Haunted Island in Hindi Horror Stories by Vedant Kana books and stories PDF | Haunted Island

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Haunted Island

समुद्र की अनगिनत लहरों के बीच बसा एक छोटा-सा द्वीप था, जिसका नाम "क्रोआइल" था। नक्शों पर उसका ज़िक्र बहुत कम मिलता था और नाविकों के बीच वह सिर्फ़ डरावनी कहानियों का हिस्सा माना जाता था। कहते हैं, वहाँ कभी एक बस्ती बसी थी, लेकिन एक रात पूरा गाँव रहस्यमय तरीके से गायब हो गया। उस रात के बाद से कोई भी उस द्वीप पर टिक नहीं सका।

कई दशकों बाद, पाँच दोस्तों का एक समूह रोमांच की तलाश में उसी द्वीप पर पहुँचा। उनके नाम थे अरुण, कविता, रोहन, सीमा और देव। नाविकों ने उन्हें चेतावनी दी थी, “उस द्वीप पर कदम मत रखना। वहाँ इंसान नहीं, साये रहते हैं।” मगर युवावस्था का जोश और रहस्य की लालसा उन्हें पीछे हटने नहीं दे रही थी।

द्वीप पर पहुँचते ही उन्हें अजीब सन्नाटा महसूस हुआ। समुद्र का किनारा बिल्कुल सुनसान था। पेड़-पौधे भी अजीब तरह से झुके हुए दिख रहे थे, मानो वे किसी भारी बोझ से दबे हों। हवा में एक अजीब-सी सीलन और खून जैसी गंध घुली थी।

रात घिरते ही उन्होंने किनारे पर एक आग जलाई और टेंट लगाया। तभी कविता ने देखा कि पेड़ों के बीच एक टूटा-फूटा झोपड़ा खड़ा है। उसने बाकी सबको बुलाया। झोपड़े के दरवाज़े पर अजीब से चिह्न बने थे, मानो किसी ने खून से लिखे हों।

अरुण ने हिम्मत दिखाते हुए दरवाज़ा खोला। अंदर पुरानी हड्डियाँ और राख बिखरी हुई थी। दीवार पर उकेरे गए शब्द साफ़ पढ़े जा सकते थे,
“यहाँ से लौट जाओ, वरना कभी वापस नहीं जा पाओगे।”

सीमा ने डर के मारे सबको वापस चलने को कहा, मगर रोहन ने हँसते हुए कहा, “ये सब लोककथाएँ हैं, हमें डराने के लिए बनाई गईं। चलो, रात यहीं गुज़ारते हैं।” सबने उसकी बात मान ली, लेकिन रात होते ही अजीब घटनाएँ शुरू हो गईं।

पहली आवाज़ कविता ने सुनी। जैसे कोई महिला धीमी-धीमी सिसक रही हो। उसने टॉर्च जलाई तो टेंट के बाहर काले कपड़े में एक औरत खड़ी थी। उसका चेहरा धुंध में छिपा था और वह हिल भी नहीं रही थी। कविता चीख़ पड़ी। जब सब बाहर आए, तो वहाँ कोई नहीं था।

लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई। रात के दूसरे पहर अरुण को लगा कि कोई उसके टेंट के पास रेंग रहा है। उसने बाहर झाँका तो ज़मीन पर सैकड़ों हाथ मिट्टी से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे। वह चिल्लाते हुए पीछे हटा, मगर हाथ अचानक ग़ायब हो गए।

अगली सुबह सबके चेहरे पर भय साफ़ दिख रहा था, लेकिन अब वापस जाने का रास्ता आसान नहीं था। समुद्र में तूफ़ान उठ चुका था और उनकी नाव लहरों में बहकर टूट गई थी। वे फँस चुके थे।

दोपहर को उन्होंने द्वीप के भीतर जाने का निर्णय लिया। वहाँ उन्हें एक पुराना मंदिर दिखाई दिया। मंदिर के भीतर एक विशाल मूर्ति थी, जिसकी आँखें खोखली थीं और मुँह से खून जैसी काली लकीरें निकल रही थीं।

मूर्ति के सामने मिट्टी में दबे इंसानी खोपड़ी और अस्थियाँ पड़ी थीं। देव ने डरते-डरते मूर्ति को छू लिया। जैसे ही उसने ऐसा किया, पूरा मंदिर गूंज उठा। हवा तेज़ हो गई और मूर्ति की खोखली आँखों से लाल रोशनी निकलने लगी।

अचानक सीमा ज़मीन पर गिर पड़ी और उसके शरीर में अजीब हरकतें होने लगीं। उसकी आवाज़ बदल गई थी। उसने गहरी, खुरदरी आवाज़ में कहा,
“तुम्हें चेताया गया था। यह द्वीप मेरा है। अब कोई नहीं बचेगा।”

सब घबराकर भागे, लेकिन द्वीप जैसे बदलने लगा। रास्ते जहाँ जाते, वहाँ दीवारें बन जातीं। पेड़ हिलते और रास्ता रोक देते। मानो पूरा द्वीप एक जीवित दानव हो। सीमा की आँखें लाल हो चुकी थीं और वह उनका पीछा कर रही थी।

रोहन ने प्रार्थना की, मंत्र पढ़ने की कोशिश की, लेकिन उसकी ज़ुबान लड़खड़ा रही थी। तभी मंदिर से आती हुई आवाज़ ने कहा, “यह भूमि बलि माँगती है। तुममें से एक को मरना ही होगा।”

अरुण ने काँपते हुए कहा, “अगर हम यहाँ से निकलना चाहते हैं, तो हमें एक को बलिदान देना पड़ेगा।” सबने इनकार किया, लेकिन तभी देव को अहसास हुआ कि वही कारण है जिसकी वजह से द्वीप जागा। उसने मूर्ति को छुआ था। वह धीरे-धीरे हँसने लगा और बोला,“शायद यही मेरी नियति है।”

उसने अपने सीने में छुरा घोंप दिया। जैसे ही उसका खून मिट्टी पर गिरा, ज़मीन हिलने लगी। सीमा अचानक सामान्य हो गई और मंदिर की आँखों की लाल रोशनी बुझ गई। पर द्वीप अब भी शांत नहीं हुआ।

वे सब किनारे की ओर भागे। तूफ़ान थम चुका था और दूर एक नाव दिखाई दी। मगर जैसे ही वे नाव तक पहुँचे, समुद्र से वही काले कपड़े वाली औरत उभरी। इस बार उसका चेहरा साफ़ दिखाई दे रहा था, बिना आँखों का, सड़ा हुआ और खून टपकता चेहरा।

वह नाव पर चढ़ गई और फुसफुसाई “तुम सोचते हो बलि पूरी हो गई? यह द्वीप भूखा है, और भूख कभी खत्म नहीं होती।”

कहानी यहीं खत्म नहीं होती। कहते हैं, अगले दिन तट पर टूटी हुई नाव मिली। उसमें खून फैला था, लेकिन कोई भी शव नहीं मिला। और आज भी जब समुद्र शांत होता है, तो उस द्वीप की ओर से चीखें सुनाई देती हैं। नाविक अब भी कहते हैं कि जिसने एक बार Haunted Island देखा, वह कभी लौटकर नहीं आया।