chapter 37
recap
पिछले चैप्टर में हम पढ़ते हैं कि कार्तिक दुर्गा वनराजा शिवाय सभी लोग मासूम लड़कियों की तस्करी को रोक कर उन लड़कियों को सही से सुरक्षित से हेल इन थे हेवन में भेज देते हैं और घर पर आकर अपने अपने कमरे में जाकर सुकून से सो जाते हैं
अब आगे।
शर्मा निवास में
इस वक्त सुबह-सुबह शर्मा निवास में अंकिता जी की आवाज गूंज रही थी। जो नौकरों से जल्दी-जल्दी से किसी चीज की तैयारी करने के लिए चीला रही थी।
राम जी सोफे पर बैठे हुए अखबार पढ़ते हुए चाय पी रहे थे, राम जी को देखकर अंकिता जी बोली यह क्या आप आज तो आप अपनी चाय जल्दी खत्म कर लीजिए पिछले आधे घंटे से आप चाय पी रहे हैं देखिए समय हो रहा है आरोही के ससुराल वाले आजाएंगे और आप इस तरह से आराम से चाय पी रहे हो । जल्दी-जल्दी कीजिए उनसे बात करते हुए ही वह हाल में चीजों की सफाई कर रही है।
उन्हें इतने हड़बड़ा कर और परेशानी में काम करते देखकर
आरोही का बड़ा भाई शशांक अपने हाथों में घड़ी ⌚ पहनाते हुए हाल में आते हुए बोला @ मॉम अब परेशान क्यों हो रही हो ....घर को जाय दादी रूद्र दादा जी, तरुण, वीरा ही तो आ रहे हैं अब घर को अपने सर पर क्यों उठा लिया है।
वैसे भी वह कौन सी पहली बार हमारे घर पर आ रहे हैं जिसके लिए आप इतनी सारी तैयारी कर रही हो। ऐसे बोलते हैं वह अंकिता जी को गले लगा लेता है।
शशांक के ऐसे करने से अंकिता जी कुछ शांत होती है और सोफे पर बैठकर गहरी सांस लेते हुए बोली तुम तो जानते हो ना शशांक आरोही की सगाई का डेट 6 दिन बाद का निकला है अष्टमी के दिन और जय आंटी कितने स्ट्रिक्ट है रीति रिवाज को लेकर । उन्हें एक भी गड़बड़ दिखाई तो कितना सुनाएगी कि तुम जानते हो ना । वैसे भी कितनी सारी सगाई की तैयारी करनी है शॉपिंग जाना है रिंग खरीदना है ,कपड़े लेना है, गिफ्ट लेना है, हॉल बुक करना है मेहमानों को बुलाना है, कैटरिंग, डेकोरेशन इतना सारा काम करना है और तुम्हारे पापा तो बस चाय पीने में ही बिजी है और इन्हें तो अपनी बेटी की शादी की टेंशन ही नहीं है सारी की सारी टेंशन मुझे ही दे रखी है वह यह सब मुंह बनाते हुए और गुस्से में बोल रही थी।
जिसे देखकर शशांक और राम जी के चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान आ जाता है।
शशांक एक मेड को अपने लिए काफी और अंकिता जी के लिए चाय लाने के लिए कहता है वह मेड भी जल्दी से शशांक के लिए काफी और अंकिता जी के लिए चाय लाती है।
शशांक अंकिता जी से बोलता है मोम आप पहले चाय पी लीजिए और रिलैक्स हो जाइए आप इतना परेशान क्यों हो रही है, मैं हूं ना और पापा ने तो सिद्धार्थ अंकल से पहले ही बात कर लिया है और हॉल बुक कर दिया है और कैटरिंग और डेकोरेशन का बोल दिया है अब बस हमारी आरू को डेकोरेशन किस तरह से चाहिए वह चीज वह खुद डिसाइड करेगी तो आप टेंशन मत लीजिए और बात रही शॉपिंग की तो आप इशिता आंटी, रुचिता भाभी, और जाय दादी ,खुशी दादी को लेकर चली जाइए इतना टेंशन क्यों ले रही हो।
शशांक की बात पर अंकिता जी मुस्कुरा देती है और शशांक की भलाई लेते हुए बोली मेरा राजा बेटा एक ही पल में तूने मेरी सारी परेशानी दूर कर दी।
तभी राम जी अपने गले को खराशते हूए बोले क्या कहा आपने यह आपका राजा बेटा है कुछ देर पहले तो आपने यह कहा था कि यह बिल्कुल मेरी तरह है ।अलसी किसी काम का नहीं अब अचानक से आए आपका राजा बेटा हो गया "वह जी वह " आप कितनी जल्दी अपनी बात बदल दिया, इतनी जल्दी सरकार भी अपने बात नहीं बदलता है।
राम जी की बात सुनकर अंकिता जी पहले उन्हें घूर कर देखती है फिर अपनी आंखों को इधर-उधर घूमाते हुए बोली हां तो मैंने गलत क्या कहा है इसके अंदर ना आपके जैसे ही गुण है और कभी कबार मेरे जैसे समझदारी वाली बातें भी कर लेता है इसलिए हुआ ना मेरा राजा बेटा बोलकर फिर से वह एक बार बलाया लेती है।
शशांक अंकिता जी से पूछता है मां अभी तक रू नहीं ऊटी है क्या?
शशांक की बात पर अंकिता जी अपनी माथे पर पीटते हुए बोली हे राम यह लड़की अभी तक उठी नहीं है ससुराल में यह लड़की जरूर मेरा नाक कटवा कर ही मानेगी। इतना बोलकर वह आरोही को उठाने के लिए जाने लगती है पर इससे पहले ही राम जी उनका हाथ पकड़ कर बोलते हैं श्रीमती जी अब क्यों मेरी गुड़िया को परेशान करने के लिए जा रही है, सुकून से सोई है ,वह तो उसे सोने दीजिए ना, अगर आपको जल्दी उठकर आत्मा की तरह जगाने की आदत है तो वह आपकी परेशानी है ना कि मेरी बेटी की।
जब शशांक यह देखता है कि अब उसकी मां उसके पापा पर भड़कने वाली है तो वह धीरे से वहां से चला जाता है। (हाल में अंकिता जी और राम जी को बहस करने के लिए छोड़ देता है) 😂😂
आरोही का कमरा
शशांक आरोही के कमरे में जाता है देखा है कि उसकी प्यारी बहन बेड पर एक डोरेमोन की टेडी को अपने गले लगा कर सोई हुई है, वह कुछ देर आरोही को यूं ही निहारता है और उसके पास जाकर उसके सर के सिरहाने बैठ कर उसके सर पर हाथ फेरते हैं और बोलता है पता नहीं चला कि कब मेरी छोटी सी गुड़िया इतनी बड़ी कैसी हो गई है कुछ दिन बाद वह अपने घर छोड़कर किसी और के घर को चली जाएगी। मेरी छोटी सी गुड़िया कल तक मेरे पीछे पीछे लड़ते हुए भागती थी। जिसकी आदत हमेशा मुझे परेशान करना ही रहता था,अब कभी मुझे परेशान नहीं करेगी। (इस वक्त शशांक कुछ ज्यादा ही इमोशनल हो गया है जिसकी वजह से उसकी आंखें कुछ नाम हो गई है)
आरोही जो सो रही है अब उसकी आंखों से पानी बहने लगता हैं, जब शशांक अपने हाथों पर गीला गीला महसूस करता है वह देखता है कि आरोही की आंखों में आंसू निकल रही है शशांक जल्दी से अपने नाम आंखों को साफ कर कर आरोही को बोलता है उठ जाओ जो सोने का नाटक कर कर मेरी बातें सुनाना, यह तो बड़ी बुरी बात है और आंखों से आंसू क्यों निकल रही हो। तुम्हारी विधाई अभी नहीं हुई है उसमें टाइम है कुछ आशु विदाई के लिए भी बचा कर रखो वरना विदाई के समय आंसू नहीं आए तो ग्लिसरीन मंगवाना पड़ेगा। इतना बोलकर वह हंसने लगता है।
शशांक की बात सुनकर आरोही झटके से उठकर उसके गले लगा कर फूट फूट रोती है क्योंकि इस वक्त वह शशांक की बातें सुनकर बहुत ही इमोशनल हो गई है। (आरोही शशांक के सर सहलाने की वजह से उठ गई थी इसकी वजह से उसने शशांक की सारी बातें सुन लिया है)
आरोही को इस तरह रोते देखकर शशांक उसके पीठ को रब करने लगता है और उसे शांत करवाने की कोशिश करता है।
यह बात आप लोग समझ ही सकते हो कि जब बात लड़की की शादी की होती है तो उसके घर वाले कितना इमोशनल हो जाते हैं। जहां लड़के वाले इस बात से खुशी मनाते हैं कि उनके घर में एक नया सदस्य आने वाला है ।तो लड़की वाले इमोशनल हो जाते हैं क्योंकि वह लोग अपनी दिल के टुकड़े को किसी और के घर भेजने वाले होते हैं जहां उसका आने वाला कल किसी को नहीं पता होता है।
जब आरोही रोना नहीं रोकती है तो वह आरोही को अपने सीने से अलग कर कर उसकी आंखों से आंसू पहुंचने हुए बोला पहले से ही तुम चुड़ैल की तरह दिखती हो अब रो-रो कर आंखें लाल कर लिया है अब तुम सच में चुड़ैल लग रही हो। 👿👻
शशांक की बात पर आरोही चिढ़ जाती है और रोते हुए ही शशांक को पिलो से मरने लगती है और बोलती है यू आर बैड ब्रदर ।
आरोही को मारते देखकर शशांक उसकी मार से बचने की कोशिश करता है और कमरे में दौड़ने लगाता है आरोही भी उसके पीछे पीछे दौड़ती है।
इस वक्त शशांक अपने चेहरे पर बड़ी सी स्माइल लेकर आरोही को चुड़ैल बोलकर चिढ़ाने लगता है।
आरोही शशांक को अपने लिए चुड़ैल बोलते देख कर चिड़ते हुए शशांक को मरने के लिए पूरे रूम में दौड़ती है दोनों कुछ देर ऐसे ही दौड़ रहते हैं एक दूसरे के पीछे टॉम एंड जेरी की तरह पर कुछ देर में दोनों थक जाते हैं और बेड पर पसार जाते हैं।
उसके बाद वह एक दूसरे को देखते हैं और जोर-जोर से हंसने लगते हैं।🤣🤣🤣🤣🤣
दरवाजे पर अंकिता जी राम जी के कंधे पर अपना सर रखकर अपने बच्चों को इस तरह खुश देखकर अपने आंखों में खुशी के आंसू लाते हुए बोली भगवान करे मेरी बच्चों की चेहरे पर मुस्कुराहट ऐसे ही बनी रहे उनकी जिंदगी में कोई दर्द ना हो। उनके सारे दुख और दर्द मुझे ही मिल जाए।
राम जी अंकिता जी को अपनी बाहों में लेकर बोले हम भी आपकी प्रार्थना में प्रार्थना करते हैं और अपने बच्चों के लिए इस तरह ही खुशियां मांगते हैं।
कुछ देर बाद सभी लोग हाल में बैठ जाते हैं और एक दूसरे से बातें करने लगते हैं तभी घर की बेल बजती है तो एक सर्वेंट जाकर दरवाजा खोलता है तो देखा है कि सामने जया जी ,रुद्रा जी सिद्धार्थ, जी खड़े हैं।
जब अंकिता जी उन लोगों को देखते हैं तो वह उन का स्वागत करने के लिए दरवाजे के पास जाती है और उन्हें बिठा कर चाय पानी का इंतजाम करती है।।
कपाड़िया मेंशन में
इस वक्त कपाड़िया मेंशन की हालत कुछ अलग सी है जहां पालकी और प्रणय अमेरिका जाने के लिए तैयार हो जाते हैं तो घर के सारे लेडीज लोग पालकी को घेर कर उसे हिदायत देने लगते हैं कि उसे वहां जाकर उन्हें कॉल करना है टाइम पर खाना खाना है गर्म कपड़े पहनना है क्योंकि अमेरिका में ठंड ज्यादा रहता है और पालकी ज्यादा ही सेंसिटिव है इसीलिए ,ज्यादा काम का स्ट्रेस मत लो और कंपटीशन का चिंता मत करो ऐसे ही वह लोग कुछ ना कुछ उसे हिदायत देने लगते हैं।
और शिवाय प्रणय से पालकी का ध्यान रखने के लिए कुछ इंस्ट्रक्शन देता है । और रेस्टोरेंट में हुई गड़बड़ी को संभालने के लिए बोलता है । प्रणय शिवाय को भरोसा दिलाता है कि वह पालकी का पूरा ध्यान रखेगा और रेस्टोरेंट का पूरा अपडेट उसे देगा।
घर वालों की हिदायत सुनकर दुर्गा पालकी के कंधे पर अपने हाथ टिकती है और दूसरे हाथ से एप्पल खाते हुए बोली दादी आंटी और भाभी यह ना सिर्फ दो हफ्ते के लिए ही अमेरिका जा रही है, वह भी कंपटीशन के लिए ।हमेशा हमेशा के लिए नहीं जा रही है ,जो आप इसे इतनी सारी बातें समझा रहे हो।
दुर्गा की बात सुनकर खुशी जी उसके सर पर मरते हुए बोली बहुत दिनों से मैंने तुझे डांट नहीं लगाया है जिसकी वजह से आजकल तेरी जुबान बहुत चलने लगी है।
खुशी जी की बात सुनकर दुर्गा मुस्कुरा कर अपने बत्तीसी दिखाती है और वहां से सरकाने की कोशिश करती है।
कुछ देर बाद शिवाय वनराज पालकी और प्रणय को लेकर एयरपोर्ट के लिए निकल जाते हैं।
एयरपोर्ट में पहुंचने के बाद टिकट काउंटर से टिकट लेकर सेक्रेटरी से चेक करवा कर लगेज चेक करवा कर प्रणय और पालकी एरोप्लेन में बैठने के लिए चले जाते हैं शिवाय और वनराज उन्हें जाते हुए बस देख पाते हैं क्योंकि उन्हें आगे बढ़ाने की इजाजत नहीं होती है।
कुछ देर बाद अमेरिका का एरोप्लेन हवा में उड़ने लगता है।।
प्रणय और पालकी की यह सफर कैसा होगा? क्या इन दोनों के बीच बढ़ेगी नजदीकी या?
कहानी में आप क्या होगा जाने के लिए पढ़िए agla chapter.