अगली सुबह;
साहिल और तानिया सुबह से सिमरन को wish नही करते है। बस नॉर्मल बिहेव ही करते है। सिमरन को तो याद भी नही था अपना बर्थडे, तो उसे अजीब भी नही लगता है। ऐसे ही आधा दिन निकल जाता है और ईशान फिर दिन में उनके घर आता है। उसके बाद साहिल, सिमरन के पास जाता है और उसे बातों में busy रखता है। तब तक ईशान और तानिया ऊपर टैरिस पर चले जाते है और सजावट शुरू कर देते है। जैसे ही वो दोनो ऊपर जाते है, साहिल बोलता है कि;
साहिल - आज मैं घर पर ही हूं पूरे दिन! तो चलो आज मैं तुम्हे अपना एक नया रूप दिखाता हूं। और वो सिमरन का हाथ पकड़ कर उसे नीचे किचन में लेकर चला जाता है।
साहिल - चलो, तुम यहां डाइनिंग टेबल पर बैठो और फरमाइश करो! आज मैं खाना बनाऊंगा!
सिमरन - वाह साहिल, तुम्हे खाना बनाना आता है। ऊपर से आज मेरी फरमाइश पूछकर वो बना भी रहे हो, क्या बात है? वो हंसते हुए पूछती है।
साहिल - क्योंकि आज मैं फ्री हूं पूरा दिन! तो तुम्हे इतना टाइम तो दे ही सकता हूं ना! ऊपर से घर में अपने अलावा कोई और है भी नही!
सिमरन - थैंक्यू साहिल! वैसे कोई नही है तो सब कहां गए है?
साहिल - तानिया दीदी को कुछ काम था, तो वो शाम तक ही आयेगी वापस, और शांता ताई भी आज छुट्टी पर है। तो मैंने सोचा कि आज मैं ही कुछ बनाऊं!
सिमरन - तो चलो, मैं भी तुम्हारी कुछ मदद कर देती हुं। यह कहते हुए सिमरन उठने लगती है, तभी साहिल उसे कंधे से पकड़कर वापस बिठा देता है।
साहिल - नही, आज मैं ही बनाऊंगा, तुम बस बताओ कि तुम्हे क्या खाना है, और इंतजार करो फिर अपनी फरमाइश पूरी होने का!
सिमरन - अच्छा बाबा, ठीक है। वैसे मुझे इंडियन खाना बहुत पसंद है। तो उनमें से कुछ भी चलेगा, जो तुम बनाओगे!
साहिल(सोचते हुए ) - अच्छा तो फिर मैं तुम्हारे लिए शाही पनीर और उसके साथ में पुलाव बनाता हुं। मुझे तो बहुत पसंद है यह साथ में! साहिल ने एक्साइटमेंट में कहा।
सिमरन - वाह, मुझे भी बहुत पसंद है, यह तो! हां तो तुम आज यही बनाओ। मैं तो अभी से wait नही कर पा रही हुं।
फिर साहिल अंदर किचन में चला जाता है और सिमरन बाहर बैठी होती है। सिमरन के कानो में किचन से आवाजें आ रही होती है, और वो बाहर बैठकर boar भी हो रही होती है तो वो भी अंदर चली जाती है। जैसे ही सिमरन अंदर जाती है, साहिल बोलता है कि;
साहिल - क्या हुआ सिमरन, कुछ चाहिए क्या तुम्हे? उस समय साहिल कड़ाही में सब्जी को चम्मच से हिला रहा होता है।
सिमरन - नही, वो मैं बाहर boar हो रही थी, तो मैंने सोचा कि अंदर ही बैठ जाऊं। मैं तुम्हे disturb नही करूंगी।
साहिल - अच्छा, ठीक है। बैठ जाओ। पर काम सारा मैं ही करूंगा, तुम बीच में नही आओगी, ठीक है।
सिमरन - अरे हां बाबा! तुम खाना बनाओ, मैं सिर्फ इधर बैठ रही हूं और देखती हूं कि तुम सही से बना भी रहे हो या नही! ये कहकर वो हंसती है, तो साहिल उस मुस्कान की एक झलक देखकर ही खुश हो जाता है, और उसमे और भी एक्साइटमेंट भर जाता है अच्छा खाना बनाने में! आखिर इसी खुशी के लिए वो इतना सब कर रहा होता है। फिर साहिल पुलाव के लिए तैयारी शुरू कर देता है। और सिमरन उसके साइड वाले प्लेटफार्म पर ही जगह करके बैठ जाती है।
सिमरन इधर उधर देख रही होती है कि तभी उसकी साहिल के चेहरे पर नजर जाती है। और उसकी नजरें वही पर ठहर जाती है। सिमरन मन में सोचती है कि साहिल कितने शिद्दत से उसके लिए खाना बना रहा है। यही सोचते हुए वो बस साहिल को देखती रहती है। उसने दिमाग में कही बार सोचा कि वो अपनी नजरें हटा ले, पर उसका मन चाहता था कि वो इसी तरह एकटक साहिल को देखती रहे। सिमरन चाहकर भी अपनी नजरें साहिल से हटा नही पा रही थी, क्योंकि साहिल को देखते रहने से उसकी आंखों को सुकून मिल रहा था। तभी साहिल महसूस करता है कि शायद सिमरन की नजरें उसी पर है। और वो जैसे ही सिमरन की तरफ देखता है तो सिमरन थोड़ा सा झेंप जाती है, और अपनी नजरें फेर लेती है। पर साहिल समझ जाता है कि सिमरन उसे ही देख रही थी, और वो हंसते हुए फिर से खाना बनाने में लग जाता है।
इधर टैरिस पर;
तानिया और ईशान बर्थडे पार्टी की तैयारी कर रहे होते है। लगभग सारी सजावट हो चुकी होती है। उन्होंने सिंपल सी सजावट की होती है क्योंकि सिमरन को ऐसे ही पसंद होता है। और सच में वो सजावट बहुत ब्यूटीफुल लग रही होती है। आखिर तानिया और ईशान ने मिलकर इतनी मेहनत से सजाया होता है। तभी ईशान बोलता है कि;
ईशान - सब कुछ अच्छा तो लग रहा है ना तानिया जी? सिमरन दीदी को पसंद तो आएगा ना!
तानिया - हां ईशान, तुमने यह सब बहुत प्यार से और अपने दिल से किया है, देखना सिमरन को बहुत पसंद आएगा तुम्हारा सरप्राइज़! तभी तानिया की नजर curtain के ऊपर साइड जाती है जहां पर एक फ्लावर निकलने वाला होता है क्योंकि वो सही से अटैच नही होता है।
ईशान - क्या हुआ, आप ऊपर क्या देख रही है?
तानिया - एक काम करो ईशान, वो टेबल इधर लेकर आओ ना!
ईशान - हां, और वो टेबल लेकर आता है। और तानिया उसे curtain के पास रखवाती है और ऊपर चढ़ने लगती है। तभी ईशान बोलता है कि;
ईशान - अरे, आप क्यों ऊपर चढ़ रही है, गिर जायेंगी, मैं चढ़ता हूं।
तानिया - अच्छा बच्चू! हम लड़की है इसलिए ऊपर नही चढ़ सकते, यही कहना चाहते हो ना तुम! तानिया ने थोड़ा सा गुस्सा होते हुए कहा।
ईशान - अरे नही, आप गलत समझ रही है। मेरे कहने का मतलब था कि जब मैं हूं, तो आप क्यो तकलीफ कर रही है। मैं चढ़ता हूं।
तानिया - नही, अब तो हम ही चढ़ेंगे! और वो चढ़ने लगती है।
ईशान - अच्छा ठीक है, आप चढ़िए! में यहां नीचे से टेबल पकड़ता हुं। फिर तानिया ऊपर चढ़कर उस फ्लावर को सही कर देती है। पर जैसे ही उतरने वाली होती है, उसका पैर फिसल जाता है, तो उसका balance बिगड़ जाता है। और वो टेबल से गिर जाती है। लेकिन ईशान नीचे ही खड़ा होता है तो वो तानिया को संभाल लेता है। लेकिन उसे संभालने के चक्कर में ईशान खुद गिर जाता है और तानिया भी उसके ऊपर गिर जाती है।
अब तानिया का हाथ ईशान के दोनो कंधे पर होता है, और वो ईशान के बिल्कुल ऊपर होती है। और ईशान का एक हाथ तानिया के सिर के पीछे होता है और दूसरा उसकी पीठ पर होता है। तानिया ने अपना चेहरा डर की वजह से ईशान के कंधे के वहां पर छुपा लिया होता है। और वो थोड़ी देर तक ऐसे ही आंखें बंद करके वही सिर रखे हुए होती है। पर इधर हमारे ईशान की हालत खराब हो जाती है क्योंकि उसका दिल फिर से जोरो से धड़कने लगता है। ईशान को ऐसा फील हो रहा था, जैसे अभी उसका दिल बाहर ही निकल आएगा। तभी वो देखता है कि तानिया अभी भी डरकर अपनी आंखें बंद किए हुए है तो ईशान धीरे से बोलता है कि;
ईशान - अभी तक डरी हुई हो क्या, अब बिल्कुल safe हो तुम!
तानिया के कानों में जैसे ही ईशान की आवाज आती है, तो वो अपनी आंखें खोलती है और ऊपर देखती है। अब उसका चेहरा ईशान के चेहरे के बिल्कुल पास होता है। फिर तानिया जैसे ही थोड़ा ऊपर होती है, तो उसके खुले बाल ईशान के चेहरे पर आ जाते है। ईशान जैसे ही उनकी खुशबू लेता है तो वो बिल्कुल मदहोश हो जाता है। उसे तानिया के बालों की खुशबू बहुत अच्छी लग रही होती है, और इससे ईशान को सुकून मिल रहा होता है। फिर वो तानिया के बालों को थोड़ा सा साइड में करता है। इधर तानिया के दिल में अजीब सी हलचल मची हुई होती है। और वो ईशान को देखती रहती है। उसने ईशान को इतना करीब से पहली बार देखा होता है। ईशान को इतना करीब से देखकर उसका दिल भी धड़कना शुरू कर देता है। जैसे ही तानिया की हार्टबीट तेज होती है, तानिया उसे महसूस करने लगती है और अपना एक हाथ ईशान के कंधे से हटाकर खुद के सीने पर रखती है और अपनी धड़कन इतनी जोर से चलने को महसूस कर रही होती है।
ईशान उसे अपनी आईब्रो ऊपर करके इशारे से पूछता है कि क्या हुआ? तानिया भी बस अपनी गर्दन को ना में हिलाकर जवाब दे देती है।
तानिया - तुम्हे लगी तो नही ना! तभी ईशान फील करता है कि तानिया की आवाज बहुत धीरे हो गई थी। और वो आवाज ईशान को बहुत प्यारी लग रही थी।
ईशान - तभी ईशान मन में सोचता है कि यह पल, यही क्यों नही रुक जाता है। और बस तानिया को देखता रहता है।
तभी तानिया कुछ जवाब न मिलने पर वापस से पूछती है कि;
तानिया - ज्यादा जोर से लगी है क्या? फिर ईशान उसकी आवाज सुनकर रियलिटी में वापस आता है और बोलता है कि;
ईशान - नही नही! पर मैंने कहा था ना कि आप गिर जाएगी, मुझे चढ़ने दिया होता! ईशान थोड़ा शिकायती लहजे में बोला।
तानिया - हमे पता ही नही चला कि कब हमारा पांव फिसल गया। और तभी वो नोटिस करती है कि वो अभी भी वैसे ही एक दूसरे के ऊपर गिरे हुए है, तो तानिया जल्दी से उठ जाती है। ईशान मन में बहुत sad फील करता है, और खुद भी उठ जाता है। लेकिन दोनो ही कुछ देर तक एक दूसरे की तरफ नही देखते है। दोनो के दिल में हलचल जो मची होती है। तभी तानिया को कुछ याद आता है, और वो ईशान से पूछती है कि;
तानिया - ईशान, तुमने अभी हमे, तुम कहा था ना!
ईशान ( मन में हंसते हुए) - नही तो, क्यों क्या हुआ?
तानिया ( थोड़े कन्फ्यूजन में ) - नही, बस ऐसे ही! एक्चुअली Iam sorry. हमारी वजह से तुम भी गिर गए।
ईशान - इससे अच्छा और क्या हो सकता था आज के दिन! और फिर खुद को ही कोसता है कि यह उसने क्या बोल दिया।
तानिया - क्या, कुछ कहा तुमने? उसने ईशान की आंखों में देखते हुए पूछा।
ईशान - नही, और इधर उधर देखते हुए बोलता है कि अब तो सारी तैयारी हो चुकी है, तो अपन सिमरन दीदी को बुला लाते है।
तानिया - नही, हम पहले साहिल को मैसेज कर देते है। हमने कहा था उससे कि, तैयारी होते ही हम उसे मैसेज कर देंगे और फिर साहिल ही सिमरन को ऊपर ले आएगा!
ईशान - हां यही ठीक रहेगा। वो थोड़ा नॉर्मल होते हुए बोला। फिर तानिया अपना फोन लेकर साहिल को मैसेज टाइप करने लगती है और ईशान उसे फिर से देखने लगता है।
क्रमश: