🖤 माफ़िया की नज़र में – Part 25: "आखिरी फैसले की रात"
"कभी-कभी सच की जीत सिर्फ़ एक फैसला नहीं, बल्कि एक ऐसी कीमत होती है जो तुम्हें हमेशा के लिए बदल देती है।"
अहाना का दिल अब जैसे एक आखिरी जंग के कगार पर था। सुप्रीम कोर्ट की वो खौफनाक दोपहर—विजय का चौंकाने वाला खुलासा, रायान की चोट, और वो अनजानी छाया (Part 24)—ने उसे एक निर्णायक मोड़ पर ला खड़ा किया था। मेमोरी चिप (Parts 21-24), पापा की चिट्ठी—“इस सच को दुनिया तक पहुँचाओ” (Parts 9-24), और रवि, विशाल, निहारिका, रुद्र, और अर्जुन की सच्चाई (Parts 8-24) ने उसे यहाँ तक खींचा था। सुप्रीम कोर्ट का आदेश—“Decree of the Supreme Court of India”—ने रुद्र और अर्जुन के खिलाफ सुनवाई को तेज़ कर दिया था, लेकिन विजय का दावा कि वो माफ़िया का असली सरगना था (Part 24) और असली मेमोरी चिप उसके पास थी, ने सब कुछ उलट-पुलट कर दिया था। वो अनजाना मैसेज—“माफ़िया का असली सरगना अभी भी ज़िंदा है” (Part 23)—अब सच्चाई बन चुका था। “विजय… मेरे पापा का सबसे करीबी दोस्त। क्या मैं उसे रोक पाऊँगी?”
सुप्रीम कोर्ट का कोर्टरूम अब धूल और मलबे से भरा था, लेकिन सुनवाई फिर से शुरू हो चुकी थी। अहाना, मायरा, और पुलिस ने कोर्ट को सुरक्षित किया था, लेकिन रायान को तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया था, जहाँ उसकी हालत नाज़ुक थी। सुमन भी हॉस्पिटल में थी, धीरे-धीरे ठीक हो रही थी (Part 23)。 अहाना कोर्टरूम में खड़ी थी, उसकी आँखें विजय पर जमी थीं, जो अब भी कठघरे में खड़ा था, उसकी ठंडी मुस्कान बरकरार थी। मायरा उसके बगल में थी, GPS ट्रैकर को कसकर पकड़े हुए, जैसे वो उनकी आखिरी उम्मीद हो।
“अहाना,” मायरा ने फुसफुसाते हुए कहा, “हमें वो असली मेमोरी चिप चाहिए। अगर विजय के पास है, तो हमें उसे छीनना होगा।”
अहाना ने गहरी साँस ली। “मायरा, ये अब सिर्फ़ चिप की बात नहीं है। विजय ने मेरे पापा को धोखा दिया। मैं उसे बेनकाब करूँगी।”
तभी वो अनजानी छाया फिर से कोर्टरूम में दिखी। एक अधेड़ उम्र की औरत थी, उसका चेहरा गंभीर, लेकिन आँखों में एक अजीब सी चमक थी। उसने जज की ओर बढ़ते हुए कहा, “माननीय जज साहब, मेरे पास विजय के खिलाफ सबूत हैं।”
अहाना ने चौंककर पूछा, “आप… आप कौन हैं?”
🌌 अनजानी सहयोगी का सच
औरत ने अपनी बैग से एक पुराना लिफाफा निकाला और जज को सौंपा। “मेरा नाम है रीता मेहरा। मैं एक पत्रकार हूँ, और सालों से माफ़िया के इस नेटवर्क की जाँच कर रही हूँ। अजय शर्मा—अहाना के पिता—मेरे दोस्त थे। उन्होंने मुझे ये लिफाफा दिया था, अगर उनके साथ कुछ हुआ तो इसे दुनिया तक पहुँचाने के लिए।”
अहाना की आँखें नम हो गईं। “पापा ने… आपको ये दिया था?”
रीता ने सिर हिलाया। “हाँ, अहाना। इस लिफाफे में एक और मेमोरी चिप है—विजय के सारे गुनाहों का सबूत। ड्रग्स, हथियार, हत्याएँ, और सुप्रीम कोर्ट के कुछ अधिकारियों को रिश्वत देने का ब्यौरा।”
विजय का चेहरा पीला पड़ गया। “तुम… तुम झूठ बोल रही हो, रीता!”
जज ने लिफाफा खोला और चिप को कोर्ट के तकनीकी विशेषज्ञों को सौंपा। कोर्टरूम में सन्नाटा छा गया। अहाना ने रीता की तरफ देखा। “आपने इतने सालों तक ये क्यों छुपाया?”
रीता ने गहरी साँस ली। “मैं डरती थी, अहाना। विजय बहुत ताकतवर है। लेकिन जब मैंने सुना कि तुमने रुद्र और अर्जुन को रोका, तो मुझे हिम्मत मिली। ये तुम्हारे पापा की आखिरी इच्छा थी।”
मायरा ने फुसफुसाते हुए कहा, “अहाना, वो मैसेज… शायद रीता ने भेजा था।”
रीता ने सिर हिलाया। “हाँ, मैंने वो मैसेज भेजा। मैं चाहती थी कि तुम यहाँ तक पहुँचो।”
🌃 सुप्रीम कोर्ट का फैसला
तकनीकी विशेषज्ञों ने चिप की जाँच पूरी की। जज ने गंभीर आवाज़ में कहा, “इस मेमोरी चिप में विजय मेहरोत्रा के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। ड्रग तस्करी, हथियारों की स्मगलिंग, और अजय शर्मा की हत्या की साज़िश के सबूत यहाँ मौजूद हैं। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि विजय मेहरोत्रा को तुरंत हिरासत में लिया जाए।”
कोर्टरूम में तालियाँ गूंजने लगीं। विजय ने गुस्से से चिल्लाया, “अहाना, तुमने मुझसे सब कुछ छीन लिया! लेकिन ये माफ़िया की दुनिया कभी खत्म नहीं होगी!”
पुलिस ने विजय को हथकड़ी पहनाई और बाहर ले गई। अहाना की आँखें आँसुओं से भरी थीं। उसने रीता का हाथ पकड़ा। “आपने मेरे पापा का सच ज़िंदा रखा। शुक्रिया।”
रीता ने मुस्कुराते हुए कहा, “ये तुम्हारी जीत है, अहाना। तुमने अपने पापा का वादा पूरा किया।”
🌫️ रायान की जंग
अहाना, मायरा, और रीता हॉस्पिटल की ओर दौड़े, जहाँ रायान और सुमन थे। अहाना ने रायान के कमरे में कदम रखा। रायान की आँखें खुली थीं, और वो कमज़ोर मुस्कान के साथ अहाना की ओर देख रहा था। “अहाना… तुमने कर दिखाया।”
अहाना ने उसका हाथ पकड़ा, उसकी आँखें आँसुओं से भरी थीं। “रायान, तुम ठीक हो। मैंने तुम्हें खोने का डर देख लिया। अब… अब हम एक नई ज़िंदगी शुरू करेंगे।”
रायान ने मुश्किल से सिर हिलाया। “हाँ, अहाना। साथ में।”
सुमन के कमरे में, अहाना ने अपनी माँ को गले लगाया। सुमन ने धीरे से कहा, “मेरी बेटी, तुमने मुझे फिर से ज़िंदगी दी। अब हमें साथ रहना है।”
मायरा ने मुस्कुराते हुए कहा, “अहाना, हमने ये जंग जीत ली। लेकिन… वो मैसेज… रीता ने भेजा था। शायद अब सब खत्म हो गया।”
लेकिन तभी अहाना का फोन वाइब्रेट हुआ। एक अनजाना मैसेज:
“अहाना, तुमने विजय को रोका, लेकिन माफ़िया की दुनिया का एक आखिरी राज़ बाकी है। वो राज़ तुम्हारी अपनी ज़िंदगी में छुपा है। क्या तुम उसे ढूंढ पाओगी?”
अहाना की साँसें रुक गईं। उसने रायान, सुमन, और मायरा की तरफ देखा। “ये… ये क्या है?”
रायान ने उसका हाथ कसकर पकड़ा। “अहाना, जो भी हो, हम इसे साथ में सामना करेंगे।”
💥 To Be Continued…
अहाना ने विजय को बेनकाब कर दिया, लेकिन एक नया मैसेज फिर से उसे अंधेरे में धकेल रहा है।
माफ़िया का आखिरी राज़ क्या है?
रायान और अहाना की नई ज़िंदगी क्या खतरे में पड़ जाएगी?
Part 26 में होगा:
अहाना का आखिरी राज़ की खोज।
रायान और सुमन के साथ एक नया वादा।
एक ऐसा सच, जो इस कहानी को एक नया रंग देगा।
अगर ये हिस्सा आपके दिल की धड़कनें बढ़ा गया, तो फॉलो करना न भूलें। क्योंकि अब कहानी का हर पल एक नया तूफ़ान लाएगा।
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