🖤 माफ़िया की नज़र में – Part 5:
"पहली झलक… मौत की"
"कुछ सच इतने काले होते हैं कि वो आँखों को नहीं, रूह को चीर देते हैं।"अहाना की सुबह बेचैनी से भरी थी। रायान की वो बातें—“इस शहर की सच्चाई से… और ख़ुद से भी”—उसके कानों में बार-बार गूंज रही थीं। उसकी डायरी का वो पन्ना, जो उसके पापा और रायान को जोड़ रहा था, और वो गुमनाम कॉल—“जब सच जानोगी, तब पछताओगी”—सब कुछ उसे एक ऐसी राह पर धकेल रहा था, जहाँ से वापसी नामुमकिन लग रही थी।वो अपने छोटे से कमरे में खड़ी थी, पापा की तस्वीर को देखते हुए। “पापा, आपने रायान से क्या वादा किया था?” उसने मन ही मन पूछा। लेकिन जवाब की जगह सिर्फ़ सवाल थे। उसने GPS ट्रैकर को फिर से देखा, जो रायान ने भेजा था। उसे अपने फोन से कनेक्ट करने की हिम्मत अब भी नहीं हो रही थी। “क्या वो सच में मेरी सुरक्षा चाहता है? या ये कोई जाल है?”कॉलेज जाने का वक़्त था। उसने बैग उठाया, लेकिन उसका मन कहीं और था। रायान की ठंडी नज़रें, उसका वो अजीब सा दर्द, और वो अनजाना कॉलर—सब कुछ एक तूफ़ान की तरह उसके ज़हन में घूम रहा था।
🌇 कॉलेज में सवालों का साया
सेंट जेवियर्स कॉलेज का माहौल वैसा ही था—हँसी-मज़ाक, फैशन फेस्ट की तैयारियाँ, और स्टूडेंट्स की चहल-पहल। लेकिन अहाना अब इस भीड़ का हिस्सा नहीं थी। वो लाइब्रेरी के एक कोने में बैठी थी, किताब खुली थी, लेकिन उसका ध्यान कहीं और था।तभी उसका फोन वाइब्रेट हुआ। स्क्रीन पर एक मैसेज था, बिना किसी नाम के:
“अगर अपने सवालों के जवाब चाहती हो, तो आज शाम 6 बजे पुरानी फैक्ट्री के पास आ जाना। अकेले।”अहाना का दिल धक् से रह गया। उसने इधर-उधर देखा, जैसे कोई उसे देख रहा हो। “रायान? या वो अनजाना कॉलर?” उसका मन डर और उत्सुकता के बीच झूल रहा था। “मुझे जाना चाहिए? या ये कोई चाल है?”उसने मायरा को मैसेज करने की सोची, लेकिन फिर रुक गई। मायरा की दोस्ती उसे सुकून देती थी, लेकिन निहारिका की चेतावनी—“उसकी दुनिया में कदम रखा, तो निकलना मुश्किल है”—उसे रोक रही थी। आखिरकार, उसने फैसला किया। “मुझे सच जानना होगा। चाहे जो हो जाए।”
🌌 पुरानी फैक्ट्री का सन्नाटा
शाम 6 बजे। अहाना पुरानी फैक्ट्री के पास पहुँची। चारों ओर सन्नाटा था। टूटी-फूटी दीवारों पर जाले लटक रहे थे, खिड़कियों के शीशे चटक चुके थे, और हवा में धूल का गुबार उड़ रहा था। आसपास कोई नहीं था—ना गाड़ी, ना इंसान। सिर्फ़ एक अजीब सी खामोशी।उसका दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था। “कहीं ये गलती तो नहीं?” उसने अपने बैग को कसकर पकड़ा, जिसमें पापा की डायरी थी। GPS ट्रैकर भी अब उसके फोन से कनेक्ट था, और उसकी छोटी सी लाल बत्ती चमक रही थी।तभी एक आवाज़ ने सन्नाटे को तोड़ा।
“तुम आई… ये जानकर अच्छा लगा। पर तुम्हें यहाँ नहीं आना चाहिए था।”अहाना ने पलटकर देखा। सामने रायान खड़ा था।
आज वो अलग था। कोई सनग्लासेस नहीं, कोई सूट नहीं। एक साधारण काला कुर्ता, चेहरा थोड़ा थका हुआ, लेकिन आँखों में वही तेज़ी। उसकी मौजूदगी से हवा और भारी हो गई।“मैं तुम्हें यहाँ इसलिए लाया हूँ,” रायान ने धीरे से कहा, “ताकि तुम खुद देख सको—मैं कौन हूँ। और तुम्हारे सवालों के जवाब क्या हैं।”अहाना का गला सूख रहा था। “तुम… तुमने मुझे यहाँ क्यों बुलाया? और मेरे पापा का तुमसे क्या रिश्ता है?”रायान कुछ बोलने वाला था, तभी एक काले रंग की SUV तेज़ी से फैक्ट्री के अंदर घुसी। उसमें से तीन आदमी निकले—चेहरे मास्क से ढंके हुए, और हाथों में हथियार।अहाना पीछे हटी, उसकी साँसें रुक गईं। “ये… ये सब क्या है, रायान?” उसकी आवाज़ में डर साफ़ था।रायान एकदम शांत था। उसने अपनी जेब से एक बंदूक निकाली और उन तीनों की तरफ देखा। “गलत जगह, गलत वक़्त,” उसने ठंडी आवाज़ में कहा।अगले ही पल, सब कुछ बदल गया।रायान ने एक इशारा किया, और उसके दो बॉडीगार्ड्स, जो अब तक छुपे थे, बाहर निकले। कुछ ही सेकंड में उन तीनों आदमियों को काबू कर लिया गया। रायान ने बंदूक नीचे की, लेकिन उसकी आँखों में एक आग थी।वो अहाना की तरफ मुड़ा। “अब तुम जान चुकी हो… मैं एक माफ़िया हूँ।” उसकी आवाज़ में एक अजीब सा दर्द था। “लेकिन हर माफ़िया बुरा नहीं होता। कुछ सच्चाई इतनी गहरी होती है कि उसे ज़ोर से नहीं, धीरे समझाना पड़ता है।”अहाना को लगा जैसे ज़मीन उसके पैरों तले खिसक रही हो। उसका चेहरा सफेद पड़ गया। “तुमने मुझसे झूठ क्यों बोला?” उसने काँपती आवाज़ में पूछा।रायान ने उसकी आँखों में देखा, और पहली बार वो टूटा हुआ सा लगा। “ताकि तुम मुझसे दूर रहो। क्योंकि मैं जिस दुनिया में हूँ, वहाँ प्यार कम और मौत ज़्यादा मिलती है।”उसके शब्द अहाना के दिल में चाकू की तरह चुभे। वो कुछ बोलना चाहती थी, लेकिन उसका गला रुंध गया। रायान ने एक आखिरी बार उसकी तरफ देखा और फिर अपने बॉडीगार्ड्स को इशारा किया। “इसे वापस कॉलेज छोड़ दो। और सुनिश्चित करो कि कोई इसका पीछा न करे।”
🌃 रात का सन्नाटा
अहाना अपने कमरे में लौटी। बारिश अब रुक चुकी थी, लेकिन उसका मन तूफ़ान से भरा था। उसने पापा की डायरी को फिर से खोला। उसमें लिखा था: “रायान, मुझे माफ़ करना।”वो समझ नहीं पा रही थी कि रायान का सच क्या था। वो उसकी रक्षा कर रहा था, या उसे किसी बड़े खतरे की ओर धकेल रहा था? उसकी आँखों में आँसू थे, लेकिन मन में एक नया जुनून। “मुझे और जानना होगा। चाहे जो हो जाए।”उसने अपनी नोटबुक में लिखा:
“वो माफ़िया है, लेकिन उसकी आँखों में एक दर्द है। क्या वो दर्द मेरे पापा से जुड़ा है?”तभी उसका फोन फिर से वाइब्रेट हुआ। एक और मैसेज:
“आज तुमने जो देखा, वो बस शुरुआत थी। अगर सच जानना चाहती हो, तो डायरी के आखिरी पन्ने पढ़ो।”अहाना ने डायरी की तरफ देखा। उसका दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था। आखिरी पन्ना? वो तो फटा हुआ था। लेकिन अब उसे लग रहा था कि कोई उसे हर कदम पर देख रहा था—और शायद वो कोई रायान नहीं था।
💥 To Be Continued…
अहाना अब रायान की दुनिया की एक झलक देख चुकी है।
लेकिन क्या वो इस सच को बर्दाश्त कर पाएगी?
रायान उसका रक्षक है, या वो उसे एक बड़े जाल में फँसा रहा है?
और वो अनजाना मैसेज करने वाला कौन है?
Part 6 में होगा: अहाना का एक बड़ा फैसला—रायान पर भरोसा करना, या उससे दूर भागना।डायरी का एक और राज़, जो रायान और अहाना के पापा को जोड़ेगा।एक नया खतरा, जो अहाना की ज़िंदगी को और करीब से छूएगा।
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