❤️ "I Love You – वो तीन शब्द"
By Abhay Marbate
शुरुआत – कॉलेज की पहली मुलाकात
वो जुलाई का महीना था, जब कॉलेज का नया सेशन शुरू हुआ था। मैं, आदित्य, फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट, और हर नए स्टूडेंट की तरह थोड़ा नर्वस भी था।
पहले दिन की क्लास में जब टीचर आए, तो साथ में एक लड़की भी आई। वो हल्के गुलाबी रंग का कुर्ता पहने थी, बाल खुले, और चेहरे पर वो मासूमियत, जो पहली नज़र में दिल छू ले।
टीचर ने कहा – "क्लास, ये है सान्या, हमारी नई स्टूडेंट।"
मुझे नहीं पता क्यों, लेकिन पहली नज़र में ही मुझे लगा, "यार, ये लड़की कुछ अलग है।"
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दोस्ती की शुरुआत
शुरुआती दिनों में हम बस “हाय-हैलो” तक सीमित थे, लेकिन धीरे-धीरे प्रोजेक्ट वर्क, लाइब्रेरी और कैंटीन की मुलाकातों ने हमारी दोस्ती गहरी कर दी।
हम अक्सर एक साथ लंच करते, असाइनमेंट शेयर करते और क्लास के बाद घंटों बातें करते।
सान्या की एक आदत मुझे सबसे ज्यादा पसंद थी – वो छोटी-छोटी बातों में खुश हो जाती थी। बारिश की पहली बूंद, कैंटीन का गरमा-गरम समोसा, या फिर किसी दोस्त की तारीफ – उसके चेहरे पर हमेशा वो प्यारी सी स्माइल रहती थी।
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दिल की धड़कनें
दोस्ती कब चाहत में बदल गई, पता ही नहीं चला।
हर सुबह कॉलेज जाने का मन सिर्फ इसलिए करता कि मैं सान्या को देख पाऊँ।
एक दिन मेरा दोस्त रोहित बोला –
"भाई, तूने उसे प्रपोज क्यों नहीं किया अभी तक?"
मैंने कहा – "डर लगता है यार, अगर उसने मना कर दिया तो हमारी दोस्ती भी खत्म हो जाएगी।"
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वो खास दिन
14 फरवरी – वेलेंटाइन डे।
सुबह से ही मन में एक अजीब सी बेचैनी थी। मैंने तय कर लिया कि आज जो होगा देखा जाएगा, लेकिन मैं अपने दिल की बात कह दूँगा।
शाम को मैंने सान्या को कॉलेज गार्डन में बुलाया।
ठंडी हवा चल रही थी, हल्की-हल्की बारिश भी हो रही थी।
मैंने कांपते हाथों से उसे एक छोटा सा गिफ्ट दिया और कहा –
"सान्या… मुझे तुमसे कुछ कहना है।"
वो मुस्कुराते हुए बोली – "कहो ना, मैं सुन रही हूँ।"
मैंने गहरी सांस ली और कहा –
"सान्या… I Love You!"
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सान्या का जवाब
कुछ सेकंड का सन्नाटा।
फिर उसने धीरे से कहा – "आदित्य, तुम बहुत अच्छे दोस्त हो… लेकिन…"
मेरा दिल डूब गया। मैंने उसकी आंखों में देखा, वो कुछ कहने के लिए रुक गई।
"लेकिन?" मैंने पूछा।
"लेकिन मैं तुमसे झूठ नहीं बोल सकती… मेरी शादी की बात घर पर चल रही है।"
ये सुनकर मेरे कदम जैसे जम गए।
वो बोली – "तुमसे दोस्ती हमेशा रहेगी, लेकिन मैं अपनी फैमिली के फैसले के खिलाफ नहीं जा सकती।"
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बिछड़ने का पल
उस दिन के बाद हमारी बातें कम हो गईं।
क्लास में मिलते तो सिर्फ मुस्कुरा देते, लेकिन पहले जैसी बातें कभी नहीं हुईं।
फाइनल ईयर खत्म होने के बाद वो अपने शहर लौट गई, और मैं अपनी लाइफ में बिजी हो गया।
लेकिन दिल के किसी कोने में आज भी वो तीन शब्द गूंजते हैं – "I Love You".
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सालों बाद
5 साल बाद, मैं एक कैफे में बैठा था, तभी पीछे से एक जानी-पहचानी आवाज आई –
"आदित्य?"
मुड़कर देखा – सान्या थी, वही प्यारी सी स्माइल, लेकिन आंखों में थोड़ी थकान।
हमने काफी देर तक बातें कीं। उसने बताया कि उसकी शादी नहीं हो पाई, और अब वो टीचर बनकर अपने सपनों को जी रही है।
जाते-जाते उसने मेरी आंखों में देखा और कहा –
"जानते हो आदित्य, उस दिन मैं भी तुम्हें यही कहना चाहती थी… लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पाई।"
मैं बस मुस्कुरा दिया, और मन ही मन कहा – "I Love You, सान्या… हमेशा से।" ❤️
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कहानी का संदेश:
कभी-कभी वक्त और हालात हमें अपनी सच्ची feelings कहने नहीं देते, लेकिन अगर कोई सच में आपका है, तो वो जिंदगी के किसी मोड़ पर फिर लौट आता है। इसलिए अपने दिल की बात कहने से मत डरना।