hindi Best Women Focused Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Women Focused in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • कंचन अम्मा

        कंचन अम्मा किसने बनायी चले जाने की रीत रे....दुःख चले साथ साथ सुख चले पीछे र...

छाया प्यार की - 18 By NEELOMA

(सुरीली अपने बेटे प्रमोद से मिलने जेल गई और उसे नित्या से हुई नाराजगी बताई, लेकिन अपनी शुरूआत की गलती नहीं बताई। जेल में प्रमोद अपनी मंगनी और प्रेम के बीच उलझा हुआ बैठा रहा। नित्या...

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गुनाहों की सजा - भाग 16 By Ratna Pandey

नताशा ने वरुण से ऐसा कह तो दिया लेकिन वह बात बताने में झिझक रही थी। तब वरुण ने कहा, "क्या बात है नताशा, यदि तुम नहीं बताना चाहतीं तो कोई बात नहीं।" नताशा ने कहा, "नहीं-नहीं वरुण, ऐ...

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रुह... - भाग 12 By Komal Talati

                                                                             १२."मां, वो कौन थे?" पायल उत्सुकतावश पूछती है।"पता नहीं बेटा, मैं नहीं जानती उन्हें। वो तो अचानक भागते...

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मीरा प्रेम का अर्थ - 12 - इत्तेफ़ाक या साजिश ?.. By sunita maurya

तो क्या आपको सर्दी नहीं लगेगी.... सुधा ने सूरज की तरफ देखकर कहा और आगे चलने लगी... उसके पीछे चलते हुए सूरज ने कुछ नहीं कहा बस वो अपना सर नीचे करके मुस्कुराने लगा......कुछ देर यूहीं...

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अधूरे सपनों की चादर - 1 By Umabhatia UmaRoshnika

पहला अध्याय:---"तमन्ना को कभी नहीं पता चला कि उसकी ज़िंदगी कब सुबह से शाम और शाम से रात में बदलती जाती है।गली के खेल, माँ की व्यस्तता और पिता की चुप्पी के बीच वो बस एक बच्ची थी—जिस...

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विषैला इश्क - 15 By NEELOMA

(सनी, निशा और आद्या जंगल से लौटते हैं, जहाँ आद्या के हाथ पर नाग और निशा के हाथ पर मानव चिह्न उभरता है। घर पहुँचते ही निशा डरते हुए आद्या को सुरक्षित करती है। सनी आद्या की मासूमियत...

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स्नेह श्रद्धा By Ramesh Desai

                                                                                                      स्नेह श्रद्धा                                  ( प्रतिकात्मक तस्वीर )      स्...

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त्रिशा... - 13 By vrinda

त्रिशा राजन से मिलने के बाद अपने मां के कहने पर सीधे अपने कमरें में आई और आराम से कुर्सी पर थक कर बैठ गई। अभी यह सब जो भी हो रहा था उससे वह मानसिक रुप से थकी थकी सी महसूस कर रही थी...

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एक वरदान - संभोग By mood Writer

प्रस्तावना (Introduction)संभोग (Sexual Union) केवल शारीरिक क्रिया नहीं है, बल्कि यह मनुष्य के जीवन में प्रकृति द्वारा दिया गया एक अद्भुत वरदान है। यह प्रेम, आत्मीयता, भावनात्मक जुड...

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THE MUTE MIRROR By BleedingTypewriter

👉 वो लड़की थी… पर उसकी खामोशी किसी चीख़ से भी तेज़ थी।
क्या सचमुच फ़ूल की ज़िंदगी सिर्फ़ दूसरों के लिए थी? या उसके मौन में छुपा था एक विद्रोह?
फ़ूल बचपन से ही खामोश थी। बोल नहीं पा...

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स्त्री क्या है? By Arkan

. *स्त्री क्या है?*जब भगवान स्त्री की रचना कर रहे थे, तब उन्हें काफी समय लग गया । आज छठा दिन था और स्त्री की रचना अभी भी अधूरी थी।इसलिए देवदूत ने पूछा भगवन्, आप इसमें इतना समय क्यो...

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She Who Hides Her Story While Carrying Others' Burdens By sachim yadav

Society’s Misconception About Sex Workersसमाज अक्सर "वेश्या" शब्द सुनते ही गलत सोचने लगता है — मानो वो औरत बुरी हो, गंदी हो, या अपनी मर्ज़ी से ये काम करती हो। लेकिन सच ये है कि ज़्...

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अनपढ़ पति By Ved Prakash

गुड्डी ने M.A (इंग्लिश) अच्छे नंबरों से पास कर लिया था । वह देखने में अत्यंत सुंदर थी,जिसका घमंड उसे बहुत था। वह बीएड करने के बाद एक टीचर बनना चाहती थी। लेकिन उसके मां-बाप उसे और आ...

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कंचन अम्मा By Pallavi Saxena

    कंचन अम्मा किसने बनायी चले जाने की रीत रे....दुःख चले साथ साथ सुख चले पीछे रे....गीत के कितने गहरे अर्थ है. जीवन के गूण रहस्य छिपे है इस गीत में, जीवन से कब, कौन, कैसे, चला जाय...

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दुर्गा By Sethi

भूरे रंग की साड़ी पर हल्के पीले फूल छपे हुए थे। गोरी रंगत उस साड़ी में और अधिक निखर रही थी। आंखों पर काला चश्मा, कंधों तक फैले बाल, और माथे पर भूरे रंग की बिंदी — स्त्रीत्व और आत्म...

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कलंक By Reshu Sachan

“ हाँथ पैर बांधो इसके और खूब मारो “, मारकर फांसी के फंदे में लटका दो इसे “ “ जीते जी कभी घर आ न जाना “ ,,,,, यह महज शब्द नहीं वो नमक और मिर्च था जो बुलबुल के दिल और जिन्दगी के घावो...

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मंजिले - भाग 34 By Neeraj Sharma

मंजिले कहानी सगरहे की घुटन -----जिंदगी चरदिवारी मे बंद होकर रहे गयी.. सकून अब कहा रह गया था। जिंदगी के ऊंचे दाव कोई ईमानदार कैसे खेल सकता था। खेलने के लिए बाईमान होना लाजमी होता है...

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छाया प्यार की - 18 By NEELOMA

(सुरीली अपने बेटे प्रमोद से मिलने जेल गई और उसे नित्या से हुई नाराजगी बताई, लेकिन अपनी शुरूआत की गलती नहीं बताई। जेल में प्रमोद अपनी मंगनी और प्रेम के बीच उलझा हुआ बैठा रहा। नित्या...

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गुनाहों की सजा - भाग 16 By Ratna Pandey

नताशा ने वरुण से ऐसा कह तो दिया लेकिन वह बात बताने में झिझक रही थी। तब वरुण ने कहा, "क्या बात है नताशा, यदि तुम नहीं बताना चाहतीं तो कोई बात नहीं।" नताशा ने कहा, "नहीं-नहीं वरुण, ऐ...

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रुह... - भाग 12 By Komal Talati

                                                                             १२."मां, वो कौन थे?" पायल उत्सुकतावश पूछती है।"पता नहीं बेटा, मैं नहीं जानती उन्हें। वो तो अचानक भागते...

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मीरा प्रेम का अर्थ - 12 - इत्तेफ़ाक या साजिश ?.. By sunita maurya

तो क्या आपको सर्दी नहीं लगेगी.... सुधा ने सूरज की तरफ देखकर कहा और आगे चलने लगी... उसके पीछे चलते हुए सूरज ने कुछ नहीं कहा बस वो अपना सर नीचे करके मुस्कुराने लगा......कुछ देर यूहीं...

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अधूरे सपनों की चादर - 1 By Umabhatia UmaRoshnika

पहला अध्याय:---"तमन्ना को कभी नहीं पता चला कि उसकी ज़िंदगी कब सुबह से शाम और शाम से रात में बदलती जाती है।गली के खेल, माँ की व्यस्तता और पिता की चुप्पी के बीच वो बस एक बच्ची थी—जिस...

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विषैला इश्क - 15 By NEELOMA

(सनी, निशा और आद्या जंगल से लौटते हैं, जहाँ आद्या के हाथ पर नाग और निशा के हाथ पर मानव चिह्न उभरता है। घर पहुँचते ही निशा डरते हुए आद्या को सुरक्षित करती है। सनी आद्या की मासूमियत...

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स्नेह श्रद्धा By Ramesh Desai

                                                                                                      स्नेह श्रद्धा                                  ( प्रतिकात्मक तस्वीर )      स्...

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त्रिशा... - 13 By vrinda

त्रिशा राजन से मिलने के बाद अपने मां के कहने पर सीधे अपने कमरें में आई और आराम से कुर्सी पर थक कर बैठ गई। अभी यह सब जो भी हो रहा था उससे वह मानसिक रुप से थकी थकी सी महसूस कर रही थी...

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एक वरदान - संभोग By mood Writer

प्रस्तावना (Introduction)संभोग (Sexual Union) केवल शारीरिक क्रिया नहीं है, बल्कि यह मनुष्य के जीवन में प्रकृति द्वारा दिया गया एक अद्भुत वरदान है। यह प्रेम, आत्मीयता, भावनात्मक जुड...

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THE MUTE MIRROR By BleedingTypewriter

👉 वो लड़की थी… पर उसकी खामोशी किसी चीख़ से भी तेज़ थी।
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फ़ूल बचपन से ही खामोश थी। बोल नहीं पा...

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स्त्री क्या है? By Arkan

. *स्त्री क्या है?*जब भगवान स्त्री की रचना कर रहे थे, तब उन्हें काफी समय लग गया । आज छठा दिन था और स्त्री की रचना अभी भी अधूरी थी।इसलिए देवदूत ने पूछा भगवन्, आप इसमें इतना समय क्यो...

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She Who Hides Her Story While Carrying Others' Burdens By sachim yadav

Society’s Misconception About Sex Workersसमाज अक्सर "वेश्या" शब्द सुनते ही गलत सोचने लगता है — मानो वो औरत बुरी हो, गंदी हो, या अपनी मर्ज़ी से ये काम करती हो। लेकिन सच ये है कि ज़्...

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अनपढ़ पति By Ved Prakash

गुड्डी ने M.A (इंग्लिश) अच्छे नंबरों से पास कर लिया था । वह देखने में अत्यंत सुंदर थी,जिसका घमंड उसे बहुत था। वह बीएड करने के बाद एक टीचर बनना चाहती थी। लेकिन उसके मां-बाप उसे और आ...

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कंचन अम्मा By Pallavi Saxena

    कंचन अम्मा किसने बनायी चले जाने की रीत रे....दुःख चले साथ साथ सुख चले पीछे रे....गीत के कितने गहरे अर्थ है. जीवन के गूण रहस्य छिपे है इस गीत में, जीवन से कब, कौन, कैसे, चला जाय...

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दुर्गा By Sethi

भूरे रंग की साड़ी पर हल्के पीले फूल छपे हुए थे। गोरी रंगत उस साड़ी में और अधिक निखर रही थी। आंखों पर काला चश्मा, कंधों तक फैले बाल, और माथे पर भूरे रंग की बिंदी — स्त्रीत्व और आत्म...

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कलंक By Reshu Sachan

“ हाँथ पैर बांधो इसके और खूब मारो “, मारकर फांसी के फंदे में लटका दो इसे “ “ जीते जी कभी घर आ न जाना “ ,,,,, यह महज शब्द नहीं वो नमक और मिर्च था जो बुलबुल के दिल और जिन्दगी के घावो...

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मंजिले - भाग 34 By Neeraj Sharma

मंजिले कहानी सगरहे की घुटन -----जिंदगी चरदिवारी मे बंद होकर रहे गयी.. सकून अब कहा रह गया था। जिंदगी के ऊंचे दाव कोई ईमानदार कैसे खेल सकता था। खेलने के लिए बाईमान होना लाजमी होता है...

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