IIT Roorkee - 9 in Hindi Love Stories by Akshay Tiwari books and stories PDF | IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) - 9

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IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) - 9


(एक छोटा सा लकड़ी का डिब्बा.… और उसमें बंद एक पूरी दुनिया।)


एक रोज़ जब मैं उसके कमरे की आखिरी बार सफ़ाई कर रहा था,
मेरे हाथ एक छोटा सा लकड़ी का बॉक्स लगा --
आम की लकड़ी से बना, किनारों पर थोड़ी जंग लगी हुई.…
उस पर एक पुरानी पेंटिंग थी -- दो पक्षी, एक उड़ान में और दूसरा डाल पर बैठा हुआ।

नीचे उसके हाथों से लिखा था ----

“जो रुक जाता है, वही सहेजता है यादें।”


बॉक्स खोला.…

डरते-डरते खोला.…
जैसे उसकी आत्मा उसमें बंद हो।
भीतर रखी थीं कुछ चीज़ें -- बहुत साधारण…. पर बहुत गहरी। ऐसा लग रहा था जैसे वो चीजें मेरे लिए ही सहेजी हो, 

"एक छोटी सी तस्वीर"

मैं और वो -- IIT के गेट के बाहर खड़े,
दोनों की आंखों में सपने थे.…
और शायद हम नहीं जानते थे कि वक्त उन सपनों से ज़्यादा तेज़ चलता है। हमें नहीं पता था कि जिंदगी ऐसे मोड़ पर ले आएगी हमें।

"मेरी दी हुई नीली शाल"

जिसे उसने कभी लौटाया नहीं….
लिखा था एक चिट पर --

“ये शाल नहीं, तुम्हारी बाँहें हैं। जब तुम पास नहीं होते,
 ये मुझे जकड़ लेती है।” ये मुझे हर पल तुम्हारा साथ महसूस कराती हैं, ऐसा लगता हैं कि जैसे तुम मेरे पास हो,
मुझे छू रहे हो।

एक डायरी -- 'मेरे शब्द, मेरे प्यारे श्रिशय'

उसके हर पन्ने में मेरी कोई बात थी…. कोई आदत,
 कोई शरारत, कोई कविता, कोई पुरानी याद।

जैसे वो मुझे बचपन से जानती हों, मुझे खुद से ज्यादा समझने लगी हो, मेरी जिंदगी को करीब से जिया हो,

"तुम्हारी हँसी मेरी दवा थी,
और तुम्हारी ख़ामोशी मेरा ज़हर।
मगर मैं दोनों ही पीती रही….
क्योंकि मुझे तुम चाहिए थे, जैसे हो वैसे।"


और फिर…. सबसे आख़िर में.… एक ख़त।


"प्रिय श्रिशय,

 जब तुम ये बॉक्स खोल रहे होगे,
शायद मैं तुम्हारे साथ न रहूं।
 मगर क्या तुमने महसूस किया?
मैं अब भी हूँ.…
उस तस्वीर में, उस शॉल की गर्मी में,
उस डायरी के हर शब्द में।
 तुमने मुझसे पूछा था --
'क्या तुम्हारा जाना मुझे अधूरा कर देगा?'
 नहीं, श्रिशय --
मेरा जाना तुम्हें पूरा कर देगा।
क्योंकि अब तुम मेरी तरह लिखोगे --
सच से, आत्मा से, प्रेम से।
मैं जानती हूँ कि तुम दुनिया को वो कहानियाँ सुनाओगे,
जिनमें मैं अधूरी नहीं, अमर हो जाऊँगी।

तुम्हारा साथ तुम्हारा प्यार मेरी दुनियां था श्रीशय, 
मुझे पता है तुम मुझे याद करते होंगे, लेकिन श्रीशय जिंदगी में कभी रुकना नहीं, सारे सपने पूरे करना।
मै हमेशा तुम्हारे दिल में रहूंगी,
तुम्हारी -- सिर्फ़ तुम्हारी,
श्रिनिका।"

 उस बॉक्स को बंद करना --

शायद सबसे मुश्किल काम था मेरी ज़िंदगी का।

पर मैंने उसे नहीं बंद किया,
बल्कि उसे अपनी मेज़ पर रख दिया --
हर सुबह उसकी खुशबू महसूस करने के लिए।
हर रात उसके शब्दों में सोने के लिए।


 और उसी दिन से मैंने एक नई किताब 
लिखनी शुरू की….

“The Story of Soul Love”
और पहले पन्ने पर सिर्फ़ यही लिखा --

“श्रिनिका -- तुमने मेरा जीवन अधूरा किया,
मगर मेरी आत्मा को अमर कर दिया।”

मै जिंदगी को एक अलग नज़रिए से जीने लगा हूं 
मेरे हर ख़्वाब में सिर्फ तुम हो, मेरी हर धड़कन में 
सिर्फ तुम हो, तुम्हारी वो हसी, तुम्हारी वो बाते
सब याद करता हूं मैं, 

इस किताब के हर पन्ने में सिर्फ तुम होगी,
मेरी प्यारी श्रीनिका, 
हर पन्ना हमारे प्रेम का प्रतीक होगा।
दुनिया में एक छोटी सी हमारी भी प्रेम कहानी 
होगी, "अजब प्रेम की गज़ब कहानी"

Next part Soon 🔜