Three best forever - 17 in Hindi Comedy stories by Kaju books and stories PDF | थ्री बेस्ट फॉरेवर - 17

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थ्री बेस्ट फॉरेवर - 17

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( >💜💌💜 हेलो होलाला कैसे हो ? अब जैसे भी हो मुझसे कम हैंडसम हो खैर मैं स्टोरी का मेन चौकीदार तुम्हारा सोना बाबू बंकु 😁next ep के साथ हाजिर हु पढ़ लो आगे,,,

सभी उनके राक्षस अवतार की इमेजिंग करने लगे सभी की रूह काप अंदर तक उठी और सभी घबराते हड़बड़ाते अपने अपने रास्ते चल दिए। अब आगे,,,,

वेज डायनिंग रूम और नॉनवेज डायनिंग रूम अगल बगल ही था जैसे ही सभी अंदर पहुंचे हक्के बक्के रह गए। क्योंकि वेज डायनिंग रूम और नॉनवेज डायनिंग रूम के बीच में दीवार की जगह मोटा कांच का दीवार खड़ा था जिससे आर पार देखा जा सकता था सभी इस पार से उस पार एक दूसरे को देख आखें बड़ी बड़ी कर हैरान खड़े थे। 
मस्तानी जिसके चेहरे पर मस्ती वाली मुस्कान थी 
बोली "इस दीवार वाले मिर्न का राज बताऊं ये,,," 

"रहने दे हमे पता है आर पार सिर्फ देख सकते है पर आवाज नहीं सुनाई देगी" धनेशी ऐसे बोली जैसे दुनियां भर का ज्ञान प्राप्त कर ली हो उसका साथ देते हुए रिचा मुंह बनाकर बोली "हा में भी बहुत बार देख चुकी हु ये सीशा अब बोर हो चुकीं हु" 

"मेरी बात तो सु,,," मस्तानी की बात फिर काट कर धनेशी बोली "कहा ना हमे पता है रहने दे क्यू टाइम वेस्ट कर रही" 

रिचा मेकअप पुताई करतें हुए "बिलकुल सही बोली वेस्ट की  दुकान हैं ये " 

तभी एक सख्त भरी आवाज आई "तुम दोनो बंद्दीमाग लड़की एक बार उसकी बात सुन तो लो" 
ये आवाज सुन मस्तानी को छोड़ सभी सहम गए। और सामने लगे शीशे के दुसरी तरफ देखे जहां ज्ञानेद्रीय सर झल्लाए हुए खड़े उन्हे ही घूर रहे थे। 

फिर सभी मस्ती को देखे।
मस्तानी भौंहे उठा कर "क्या,,,? ऐसे क्या देख रहे ? यही राज बताना चाह रही थी की देखने के साथ बात चीत सुन सुनाई भी जारी रहेगी लेकिन ये दोनो चिपकलिया,,, खैर छोड़ो चलो जिसका जो मर्जी ऑर्डर कर ठूसो"

फिर क्या सभी अपनी पसंद के डिसेज ठूसने में लग गए। सभी लोग खाना ऐसे खुशी से ठूस रहे थे जैसे पहली बार ऐसा लजीज खाना खा रहें हो या तक की एक दूसरे से छीना झपटी पर भी उतर आए। 

मस्तानी मेकअप पोत रही रिचा की ओर अपना प्लेट सरका कर नौटंकी करते हुए "ओए लीपा पोती की दुकान अपना वाला ठूस ना मेरा क्यू छीन रही " 

रिचा लिपस्टिक लगा ते हुए "मै कब छीनी?" 

" जरूर कोई प्रेत आत्मा होगा अब आएगा मजा" उत्साह उत्साहित होकर बोला। 
सभी उसे घूरने लगे तो वही राहुल उसके प्लेट का चिकन लॉलीपॉप चुरा लिया और बोला "सच में प्रेत आत्मा है देख तेरा चिकन लॉलीपॉप गायब हो गया"  

"साले मेरे आखों के सामने चुराया तू अभी" ये बोल उत्साह उसके हाथ से छीन लिया। 
ऐसा सिर्फ नॉनवेज डाइनिंग रूम में हो रहा था वरना दूसरी ओर वेज डाइनिंग रूम में तो अशांति वाली शांति पसरी हुई थी। क्युकी इस ओर जो हंगामा चल रहा था उसका पूरा शोर वेज डायनिंग रूम में छा गया था। जिससे प्रिंसीबल सर का दिमाग सटक गया था और वो मनीष को घूरते हुए खाना खा रहें थे। वही मनीष सर झुकाए खाना खा रहा था। 

"सर थोड़ा उठाकर खा बेटा वरना प्लेट में ही गिर जायेगा" प्रिंसिबल सर की अजीब बात सुन सभी खाते खाते खांसने लगे।

प्रिंसिबल सर कन्फ्यूज होकर "क्या हुआ? कुछ गलत बोल दिया मैंने??" 

"नही सर मुझे अपनी गलती का एहसास हुआ इसलिए खांसी आ गई" मनीष बड़ी मासूमियत से बोला।

प्रिंसिबल सर सबकी तरफ़ सवाल भरी नज़रों से 
घूरते हुए "तो फिर बाकी सबको???" 

सभी हड़बड़ाते हुए "ह,, हमे भी हमें भी" 

ऐसे सबका डिनर टाईम खत्म हो जाता हैं और सभी गेमिंग रूम में कदम रखते हैं। जहा पुरा का पूरा केसिनो था लेकीन एकदम भूतिया स्टाइल में सजा हुआ गेम्स मशीन ऐसे थे की देखने भर से लोग डर जाए खेलने की तो दूर की बात डरपोक लोग तो चिल्लाते हुए बाहर निकल भागे जिनमे से सिर्फ रिचा धनेशी स्ट्रॉन्ग और विजेंद्र सर तो गए ही नही अंदर क्युकी मोहिंता मेम बाहर थी तो उनको छोड़ कैसे चले जाते इन पांचों को छोड़ सभी अंदर प्लेयर बने हुए भूतिया गेमिंग खेल रहे थे।

"यहां के गेम्स तो सुपर कूल हैं यार ले चलूं क्या ये कैसिनो  घर" मस्तानी खूनी नर्क कार रेसिंग गेम खेलते हुए बोली। उसकी बात सुन सभी उसे घूरते हैं। 

"तेरे मामा जी का भाड़े का कैसिनो है ना जो ले चलेगी पगलेट कही की" रीयु की बात सुन सभी की हसी छूट गई तो वही मस्ती का मुंह बन गया।

"अब बंदरिया जैसा मुंह मत बना चल दूसरा गेम खेलते हैं" रियू के ये बोलते ही मस्ती और छोटा सा मुंह बनाकर उसे घूरने लगी। 
मनीष ये देख उसके कान के पास धिरे से हल्के गुस्से में बोला "क्या कर रही रीयू आज के दिन तो उसे उदास मत करो प्लीज बिचारी को तो याद भी नही आज क्या है" 

"हा हा ठीक है पर क्या करू उसे तंग किए बीना मुझे चैन नहीं मिलता" रियू दात दिखाते हुए बोली।
तो मनीष उसे घूरते हुए "आज की रात के लिए अपने चैन को भाड़े पर रख दो" उसकी बात सुन रियू का मुंह बन गया।

"मस्ती तुम,,,," मनीष उदास हुई मस्ती को खुश करने की कोशिश करने वाला था की वो देखा मस्ती वहा से राहुल के चल रहे गेम में विघ्न डालने में षड्यंत्र रच रही थी। 

"ही ही ही अब मजा आएगा जब तेरा मजा होगा किरकिरा" और शैतानी स्माइल कर वायर निकाल बटन ही ऑफ कर दिया और बिचारा राहुल "क्या हुआ ? क्या हुआ?" रटते जा रहा है। मनीष ये देख सर पीट लिया।

"देख तेरी उदास मस्ती कितनी उदासी भरा कार्य कर रही,,, हूं बड़ा आया मुझपे ज्ञान झाड़ने" रियू ताना बाना कस्ते हुए बोली

मनीष मुंह छिपाते हुए मस्ती की तरफ बढ़ने लगा।
वही मस्ती इधर उधर देख खिसकने के फिराक में थी की कोई उसका कान पकड़ हल्के से मोड़ दिया मस्ती समझ गई की कौन है "अरे यार मनी हमेशा सही टाइम पे क्यू टपक पड़ता तू काम बिगाड़ने" 

मनीष फुसफुसाते हुए "हा हा देख रहा हूं कितना महान काम कर रही तू चल जल्दी वायर जोड़ ठीक कर वरना मैं ज्ञानेद्रीय सर से तेरी शिकायत दर्ज कर दूंगा" 

मस्तानी झूठे गुस्से से "अबे तेरी इतनी हिम्मत तू मुझे धमकी देगा" 

उसकी बात सुन मनिष उसके सामने हाथ जोड़ते हुए बोला "मेरी कहा इतनी औकात की मैं आप महान पागलों की सरदारनी को धमकी दू मैं तो बस चेतावनी दे रहा था" 

इन दोनों के कानाफूसी रीयु कान खीच कर सुन रही थी वो ख़ुद से बोली "साला ये तो इस नौटंकी से भी आगे निकला" 

तो यहां मस्ती भी वही बोली "अबे तू तो मूझसे भी आगे निकला" 

"अब जो मैं बोला मान मेरी बात या फिर,,," मनीष अपनी बात पुरी करता की 


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( >💜💌💜 हे भगवान लेखु दी मुझे भी कोई बाबू सोना बोलने वाली देदो 🙏😩

लेखिका: अबे बंकू sorry 😐 यार लेकिन ऐसा नहीं होगा  क्युकी ये लव स्टोरी नही फ्रैंड्स स्टोरी है। इसलिए वेट करो new लव स्टोरी आने का उसमे एंड कर दूंगी तूझे तेरी लैला के साथ डोंट वरी

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( >💜💌💜 क्या बात कर रही हो दीईई,,,,🤩🤩🤩🤩🤩🤩🤩🤩🤩🤩🤩 ओए होए बल्ले बल्ले ओए होए शावा शावा,,,मेरे सपनो की रानी जल्दी आएगी तू,,,😘🌹🌹🌹🌹🥰🥰🥰🥳🥳🥳