भाग 9 – प्रधानमंत्री के रूप में दूसरा कार्यकाल (2019–2024)
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प्रस्तावना
23 मई 2019 को लोकसभा चुनाव परिणाम आए और भारतीय जनता पार्टी ने 303 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया। यह नतीजा केवल भाजपा की जीत नहीं थी, बल्कि नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत लोकप्रियता का प्रमाण था। विपक्ष लगभग बिखर चुका था और जनता ने यह संदेश दिया कि मोदी ही उनके भरोसे का नाम हैं।
दूसरे कार्यकाल में मोदी सरकार ने पहले से भी ज्यादा साहसिक फैसले लिए – अनुच्छेद 370 का हटना, नागरिकता संशोधन कानून (CAA), कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी से निपटना, आत्मनिर्भर भारत का अभियान, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की सशक्त स्थिति।
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1. शपथ और नई टीम
30 मई 2019 को नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।
शपथ समारोह में BIMSTEC देशों के नेताओं को आमंत्रित किया गया, जो यह संकेत था कि भारत अब SAARC से आगे बढ़कर नए क्षेत्रीय सहयोग की दिशा में सोच रहा है।
इस बार मोदी ने अपनी कैबिनेट में बड़े बदलाव किए। अमित शाह को गृह मंत्रालय और राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्रालय जैसी अहम जिम्मेदारियाँ दीं।
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2. ऐतिहासिक और साहसिक फैसले
(क) अनुच्छेद 370 और 35A का हटना (अगस्त 2019)
5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया।
इसे “भारत के संविधान और एकता” की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना गया।
विपक्ष ने कहा कि कश्मीर की स्वायत्तता खत्म कर दी गई, लेकिन समर्थकों ने इसे राष्ट्र की अखंडता के लिए जरूरी बताया।
जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बाँटा गया – जम्मू-कश्मीर और लद्दाख।
(ख) नागरिकता संशोधन कानून (CAA) – 2019
पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान।
विपक्ष ने इसे मुस्लिमों के खिलाफ कानून कहा और देशभर में विरोध-प्रदर्शन हुए।
दिल्ली में शाहीन बाग आंदोलन चर्चा का केंद्र बना।
(ग) अयोध्या विवाद का समाधान (2019)
नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया और राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ।
5 अगस्त 2020 को नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन किया।
यह भाजपा के दशकों पुराने संकल्प का पूरा होना था।
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3. कोविड-19 महामारी (2020–2021)
मोदी के दूसरे कार्यकाल की सबसे बड़ी चुनौती रही – कोविड-19 महामारी।
लॉकडाउन (मार्च 2020)
24 मार्च 2020 को मोदी ने पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया।
“जान है तो जहान है” का नारा दिया।
दुनिया ने भारत की इस सख्ती की सराहना की, लेकिन लंबे लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ा।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना
लॉकडाउन के दौरान गरीबों को मुफ्त राशन और महिलाओं को आर्थिक मदद दी गई।
करोड़ों लोगों के बैंक खातों में डायरेक्ट कैश ट्रांसफर।
टीकाकरण अभियान (2021–2022)
भारत ने रिकॉर्ड समय में कोविड वैक्सीन बनाई – कोविशील्ड और कोवैक्सिन।
जनवरी 2021 से दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू।
भारत ने “वैक्सीन मित्र” के रूप में दर्जनों देशों को मुफ्त वैक्सीन भेजी।
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4. आत्मनिर्भर भारत अभियान (2020)
कोविड संकट के बीच मोदी ने “आत्मनिर्भर भारत” का नारा दिया।
लक्ष्य: स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा और आयात पर निर्भरता कम करना।
20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज घोषित।
MSME, कृषि और उद्योगों को राहत।
“वोकल फॉर लोकल” का संदेश।
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5. कृषि कानून और किसान आंदोलन (2020–2021)
2020 में सरकार ने तीन नए कृषि कानून पारित किए:
1. किसान उपज व्यापार और वाणिज्य कानून।
2. किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता।
3. आवश्यक वस्तु संशोधन।
उद्देश्य: कृषि में निजी निवेश और बाजार की स्वतंत्रता।
लेकिन पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने इसका विरोध किया।
एक साल तक दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन चलता रहा।
नवंबर 2021 में मोदी ने गुरु नानक जयंती पर कानून वापस लेने की घोषणा की।
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6. राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति
बालाकोट के बाद मजबूत छवि
हालाँकि बालाकोट एयरस्ट्राइक 2019 चुनाव से पहले हुआ था, लेकिन दूसरे कार्यकाल में भी मोदी ने आतंकवाद पर सख्त रुख जारी रखा।
लद्दाख में चीन विवाद (2020)
जून 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों की झड़प हुई।
20 भारतीय जवान शहीद हुए।
मोदी ने लद्दाख जाकर सैनिकों का हौसला बढ़ाया और कहा – “विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है।”
वैश्विक मंच पर भारत
G20, BRICS, SCO और QUAD में सक्रिय भागीदारी।
अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ रणनीतिक संबंध मजबूत।
2023 में भारत ने G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर दुनिया का ध्यान खींचा।
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7. सामाजिक और आर्थिक सुधार
आर्थिक सुधार
कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती।
उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजनाएँ।
आधारभूत ढाँचे (हाईवे, रेल, एयरपोर्ट) पर बड़ा निवेश।
सामाजिक योजनाएँ
हर घर जल योजना।
प्रधानमंत्री आवास योजना का विस्तार।
उज्ज्वला 2.0 – और अधिक महिलाओं तक एलपीजी कनेक्शन।
डिजिटल क्रांति
UPI का जबरदस्त प्रसार।
भारत दुनिया में डिजिटल लेन-देन का सबसे बड़ा देश बन गया।
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8. विपक्ष और आलोचनाएँ
विपक्ष ने सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया।
CAA और NRC को लेकर तीखी आलोचना।
कोविड की दूसरी लहर (2021) के दौरान स्वास्थ्य ढाँचे की कमी को लेकर सरकार घिरी।
किसानों के आंदोलन से सरकार की छवि को झटका लगा।
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9. अंतरराष्ट्रीय छवि और भारतीय संस्कृति का प्रसार
मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर योग और भारतीय परंपराओं का प्रचार किया।
21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को दुनिया ने व्यापक रूप से अपनाया।
भारत को “विश्वगुरु” बनाने का नारा और “विश्व मित्र” बनने की पहल।
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10. 2024 की तैयारी
मोदी के दूसरे कार्यकाल के अंतिम वर्षों में:
भारत ने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चाँद पर उतारा (2023)।
G20 की अध्यक्षता करके वैश्विक नेतृत्व का परिचय दिया।
विपक्ष ने “INDIA गठबंधन” बनाकर मोदी को चुनौती दी, लेकिन मोदी की लोकप्रियता अब भी बहुत ऊँचाइयों पर बनी रही।