Maafia ki nazar me - 9 in Hindi Love Stories by InkImagination books and stories PDF | माफिया की नजर में - 9

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माफिया की नजर में - 9

🖤 माफ़िया की नज़र में – Part 9:

"तहखाने का सच"

"कुछ सच इतने काले होते हैं कि वो सिर्फ़ रास्ते नहीं, पूरी ज़िंदगी बदल देते हैं।"अहाना का दिल अब एक तूफ़ान में फँस चुका था। रवि की बातें—“रायान ने तुम्हारे पापा को मरने दिया”—और उस डायरी के आखिरी पन्ने की वो लाइन—“तुम्हारी गलती ने सब कुछ बर्बाद कर दिया”—उसे रातभर सोने नहीं दे रही थीं। रायान की पुकार—“वहाँ से निकलो, अभी!”—और रवि का दावा कि वो उसका चाचा है, उसे दो रास्तों के बीच छोड़ गया था। “मुझे किस पर भरोसा करना चाहिए?”वो पुरानी हवेली के तहखाने की ओर जाने वाले अंधेरे रास्ते में थी, रवि के पीछे। बाहर गोलियों की आवाज़ें गूंज रही थीं, और रायान की आवाज़ अब भी हवा में तैर रही थी। अहाना का हाथ डायरी को कसकर पकड़े हुए था, और GPS ट्रैकर की लाल बत्ती तेज़ी से चमक रही थी। “क्या मैं सही कर रही हूँ?” उसने खुद से पूछा, लेकिन अब पीछे हटना नामुमकिन था।

🌌 तहखाने का अंधेरा

तहखाना ठंडा और नम था। दीवारों पर पुरानी दरारें थीं, और हवा में सड़ांध की बू। रवि ने एक छोटा सा टॉर्च जलाया, जिसकी रोशनी में टूटी-फूटी सीढ़ियाँ दिख रही थीं। “जल्दी चलो,” उसने कहा, उसकी आवाज़ में बेचैनी थी। “वो लोग हमें ढूंढ लेंगे।”

“कौन लोग?” अहाना ने कांपती आवाज़ में पूछा। “रायान के दुश्मन? या तुम कुछ छुपा रहे हो?”रवि रुका और उसकी तरफ मुड़ा। उसकी आँखों में एक अजीब सा दर्द था। “मैं तुम्हारा चाचा हूँ, अहाना। लेकिन मैं भी उस दुनिया का हिस्सा हूँ, जिससे तुम्हारे पापा तुम्हें बचाना चाहते थे।”अहाना का दिल धक् से रह गया। “तो तुम भी… माफ़िया?”रवि ने सिर हिलाया। “हाँ। लेकिन मैंने तुम्हारे पापा को खोने के बाद सब छोड़ दिया। रायान ने नहीं। उसने वही दुनिया चुनी, जिसने तुम्हारे पापा की जान ली।”तहखाने के आखिरी छोर पर एक पुराना लकड़ी का बक्सा था। रवि ने उसे खोला। अंदर कुछ पुरानी तस्वीरें, कागज़, और एक सील बंद लिफाफा था। उसने लिफाफा अहाना की तरफ बढ़ाया। “ये तुम्हारे पापा की आखिरी चिट्ठी है। इसे पढ़ो। ये रायान का सच बताएगी।”अहाना ने कांपते हाथों से लिफाफा लिया। उसने उसे खोला, और अंदर एक चिट्ठी थी, जिसकी स्याही समय के साथ फीकी पड़ चुकी थी। उसमें लिखा था:“रायान, तुम मेरे बेटे जैसे थे। मैंने तुम्हें माफ़िया की इस दुनिया से निकालने की कोशिश की, लेकिन तुमने मेरी बात नहीं मानी। उस डील में तुम्हारी गलती ने मेरे दुश्मनों को मेरे पास पहुँचने दिया। अगर मेरी बेटी को कुछ हुआ, तो ये मेरी नहीं, तुम्हारी नाकामयाबी होगी।”अहाना की आँखों में आँसू थे। “तो… मेरे पापा की मौत… रायान की वजह से?” उसकी आवाज़ टूट रही थी।रवि ने गहरी साँस ली। “हाँ। वो डील… रायान की लालच थी। उसने तुम्हारे पापा को बचाने की कोशिश की, लेकिन बहुत देर हो चुकी थी।”

🌃 रायान का आमना-सामना

तभी तहखाने का दरवाज़ा ज़ोर से खुला। रायान वहाँ खड़ा था, उसकी साँसें तेज़ थीं, और हाथ में बंदूक। उसके पीछे दो बॉडीगार्ड्स थे, लेकिन उसकी नज़रें सिर्फ़ अहाना पर थीं।“अहाना, मेरे साथ चलो,” उसने कहा, उसकी आवाज़ में एक अजीब सी हताशा थी। “ये आदमी तुम्हें झूठ बता रहा है।”रवि ने अपनी बंदूक निकाली और रायान की तरफ तान दी। “झूठ? तुमने मेरे भाई को मरने दिया, रायान! और अब तुम उसकी बेटी को भी उसी दलदल में खींच रहे हो!”अहाना के पैर काँप रहे थे। वो दोनों के बीच खड़ी थी, चिट्ठी को कसकर पकड़े हुए। “रायान, ये सच है?” उसने पूछा, उसकी आँखों में आँसू और गुस्सा दोनों थे। “तुमने मेरे पापा को धोखा दिया?”रायान की आँखों में दर्द झलका। उसने बंदूक नीचे की और धीरे से कहा, “मैंने धोखा नहीं दिया, अहाना। मैंने तुम्हारे पापा को बचाने की कोशिश की। लेकिन… मैं नाकाम रहा।”“नाकाम?” रवि ने गुस्से से कहा। “तुमने उस डील को चुना, रायान! तुम्हें पता था कि वो खतरनाक थी, फिर भी तुमने मेरे भाई को उसमें फँसाया!”रायान ने रवि की तरफ देखा, उसकी आँखों में आग थी। “तुम्हें क्या लगता है, रवि? कि मैंने जानबूझकर ऐसा किया? तुम्हारे भाई ने मुझे उस डील के लिए मजबूर किया, ताकि तुम्हारी जान बच सके!”अहाना का दिमाग सुन्न हो गया। “मेरी जान?” उसने रवि की तरफ देखा। “ये… ये क्या कह रहा है?”रवि का चेहरा सख्त हो गया। “झूठ। वो तुम्हें बरगलाने की कोशिश कर रहा है।”लेकिन रायान ने बात जारी रखी। “तुम्हारे पापा ने मुझे बताया था, रवि, कि तुम उनके दुश्मनों के निशाने पर थे। उस डील का मकसद तुम्हें बचाना था। लेकिन… वो गलत हो गया। और मैं आज तक उस गुनाह का बोझ ढो रहा हूँ।”अहाना की साँसें रुक गईं। वो रवि की तरफ मुड़ी। “क्या ये सच है? तुम मेरे पापा के दुश्मनों के निशाने पर थे?”रवि चुप रहा। उसकी आँखों में एक अजीब सा दर्द था, लेकिन उसने जवाब नहीं दिया।

🌫️ तहखाने का आखिरी झटका

तभी बाहर से गोलियों की आवाज़ फिर से गूंजी। रायान के बॉडीगार्ड्स ने चिल्लाकर कहा, “सर, वो लोग अंदर घुस आए हैं!”रायान ने अहाना का हाथ पकड़ा। “हमारे पास वक़्त नहीं है। मेरे साथ चलो, अहाना।”लेकिन अहाना ने उसका हाथ झटक दिया। “नहीं! मुझे सच चाहिए, रायान! तुमने मेरे पापा को क्यों नहीं बचाया? और रवि… तुम मेरे चाचा हो, तो इतने सालों तक कहाँ थे?”रवि ने एक कदम आगे बढ़ाया। “मैं छुप रहा था, अहाना। क्योंकि मैं जानता था कि रायान के दुश्मन मुझे ढूंढ रहे हैं। लेकिन अब मैं यहाँ हूँ—तुम्हें बचाने के लिए।”रायान ने गुस्से से रवि की तरफ देखा। “तुम उसे बचाने नहीं, अपने बदले के लिए इस्तेमाल कर रहे हो!”तभी तहखाने की छत से धूल गिरने लगी। बाहर का शोर और करीब आ रहा था। अहाना की नज़र उस बक्से पर गई, जिसमें रवि ने लिफाफा निकाला था। उसने जल्दी से उसे खोला और अंदर एक और कागज़ मिला। उस पर लिखा था:“अहाना, अगर तुम ये पढ़ रही हो, तो मैं जा चुका हूँ। रायान पर भरोसा करो। वो तुम्हारी आखिरी उम्मीद है।”अहाना का दिल रुक गया। “पापा…” उसकी आँखों में आँसू थे। वो रायान की तरफ मुड़ी, लेकिन इससे पहले कि वो कुछ कह पाती, तहखाने का दरवाज़ा टूट गया।एक मास्क वाला आदमी अंदर घुसा, उसकी बंदूक सीधे अहाना पर तनी थी।

💥 To Be Continued…

अहाना अब एक ऐसे जाल में है, जहाँ हर सच एक नया सवाल लाता है।

रायान पर भरोसा करे, या रवि की बातों पर यकीन करे?
उसके पापा का आखिरी संदेश क्या छुपा रहा है?
और वो मास्क वाला शख्स कौन है?

Part 10 में होगा:

अहाना का जीवन-मृत्यु का फैसला।रायान और रवि का आखिरी टकराव।एक ऐसा सच, जो अहाना की दुनिया को हमेशा के लिए बदल देगा।अगर ये हिस्सा आपके दिल की धड़कनें बढ़ा गया, तो फॉलो करना न भूलें। क्योंकि अब कहानी का हर पल एक नया तूफ़ान लाएगा।


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