टाम ज़िंदा है --------- (11)
दखल वरंट निकले। ज्योति को पकड़ा जाये। बस फिर कया। पुलिस निकल पड़ी एक ऐसे अभियान की ओर.... ज्योति को पकड़ना उनका मत्व था।
उसको हर ठिकाने मे ढूंडा जा रहा था। 11 पुलिस वाले होंगे, जिसको अपरेट कर रहा था भवानी सिंह....
कही भी वो दिखायी नहीं दें रही थी।
उसके घर का ताला तोड़ दिया गया। कंप्यूटर और usp कितनी ही थी होंगी कोई बीस के करीब। और सर्च वरंटो तहत हर चीज खंगाली गई। गैर जिम्मेदार रिवाल्वर और फोर्टि सेवन घर से मिली थी.... करसी भी मिली थी। एक उसकी जवानी की शादी किस साथ कोई डेटा नहीं था।
ज्योति पुलिस वालो के लिए सर दर्द बन चुकी थी।
पड़ोसी से पता लगाया था ------ उसने कहा था " हम इसे शैली के नाम से जानते है " चुप थे पुलिस वाले।
कितना कहर था, कितना माहौल गुड़े गर्दी वाला था। भवानी कहा " त्रिपाठी ये ज़ब तक पकड़ी नहीं जाती, कब तक केस सॉल्व नहीं होगा। " चुप थे सब।
" कहा है, धरती या आसमान निगल गया "-----भवानी ने आपने आप से सवाल किया।
तभी ----- अचानक --------
मोबाईल की घंटी वजी ----" सर एक लाश मिली है, किसी लेडीज़ की... "उसका मुहहदरा सर ज्योति पर जाता है "
भवानी समझ रहा था ----" कहा से मिली लाश ? "
"सर ---- सागर किनारे " भवानी ने पूछा फिंगर प्रटिंग होई ----" उधर से -----" सर मछलियो ने सब बॉडी को नोचा हुआ है। "
"----ओके " भावनी ने ग़ुथी सुलझानी चाही थी मगर नहीं, कामजाब नहीं हुआ।
फिर वो सब समान उठा के हेड ऑफिस रवाना हो गए थे।
पास उनके था, करंसी अमरीका की, हथेयार, आईडीया, कंप्यूटर और usp 20 के करीब।
काफ़ी था... समान उस तक पहुंचने को, जो ये करा रहा था।
फिर सनाटा था...
वो आ चुके थे। उसी हेड आफिस मे, तभी एक शक्श जो हेट और सजा धजा था... वो उनके सामने से गुजर गया था।
उसने ये सब कुछ पुलिस थाने मे जमा करा दिया था।
भवानी सिंह सोच रहा था, अक्सर कौन है, जो हम की हर बाज़ी बिफ़्ल कर रहा है।
सोच समझ कर हर कदम को उठा रहे थे।
दुखी थे दोनों ही।
पर हर usp उन्हों ने देखी थी.... जिसमे यही था, कोई है जो टारगेट चला रहा, पर कौन। वो नहीं दिखा था उनको।
एक जगह पर तो त्रिपाठी का बेटा उठाने की बात को मिसबम को कह रहे थे। पर जगत नरायण नया मुजरिम बीच बोला गया था। ऑडर उसका ही चलता था... ऐसा त्रिपाठी को जैसे लगा। पर भवानी को ये कदापि नहीं लगा। कौन था इनके पीछे ? सब के लिए ये केस सिरदर्द बन चूका था... कोई कया करे ?
अब पुलिस को जगत नरायण की गिफ्तारी वरंट हासिल कर लिए थे। वो पूजा को उसके बारे पूछते रहे... पर पूजा यही कहा, "मुझे नहीं पता..."
कोर्ट ऑडर जल्द आये.....
दोनों को पेश किया गया। पर दोनों को दो दिन के रिमांड पर ले लिया गया। दोनों सहमे हुए थे, कि अब कया होगा, पुलिस की मर्ज़ी थी, इनकॉटर करना उसके लिए कोई खास बात नहीं थी।
सूर्य अस्त हो रहा था.. उसका परसाई पिछली दीवार पर पड़ रही थी। यहां ये रूम बंद होता था।
(चलदा) ------- नीरज शर्मा