chapter 52 in Hindi Love Stories by Maya Hanchate books and stories PDF | बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 52

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 52

चैप्टर 52

रीडर आपको बता दूं कि पिछले चैप्टर में जो नए लोग आए थे वह मेरे नई कहानी के किरदार है जो अपनी कहानी के प्रमोशन के लिए आए थे।

अब आगे 

सब लोग खाना खाकर बातचीत कर रहे थे ठक्कर ब्रदर्स और हर्ष दोनों वहां से जा चुके थे उनके साथ मल्होत्रा और शर्मा बाकी मेहमान भी जा चुके थे। पर अर्णव जी ने इंद्रजीत को और माया को वहां रोक लिया था।

शिवाय माया से कुछ बात कर रहा था वह लोग क्या बात कर रहे थे किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था क्योंकि वह लोग सबसे दूर होकर बात कर रहे थे। लेकिन उनके एक्सप्रेशंस को देखकर सबको समझ आ रहा था कि वह कुछ सीरियस बात कर रहे हैं। 

लेकिन कोई था जो माया को शिवाय के साथ बात करते देखकर अपने आंखों से अंगारे निकल रहा था। यह कोई और नहीं इंद्रजीत था, इंद्रजीत माया और शिवाय को घूरते हुए मन ही मन बोला इस लड़की को मुझसे बात करने में कांटे छुपते हैं जब देखो तब मुझसे लड़ती रहती है। पर इससे ऐसे बात कर रही है जैसे उसे सदियों से जानती हो।। इस समय इंद्रजीत जलन से भर चुका था पर वह कुछ नहीं कर सकता था क्योंकि अर्नब जी उसे बातों में लगाए हुए थे और वह बातों को ऐसे ही बीच में छोड़कर नहीं जा सकता था, वरना अरनव जी का अपमान होता।

तभी ,सभी के कानों में एंबुलेंस की आवाज गूंजती है........🚑🚑🚨🚨।।।।।
जिसे सुनकर वहां के सभी लोग हैरान परेशान रह जाते हैं क्योंकि उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि इस समय एंबुलेंस में कौन आ रहा है? आखिर क्यों एंबुलेंस आ रहा है।।क्योंकि सिद्धार्थ जी, राम जी और सांची को तो डिस्चार्ज कब की मिल चुका था। सबके मन में अलग-अलग भाव थे। 

जब कपाड़िया'एस एंबुलेंस की आवाज अपने ही दरवाजे पर सुनते हैं तो वह लोग बाहर जाते हैं ,तो देखते हैं की एंबुलेंस बाहर खड़ी हुई है और वार्ड बॉयज स्ट्रेचर पर एंबुलेंस से किसी को बाहर निकल रहे हैं।।।

इस समय सबके चेहरे पर बेचैनी परेशानी घबराहट और क्यूरियोसिटी नजर आ रही थी। 
एंबुलेंस से धीरे-धीरे किसी के पैर नजर आते हैं लेकिन व्हाट बॉयज के आड़े खड़े होने की वजह से किसी को भी उसे स्ट्रेचर पर लेटे हुए इंसान की चेहरा नहीं दिखाई देता है।।

लेकिन पता नहीं पर उर्मिला जी का दिल बहुत जोरों से धड़क रहा था उनके मन में एक अजीब सी घबराहट और डर का एहसास हो रहा था।।
💓💓💓💓

1...........2......3........ जैसे ही व्हाट बॉय स्ट्रेचर से दूर होते हैं तो सभी लोग स्ट्रेचर पर लेटे हुए इंसान को देखकर शौक रह जाते हैं, उर्मिला जी की तो हालत खराब हो जाती है उनकी आंखों से आशु बहने लगते हैं, पसीना बहाने लगता है उनके हाथ पैर फूलने लगते हैं।। खुशी जी की भी कुछ हालात उर्मिला जी जैसी ही थी।

उसे पूरे भीड़ में अगर किसी के चेहरे पर जरा सी भी एक्सप्रेशन नहीं थे  तो वह वनराज शिवाय दुर्गा कार्तिक थे।। जैसे मैंने पहले से ही पता हो कि एंबुलेंस में कौन था।
उर्मिला जी जल्दी से भागते हुए उसे इंसान के पास जाती है और उसे इंसान के गालों को थपथपाने लगती है उनके आंखों से आंसू जर्जर बहने लगता है।"उठो.... उठो... यह सब कैसे हुआ मेरी लाडो के साथ, यह क्या हालत बना ली तूने अपनी। उठ ना सिमी उठ ना इतने सालों बाद आई है, तो इस हालत में आई है, लाडो उठ, उर्मिला जी बिलख- बिलख‌ कर रोते हुए बोल  रही थी।

तो बता दो यह स्ट्रेचर पर जो इंसान बेजान हालत में लेटा हुआ था वह कपाड़िया खानदान की पहले वारिस और उर्मिला जी और उनके पति की पहली संतान, कपाड़िया खानदान की पहली बेटी , रमन, शेखर, अनुज की बड़ी बहन सिमरन कपाड़िया थी। जिसका जिक्र मैंने पहले ही फैमिली इंट्रोडक्शन में किया था।।

खुशी जी धीरे-धीरे से स्टेचर के पास आती है और अपने कंपती हुई हाथों को सिमरन जी के चेहरे को छूते हुए बोली क्या हुआ मेरी लाडो को ऐसे कैसे हालत हो गई है मेरी लाडो की  नम  आंखों  से (अर्णव जी को देखते हुए)दिन भर छोटी मां छोटी मां कहकर परेशान करने वाली मेरी लाडो आज इस तरह बेजान क्यों पड़ी हुई है।।

अरनव जी और बाकी सब की आंखें भी नाम हो चुकी थी।।

उर्मिला जी, खुशी जी की तरफ उम्मीद भरे नजरों से देखते हुए बोली दी दी आप सिम्मी को कह न कट जाए मुझे इस तरह परेशान  ना करें, मुझसे गुस्सा है तो अपना गुस्सा मुझ पर उतारे ,पर यू बेजान गुड़िया की तरह लेटि ना रहे।। वह आपकी सारी बातें सुनती है ना उसे कहिए ना उठ जाए उनकी आवाज में तड़प दर्द पछतावा साफ-साफ दिखाई दे रहा था।।

शिवाय वार्ड बॉय से बात कर कर इशिता जी के कानों में कुछ कहता है जिसकी वजह से इशिता जी ,मोहिनी जी को लेकर उर्मिला जी और खुशी जी की तरफ जाती है और उन्हें सिमरन जी से दूर करती है वह बोली मां जी और बड़ी सासू मां हमें सिम्मी को अंदर ले जाना चाहिए इस तरह बाहर रहना सिमी के लिए ठीक नहीं है।

उनकी बातों में सभी हामी भरते हैं पर खुशी जी और उर्मिला जी का दिल तो मां का था जो अपनी बच्ची की ऐसी हालत देखकर तड़प रहा था वह एक पल के लिए भी सिमरन जी को अपने से दूर नहीं करना चाहते थे पर जैसे तैसे कर कर रमन  और शेखर जी ने सिम्मी जी से खुशी जी और उर्मिला जी को अलग कर दिया इसके बाद व्हाट बॉयज सिमरन जी को घर के अंदर ले गए जहां पर वनराज उन्हें सिमरन जी का कमरा दिखा रहा था। 

कुछ देर मैं व्हाट बाय सिमरन जी को अच्छे से बेड पर लेटा कर डॉक्टर ट्रीटमेंट करते हैं, उनके सभी इलेक्ट्रॉनिक को सही एडजस्ट कर कर एक नर्स को वहीं छोड़कर वहां से चले जाते हैं।‌। डॉक्टर ने किसी को भी ट्रीटमेंट के समय सिमरन जी के कमरे में आने नहीं दिया, जैसे ही सभी ने डॉक्टर को बाहर आते देखा तो सभी ने डॉक्टर से सवाल करना शुरू कर दिया जैसे सिमरन जी को क्या हुआ है,? उनकी हालत कब तक ठीक होगी? उनकी हालत ऐसे कैसे हो गई।‍?
इस समय सभी की हालत खराब थी सभी के दिल में एक ही सवाल चल रहा था कि सिमरन जी की हालात ऐसे कैसे हो गई।

डॉक्टर सबके सवाल सुनकर बोला मिस कपाड़िया कोमा में जा चुकी है कब तक कोमा से बाहर आएगी यह किसी को भी नहीं पता ।  ट्रीटमेंट के बाद यह पता चला है कि वह कोमा में शायद पिछले सात या 8 साल से है।

जिसे सुनकर सबकी आंखें फटी की फटी रह गई उर्मिला जी तो बेहोश हो गई।खुशी जी की भी हालत कुछ सही नहीं थी।।
उन्हें बेहोश होते देखकर शेखर जी जल्दी से उनके पास जाते हैं और उन्हें उठाने की कोशिश करते हैं पर वह नहीं उठाती तो डॉक्टर आकर उनका चेकअप करते हैं।।

कुछ देर बाद
उर्मिला जी को अब तक होश आ चुका था बाकी सभी लोग हाल में बैठे हुए थे सभी को सिमरन जी के साथ बिताए हुए पल याद आ रहे थे। 

शेखर जी अपने पिता के पास आकर अपनी बड़ी बहन की शिकायत लगा रहे थे कि वह उन लोगों को इतनी सुबह-सुबह उठाकर एक्सरसाइज करवाने ले जाती है अगर सही से नहीं किया तो उन लोगों को पनिशमेंट देती है। जिसका साथ रमन जी भी देते हैं जी बड़े पापा,सिम्मी दीदी ऐसा ही करती है, आपको पता है आज क्या हुआ है मुझे जस्ट 1 किलोमीटर रनिंग में 5 मिनट लेट हुआ तो उन्होंने मुझे एक्स्ट्रा 2 किलोमीटर दौड़ाया है, और ऊपर से मेरे खाने को रोकती टोकती है।।

शेखर जी...." आपको पता है पापा दि ऐसे बिहेव करती है जैसे वह हमारी बहन ना होकर आर्मी ट्रेनिंग की हेड कमांडर हो और हमें बॉर्डर पर लड़ने के लिए तैयार कर रही हो,,।

अच्छा!...... पापा से मेरी शिकायत कर रहे हो! पर इससे कोई फायदा नहीं होगा उल्टा तुम दोनों का ही नुकसान होगा , कल तुम दोनों को एक किलोमीटर एक्स्ट्रा दौड़ना होगा और एक घंटा एक्स्ट्रा एक्सरसाइज करना होगा। यह बात सिमरन जी दरवाजे से अनुज के साथ आते हुए बोल रही थी।।
उनकी बात सुनकर बाकी सब के चेहरे पर हंसी आती है तो रमन और शेखर जी का मुंह बन जाता है। 
रमन जी अनुज को मंद मंद हंसते हुए देखते है तो  चिढ़ जाते है, जिसकी वजह से वह सिमरन जी से बोले "यह क्या बात हुई दीदी हम दोनों को ही पनिशमेंट क्यों ? इस अनुज के बच्चे को भी तो पनिशमेंट मिलना चाहिए ।।यह पार्शियल्टी क्यों जब देखो तब आप मुझे और शेखर को ही पनिशमेंट देती हो, (अनुज जी को खींचते हुए) इसे क्यों नहीं देती हो?
जिस पर खुशी जी बोली मेरे मासूम से बच्चे से क्यों जल रहे हो?
उनकी बात सुनकर शेखर और रमन जी अपनी दया भरी नजरों से उन्हें देखते रहते हैं। उनके ऐसे देखने से खुशी जी को कोई भी फर्क नहीं पड़ता है जिसकी वजह से सिमरन जी अपने भाइयों पर हंसने लगती है। 
बाद में वह अपनी हंसी को कंट्रोल करते हुए बोली क्योंकि वह तुम लोगों की तरह नहीं है उसे जो बोले वह करता है जितना बोले उतना करता है।।
आपको बता दूं कि सिमरन जी को डिसिप्लिन में रहना+ मस्ती करना अच्छा लगता है।
अनुज जी की पर्सनालिटी interword और इनोसेंट  है।
रमन जी और शेखर जी की पर्सनैलिटी एक्सट्रोवर्ट है।
सिमरन जी की बात सुनकर शेखर जी और रमन जी अनुज को घूर रहे थे। जिसे देखकर खुशी की दोनों के सर पर चपत मारते हुए बोली मेरे बच्चे से अपनी नजरों को हटा लो वरना तुम दोनों को डंडे से पिटूंगी।।
तभी उर्मिला जी अपने हाथों में आरती की थाली लाते हुए सिमरन से बोलती है यह क्या दिन भर लड़कों की तरह घूमते रहती हो और यह कैसे कपड़े पहने हैं (सिमरन जी ने नीले रंग का ट्रैक सूट पहना हुआ था) कभी तो लड़की जैसे बन कर रहो ।शादी की उम्र हो गई है अगर किसी लड़के ने तुझे देखा तो शादी करने से मना कर देगा! जब देखो तब अपने भाइयों को हिटलर की तरह डराती रहती हो। वह सिमरन जी को डांटे हुए सबको प्रसाद दे रही थी।

सिमरन जी को डांट खाते देखकर शेखर जी और रमन जी के चेहरे पर 980 वर्ल्ड का चमक आता है। वह लोग बड़े मजे से प्रसाद खाते हुए सिमरन जी को उर्मिला जी से डांट खाते हुए देख रहे थे।।

अर्णव जी उर्मिला जी को बीच में टोकते हुए बोले भाभी मां क्यों डांट रही हो मेरी लाडो को उसे जैसे रहना है वैसे रहने दीजिए।
उनकी बात सुनकर उर्मिला जी बोली देवर जी ऐसे कैसे चलेगा एक दिन इसे किसी और के घर जाना होगा तो उनके तौर तरीके सीखने होंगे लेकिन यह लड़की जब देखो तब सबसे अपनी बात मनवाती है और आप सब भी इसकी बात मानते हो।। मैं बता रही हूं यह लड़की ना ऐसे ही रहेगी तो एक न एक दिन दहेज में अपने ससुराल आप सबको लेकर जाएगी।।
रमन जी अपनी बहन का बीच बचाव करते हुए बोले नहीं बड़ी मां दी हमें अपने दहेज में नहीं लेकर जाएगी उल्टा अपने ससुराल को भी दहेज में अपने मायके लेकर आएगी।😁😁
जिस पर शेखर जीबी अपना सर हां में हिलाते हैं। 
उन दोनों को सिमरन जी की साइड लेते देखकर बाकी सब उन्हें घर रहे थे। 

अनुज जी बोले सीधा-सीधा बोलिए ना कि अगर दीदी ससुराल चली जाएगी तो घर और ऑफिस कौन संभालेगा? अगर दीदी ससुराल जाएगी तो सारे जिम्मेदारियां आप दोनों पर आएगी।
अनुज की बात सुनकर शेखर और रमन जी सतपाका जाते हैं।

सिमरन जी अपने दोनों भाइयों की बात को समझ कर उन्हें पीटने के लिए दौड़ती है जिसे देखकर वह दोनों आगे आगे भागने लगते हैं उनके पीछे सिमरन जी झाड़ू लेकर दौड़ती है।
खुशी, अरनव जी, सिमरन जी के पापा अनुज सिमरन जी को शहर और रमन जी को करने के लिए इनकरेज कर रहे थे। 
तो वही उर्मिला जी सिमरन जी को डांट रही थी अगर वह रमन या शेखर किसी एक को भी हाथ लगाएगी तो उनका हाथ तोड़ देगी।

तभी शेखर जी किसी आवाज से अपने ख्यालों से बाहर आते हैं। 

आखिर ऐसा क्या हो गया सिमरन जी के साथ जिसकी वजह से वह कोमा में चली गई और क्यों उनके परिवार को उनके कोमा में जाने की बात नहीं पता।। आखिर ऐसा क्या हो गया था कि हंसता खेलता परिवार यूं इस तरह बिखर गया?

मैंने पहले ही बताया था कि जो  खुशियों वाले कपाड़िया खानदान के दिन थे वह चले गए अब उनकी जिंदगी में दुखों का मुसीबत का पहाड़ टूटेगा ओके।


जाने के लिए पढ़िए अगला चैप्टर।।