8 रीकैप
पिछले चैप्टर में हमने यह पढ़ा की किस तरह आरोही आकर सबकी क्लास लेती है और बाद में अपने जीत की खुशी के बारे में बताती है सभी लोग से कंग्रॅजुलेशंस बोलते हैं बाद में अभी लोग आरोही के क्यूट क्यूट बातों से हंस रहे थे बोलो कितनी जोर से हंस रहे थे कि उनके हंसने की आवाज बाहर क्वालिटी डोर तक आ रही है जब शिवाय और वनराज अपने घर वालों की हंसने की आवाज सुनते हैं तो वह एक दूसरे को देखकर पूछते हैं कि अंदर क्या सर्कस चल रहा है जो सब लोग इतने जोर से हंस रहे हैं।
अब आगे।
जैसे-जैसे शिवाय दरवाज़ा खोलकर वार्ड के अंदर जा रहा था ,वैसे-वैसे उसके दिल की धड़कन की रफ्तार बढ़ रही थी ।वनराज और शिवाय अंदर देखते हैं कि उसके घर वाले एक लड़की के साथ जोर-जोर से हंसते हुए बात कर रहे थे और वह लड़की भी उनके साथ ऐसे ही बात कर रही थी।
शिवाय को आरोही का चेहरा ठीक से नहीं दिखाई दे रहा था पर वह अपने दिल की धड़कनों को समझता था इसकी वजह से पता था कि सामने खड़ी लड़की कौन है।
शिवाई बस आरोही की पीठ को एक तक देखता जा रहा था जैसे वह खुद को यकीन दिलाना चाहता है कि वह यह वही लड़की है जिसके लिए शिवाय कुछ भी कर गुजरना चाहता था ,यह वही लड़की है जिसकी वजह से शिवाय को प्यार का मतलब समझ आया था यह वही लड़की है इसकी वजह से शिवाय ने प्यार में हंसते-हंसते दर्द को गले लगाना सीख लिया था यह वही लड़की है जिसकी वजह से शिवाय मुस्कुराना सीख गया था यह उसकी आरोही है।उसका पहला और आखिरी प्यार है शिवाय की।
वनराज अच्छे से शिवाय की हालत समझ रहा था वह धीरे से आकर शिवाय के कांधे पर हाथ रखता है।
तो शिवाय उसकी तरफ देखता है और अपने पलके छका कर बोलता है कि वह ठीक है।
शिवाय ने खुद को इस सिचुएशन के लिए फ्लाइट में ही तैयार कर लिया था तो वह अपने आप को काबू करता है और अंदर की तरफ चला आता है।
तभी आरोही पीछे मुड़ जाती है तो वह अपनी आंखें बड़ी-बड़ी कर कर शिवाय को ऐसे देख रही थी कि जैसे किसी इंसान को नहीं एलियन को देख रही हो कुछ देर तक शिवाय और आरोही के बीच में ऐसे ही ऐ कॉन्टैक्ट बना रहा।
बैकग्राउंड सोंग
मेरा दिल भी कितना पागल है यह प्यार तो तुझे करता है*2
पर सामने जब तुम आते हो कुछ भी कहने से डरता है
ओ मेरे साजन ओ मेरे साजन साजन मेरे साजन मेरा दिल भी कितना पागल है कि यह प्यार भी तुझे करता है...........
शिवाय को आरोही के सामने ना कुछ सुनाई दे रहा था ना ही कुछ दिखाएं उसे सिर्फ और सिर्फ अपने सामने आरोही दिखाई दे रही थी और अपने दिल की किसी कोने में यह गाना बज रहा है।
तभी रुचिता ने आरोही को हिलाया तो आरोही अपने होश में आती है और रुचिता की तरफ अपना सर कर कर धीरे से पूछती है कि क्या मैं सपना देख रही हूं या यह इंसान सच में यहां है।
रुचिता बोली वह सच में यही है आरोही बोली पर मुझे यकीन नहीं आ रहा है प्लीज आप पिंच करो ना भाभी।
आरोही की बात सुनकर रुचिता ने उसके हाथों पर चिमटा लिया आरोही जोर से चिल्लाई आ......अ।
आरोही ने रुचिता से कहा यार भाभी धीरे से की चिमटा थी इतनी जोर से कौन चिमटा था है।
आरोही की बात सुनकर रूचिता बोली आई एम सो सॉरी जोर से लगी।
आरोही बोली कोई बात नहीं भाभी इसका बदला मैं आपके देवर से लूंगी इतना कह कर वह आगे बढ़ने लगी।
आरोही को अपनी तरफ आते देख शिवाय की दिल की धड़कन बढ़ने लगी।
शिवाय के चेहरे पर नर्वसनेस और मुस्कुराहट नजर आ रहा है की दिमाग में बहुत कुछ चल भी रहा था और नहीं भी उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह कैसे रिएक्ट करें।
तभी वह देखता है कि आरोही उसके करीब आकर उसे ज़ोर से गले लगाते हुए बोली कहां थे इतने सालों तक।
तुम्हें एक बार भी मेरी याद नहीं आई तुम्हें पता है मैंने तुम्हें कितना याद किया है ऐसे ही बोलते हुए आरोही शिवाय को जोर से गले लगा रहती है शिवाय आरोही की हरकत से एकदम शोक में चला जाता है पर वह धीरे-धीरे अपने हाथ उठाकर उसके पीठ पर रख देता है इस पर शिवाय के हाथ बहुत ही ज्यादा खाप रहे था।
बैकग्राउंड सॉन्ग इस कंटिन्यू
हर पल मुझको तड़पता है मुझे सारी रात जगाता है हर पल मुझको तड़पता है मुझे सारी रात जगाता है इस बात की तुमको खबर नहीं है सिर्फ तुम पर मरता है मेरा दिल भी कितना पागल है यह प्यार तो तुमसे करता है मेरा दिल भी कितना पागल है जब तुम सामने आते हो पर कुछ भी कहने से डरता है साजन साजन मेरे साजन।
तभी शिवाय के गाल पर एक जोरदार तमाचा लगता है।
शिवाय देखता है कि यह थप्पड़ किसी और ने नहीं आरोही ने उसे मारा है। तभी वह अपने चारों तरफ देखता है तो उसे पता चलता है कि अब तक उसने जो देखा है वह उसका खुला आंखों का सपना है जो आरोही के थप्पड़ मारने से रियलिटी में आ गया है।
और बाकी सब घर वाले आरोही कि इस एक्शन पर दंग रह जाते हैं।
आरोही शिवाय को घूर कर देखते हुए बोली लगता है तुम्हें प्यार ना ओवरडोज में मिल गया है ।जीसकी वजह से कि तुम सबके सर पर चढ़कर घूमता ना घूमता ना कर रहे हो।
इतना बोल कर आरोही अपने आसपास कुछ ढूंढने लगी तभी उसकी नजर रमन जी के लिए लाए हुए गुलदस्ते पर जाता है तब वह रमन जी की तरफ बढ़ती है और रमन जी के साइड से गुलदस्ता उठा कर बोली अंकल अगली बार मैं आपको इससे भी अच्छा वाला बुके ला कर दूंगी अब मुझे इसकी जरूरत है इतना बोलकर वह फिर से मुड़कर शिवाय की तरफ जाने लगी।
आरोही को अपनी तरफ इतनी गुस्से में आते देखकर शिवाय को डर लगने लगा ।
वही बाकी सब घर वाले सोफे पर बैठे कर आगे होने वाले तमाशा का लुफ्त उतारने रहे थे वनराज ने तो अपने हाथों में अंगूर का गुच्छा पकड़ कर बैठा था अरनव की तो पूरा का पूरा फ्रूट बास्केट ही अपने गोद में लेकर बैठे उनके आजू-बाजू इशिता जी और खुशी जी बैठी हुई थी रुचिता जी वनराज के साइड पर बैठी हुई थी।
आरोही शिवाय के करीब जाकर उसे गुलदस्ते से उसे मरने लगती है।
वह मारते हुए बोलती है कि ऐसा क्या हुआ कि तो बिना बताए रातों-रात देश को छोड़कर ही चले गए कहां चले गए हो किसी को बताया भी नहीं यहां तक की भैया को भी नहीं।
बहुत पार निकला आए है तुम्हारे ।आज तुम्हारे सारे पार काट दूंगी।
जाने से पहले एक बार भी नहीं सोचा था की घरवालों की हालत तुम्हारे बिना कैसे होगी वह तुम्हारे बिना कैसे जिएंगे।
अरे कब से कब जाने के बाद तो एक कॉल या मैसेज कर देते थे कि तुम जिंदा हो या नहीं।
तुम्हें पता है तुम्हारे जाने के बाद खुशी दादी और इशिता आंटी की हालत रो-रो कर कितनी बुरी हो गई थी वह लोग कितने बीमार पड़ गए थे।
दादू इस उम्र में खुश रहने की बजाय तुम्हारी चिंता करने में थे।
जिस उम्र में बच्चे अपने मां-बाप को संभालते हैं तुम उसे उम्र में उनको बेसहारा छोड़कर चले गए।
जी सुबह पर भाई-भाई एक दूसरे के साथ मिलकर बिजनेस संभालता है दोस्तों को संभालता है वही तो भैया को छोड़कर चले गए।
जहां एक बहन हर साल अपने एक भाई का राखी बंधवाने के लिए इंतजार करती है उसे बहन को छोड़कर चले गए।
वह छोटा सा बच्चा कायर तुम्हें पता है वह तुम्हें याद कर कर कितना रोया है रात रात भर नहीं सोता था रुचिता भाभी को कितना तकलीफ होता था से समझा यह समझने की है कि तुमने सब को छोड़कर चले गए हो।।
आरोही ऐसे ही बोलते हुए शिवाय को पीट रही थी और शिवाय भी मार खा भी रहा था और कभी-कभी खुद को बचा भी रहा था।
इस वक्त आरोही की आंखों में नबी आ गई थी।
शिवाय ने आरोही से कहा तुम सब के बारे में बता दिया तुम्हें मेरी याद नहीं आई।
शिवाय की बात सुनकर आरोही उसे गले लगा ते हुए रोते हुए बोली बहुत-बहुत याद किया था तुम्हें देवदास तुम्हें पता है जब भी मैं कोई प्रॉब्लम में होती या जब भी मुझे अपनी बातें शेयर करने होते थे मैंने तुम्हें कितना मिस किया है तुम्हें नहीं पता मैं बहुत-बहुत ज्यादा तुम्हें मिस किया है पर मुझसे ज्यादा घर वालों ने तुम्हें मिस किया है हर एक चीज त्योहार पर हर छोटी खुशी पर तुम्हें पता है तुम कितने बुरे हो तुम बहुत बहुत ज्यादा बुरे हो तो अपना वैंपायर से भी ज्यादा बुरे हो।
इतना बोल कर आरोही रोने लगती है।
आरोही को तरह रोते हैं देखकर ,शिवाय का दिल बहुत दर्द हो ने लगता है।
शिवाय धीरे से आरोही को संभलता है और उसके आंख के पोंछते में बोला आई एम सो सॉरी अरु।
मुझे नहीं लगा था कि मेरे एक ऐसे फैसले से सबका दिल टूट जाएगा सबकी ऐसी हालत होगी पर मैं भी मजबूर था।
आरोही उसे देखते हुए बोली क्या मजबूरी थी तुम्हारी सबको इस तरह से छोड़ कर जाने की।
शिवाय बोल मैं तुम्हें यह सब अभी नहीं बताना चाहता हूं इतना बोलकर वह आरोही को बात को टाल देता है।
क्या ऐसी मजबूरी थी शिवाय की जो उसे अपने घर वालों को छोड़कर किसी और देश में जाना पड़ा।
आखिर क्यों शिवाय नहीं बताना चाहता अपने घर वालों को आर्य और सन्नवी के जन्म के बारे में।
आखिर कौन है शिवाय कीबच्चों की मां।
अगर आरोही शिवा का पहला प्यार है तो शिवाय नेक्यों छोड़ा को।
स्पॉइल अलर्ट
Shiva is welcome party
Aarohi engagement announcement.
dear readers please kahani Ko like kare aur comment Karen aapke comment karne se hi mujhe kahani Ko likhane mein Prerna milegi
Thank you for reading.
please review yaar.