चैप्टर 38
रीकैप
पिछले चैप्टर में है हम पढ़ते हैं कि किस तरह से शशांक आरोही इमोशनल होते हैं तो दूसरी तरफ हम पढ़ते हैं कि पालकी और प्रणय दोनों अमेरिका के लिए निकल चुके हैं ।
अब आगे।
फ्लाइट के अंदर
प्रणय और पालकी को अपनी सीट मिल जाती है, प्रणय पालकी को विंडो सीट पर बिठाकर कुछ साइड में बैठ जाता है।
इस वक्त पालकी बहुत ही ज्यादा नर्वस दिखाई दे रही थी क्योंकि यह उसका पहला फ्लाइट एक्सपीरियंस होगा।
ऊपर से वह पहली बार अकेली कहीं जा रही थी वह भी इतना दूर प्रणय उसके साथ था पर प्रणय भी उसके लिए अभी भी अनजान ही था।
जिसकी वजह से वह डर रही थी। प्रणय पालकी को यू घबराते देखकर उसके ध्यान भटकाने के लिए बात करना शुरू कर देता है।
जिसकी वजह से पालकी का थोड़ा सा ध्यान है भी जाता है प्रणय उसे संवि और आर्य के बारे में बता रहा था तो सवाल उसके कंपटीशन को लेकर कर रहा था।
जिस पर पालकी भी उसे जवाब देती है।
फ्लाइट टेक ऑफ हो जाती है जिसका पता पालकी को नहीं चलता है।
ऐसे ही कुछ वक्त बीतता है तो पालकी को नींद आने लगती है तो वह अपना सर, जाने अनजाने में प्रणय के कंधे पर रखती है। जिसकी वजह से प्रणय का दिल जोर से धड़कने लगता है। और वह थोड़ा बहुत अनकंफरटेबल भी हो जाता है।।
शर्मा हाउस।
शर्मा हाउस में इस वक्त जया जी, रुद्रा जी, सिद्धार्थ, तरुण और वीर आते हैं जिनका स्वागत अंकिता जी बहुत अच्छे से करती है।
उसके बाद जया जी अंकिता जी से सगाई की तैयारी के बारे में पूछती है तो, अंकिता जी वही जवाब देती है जो शशांक ने उनसे बताया था।
वह जया जिसे बोलती हैं मांझी राम जी और hall सिद्धार्थ भाई साहब ने बुक कर लिया है। उसे हॉल का डेकोरेशन बच्चे अपने हिसाब से करना चाहते हैं और कैटरिंग का भी हो चुका है अभी बस मेहमान के लिस्ट बनाना है और उनके लिए गिफ्ट की शॉपिंग करनी है और थोड़ी बहुत सगाई के पूजा और दूसरे चीजों की शॉपिंग करनी है ।
जिसके लिए मैं , इशिता और रुचिता जाने वाले हैं पूजा की शॉपिंग करने के लिए और बाकी तैयारी जैसे गैस के लिस्ट आप और खुशी आंटी मिलकर करने वाले हो।
और रही बात कपड़ों की तो सब अपने अपने कपड़े खुद शॉपिंग करेंगे या डिजाइनर को बुला लेंगे क्योंकि आरोही और तरुण चाहते कि सब अपने पसंद से कपड़े पहने।
और रही आरोही और तरुण की सगाई की अंगूठी और कपड़ों की तो वह दोनों खुद अपनी शॉपिंग करने के लिए जाने वाले हैं।
कुछ देर तक ऐसे ही वह लोग सगाई के बारे में बात करते हैं।
कपाड़िया मेंशन में।
इस वक्त सारा घर खामोश था क्योंकि शिवाय और वनराज ऑफिस के लिए जा चुके थे बच्चे पार्क में थे खुशी जी और अरनव की गार्डन में बैठकर एक दूसरे से बातें कर रहे थे। रमन जी अपने कमरे में आराम कर रहे थे। दुर्गा अस्पताल के लिए निकल चुकी थी। किचन में इशिता जी और रुचिता दोनों मिलकर शाम के प्रसाद के तैयारी कर रहे थे क्योंकि सबने तो सुबह ही फरहाल किया था और बच्चों ने नाश्ता लेकिन अभी बच्चों का दोपहर का खाना और शाम की भोग लगाने की तैयारी चल रही थी।
कपाड़िया हाउस में
शेखर जी उर्मिला जी दोनों हाँल में साथ बैठकर अपनी चाय पीते हुए एक दूसरे से बात कर रहे थे जिसमें शेखर जी उर्मिला जी को बताते हैं कि शिवाय लौट कर आया है और उसके साथ दो बच्चे भी आए हैं। जिसे सुनकर वह पहले तो हैरान रह जाती है।
फिर जैसे जैसे वह शेखर जी की बात सुन रही थी वैसे वैसे उनके चेहरे पर एक कुटिल मुस्कान आती है।
उर्मिला जी शेखर जी की बात सुनकर पहले तो एक चालाकी भरा मुस्कान देती है और शेखर जी से बोलती है कि चलो आज हमें कपाड़िया मेंशन जाना होगा आखिर इतने सालों बाद उनके परिवार में खुशियां आई है तो उन खुशियों को मनाने के लिए हमें भी शामिल होना होगा वैसे भी वह मेरे देवर और देवरानी का घर है।
उन दोनों की बातें मोहिनी जी सुन रही थी और वह अपने मन ही मन प्रार्थना कर रही थी कि उसकी सास और पति वहां जाकर कुछ कांड ना कर दे।
जिस पर शेखर उन्हें बोलता है कि बा हम लोग वहां क्यों जाएंगे ,वैसे भी उन लोगों का हमसे कोई रिश्ता नहीं है।
आप जानती हो ना कि उनकी वजह से हमने क्या-क्या शाह है आज बाबा की हालत की वजह वह लोग है।
जिस पर उर्मिला जी अपनी आंखों में गुस्सा लाते हुए बोली मैं भूली नहीं हूं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं उन लोगों को यूं खुशियां मनाते देखती रहो।
और वैसे भी मैंने जो कहा है वह करो आज भी इस घर में मेरी बात चलती है और आगे भी चलेगी यह मत भूलो ,इतना बोल कर वहां से चली जाती है।
शेखर जी कुछ और बोलना चाहते थे पर उर्मिला जी की बात सुनकर अपनी बात अपने मुंह में ही दबाते हैं।
उर्मिला जी अपने और तेज जीके कमरे में जाती है और जोर से दरवाजा बंद कर कर तेज जी को देखती हैं।
वह उनके करीब जाकर बैठती है और जोर से हंसने लगती है और तेडी नजर कर कर उन्हें देखते हुए बोली देखा आपने किस तरह से आपके खानदान को तोड़ कर रख दिया है, कल तक आपको कितना भरोसा था कि आपका परिवार कभी भीकरेगा नहीं लेकिन मैंने यानी आपकी धर्मपत्नी उर्मिला ने (चुटकी बजाते हुए) आपकी यकीन को तोड़ दिया है , कल तक जो दोनों भाई एक दूसरे के लिए कुछ गलत सुन नहीं सकते थे आज एक दूसरे से नफरत कर बैठते हैं।
इतना बोलकर वह हंसने लगती है पर उनकी हंसी एकदम गायब होकर उनकी आंखों में नमी आती है पर इस चक्कर में तो मैंने उसे खो दिया आपको पता है आज भी मेरे सीने में दर्द होता है की अपना बदला लेने के लिए मैंने उसका इस्तेमाल किया वह तो मेरा खून थी फिर भी मैंने उसका इस्तेमाल किया इतना बोलकर वह खामोश होती है और अपने आंखों से आंसू पूछते हुए बोली कोई ना वह मुझसे नाराज है ।
वह भी उसे खुशी की वजह से लेकिन एक दिन मान जाएगी तब देखना आप ,जिस तरह मैं शेखर को अपनी तरफ कर लिया इस तरह उसे भी अपनी तरफ कर कर आपकी और आपके परिवार की बर्बादी देखूंगी यह वादा है उर्मिला का आपसे।
सबको लगता है कि आपकी हालत की वजह मोहिनी है पर मैं सच जानती हूं कि आपकी हालत की वजह मैं हूं ।बड़े आए थे मेरा सच सबको बताने अब खुद का ही राम-राम सत्य हो गया है। फिर से एक बार जोर से हंसने लगती है इस वक्त उनकी हंसी बहुत ही ज्यादा डरावनी लग रही थी।
तेज जी की बंद पलकों से पानी बहने लगता है। जिसे देखकर उर्मिला जी उनके आंसुओं को अपने हाथ से पहुंचती है, और उनके चेहरे पर झुक कर बोली क्या काम है इस जिंदगी का जहां आप ना कुछ देख सकते हो ना कुछ कर सकते हो बस लेट कर सब सुन और महसूस कर सकते हो।
मैंने पिछले चैप्टर में तेजी का उम्र 56 बताया था वह एक्चुअली शेखर जी की उम्र है और तेज जी की उम्र 83 है।
शेखर की मोहिनी जी को कपाड़िया मेंशन जाने के लिए तैयार करने के लिए बोलते हैं।
कपाड़िया कॉर्पोरेशन में
इस वक्त शिवाय और वनराज एक इंपॉर्टेंट बात पर डिस्कशन कर ही रहे थे कि तभी शिवाय का फोन बज उठता है जिसे सुनकर वह वनराज को 2 मिनट ठहरने का बोलकर कॉल उठता है। वह बस हेलो बोलता है की दूसरी तरफ से एक आवाज सुनाई देती है, जो शिवाय से बोलता हैं कि, सर हमें mam की लोकेशन मिलगई है। वह इंडिया में ही है और उससे भी ज्यादा इंपॉर्टेंट बात है, याह है कि वह दिल्ली में है।
मैं अभी आपको लोकेशन शेयर कर देता हूं। इतना बोलकर वह आदमी शिवाय को एक लोकेशन सेंड करता है। इस वक्त उस आदमी के बातों में भी बहुत एक्साइटमेंट सुनाई देता है।
उसे आदमी की बात सुनकर शिवाय झट से कॉल कट कर कर लोकेशन खोल कर देखता है और वनराज को बताता है जिसकी वजह से वह दोनों ही अपनी ऑफिस से भागते हुए निकल जाते हैं।।
पार्क में
संवि कौरव के साथ खेल रही थी,आर्य बस संवि को खेलते हुए देख रहा था। तभी 11 या 12 साल का लड़का, आर्य के पास आता है और उससे उसका वीडियो गेम लेने की कोशिश करता है पर आर्य की रिफ्लेक्शन कुछ ज्यादा अच्छे थे कि वह अपने वीडियो गेम को बचा लेता है पर आर्य के अंदर एक 11 साल के बच्चे से लड़ने की इतनी ताकत नहीं थी तो वह बच्चा जोर जबरदस्ती से आगे से उसका गेम खेलने की कोशिश करता है।
आर्य तो शिवाय का बेटा था जो हर नहीं मानता था, जिसकी वजह से वह वीडियो गेम टूट गई थी।
अगर वह बच्चा आर्य से वीडियो गेम खेलने के लिए मांगता तो आर्य दे देता क्योंकि शिवाय ने उसे सिखाया था कि कोई चीज मागे तो उसे मना नहीं करना चाहिए खासकर खेलने की हो तो और आर्य और संवि के लिए शिवाय ने कभी भी खिलौने की कमी राखी ही नहीं तो जिसकी वजह से वह देने से पहले एक बार भी नहीं सोचता था पर उसे बच्चों ने उसकी चीज मांगने की बजे छीनने की कोशिश की जो उसे बर्दाश्त नहीं हुआ।
उसे वीडियो को आई एम को टूटे देकर वह लड़का वहां से जाने लगता है पर आर्य गुस्से से बोल मेरी वीडियो गेम को ठीक कर कर दो।
जिस पर वह लड़का मुड़कर हंसते हुए बोला तुम जानते हो मेरे डैडी कौन है? अगर उन्हें पता चला कि तुम मेरे से ऐसी बात कर रहे हो तो वह तुम्हें नहीं छोड़ेंगे?
उसे लड़के की बात सुनकर भी आर्य अनसुना कर देता है क्योंकि उसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता ताकि वह किसका बेटा है और ना ही यहां किसी को पता था कि आर्य किसका बेटा है बस उन्हें सबको पता था कि आर्य कौरव के साथ आता है। वैसे भी यह सब बातें 5 साल उम्र के बच्चे को कैसे समझ आती है।
आर्य फिर भी अपनी जीत पर आर्डर रहता है और 11 साल के बच्चे के साथ उलझता है।
तभी कौरव और संवि भी आते हैं तो आर्य को किसी से लड़ते देखकर वह आर्य से पूछते हैं कि क्या हुआ जिससे आगे सब कुछ उन्हें बता देता है तो कायर उसे लड़के के पास जाकर उसे आर्य से माफी मांगने के लिए बोलता है पर वह लड़का तो बहुत ही ज्यादा घमंड में था।
वह माफी मांगने के लिए तैयार नहीं होता है।
देखते देखते बच्चों की लड़ाई इतनी बढ़ जाती है कि उसे पार्क में सभी बच्चे दो टीम में बैठ जाते हैं एक वह उसे लड़के मोंटी के साइड होते हैं तो दूसरा कौरव के साथ।
बच्चों की लड़ाई देखते देखते हाथापाई पर आ जाती है। आर्य अपने भाई को ऐसे फाइटिंग करते नहीं देखना चाहता था जिसकी वजह से वह कौरव को मोंटी से दूर करने की कोशिश करता है। लेकिन मोंटी आर्य को इतनी जोर से धक्का मारता है कि वह नीचे गिर जाता है उसके पीठ हाथ के कोने और पैरों पर चोट आती है।
जब संन्नवि ,आर्य को गिरते देखती है तो वह पहले आर्य को उठाती है। और उसे ठीक से खड़ा कर कर उसके चोट को देखने लगती है। जैसे-जैसे वह उसके चोट को देखते हैं तो वह आर्य को बेंच पर बिठाकर उसे पानी देती है और मोंटी के पास चली जाती है, पहले वह अपने कमर पर हाथ रखकर बोली तुमने मेरे छोटे को हाथ कैसे लगाया पहले तो तुमने उसे उसका वीडियो गेम छीनना और सॉरी बोलने के लिए बोला तो मेरे बिग ब्रो पर हाथ उठाया अब मेरे छोटे पर हाथ उठाया मैं तुम्हें छोडूंगी नहीं।
इतना बोलकर वह मोंटी को धक्का देती है जिसकी वजह से मोंटी बैलेंस नहीं कर पाता और गिर जाता है, संन्नवि मोंटी के पेट पर बैठ जाती है, उसके बालों को जोर से खींचते हुए बोली तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे भाइयों को हाथ लगाने की इतना बोलकर वह मोंटी को बड़ी-बूरी तरह से मार रही थी।
पहले तो वहां खड़े सभी बच्चे शौक हो जाते हैं क्योंकि मोंटी एक हट्टा-कट्टा 11 साल का लड़का था और संवि नाजुक सी 5 साल की लड़की मोंटी को इतनी बुरी तरह से मार खाते देखकर कुछ बच्चे मुंह दबाकर हंसने लगे थे और कुछ को संन्नवि से डर लग रहा था। वैसे भी मोंटी सभी बच्चों को ऐसे ही परेशान करता था।
तभी एक औरत, संवि को मोंटी से अलग करती है। और मोंटी को खड़ा कर कर उसे अच्छे से देखती है वह औरत अपने बच्चे की इतनी बुरी हालत देखकर गुस्से से मुड़कर संवि को थप्पड़ मारने वाली थी।
तभी कोई आकर उसे औरत का हाथ पकड़ता है।
स्पॉइल अलर्ट
हॉस्पिटल डॉक्टर डॉक्टर आदमी चिल्लाते हुए आता है उसे आदमी के हाथ में एक लड़की थी जो पूरी तरह से खून से लथपथ थी, उसे आदमी के पीछे और एक आदमी आता है जो एक और आदमी को अपने कंधे पर सहारा देकर दूसरे आदमी के पीछे-पीछे चलने लगता है जो आदमी सहारा ले रहा था वह भी थोड़ा बहुत खून से लथपथ था।
क्या होगा कहानी में आखिर कौन आया है अस्पताल में खून से भरकर।
आखिर किसने बचाया संन्नवि को थप्पड़ खाने से
जानने के लिए पढ़िए है अगला चैप्टर।
यार कमेंट लाइक्स कर दो।
रेटिंग भी दे दो यह बता दो की कहानी आप लोगों को पसंद आ रही है या नहीं आ रही है प्लीज प्लीज प्लीज 🙏🙏