✨ Dream Girl – एक ख्वाब जो हकीकत बन गया ✨
रात के सन्नाटे में आसमान के तारों को निहारते हुए विराज की आँखों में सिर्फ एक चेहरा था – सिया, उसकी ड्रीम गर्ल।
वो पहली बार सिया से कॉलेज लाइब्रेरी में मिला था। नीली ड्रेस में सिया किसी परी जैसी लग रही थी। उसकी हल्की मुस्कान और चमकती आँखों ने विराज के दिल में एक जादू सा भर दिया।
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पहली बात – जिसने सब बदल दिया
"हाय, ये किताब ‘A Walk To Remember’ अच्छी है क्या?"
विराज ने झिझकते हुए पूछा।
सिया ने मुस्कराकर कहा,
"अगर सच्चे प्यार पर विश्वास करते हो, तो ये किताब तुम्हें रुला देगी।"
उस एक मुस्कान ने विराज की पूरी दुनिया बदल दी।
तब से लाइब्रेरी, किताबें, और सिया – सब विराज की धड़कनों में बस गए।
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दिल की दुविधा
विराज चाहता था सिया से अपनी मोहब्बत का इज़हार करे,
पर डरता था – अगर उसने मना कर दिया तो?
हर रात उसकी फोटो देखकर फुसफुसाता –
"तुम ही मेरी ख्वाबों की रानी हो, काश एक दिन तुम मेरी बन जाओ।"
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Farewell की रात – दिल की बात
कॉलेज का आखिरी दिन।
सिया ने लाल गाउन पहना था। वो सच में ड्रीम गर्ल लग रही थी।
छत पर खड़े होकर विराज ने हिम्मत जुटाई –
"सिया… तुम मेरी ड्रीम गर्ल हो। क्या तुम मेरी जिंदगी का हिस्सा बनोगी?"
सिया की आँखें नम थीं।
"विराज, काश ये इतना आसान होता। कल मैं अमेरिका जा रही हूँ… शायद हम फिर कभी न मिलें।"
विराज का दिल टूट गया,
पर उसने मुस्कराकर कहा,
"अगर तुम्हारी खुशियों में मेरी मोहब्बत का त्याग है, तो मैं हमेशा चुप रहूँगा।"
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3 साल बाद – किस्मत का खेल
अब विराज एक मशहूर लेखक था। उसकी किताब “Dream Girl” बेस्टसेलर बनी।
लोग पूछते,
"ये ड्रीम गर्ल कौन है?"
वो बस मुस्कुराता और कहता –
"वो मेरी सबसे अधूरी मोहब्बत है।"
फिर एक दिन उसकी साइनिंग इवेंट में वो लौटी… सिया!
"विराज… तुमने मुझे कभी भुलाया नहीं?" उसने भावुक होकर कहा।
विराज ने उसकी आँखों में देखा,
"ख्वाब भुलाए नहीं जाते, सिया… खासकर वो, जो दिल में घर बना लें।"
और उस दिन, उनकी अधूरी मोहब्बत पूरी हो गई।
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कहानी का मैजिक
सच्चा प्यार कभी अधूरा नहीं रहता। अगर आप दिल से चाहते हैं, तो किस्मत उसे किसी न किसी तरह वापस ले आती है।
Dream Girl – Part 2 (विराज और सिया की नई शुरुआत)
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फिर से शुरुआत
उस किताब साइनिंग इवेंट के बाद विराज और सिया की मुलाकातें बढ़ने लगीं।
विराज अब भी वही था – शांत, सच्चा और सिया से बेइंतहा मोहब्बत करने वाला।
लेकिन अब फर्क ये था कि सिया भी महसूस कर चुकी थी कि उसका दिल विराज के बिना अधूरा है।
एक शाम सिया ने कहा,
"विराज, जब तुमने मुझसे तीन साल पहले अपने दिल की बात कही थी, तब मैं समझ नहीं पाई कि सच्चा प्यार क्या होता है। पर अब जानती हूँ… मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी ख्वाहिश तुम हो।"
विराज के दिल में जैसे ढेरों रंग भर गए।
उसने बस इतना कहा,
"सिया, तुम मेरी कहानी की सबसे खूबसूरत लकीर हो।"
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परिवार की मंजूरी
प्यार को शादी का नाम देना आसान नहीं था।
विराज ने अपने माता-पिता को सिया के बारे में बताया। शुरुआत में परिवार को थोड़ा समय लगा, लेकिन जब उन्होंने सिया को जाना, तो सबने मुस्कान के साथ हामी भर दी।
दूसरी तरफ, सिया के पापा पहले विराज की साधारण जिंदगी से खुश नहीं थे।
"वो लेखक है, करोड़पति नहीं," उन्होंने कहा।
सिया ने जवाब दिया,
"पापा, पैसा हर चीज नहीं होता। विराज मुझे खुश रख सकता है। और क्या खुशियों से बड़ा कोई खजाना होता है?"
सिया की बातों ने पापा का दिल पिघला दिया। आखिरकार दोनों परिवारों ने शादी के लिए मंजूरी दे दी।
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शादी का सपना
उनकी शादी किसी सपने जैसी थी।
लाल जोड़े में सिया किसी रानी जैसी लग रही थी।
विराज ने सिया की आँखों में देखा और बोला –
"तुम मेरी ड्रीम गर्ल नहीं, मेरी जिंदगी की सबसे हकीकत बन चुकी ख्वाब हो।"
सात फेरे, ढेर सारे आशीर्वाद और प्यार के बीच उनकी कहानी नई उड़ान भरने लगी।
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नया सफर – साथ जीने का वादा
शादी के बाद विराज और सिया अपने नए घर में शिफ्ट हुए।
हर सुबह सिया विराज की किताबें पढ़ती और उसकी नई कहानियों पर अपनी राय देती।
एक दिन सिया ने कहा –
"क्यों न हम मिलकर एक किताब लिखें? जिसमें हमारी मोहब्बत की कहानी हो।"
विराज मुस्कुराया –
"किताब नहीं सिया, हमारी मोहब्बत ही सबसे खूबसूरत कहानी है।"
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एक प्यारा सरप्राइज
कुछ महीने बाद, सिया ने विराज को एक चिट्ठी दी।
"तुम्हारी ड्रीम गर्ल अब तुम्हें एक नया सपना दे रही है," चिट्ठी में लिखा था।
विराज ने हैरानी से सिया की ओर देखा।
"मैं माँ बनने वाली हूँ," सिया ने धीरे से कहा।
विराज की आँखों से खुशी के आँसू बह निकले।
"अब हमारी कहानी में एक नया किरदार आ रहा है – हमारे प्यार की निशानी।"
कहानी का मैजिक – पार्ट 2 का अंत
सपनों से शुरू हुई उनकी कहानी अब हकीकत की सबसे खूबसूरत तस्वीर बन चुकी थी।
विराज और सिया जानते थे कि सच्चा प्यार सिर्फ मिलने का नाम नहीं, बल्कि साथ निभाने का वादा है।