Dhun ishq ki.... Par dard bhari - 5 in Hindi Love Stories by Arpita Bhatt books and stories PDF | धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 5

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धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 5

सुबह साहिल उठता है, तो उसे सबसे पहले सिमरन का खयाल आता है। पता नही क्यों लेकिन साहिल को उससे एक अटैचमेंट सा फील हो रहा था। और वो सबसे पहले डॉक्टर के कॉल करता है, और सिमरन के बारे में पूछता है। 

साहिल; वो लड़की कैसी है डॉक्टर? उसे होश आ गया क्या? 

डॉक्टर; अभी मैं हॉस्पिटल ही जा रहा हुं,तो उसके बाद ही तुम्हे बता पाऊंगा कि वो लड़की ठीक है या नही! वैसे क्या तुम उसे जानते हो साहिल? 

साहिल; नही डॉक्टर, मैं तो जानता तक नही उसे, लेकिन मुझे वो रास्ते में मिली और मुसीबत में थी, तो मैंने सिर्फ मदद की उसकी! मुझे तो नाम तक नही पता उसका! 

[ फैमिली डॉक्टर होने की वजह से साहिल और उनका रिलेशन कैजुअल ही था। वो एक दोस्त की तरह ही थे साहिल के लिए! ] 

साहिल; ठीक है,जब तुम पहुंच जाओ तो मुझे अपडेट देना उस लड़की की! मैं जब तक तैयार हो जाता हूं, फिर हॉस्पिटल ही आ रहा हुं मै! 

डॉक्टर; अच्छा, ठीक है। तुम आ जाओ। मैं तो पहुंचने ही वाला हुं। चलो अब मैं फोन रखता हुं, और यह कहकर डॉक्टर फोन रख देते है। 

साहिल बेड पर ही बैठा रहता है, और सिमरन के बारे में ही सोच रहा होता है। उसे बार बार सिमरन की मासूम शक्ल और उसकी हालत ही याद आ रही होती है। 

तभी कमरे के बाहर तानिया आती है और पूछती है कि साहिल,अब तक नही उठे क्या तुम? पर अंदर से कोई आवाज नहीं आती है तो तानिया समझ जाती है कि साहिल अब तक नही उठा है, और वो कमरे के अंदर जाती है। पर कमरे के अंदर जाते ही तानिया शॉक रह जाती है:  

तानिया; यह क्या साहिल, तुम उठ गए थे तो मेरी आवाज का जवाब क्यों नही दिया? 

साहिल तानिया की आवाज से अपने ख्यालों से बाहर आता है। और पूछता है कि: 

साहिल; कुछ कहा आपने दीदी? और आप यहां कब आई मेरे कमरे में? 

तानिया; जब तुम उठने के बाद भी सपनो में खोए हुए थे, तब मैं अंदर आई! अब उठो जल्दी साहिल, हमे फिर हॉस्पिटल भी जाना है। 

साहिल; हां, मैं भी वही सोच रहा था, इसलिए उठ गया। आप नीचे चलो, मैं अभी दस मिनट में तैयार होकर आता हुं। और वो अपने बेड से उठ जाता है, और जल्दी से बाथरूम में चला जाता है। 

तानिया उसे देखकर हंसती है और फिर नीचे जाकर हॉस्पिटल जाने की तैयारी करती है। और फिर साहिल का wait करती है। फिर साहिल के आते ही वो दोनो हॉस्पिटल के लिए निकल जाते है। 

हॉस्पिटल में: 

साहिल; डॉक्टर, क्या उस लड़की को होश आया? 

डॉक्टर; हां, लेकिन हमारे पूछने पर वो कुछ बता नही रही है अपने बारे में! पर हां, दुखी लग रही है बहुत! 

साहिल; हां, दुखी तो होगी ही वो, हमे भी लग रहा था कि कुछ ऐसी ही बात है। और हम अजनबी को देखकर शायद घबरा जाए, साहिल ने कुछ सोचते हुए कहा। 

तानिया; मैं जाती हुं उसके पास, और उससे बात करती हुं और कंफर्टेबल फील करवाने की कोशिश करती हुं। एक लड़की की कंपनी मिलेगी तो वो थोड़ा सहज भी महसूस करेगी। 

साहिल; हां, दीदी! मैं भी यही कहने वाला था आपको! आप जाइए और मैं बाहर ही रहता हुं। जब आपको लगे कि अब वो कंफर्टेबल है थोड़ी, तो आप मुझे बुला लेना। 

फिर तानिया रूम के अंदर जाती है, तो देखती है कि नर्स उस लड़की को फ्रूट्स खिलाने की कोशिश कर रही है, लेकिन वो मना कर रही है खाने से! तानिया को वो लड़की थोड़ी घबराई हुई भी लगी। तानिया ने अंदर जाते ही कहा: 

तानिया; हेलो डियर! अब कैसी तबियत है तुम्हारी? 

उसके जवाब में सिमरन बस अपनी गर्दन हिला कर ठीक में जवाब देती है। और फिर नर्स की तरफ देखती है और नजरो से ही पूछती है कि यह कौन है? 

नर्स समझ जाती है कि सिमरन क्या पूछना चाहती है और वो बोलती है कि यह उस इंसान की बड़ी बहन है, जिसने तुम्हे यहां पर admit करवाया था। और वो फिर वो बोलती है कि चलो, अब यह खा लो, वरना टैबलेट कैसे लोगी तुम? 

[ पर सिमरन की आंखों के सामने तो रह रहकर वही सब आ रहा था, जब उसे अपनो से ही धोखा मिल था। कभी सपने में नही सोचा था, वो सब रियलिटी में उसके साथ हुआ। इसलिए वो बार बार घबरा रही थी। पर वो साथ ही यह सब बातें इग्नोर भी करने की कोशिश कर रही थी। तभी तानिया की आवाज से वो वापस present में आती है।] 

पर सिमरन मुंह फेर लेती है नर्स से, तो यह देखकर तानिया बोलती है कि; कोई बात नही डियर, अगर तुम्हे यह नही खाना है तो तुम अभी मत खाओ। और वो नर्स को जाने को बोलती है, तो नर्स चली जाती है। 

सिमरन मन में सोच रही थी कि यह दीदी लगते तो अच्छे है, तो वो मुस्कुरा देती है, उन्हे देखकर! जिससे तानिया को थोड़ी राहत मिलती है, और वो सिमरन के बेड के पास रखी चेयर पर बैठ जाती है। 

तानिया; मेरा नाम तानिया है डियर, तुम मेरे साथ कंफर्टेबल फील कर सकती हो। 

सिमरन; थैंक यू, तानिया जी! आपने मेरी जान बचाई। 

तानिया; अरे नही, हमने थोड़े ना बचाई। वो तो हमारा छोटा भाई है, जिसने तुम्हे बचाया था। और उसमे थैंक्स कैसा? यह तो ड्यूटी है इंसान की, किसी को मुसीबत में देखकर उसकी मदद करना! 

सिमरन; हां दीदी! उसने मुस्कुराते हुए कहा। 

[ अब तानिया को लग गया था कि यह लड़की अब थोड़ी कंफर्टेबल हुई है। तो अब वो उससे पूछ सकती है कि उसके खुद के बारे में! ] 

तानिया; अरे वाह, तुम्हारे मुंह से दीदी सुनकर हमे बड़ा अच्छा लगा। लेकिन हमे भी तो अपना स्वीट नाम बताओ ना डियर? 

सिमरन; जी मेरा नाम सिमरन आ.....यह बोलते बोलते सिमरन रुक जाती है और फिर बोलती है कि मेरा नाम सिमरन है, दीदी! 

(सिमरन नही चाहती थी कि वो अब आचार्य सरनेम अपने पीछे लगाए।) 

तानिया; बहुत स्वीट नाम है तुम्हारा सिमरन! अच्छा तुम हमारे साथ comfortable फील कर सकती हो। हम इतने भी बुरे नही है वैसे! यह कहकर तानिया हंसती है तो सिमरन भी मुस्कुरा देती है। 

साहिल यह सब बाहर कांच से खड़ा देख रहा था, जैसे ही सिमरन हंसती है तो उसके चेहरे पर भी मुस्कुराहट आ जाती है, उसे हंसता हुआ देखकर! तभी उसे ध्यान नही रहता है और उसके हाथ से दरवाजा थोड़ा सा खुल जाता है, तो सिमरन अचानक से चौंक जाती है। तो तानिया उसे कंसोल करते हुए कहती है कि यह साहिल है, मेरा भाई! जिसने तुम्हें बचाया था। 

साहिल; सॉरी, मैं गलती से आ गया और वो वापस जाने लगता है तभी सिमरन पीछे से बोलती है कि धन्यवाद साहिल जी! 

तो साहिल यह सुनकर पीछे मुड़ता है, और सिमरन की तरफ देखकर मुस्कुराता है, और बोलता है कि यह तो मेरा फर्ज था। 

तानिया; वैसे सिमरन नाम है इसका। बहुत ही प्यारी लड़की है। 

साहिल; बहुत अच्छा नाम है आपका! और वो जाने लगता है तभी तानिया बोलती है कि;  साहिल, तुम कहां जा रहे हो?इधर आओ और हमारे पास बैठो! अपन साथ में ब्रेकफास्ट करते है। 

क्यों सिमरन, हमारे साथ ब्रेकफास्ट करोगी ना? मैने खुद बनाया है तुम्हारे लिए दलिया! तुम्हारी हेल्थ के लिए अच्छा भी रहेगा। 

सिमरन एक बार को तो कुछ नही बोलती है, फिर हां में सर हिलाती है, तो तानिया खुश हो जाती है और साहिल को बोलती है कि बाहर वो बैग रखा है, उसे लेकर आ जाओ! 

हां, तो दोस्तो, अब बताइए कि आगे क्या होने वाला है? वैसे तानिया समझदार है ना, इसलिए उसने जल्दी से सिमरन को कंफर्टेबल फील करवा दिया। अब देखते है कि आगे इनकी स्टोरी कहां तक जाती है! 

धन्यवाद!❤️✨