भाग 8 – प्रधानमंत्री के रूप में पहला कार्यकाल (2014–2019)
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प्रस्तावना
26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी ने भारत के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। शपथ समारोह अपने आप में ऐतिहासिक था – न केवल इसलिए कि भाजपा को पहली बार अपने दम पर बहुमत मिला था, बल्कि इसलिए भी कि मोदी ने दक्षिण एशिया के सभी देशों के नेताओं को आमंत्रित कर यह संदेश दिया कि भारत अब वैश्विक मंच पर नई भूमिका निभाने को तैयार है।
मोदी का पहला कार्यकाल 2014 से 2019 तक चला और इसमें कई बड़े फैसले, विवाद, उपलब्धियाँ और चुनौतियाँ शामिल थीं। इस अवधि ने न केवल मोदी की नेतृत्व क्षमता को परखा बल्कि भारत की राजनीति, अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय छवि को भी गहराई से प्रभावित किया।
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1. अच्छे दिन का वादा और जनता की अपेक्षाएँ
2014 के चुनाव में मोदी का सबसे बड़ा नारा था – “अच्छे दिन आने वाले हैं।”
इस नारे ने करोड़ों भारतीयों को प्रभावित किया। जनता उम्मीद कर रही थी:
भ्रष्टाचार-मुक्त शासन।
रोजगार के अवसर।
मजबूत अर्थव्यवस्था।
सुरक्षा और स्थिरता।
वैश्विक स्तर पर भारत की सशक्त छवि।
इस तरह मोदी सरकार की शुरुआत जनता की अपार अपेक्षाओं के बीच हुई।
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2. आर्थिक सुधार और योजनाएँ
जन धन योजना (2014)
मोदी सरकार का पहला बड़ा कदम।
उद्देश्य: हर भारतीय के पास बैंक खाता हो।
लाखों लोगों ने पहली बार बैंकिंग प्रणाली का अनुभव किया।
इस योजना ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) का रास्ता साफ किया।
मेक इन इंडिया (2014)
उद्योगों को प्रोत्साहन देने और विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए शुरू की गई।
उद्देश्य: भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाना।
इससे इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और रक्षा क्षेत्र में निवेश बढ़ा।
डिजिटल इंडिया (2015)
लक्ष्य: भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था बनाना।
मोबाइल कनेक्टिविटी, इंटरनेट, ऑनलाइन सेवाओं का विस्तार।
आधार से जुड़ी सेवाओं का तेजी से प्रसार।
स्टार्टअप इंडिया (2016)
युवाओं को उद्यमिता की ओर प्रेरित किया।
टैक्स लाभ, फंडिंग और रजिस्ट्रेशन में आसानी।
गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) (2017)
भारत में अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में ऐतिहासिक सुधार।
“वन नेशन, वन टैक्स” की अवधारणा।
लागू होने के शुरुआती महीनों में कठिनाइयाँ आईं, लेकिन यह सबसे बड़ा आर्थिक सुधार माना गया।
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3. सामाजिक योजनाएँ और कल्याणकारी पहलें
स्वच्छ भारत अभियान (2014)
2 अक्टूबर 2014 को गांधी जयंती पर लॉन्च किया गया।
लक्ष्य: देशभर में सफाई और खुले में शौच से मुक्ति।
करोड़ों शौचालय बनाए गए, जिससे ग्रामीण जीवन में बड़ा बदलाव आया।
उज्ज्वला योजना (2016)
गरीब परिवारों की महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन।
लाखों महिलाओं को धुएँ से मुक्ति मिली और स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा।
प्रधानमंत्री आवास योजना
शहरी और ग्रामीण गरीबों को किफायती आवास उपलब्ध कराने की योजना।
आयुष्मान भारत (2018)
“Modicare” कहा गया।
करोड़ों गरीब परिवारों को 5 लाख रुपये तक की स्वास्थ्य बीमा सुविधा।
इसे दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना कहा गया।
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4. विदेश नीति और वैश्विक छवि
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भारत की विदेश नीति बेहद सक्रिय रही।
अमेरिका: मोदी ने बराक ओबामा और बाद में डोनाल्ड ट्रंप से अच्छे संबंध बनाए।
चीन: शी जिनपिंग से मुलाकातें, लेकिन डोकलाम विवाद ने तनाव भी दिखाया।
पाकिस्तान: मोदी ने नवाज शरीफ को शपथ समारोह में बुलाया, लेकिन पठानकोट और उरी आतंकी हमलों के बाद रिश्ते बिगड़े।
ग्लोबल छवि: मोदी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लोकप्रिय हुए। ‘हाउडी मोदी’ और ‘मेक्सिको-अफ्रीका’ विजिट्स ने भारत की कूटनीतिक ताकत बढ़ाई।
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5. साहसिक फैसले और विवाद
नोटबंदी (2016)
8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने का ऐलान।
उद्देश्य: काले धन, भ्रष्टाचार और नकली नोटों पर रोक।
प्रभाव: लंबी कतारें, अर्थव्यवस्था में मंदी की आलोचना।
समर्थक इसे साहसिक कदम मानते हैं, आलोचक इसे विफल।
सर्जिकल स्ट्राइक (2016)
उरी आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर हमला किया।
मोदी की छवि मजबूत नेता के रूप में और निखरी।
GST लागू करना (2017)
देशभर में कर ढाँचे को सरल बनाया।
शुरुआती चुनौतियाँ थीं, लेकिन यह ऐतिहासिक सुधार माना गया।
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6. चुनौतियाँ और आलोचनाएँ
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें कई आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा:
रोजगार: वादा किए गए बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा नहीं हुए।
किसान संकट: कृषि आय में सुधार न होने से किसानों की असंतुष्टि।
नोटबंदी और GST: छोटे कारोबारियों और मध्यम वर्ग पर असर।
गौ-हिंसा और असहिष्णुता के आरोप: विपक्ष ने सरकार पर समाज को बाँटने का आरोप लगाया।
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7. 2019 का चुनावी माहौल
2019 आते-आते मोदी की लोकप्रियता बरकरार थी।
उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं ने गरीबों तक सरकार की पहुँच बढ़ाई।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर मोदी की छवि और मजबूत हुई।
फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमला और उसके बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक ने चुनाव से पहले मोदी को और मजबूत कर दिया।