सिमरन देखती है कि साहिल उसे ही देखे जा रहा है। तो वो बोलती है कि;
सिमरन - क्या हुआ साहिल?
पर साहिल को शायद सिमरन की आवाज सुनाई ही नही दे रही थी, क्योंकि वो तो उसमे खोया हुआ था। तभी सिमरन उसे कंधे से पकड़कर हिलाती है, खयालों से बाहर लाने के लिए! लेकिन जैसे ही सिमरन का हाथ साहिल को छूता है,साहिल के शरीर में बिजली सी दौड़ जाती है। एक अलग ही एहसास होता है साहिल को, सिमरन के छूते ही! और वो अपने खयालों से बाहर आता है।
साहिल - कुछ नही, तुम बताओ कि क्या बोल रही थी तुम!
सिमरन - मैं यह कह रही थी कि तुम कहां खोए हुए हो? अच्छा, कोई नही ! यह सब छोड़ो, अभी हमे फिर मिलकर आगे की प्लानिंग भी करनी है। तुमने सोचा है क्या कुछ? क्योंकि मैं तो अब तक नही सोच पाई हूं कि आखिर मैं अब क्या करूं?
साहिल - अरे, इतना स्ट्रेस क्यों ले रही हो। मैं हूं ना! ( साहिल ने नॉर्मल होते हुए बोला! )चलो अभी मुझे बाहर जाना है, किसी काम से, फिर वापस आकर रात को बताऊंगा कि मैने आगे क्या सोचा है! और वो सिमरन को बाय बोलकर चला जाता है।
सिमरन भी फिर थोड़ी देर बेड पर जाकर लेट जाती है, तो पूरे दिन की थकान की वजह से उसे नींद आ जाती है।
साहिल सबसे पहले अपने रूम में आता है, उसके कानों के तो अब तक सिमरन की स्वीट सी आवाज गूंज रही थी। साहिल अपने आप से ही बातें करने लगा, तू भी ना बुद्धू है, साहिल! तेरा प्यार, तेरा क्रश, सब एक ही है। और तू बेवजह इतना सोच रहा था। म्यूजिक कंपनी चला रहा है, और एक आवाज भी नही पहचान पाया। पागल है तू, इतनी स्वीट आवाज उस किरण की हो ही कैसे सकती है, यह बात पहले क्यों नही समझ पाया! फिर साहिल सोचता है कि इसलिए किरण हर बार उनके प्रोडक्शन हाउस का ऑफर ठुकरा देती थी, और अपने खुद के प्रोडक्शन हाउस के अलावा कही गाना नही गाती थी। क्योंकि असल में तो सिमरन गाना गाती थी, वो तो बस सिमरन की आवाज को अपनी आवाज बताकर fame कमा रही थी। फिर साहिल के चेहरे पर गुस्सा आ जाता है। वो खुद से ही प्रोमिस करता है, कि जिस fame के लिए किरण ने सिमरन को इतनी तकलीफ दी है, मैं उसका वो बुखार तो उतारकर रहूंगा। और उसके बाद उसका सारा घमंड चूर चूर करूंगा।
तभी साहिल को फिर से सिमरन की आवाज और उसका चेहरा याद आता है, तो उसके चेहरे पर फिर से मुस्कुराहट आ जाती है। फाइनली साहिल के दिमाग से सारा कन्फ्यूजन दूर होता है। अब वो सब कुछ समझ चुका था कि क्यों उसे सिमरन से एक अलग ही तरह का कनेक्शन फील होता था। क्यों उसके छूते ही एक अलग एहसास होता है। और वो ऐसे ही मुस्कुराते हुए बाहर चला जाता है। ताकि जल्दी से अपना काम खत्म करके, वापस घर आ सके!
इधर ईशान अब तक अपने रूम में ही था, उसका मन ही नही कर रहा था कि वो अपने रूम से भी बाहर जाए, क्योंकि बाहर उसे ऐसे इंसान दिखते थे, जिन्हे देखते ही वो अपने गुस्से पर काबू न रख पाए! इसलिए वो कमरे में ही था। तभी उसे अपने बेड के पास वाले डेस्क पर सिमरन और उसकी फोटो दिखती है, तो उसका माइंड सही हो जाता है। और वो सब नेगेटिव बातें अपने माइंड से निकाल देता है। और सिमरन के बर्थडे के बारे में सोचने लगता है कि उसे क्या क्या, और कैसे करना है!
तभी थोड़ी देर में उसे अपने फ्रेंड का कॉल आता है तो वो रिसीव करता है और बोलता है कि;
ईशान - कब बताने वाला था कमीनें, कि पूजा यहां इंडिया में आ गई है। उसने थोड़ा गुस्से में बोला!
नक्ष( जो कि ईशान का कॉलेज फ्रेंड है, वो भी इंडिया से ही है लेकिन वो abroad में ही रहता है।) - अरे यार, अभी उसी के लिए फोन किया था। तू इतना हाइपर क्यों हो रहा है लेकिन? तूझे कॉल तो नही किया ना उसने?
ईशान - क्या लगता है तुझे? इतनी समझदार है वो, अभी थोड़ी देर पहले ही उसका कॉल आया था!
नक्ष - अरे यार, जैसे ही उसे पता चला कि तू अब इंडिया में ही रहेगा, तो वो भी वही आ गई। और सबसे बड़ी बात कि वो तेरे शहर आगरा में ही है, और वही उसने जॉब भी ले ली है।
ईशान - क्या? ( फिर वो मन में सोचता है कि उसने मुझे तो बताया नही, फिर सोचता है कि मैने ही तो बिना पुरी बात सुने कॉल कट कर दी थी। )
नक्ष - हां, इसलिए वो तुझसे कॉन्टैक्ट तो करेगी ही ना! मैने इसलिए तुझे कॉल करके बता दिया। लेकिन यार, ऐसे इतना भी rude मत हो उसके साथ! कम से कम सही से बात तो कर लिया कर उससे! लड़की अच्छी है, बस थोड़ी सी नादान है।
ईशान - पर मुझे नही पसंद है तो क्या करू? मैं तो दोस्ती रख लेता, लेकिन तुझे याद नही है क्या कि उसने क्या किया था! तबसे मेरा उससे दूर रहना ही अच्छा है। तभी वो मुझसे अटैचमेंट कम कर पाएगी!
[ तभी नक्ष सोचता है कि ईशान की बात तो सही है क्योंकि एक बार पूजा ने उसे एक लड़की के साथ देखकर बिना कुछ सोचे समझे, उस लड़की को थप्पड़ मार दिया था। सिर्फ इसलिए कि वो ईशान को सेल्फी के लिए insist कर रही थी, और ईशान उसे मना कर रहा था, कि उसे किसी के साथ pic लेने में इंट्रेस्ट नही है। तब पूजा और ईशान भी अच्छे दोस्त थे, और ईशान पूजा के साथ अच्छे से बिहेव करता था। जबकि ईशान, पूजा की फीलिंग्स के बारे में जानता था। पर उस दिन पूजा का इस तरह रिएक्ट करना, ईशान को बिल्कुल अच्छा नही लगा। और उस पूजा से दूर रहना ही सही समझा। पूजा ने कही बार माफी मांगी, लेकिन ईशान का कहना भी सही था कि जब तक वो पूजा से दूर नही रहेगा, वो move on नही कर पाएगी। ]
नक्ष - हां, जैसा तुझे ठीक लगे! पर प्यार तो बहुत करती है तुझे!
ईशान - ये प्यार नही, बेवकूफी है। और मुझे ऐसे बेवकूफ लोग नही पसंद है।
नक्ष - हां हां, अभी बेवकूफी लग रही है, जिस दिन तुझे होगा ना तब पूछूंगा यही बात तुझसे, पता नही तुझे कब कोई लड़की पसंद आएगी!
नक्ष के ऐसा बोलते ही ईशान के मन में सबसे पहले तानिया का खयाल आया। उसका वो हसीं वाला चेहरा, और उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई।
नक्ष - ईशान, सुन रहा है तू मुझे, कुछ बोल क्यों नही रहा?
ईशान - कुछ नही यार! बस कुछ सोचने लग गया था। पर तू सुन, पूजा से बात करके, उसे थोड़ा समझा यार! तू उसका अच्छा फ्रेंड है। वो समझेगी तेरी बात को! तू ही सोच ना, मैं उसकी गलतियां भुलाकर उसे एक मौका दे भी दु, तो क्या ये उसके साथ नाइंसाफी नही होगी! मैं सच में उसे लेकर ऐसा कुछ फील नही करता हूं।
नक्ष - सही कहा तूने, जब फील नही करता है तो ऐसे किसी को हां बोलकर उसकी फीलिंग्स का ही मज़ाक बनेगा। तू चिंता ना का यार! मैं बात करता हुं उससे, थोड़ी पागल है पर समझ जायेगी धीरे धीरे! और नक्ष मुस्कुराता है।
ईशान - हां हां वो पागल, तू पागल, तुम दोनो मिलकर एक दूसरे को सपोर्ट करो अपनी पागलपंती में, पर मुझे बक्श दो यार!
नक्ष - तूझे कहा है ना ईशान कि मैं उसे फ्रेंड मानता हुं, और वो तुझे पसंद करती है। तो हम दोनो का कुछ नही हो सकता है। वैसे भी वो यहां से इंडिया भी सिर्फ तेरे लिए आई है। तेरे लिए मैं उसे एक बार और समझा देता हुं। अच्छा वो सब छोड़, यह बता कि तेरा इंडिया जाना कैसा रहा?
ईशान - हां, ठीक ही है। मेरा छोड़, तू बोल! तू वहां पर बिजनेस शुरू करने वाला था ना, हुआ उसका कुछ?
नक्ष - हां यार, अभी उसी में लगा हुआ हुं। तू बता कि तूने क्या सोचा है, बोल रहा है पापा को, कि तुझे खुद की कंपनी खोलनी है, और डिजाइनिंग के करियर में ही आगे बढ़ना है।
ईशान - नही, अब मैं पापा को सिर्फ बता दूंगा बाद में, अब यह fix है कि मैं अपने सपनो को पूरा करके रहूंगा! पहले ये घर में सब सॉल्व हो जाए, उसके बाद मेरा पूरा ध्यान इसी और रहेगा।
नक्ष - यह तो बहुत अच्छी बात है, यार! पर घर में कोई प्रॉब्लम है क्या?
ईशान - नही नही, कोई प्रॉब्लम नही है, बस नोकजोक होती रहती है थोड़ी सी, ईशान ने बात संभालते हुए कहा। अच्छा, चल मैं फोन रखता हूं, बाद में बात करेंगे!
नक्ष - हां कोई नही! चल बाय! और फोन रख देता है, और ईशान की कही बातों को सोचने लगता है।
और इधर ईशान, सब खयाल दिमाग से निकालकर सिमरन के बर्थडे की प्लानिंग में लग जाता है।
क्रमश :