Gadbad - 3 in Hindi Drama by Maya Hanchate books and stories PDF | गड़बड़ - चैप्टर 3

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गड़बड़ - चैप्टर 3

chapter 3 
रीकैप 
पिछले चैप्टर में हम पढ़ते हैं कि पल्लवी और समीक्षा अपने घर के लिए जाते हैं जहां पर पल्लवी की नई उसका इंतजार कर रही थी पर समीक्षा के घर पर समीक्षा के घर वाले उसे पर अत्याचार कर रहे थे। 
पल्लवी एक सपना देखती है कि जिस मैं वह अपनी नानी को खून से लटपट देती है और डर के मारे चिल्ला देता है।

 अब आगे।


पल्लवी को ऐसे चिल्लाते देखकर शकुंतला जी जल्दी से आकर उसे गले लगा कर उसके पीठ को सहलाती है। 
और उसे पूछती है कि क्या हुआ है जिस पर पल्लवी बस उन्हें देखते हैं और जोर से गले लगा कर बोली नई अपना मां और नानू की तरह मत छोड़ कर जाना आप हमेशा मेरे साथ रहना। 
प्लीज नानी आप मुझे कभी मत छोड़ कर जाइए।
आप जो बोलोगी मैं वह सब करूंगी आपके हर बात मानूंगी पर आप मुझे कभी मत छोड़ कर जाना नानी मैंने पहले ही नानू को खो दिया मामा को भी खो दिया पर आपको नहीं खो सकती। 

इस वक्त  पल्लवी का पूरा शरीर कप रहा था उसके आंखों से आंसू बह रहे थे जिसे देखकर शकुंतला जीव से शांत करवाती है और पूछती है कि क्या हुआ है तो पल्लवी अपने सपने के बारे में बताती है जिसे सुनकर शकुंतला जी उसे बोलती है कि ऐसा कुछ नहीं होगा कि वह कभी उसे छोड़कर नहीं जाएगी ‌।
जिस पर पल्लवी बड़ी मासूमियत से पूछती है सच में तो शकुंतला जी हंसकर बोलती है सच्ची में तो पल्लवी अपना पिंकी फिंगर उनके सामने कर कर बोली पिंकी प्रॉमिस जिस पर शकुंतला जी भी अपनी उंगली उसके उंगली में फसाते  हुए बोले पिंकी प्रॉमिस कभी छोड़कर नहीं जाऊंगी।

कुछ देर बाद पल्लवी रेडी होती है और घर के छोटे से मंदिर में जाती है जहां पर एक गणपति जी की और राधा कृष्ण की मूर्ति थी वहां जाकर वह पूजा करती है दिया जलाती है अगरबत्ती जलाकर अपने सपने के बारे में बोलती है और यह बताती है कि भगवान जी आप लाइफ में बहुत सारे प्रॉब्लम दे देना पर नानी को अपने पास मत बुलाना क्योंकि पहले वैसे ही आपके पास मेरे नानू और मांमा  है प्लीज भगवान जी इतना बोलकर ,वह दो तस्वीरों के पास जाती है।
एक तस्वीर में एक बूढ़ा आदमी था तो दूसरे तस्वीर में एक लड़की जो कुछ हद तक पल्लवी की तरह दिख रही थी।

वह उनके पास जाकर भी उनके फोटो के सामने दिया जलते हुए बोली आई होप आप दोनों ऊपर अच्छे से रह रहे होंगे अच्छे से एंजॉय कर रहे होंगे मुझे और नानी को यहां से छोड़कर चले गए अब आपको वहां मजा आ रहा होगा ऊपर, पल्लवी की बातों में मासूमियत और शिकायत दोनों साफ झलक रहे थे।


यह पल्लवी का हर रोज का था कि वह अपने नानू और मम्मी के तस्वीर के सामने शिकायत करने लगती थी कि वह लोग उन्हें छोड़कर कितने मजे में है। 
शकुंतला जी उसे बुलाती है आज नाश्ता कर ले मैं तेरे लिए आज उपमा बनाया है, अपने बाकी शिकायत बाद में कर लेना पहले पेट पूजा कर फिर काम दूजा कर
जिस पर पल्लवी उनके पास आकर उनके साथ नाश्ता करने लगती है तभी समीक्षा भी उन दोनों को ज्वाइन करती है। 
तीनों लोग एक दूसरों के साथ मस्ती मजा करते हुए अपना नाश्ता कर रहे थे उसके बाद पल्लवी घर को साफ करती है तो समीक्षा नाश्ते के बर्तन धो देती है। 
कुछ देर बाद वह लोग तैयार होकर अपने कॉलेज के लिए निकल जाते हैं। 
सिटी कॉलेज 
 (यह कॉलेज प्राइवेट ओर गवर्नमेंट दोनों के अंदर आता है यह कॉलेज शहर का सबसे बड़ा कॉलेज है। यहां अमीर बाप के बिगड़े हुए औलाद भी आते हैं तो जो सच में पढ़ना चाहते हैं वह लोग भी रहते हैं)

समीक्षा अपने बाइक पर आती है तो पल्लवी अपनी स्कूटी पर दोनों को पार्किंग में अपने स्कूटी और बाइक को रखकर कॉलेज के अंदर जाते हैं जहां पर उसके साथ शशि , प्रिया और सोनल ज्वाइन करते हैं।

शशि,समीक्षा और पल्लवी बिजनेस में ग्रेजुएशन कर रहे थे तो, सोनल फैशन इंडस्ट्री और प्रिया एलएलबी कर रही थी।
वह लोग अपने-अपने क्लास के लिए जाते हैं। 
उनका आज का दिन ऐसे ही बीत जाता है सभी लोग अपने क्लास में अटेंड करते हैं और एक दूसरे के साथ कुछ पल बिता कर अपने-अपने घर और हॉस्टल के लिए चले जाते हैं। 

आज उनकी और एक दोस्त नहीं आए थी जिसका नाम रितिका है। 
क्लासेस खत्म होने के बाद समीक्षा और पल्लवी अपने बाइक पर एक रेस्टोरेंट में जाते हैं जहां पर लिखा हुआ था ( fusion station) 


इस रेस्टोरेंट में समीक्षा और पल्लवी पार्ट टाइम जॉब करते थे जहां समीक्षा पार्ट टाइम शेफ का काम करती थी तो पल्लवी वेट्रेस का। 

आज रेस्टोरेंट में कुछ ज्यादा ही हलचल था। लोगों का नहीं बल्कि रेस्टोरेंट के सारे वर्कर्स यहां से वहां घूम रहे थे उनके चेहरे पर परेशानी साफ दिखाई दे रही थी। 

उन सबको ऐसे घूमते देखकर पल्लवी परेशान होकर हेड शेफ  से पूछती है करण अंकल क्या हुआ है आप लोग ऐसे क्यों परेशान हो कुछ हुआ है आज रेस्टोरेंट में? 


जिस पर हेड शेफ अपने टोपी को टेबल पर रखते बोले क्या बोलूं बेटा तुम तो जानती थी कि हमारा रेस्टोरेंट कितने घाटे में चल रहा था आज सुबह हमें रेस्टोरेंट में आने के बाद पता चला कि आज से हमारा बाँस कोई और होगा क्योंकि पुराने बस ने  रेस्टोरेंट को घटा होते देखकर किसी और को बेच दिया है। 

अब उस नये  बॉस ने यह नोटिस दिया है कि पुराने स्टाफ को निकाल कर वह नहीं स्टाफ को ज्वाइन करेंगे और जो पुराने स्टाफ में बहुत अच्छे से कम कर रहे थे।

 बस उन्हें ही रेस्टोरेंट में जब मिलेगा नहीं तो सब लोग इस जब से हाथ धोक बैठेंगे और तुम तो जानती हो कि इस रेस्टोरेंट के हर वर्कर को यह जॉब कितना इंपॉर्टेंट है सारे वर्कर्स का घर इस जॉब के वजह से तो चलता है।
 अब नहीं रहेगा तो सब लोग क्या होगा कुछ लोगो ने तो नया जॉब ढूंढ रहे हैं तो कुछ को नया में जॉब मिल भी गया है पर मुझे ऐसे बूढ़े लोगों को कोई जॉब दे ही नहीं रहा है अब समझ नहीं आ रहा है कि हम क्या करें।
उनकी बात सुनकर पल्लवी भी घबरा जाती है क्योंकि वह भी तो पिछले दो साल से इस रेस्टोरेंट में काम कर रही थी वह भी बहुत मेहनत से उसके पास ऐसी डिग्री नहीं थी कि जहां पर उसे आसानी से कम मिले और वह भी एक स्टूडेंट थी और पार्ट टाइम जब मिलना तो बहुत मुश्किल होता है।

अब वह भी परेशान थी और समीक्षा के पास जाकर सारी बातें बताती है जिसे सुनकर तो समीक्षा को अपने लिए कोई टेंशन नहीं हो रहा था पर वह पल्लवी के लिए टेंशन ले रही थी।
क्योंकि समीक्षा पहले ही इस जॉब को छोड़ने वाली थी, पर वह पल्लवी के लिए यह जॉब कर रही थी। 

तभी एक आदमी वहां आता है और सारे वर्कर्स को एक साथ बुलाकर बोला देखो रात तक तुम लोगों को एक मैसेज पहुंचेगा जहां पर बताया जाएगा कि कल से तुम लोगों को जॉब पर आना है या नहीं तो अब अपने घर के लिए जाओ। वैसे भी आज रेस्टोरेंट की छुट्टी है। इतना बोलकर वह भी वहां से चला जाता है।
उसे आदमी को जाते देखकर सभी वर्कर्स एक दूसरे से कुछ बातें करते हैं और फिर वहां से चले जाते हैं। 
समीक्षा भी रोती हुई पल्लवी को वहां से लेकर जाती है। 
पल्लवी रोते हुए खुद से बोली अगर यह जॉब में नहीं रहेगा तो मैं कॉलेज का फीस कैसे भरूंगी, कैसे अपना उधर चुकाऊंगी। 
कैसे घर चलाऊंगी। 
नानी की दवाइयां घर का किराया लाइट बिल पानी का बिल कैसे दूंगी। 
यह सब सोते हुए वह अपने घर के लिए निकल जाती है। 

क्या  पल्लवी खो बैटेगी अपनी जॉब।।
कैसे निकलेगी पल्लवी इस परेशानी से। 
जानने के लिए पड़ी अगला चैप्टर।