Three best forever - 31 in Hindi Comedy stories by Kaju books and stories PDF | थ्री बेस्ट फॉरेवर - 31

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थ्री बेस्ट फॉरेवर - 31

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( >💜💜💜 हाजिर है आपका प्यारा आशिक बंकू next ep लेकर चलो पढ़ो। 
उनकी एक्टिंग देख सभी रिचा और धनेशी को देखे जो मुंह खोले हैरान खड़ी थी फिर एक दूसरे को देखे और ठहाका मारकर हंस पड़ें तो  वही कोई हस्ते हस्ते ताली देने के चक्कर में गिर पड़ा लेकिन फिर भी हंसना नही रोके अब आगे,,,,,

उनकी इस हरकत से धनेशी गुस्साई हुई बोली "जब तुम दोनो को नाम बोलना ही नहीं आता तो क्यू रट्टू तोता बन रही हो" 

"क्या बक रही तुम,, सही नाम तो ले रही गोरका गोर्का,,," मस्ती उन्हे तंग करने के लिए फिर गलत नाम ली 

रिचा दात पिस्ते हुए बोली "नुर्का नुरका क्रीम बोलते हैं ना की नोरका पोल्का,,गोरका गोरका हूं stupit" 

"क्या बकवास है नोरका पोलका हु stupit " रियू भी नाक मुंह सिकोड़ उसकी आखिरी लाइन उसपर ही चिपका दी 
तो वही मस्ती कमाल की एक्टिंग करते हुए "बस बस अब दुबारा ये नाम मत लेना वरना मुझे उल्टी आ जायेगी" 

सभी हस्ते हस्ते पागल हुए जा रहे थे तो वही रिचा धनेशि मस्ती रियू को मुंह बनाकर चिढ़ाने लगी तो हमारी हिरोइन भी कहा पिछे हटने वाली थी।

छिड़ गई चिढ़ाउ जंग,,सभी उनकी जंग देख लोट पोट होकर हंसने लगे थे वही रियू पिछे हट गई थी क्यूंकि उसे पता था मस्ती अकेली ही संभाल लेगी ।

  चिढ़ाऊ जंग में मस्ती अजीब अजीब मुंह बनाकर उन्हें चिढ़ा रही थी जो किसी के बस की बात नही थी। सभी स्टूडेंट ठहाके लगाते हुए एक दूसरे से टकराते और गिर पड़ते तो वही धनेशी और रिचा भी आखें फाड़े हैरान मस्ती को देख रही थी क्या ही कर लेती,, हार गई दोनो और पैर पटक कर रह गई।

"हो गया चिढाऊ जंग समाप्त तो चलो जल्दी बस के अंदर वरना मेरा डंडा जंग शुरु हो जायेगा" ज्ञानेद्रीय सर की सख़्त आवाज सुन सभी अपनी अपनी जगह पर जम गए।
और नॉर्मल हुए जल्दी जल्दी उठकर अपना बैग उठाकर ज्ञानेद्रीय सर के डर से बस के अंदर बेधड़क घुसने लगे।

मोहिंता मेम चिंता से बोली "अरे,, अरे बच्चो आराम
से" 

उनकी तरफदारी करते हुए विजेंद्र सर भी बोले "हा बच्चों आराम से चढ़ो चोट लग जायेगी"

तो वही ज्ञानेद्रीय सर जो विजेंद्र सर के झूठी तरफदारी से खुन्नसाए हुए थे भड़कते हुए बोले "खा नही जाऊंगा तुम सबको जो ऐसे बिहेव कर रहे आराम चढ़ो वरना एक एक को उठाकर अंदर फेंक दूंगा" 

उनका  इतना कहना था की सभी किसी आज्ञाकारी रोबॉट की तरह आराम से अन्दर जानें लगे और अंदर एंट्री होते ही अपनी मन चाही सीट लपक कर बैठ जाते और जिनको नही मिलता वो मुंह फुलाकर जहा जगह मिला वहा बैठ जाता।
मस्ती रियू साथ में बैठे थे वही रिचा और धनेशि उनके ठीक सामने वाली सीट पर बैठी उन दोनो को घुर रही थी। दरसल आखिर में ये दोनो ही बस चढ़ी और सारी सीट फूल हो गई थी यही दो सीट खाली मिली और दोनों बैठ गए।

पर अब पछता रहे थे क्युकी मस्ती उन्हे देख रियू के कान में धीरे धीरे कुछ बड़बड़ाती जो रियु को समझ में नहीं आता लेकिन फिर भी वो उसे कुछ नहीं बोलती क्युकी वो जानती थी मस्ती की शरारत
दरअसल मस्ती ऐसा करके धनेशी और रिचा को दिखा रही थी की वो उनकी चुगली कर रही है । पर असल में ऐसा कुछ था ही नहीं। मस्ती का इरादा तो बस उन्हे तंग करना था यही उसके जिंदगी परम कर्तव्य था।

वही मनीष सबसे लास्ट लंबी सीट पर समजीत,, उत्साह,,स्ट्रॉन्ग और राहुल के साथ खिड़की साइड में बैठा था।
वो क्या है उसे बस में कभी भी उल्टी की प्रॉब्लम हो जाती हैं तो जब भी बस में कहीं जाता प्लास्टिक थैली लिए खिड़की साइड ही बैठता।

मनीष खामोश बैठा हुआ था उसे बहुत अफसोस हो रहा था की उसने अपने बेस्ट फ्रेंड को थप्पड़ जड़ दिया। और वो भी एक नही दो नही पुरे तीन बार उसे लगने लगा की राहुल जरुर गुस्सा है पर दिखा नही रहा कही बाद में वो मस्ती पर गुस्सा तो नही करेगा ये सोच वो उदास और रोनी जैसी हालत में आ गया था वो काफी देर से सर झुकाए बैठा था जिससे राहुल को अब चिढ़ होने लगी थी वो पहले ही गुस्से में था। 
बार बार पीटने की वजह से वो गुस्से से भर जाता लेकिन खुद की इमेज मस्ती के सामने सही बनाए रखने के लिए नॉर्मल रहता और इतने सही तरीके से की किसी को शक भी नहीं होता सिवाए तीन लोग के (समझने के लिए स्टोरी शुरू से पढ़े)

अपनी चिढ़ को कंट्रोल कर राहुल नरमी से झूठी चिंता जताते हुए बोला "मनीष तू ठीक फिल कर रहा ना कोई प्रोब्लम तो नही?" 

मनीष सर नीचे किए "नही,, ह हा मै ठीक हु" 

उत्साह मुस्कुराते हुए "ये देखो इसे बस स्टार्ट हुई नही की इसे अपने बेस्ट फ्रेंड की चिन्ता सताने लगी वाह क्या दोस्ती है" 

स्ट्रॉन्ग हैरान हुए बोला "हा मानना पड़ेगा,,तीन तीन थप्पड़ खाने के बाद भी दोस्ती डगमगाई नही  ऐसी ही होनी चाहिए दोस्ती"

समजीत सहमती जताते हुए "सही कहा,, इनकी दोस्ती पर तो इतिहास रचनी चाहिए" 

उनकी बात सुन राहुल अंदर ही अंदर खिसियानी हसी हस रहा था। और दिखावे के लिए चेहरे पे चिंता के भाव लाए मनीष से फिर बोला "मनीष तू सच में ठीक है ना,,? कुछ बोल क्यू नही रहा?" 

मनीष रोनी सूरत लिए उसकी तरफ़  देख "मैं तुझे मारा तीन बार थप्पड़ मारा,,तुझे मूझपर और मस्ती पर गुस्सा आ रहा होगा ना? देख उसकी तरफ से मैं सॉरी बोलता हु प्लीज यार उस पर गुस्सा मत करना तू तो जानता है ना वो थोड़ी बुद्धू है" 

उत्साह बोला "बुद्धू सिर्फ तुझे लगती होगी हम सबको तो मस्ती की देवी लगती है" 

स्ट्रॉन्ग माथा पीटते हुए "हा जिसकी मस्ती एक बार चालू हुई की विनाशकांड का रुप लेकर ही खत्म होगी" 

समजीत घबराते हुए "हा और बड़ी रहस्य मई खतरनाक कांड" 

राहुल भड़कते हुए "अपना मुंह बंद रखो तुम सब,,और तू मनीष सबसे ट्रिप पर आए हैं ज्यादा सॉरी सॉरी रटने लगा है" 

मनीष हैरानी से "सच में क्या,,?" 

"अब मुझपर यकीन नहीं हो रहा तुझे,,तो इन सबसे पूछ ले" राहुल स्ट्रॉन्ग उत्साह और समजीत की तरफ इशारा किया।
मनीष उनकी तरफ़ देखा तो सभी अपना हाथ फैलाए "हा बहुत ज्यादा" 
फिर अचानक तीनों नाक मुंह सिकोड़ कर राहुल को घूरते हुए "सिर्फ दो बार ही तो बोला है"

राहुल उन्हे तरेर कर घूरा और बोला "जो भी हो दो बार ही बहुत ज्यादा है मेरे लिए" 

फिर मनीष को कंधे से झंजकोर "और तू सुन,,मैं कोई गुस्सा नही हु तेरे और मस्ती से इसलिए इस बात को अपने दिमाग से निकाल कर कचरे के डिब्बे में फेक दे की मै गुस्सा हु,,लेकिन,,," 

मनीष हैरानी से"लेकिन,,,?" 

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( >💜💜💜लेकिन क्या,,,? जानेंगे next ep में मिलते हैं जल्द 💜💜💜🤪😁