आदत बन गई। Raj की हर छोटी-छोटी care अब Anaya के दिल को किसी अनकही चाहत की तरह छूने लगी थी। लेकिन क्या ये एहसास सिर्फ़ उसकी तरफ़ से था? या Raj के दिल में भी वही अनजाना खिंचाव जगह बना रहा था, जिसे वो अब तक नज़रअंदाज़ कर रहा था? शायद अब वक्त था, जब दोनों के बीच की खामोशियाँ कुछ कहने लगी थीं…या ये सिर्फ Anaya की तरफ़ से ही है।)