Maafia ki nazar me - 8 in Hindi Love Stories by InkImagination books and stories PDF | माफिया की नजर में - 8

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माफिया की नजर में - 8

🖤 माफ़िया की नज़र में – Part 8:

"हवेली का रहस्य"

"कुछ सच इतने गहरे दफन होते हैं कि उन्हें खोजने की कोशिश में इंसान खुद को खो देता है।"अहाना का मन अब एक भंवर में फँस चुका था। रायान की बातें—“मैंने खुद को धोखा दिया”—और वो कागज़ का संदेश—“रायान का सच डायरी में नहीं, मेरे पास है”—उसे रातभर सोने नहीं दे रहे थे। पापा की डायरी में मिला वो फोटो, जिसमें वो और रायान साथ हँस रहे थे, अब उसके दिल में सवालों की आग जला रहा था। “पापा, आप माफ़िया थे? और रायान… क्या वो सच में आपका दोस्त था, या कुछ और?”वो अपने छोटे से कमरे में बैठी थी, GPS ट्रैकर की लाल बत्ती को घूरते हुए। रायान का आखिरी मैसेज—“कहीं मत जाना, मेरे दुश्मन तुम्हारे करीब हैं”—उसके दिमाग में गूंज रहा था। लेकिन वो दूसरा कागज़, जो हवेली में बुला रहा था, उसे चैन नहीं लेने दे रहा था। “मुझे सच चाहिए। चाहे वो मुझे तोड़ दे।”अहाना ने डायरी को बैग में डाला, फोन और GPS ट्रैकर पकड़ा, और रात की सैर के लिए निकल पड़ी। पुरानी हवेली—शहर के बाहर, सुनसान और रहस्यमयी। वो जानती थी कि ये जोखिम भरा था, लेकिन अब पीछे हटना उसके बस में नहीं था।

🌇 कॉलेज में छुपा डर

सुबह सेंट जेवियर्स कॉलेज में अहाना का मन बेचैन था। फैशन फेस्ट की हलचल अब भी थी, लेकिन उसका ध्यान कहीं और था। मायरा ने उसे फिर देखा।“अहाना, तू सच में कुछ छुपा रही है,” मायरा ने गंभीर होकर कहा। “मैं तेरा दोस्त हूँ। अगर कोई परेशानी है, तो बता।”अहाना ने मायरा की आँखों में देखा। वो उसे सब कुछ बताना चाहती थी, लेकिन निहारिका की चेतावनी—“उसकी दुनिया में कदम रखा, तो निकलना मुश्किल है”—उसे रोक रही थी। “क्या मायरा को इसमें घसीटना ठीक होगा?” उसने मन में सोचा।“बस… कुछ पर्सनल है,” अहाना ने हल्के से कहा। “तू टेंशन मत ले।”मायरा ने कुछ कहना चाहा, लेकिन तभी उसकी नज़र कॉलेज के गेट पर गई। “देख, निहारिका। वो आज कुछ अजीब सी लग रही है।”अहाना ने पलटकर देखा। निहारिका कॉलेज के गेट के पास खड़ी थी, किसी से फोन पर बात कर रही थी। उसका चेहरा सख्त था, और उसकी नज़रें बार-बार अहाना की तरफ जा रही थीं। “क्या निहारिका कुछ जानती है?” अहाना ने सोचा। लेकिन वो कुछ पूछ पाती, उससे पहले निहारिका भीड़ में गायब हो गई।

🌌 हवेली का सन्नाटा

रात 9:45 बजे।

अहाना पुरानी हवेली के बाहर खड़ी थी। चारों ओर सन्नाटा था। टूटी-फूटी दीवारें, जंग लगे गेट, और हवा में एक अजीब सी सर्दी। हवेली का साया ऐसा था, जैसे वो कोई पुराना रहस्य छुपाए बैठी हो। अहाना का दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था। GPS ट्रैकर की लाल बत्ती अब तेज़ी से चमक रही थी, जैसे कोई खतरा करीब हो।उसने एक गहरी साँस ली और गेट के अंदर कदम रखा। अंदर अंधेरा था, सिर्फ़ चाँद की रोशनी टूटी खिड़कियों से रेंग रही थी। “मैं यहाँ क्यों आई?” उसने खुद से पूछा, लेकिन अब पीछे हटना नामुमकिन था।तभी एक आवाज़ ने सन्नाटे को तोड़ा। “तुम हिम्मतवाली हो, अहाना। लेकिन हिम्मत कभी-कभी बेवकूफी बन जाती है।”वो मुड़ी। सामने एक आदमी खड़ा था—वही अनजाना शख्स, जिसे उसने लाइब्रेरी के बाहर देखा था (Part 3)। उसका चेहरा अब भी आधा ढंका था, लेकिन उसकी आँखों में एक ठंडी चमक थी।“तुम कौन हो?” अहाना की आवाज़ काँप रही थी। “और मेरे पापा के बारे में तुम्हें क्या पता?”वो शख्स हल्के से हँसा। “मैं वो हूँ, जिसे तुम्हारा रायान सिंगानिया सालों से छुपा रहा है। तुम्हारे पापा… वो मेरे भाई थे। और रायान ने उन्हें धोखा दिया।”अहाना का दिमाग सुन्न हो गया। “मेरे पापा का भाई? नहीं… ये झूठ है!”“झूठ?” उसने एक पुरानी तस्वीर निकाली—उसमें अहाना के पापा और वही शख्स साथ खड़े थे। “ये देखो। मैं रवि शर्मा। तुम्हारा चाचा। और रायान ने तुम्हारे पापा को मरने दिया।”अहाना के पैर काँपने लगे। “मरने दिया? लेकिन रायान ने कहा… वो उनकी हिफाज़त कर रहा था।”रवि ने ठंडी हँसी हँसी। “रायान की हिफाज़त? वो सिर्फ़ अपने गुनाह छुपा रहा है। तुम्हारे पापा ने माफ़िया की दुनिया छोड़ दी थी, लेकिन रायान ने एक डील में उन्हें फँसाया। और उस डील ने उनकी जान ले ली।”अहाना की आँखों में आँसू थे। “तुम झूठ बोल रहे हो!”“सच जानना चाहती हो?” रवि ने एक फटा हुआ कागज़ निकाला—डायरी का आखिरी पन्ना। “ये पढ़ो। तुम्हारे पापा की आखिरी चिट्ठी।”अहाना ने कांपते हाथों से कागज़ लिया। उसमें लिखा था:
“रायान, मैंने तुम पर भरोसा किया। लेकिन तुम्हारी गलती ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। अगर मेरी बेटी को कुछ हुआ, तो मैं तुम्हें कभी माफ़ नहीं करूँगा।”अहाना का दिल टूट गया। वो कागज़ ज़मीन पर गिर गया।

🌃 रायान का पीछा
उसी वक़्त, बाहर एक गाड़ी की आवाज़ आई। अहाना ने खिड़की से झाँका—रायान की काली SUV थी। वो हवेली की तरफ दौड़ रहा था, उसके बॉडीगार्ड्स के साथ।“अहाना!” रायान की आवाज़ गूंजी। “वहाँ से निकलो, अभी!”लेकिन इससे पहले कि अहाना कुछ समझ पाती, रवि ने उसका हाथ पकड़ा और उसे हवेली के पिछले रास्ते की तरफ खींच लिया। “उसके पास मत जाना। वो तुम्हें भी खत्म कर देगा।”अहाना का दिमाग सवालों से भरा था। रायान की आवाज़ उसे पुकार रही थी, लेकिन रवि की बातें उसे रोक रही थीं। “मुझे किस पर भरोसा करना चाहिए?”तभी एक गोली की आवाज़ गूंजी। हवेली के बाहर अंधेरे में कुछ लोग और थे—शायद रायान के दुश्मन। रवि ने अहाना को एक पुराने कमरे में धकेला और दरवाज़ा बंद कर दिया।“ये लोग… ये रायान के दुश्मन हैं,” रवि ने कहा। “लेकिन वो तुम्हें मुझसे बचाने नहीं आए। वो मुझे खत्म करना चाहते हैं, क्योंकि मैं उनका सच जानता हूँ।”अहाना की साँसें रुक रही थीं। “तो अब क्या?”रवि ने एक छोटा सा रास्ता दिखाया, जो हवेली के तहखाने की ओर जाता था। “इस रास्ते से निकलो। मैं इन्हें रोकता हूँ। लेकिन याद रखना—रायान पर भरोसा मत करना।”अहाना ने उसकी तरफ देखा, उसकी आँखों में आँसू थे। “अगर तुम मेरे चाचा हो, तो तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया?”रवि ने एक गहरी साँस ली। “क्योंकि मैं भी इस अंधेरे का हिस्सा हूँ।”

💥 To Be Continued…

अहाना अब एक ऐसे जाल में फँस चुकी है, जहाँ हर रास्ता खतरे से भरा है।
रायान का सच क्या है? क्या वो सच में धोखेबाज़ है, या कुछ और छुपा रहा है?
रवि शर्मा कौन है—रक्षक, या एक और साज़िश का हिस्सा?

Part 9 में होगा:अहाना का तहखाने में एक नया खुलासा।रायान और रवि का आमना-सामना।एक ऐसा सच, जो अहाना की ज़िंदगी को हमेशा के लिए बदल देगा।अगर ये हिस्सा आपके दिल की धड़कनें बढ़ा गया, तो फॉलो करना न भूलें। क्योंकि अब कहानी का हर पल एक नया तूफ़ान लाएगा।

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