( __
/)( • . •)
( >💜💜💜 प्रकट है हम next ep लेकर बिन बहस बजार के चुप चाप पढ़ लियो,,,🤪
ज्ञानेद्रीय सर बस की तरफ़ बढने को एक क़दम उठाए ही थे की मस्ती रियू को रेस्टोरेंट के अंदर एंट्री लेते देख उनकी तरफ बढ़ गए।
मस्ती रियू उनको अपनी ओर आता देख अपनी जगह पर खड़ी रह गई। अब आगे,,,
मस्ती जानते बूझते भी अनजान बन क्यूट सी स्माइल कर बोली "हेलो डियर सर कहा जा रहे,,? ब्रेकफास्ट हो गया आपका?"
ज्ञानेद्रिय सर उसे आंखे छोटी कर घूरे
जैसे कह रहे हो "ज्यादा अनजान मत बनो मैं बेवकूफ नहीं हू" उनकी बिन कहे बात को समझ मस्ती खिसियानी हसी हंसने लगी।
तो ज्ञानेद्रीय सर तिरछी स्माइल कर फिर बोले "पता नहीं तुमने फिर से क्या कांड किया है? तुम्हारे उसी किए कांड से जो खतरनाक वायरस बस में फैला है उसे साफ करके खा लूंगा तुम दोनो जाओ खा लो"
तो वही रियु ना में सर हिलाकर मस्ती के सिर पर चपत लगाते हुए बोली "थैंक्यू सर,,जल्दी ठीक कर दीजिए ताकि हमारे प्रिय मित्र के साथ हम ब्रेकफास्ट कर सके"
यहां राहुल कान पर हाथ रख चिललाया "अरे यार प्लीज इस कानफाड़ू पोंगे को बंद करो कोई"
मनीष कान पर हाथ रख चिल्लाया "यार लड़की है जरा तमीज से"
"क्या तमीज से,,, कान का पर्दा फाड़ देगी और मैं तमीज का माला जपता रह जाउंगा" राहुल फिर चिल्लाया।
"इतना शोर,,ये क्या तमाशा चल रहा यहां,,,? " ज्ञानेद्रीय सर वहा प्रकट हुए गुस्से में चिल्लाए। उनकी गुस्से भरी आवाज सुन वहा ऐसे शांति छाई जैसे कुछ हुआ ही नहीं था।
ज्ञानेद्रीय सर सब पर एक ठंडी सरसरी निगाह डाली सभी अंदर तक कांप उठे।
किसी को कुछ न बोलते देख
ज्ञानेद्रीय सर शर्द आवाज में "मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं एक ही बात बार बार दौहराना"
ज्ञानेद्रीय सर रोती हुई रिचा की तरफ अपना रुख किए बोले "रिचा तुम क्यों गलाफाड़कर रो रही?" तुम्हे पता है रेस्टोरेंट के अंदर तक आवाज आ रही सभी डर गए थे की अचानक से कौन सा भूकंप आ गया,,?"
रिचा रोते हुए अपना दुखड़ा सुनाई "हू हुउऊ हु,,सर इसने मेरा कीमती मेकअप किट तोड़ दिया और उल्टा मुझपर चिल्ला रहा था,, गधासुर कही का"
ज्ञानेद्रीय सर राहुल को घूरे राहुल घबराते हुए "स,,सर मैं,,मैने कुछ भी जानबूझकर नही किया सच,,," वो आगे बोल पता की
ज्ञानेद्रिय सर सख्ती से बोले "पुरी बात बताओ बिना कोई लांग लपेट किए"
मनीष राहुल समजीत स्ट्रॉन्ग और उत्साह एक एक कर उन्हे सारी बात बताए।
ज्ञानेद्रीय सर पीट लिए। वो मन में बोले "मानना पड़ेगा मस्ती की मस्ती को,, यहां कांड वायरास फैलाए वहा रेस्टोरेंट में मस्त होकर बैठी है"
वही धनेशी रिचा को काफी देर से चुप करा रही थी पर वो उसे ही डपट देती।
धनेशि फिर उसे चुप कराते हुए बोली "रिचा डार्लिंग प्लीज़ चुप होजा कितना रोएगी अब चुप होजा"
"हु हु हुउहु,,,एक तो तेरे गधे इडियट भाई ने मेरा कीमती मेकअप किट तोड़ दिया और,,, तू उस पर गुस्सा करने के बजाए मुझे चुप करा रही हु हुऊ,," रिचा उसपर भड़की।
धनेशी उदासीन चेहरा बनाकर बोली "रिचा डार्लिंग मुझे इस वक्त सिर्फ तेरी फिक्र है तुझे ऐसे रोता हुआ छोड़ किसी और पर कैसे ध्यान दू" उसकी बात सुन रिचा इमोशनल हुए उसके गले लगकर रोने लगी।
"बस बस अब चुप होजा,,देख तेरा काजल और आईलाइनर खराब हो जायेगा चुप होजा"
धनेशी उसे चुप कराते हुए बोली तो उसकी बात सुन रिचा एक पल में चुप होकर स्माल मिर्न में अपनी शक्ल देखने लगी। सभी अपना सिर पीट लिए और मुंह बनाने लगे जैसे कह रहे हो "इसका कुछ नहीं हो सकता कोई मर जाए तब भी अपना मेकअप किट नही छोड़ेगी"
"हो गया तमाशा खत्म तो हाथ जोड़ता हु जल्दी खाना ठूस लो वरना दो घंटे तक भुखे रहना क्युकी इसके बाद बस नही रुकेगी जो भी करना है अभी कर लो" इतना
कहकर ज्ञानेद्रीय सर बस से उतर रेस्टोरेंट के अंदर की तरफ बढ़ गए।
मनीष,,राहुल,, धनेशी,,रिचा,,उत्साह,, समजीत,, स्ट्रॉन्ग को छोड़ सभी स्टूडेंट अपना पेट पूजा कर लिए थे। इसलिए ये सातों एक दूसरे को देखे और पेट पर हाथ रख जल्दबाजी में बस से उतर रिस्टोरेंट के अंदर एंट्री लेते हुए रुक गए सभी गिरते पड़ते बचे,, ज्ञानेद्रीय सर की नजर उन पर ही थी।
सबको इस तरह घूरता देख सातों आज्ञाकारी शिष्य की तरह चुप चाप शांति से आगे बढ़ मस्ती और रियू जिस टेबल पर बैठे थे वहा गए चेयर चार ही था दो चेयर मस्ती और रियू से फुल थे तो दो खाली थे जिसमे एक में मनीष बैठ गया और दूसरे में धनेशी बैठने जा रही थी की राहुल जा बैठा धनेशि आंखे बड़ी बड़ी कर देखती रह गई।
ये देख मस्ती की हसी छुट गई। जिसे रियू राहुल और मनीष के सिवा कोई नही समझ पाया।
स्ट्रॉन्ग सभी तरफ नज़रे दौड़ते हुए "यार टेबल तो फूल हो गए?"
उत्साह आराम से बोला "कोई ना हम इंतजार कर लेते है"
तभी रियू मस्ती के पीछे वाले टेबल पर बैठे कपल लड़का मुस्कुराते हुए बोला "तुम इस वाले टेबल पर बैठ जाओ वैसे भी अब हमारा हो गया"
उत्साह मुस्कुराते हुए "थैंक्स यार,,,"
वो लड़का भी मुस्कुराते हुए "यू आर वेलकम"
सभी पेट पूजा समाप्त कर वापस घर लौटने के सफर करने लगे।
पेट पूजा के बाद मस्ती और रियु को झपकी आने लगी आंखो में निंद भरी हुई दोनो एक दुसरे के कंधे के सहारे गहरी नींद में चले गए।
बहुत झनो का यही हाल था।
धनेशी भी रिचा के कंधे पर सर टिकाए सो रही थी तो वही उससे बेखबर रिचा मेकअप पोत रही थी।
वही मनीष सफर के नजरों के मजे ले रहा था। आज पहली बार ऐसा हुआ था की उसे ओमेटिंग फिल नही हो रहा था। वही उस सीट के लाइन में जितने भी लड़के बैठे थे सभी एक दूसरे के कंधों पर पड़े सो रहे थे।
टिचर्स को भी झपकी आ रही थी लेकिन वो किसी तरह कंट्रोल किए थे आखिर सब स्टूडेंट्स की जिम्मेदारी उनकी ही थी। ऐसे कैसे सो जाते
डेढ़ घंटे ऐसे ही बीत गए।
समय 12:30
जो जो खर्राटे भर रहा था टीचर्स उन सब को उठाने लगे क्युकी आधे घंटे बाद सभी पहुंचने वाले थे अपने अपने स्टॉप पर
"ए उठो सब या फिर तेजाब छिड़क कर उठाऊं" ज्ञानेद्रीय सर कड़क आवाज में चिल्लाते हुए बोले।
उनकी ये बात जैसे ही सबके कान में पड़ी ऐसे उठे जैसे सच में तेजाब छिड़ककर उठाया गया हो।
रियू भी आराम से उठ गई लेकिन मस्ती,,, उसके कान में जूं तक नहीं रेंगी।
सभी उसे ही हैरानी से देख रहे थे।
"सर इसके कान में आपकी आवाज नही गई जरा और जोर से चिल्लाओ" धनेशी बोली तो ज्ञानेद्रीय सर उसे इग्नोर कर अपनी जगह आकर बैठ गए।
धनेशी और बाकी सब देखते रह गए।
( __/)
( • . •)
( >💜💜💜 क्यों? क्या हो गया ऐसा ? जो सब देखते रह गए? ये जानेंगे हम
next ep में मिलते हैं जल्द ही 💜💜💜