रीकैप
पिछले चैप्टर में हमनें पढ़ा की रमन जी के न्यूज़ इंटरनेट पर फैलने के बाद बहुत सारे लोग उनसे मिलने आते हैं और गिफ्ट्स लाते हैं ऐसे ही एक हफ्ता गुजरता है ।और रमन जी को डिस्चार्ज मिलता है ।कार में शिवाय और आर्य संन्नवि को अपने आप को इग्नोर कर थे देख जल रहे थे। रमन और वनराज को शिवाय का अपनी बेटी के लिए इतना प्रोटेक्टिव नेचर देखकर मजा आताहै
अब आगे
वनराज की बात सुनकर सब लोग कार से उतरते हैं।
और मेंशन के अंदर जाने लगते हैं। शिवाय 5 साल बाद अपने घर को देखकर थोड़ा सा इमोशनल होता है और उसके जहां में अपने घर वालों के साथ कुछ यादें याद आने लगती है।
कपाड़िया मेंशन एक 10 फ्लोर का बिल्डिंग है जिसका रंग क्रीम एंड ग्रीन कलर है।
कपाड़िया मेंशन ट्रेडिशनल और मॉडर्न दोनों का एक अच्छा कंबीनेशन आउटपुट है ।
मेंशन के आजू-बाजू गार्डन है जिसमें बहुत सारे फूलों के पौधे हैं क्योंकि इस घर की औरतों को फूलों से ज्यादा ही लगाव है। और साथ में कुछ सब्जियों का भी।
संन्नवि जैसे ही घर को देखती हैं और आजू-बाजू इतने सारे फूलों को देखती हैं ।तो वह खुश होकर शिवाय से कहती है कि देदा यह कितना खूबसूरत घर है यह तो हमारे घर से भी ज्यादा बड़ा घर है और ज्यादा खूबसूरत है।
संन्नवि की बात सुनकर आर्य भी बोला डैड इट्स सो ब्यूटीफुल।
अपने दोनों बच्चों को अपने घर की तारीफ करते देखकर शिवाय के चेहरे पर मुस्कुराहट आती है और कहता है कि यस बेबी इट इस अवर हाउस।
आर्य शिवाय से पूछता है। ओर हाउस मतलब डैड।
वनराज बोलता है, यह घर तुम्हारे डैड ,तुम्हारे बड़े पापा यानी कि मेरा और तुम्हारी बुआ का बचपन है यह घर दादा जी ने और दादी ने मिलकर बनाया है।
आर्य को वनराज की बात समझ में आ गई और वह खामोश हो गया।
रमन जी व्हील चेयर पे थे। जिसे प्रणय ला रहा था।
धूप की वजह से आर्य और संन्नवि को गर्मी लग रही थी और उनका चेहरा लाल पड़ चुका था।
बच्चों की ऐसे लाल चेहरे को देखकर रमन जी बोले क्या हुआ इनको ,इनका चेहरा इतना क्यों लाल हुआ है। तो प्रणय बोला सर कुछ नहीं हुआ है वह एक्चुअली क्या है ना अमेरिका में इतना धूप नहीं होता है। जिसकी वजह से बच्चों को इस धूप की आदत नहीं है । इसलिए इनका चेहरा लाल पड़ गया है।
प्रणय की बात सुनकर रमन जी ने कहा फिर जल्दी-जल्दी घर में चलो।। 5 मिनट नहीं हुआ कि बच्चों के चेहरे इतने लाल हो गए हैं। चलो जल्दी इतना कहकर वह अपने व्हीलचेयर को जल्दी से आगे बढ़ाने के लिए कहते हैं।
शिवाय ने संन्नवि को अपने गोद में लिया था और वनराज ने आर्य को।
पीछे ड्राइवर लगेज ला रहा था। कपाड़िया मेंशन गेट से लेकर दरवाजे तक कुछ 10 से 15 मिनट की दूरी पर है जिसकी वजह से उन लोगों को अंदर जाने में इतना टाइम लग रहा था।
जैसे ही सब लोग दरवाजे पर आते हैं और अंदर जाने के लिए अपने पैर आगे बढ़ाते हैं। तभी जोर से एक आवाज आई ,अंदर कोई भी नहीं आएगा।
ऐसे चिल्लाने से सब ने अपने पैर पीछे कर लिए और उस तरफ देखा ।जिस तरफ से यह आवाज आई थी। सब के चेहरे पर हैरानी थी ,क्योंकि यह बात खुशी जी ने कहा था। इस वक्त संन्नवि ने डर के मारे शिवाय को गले लगा लिया था।
क्योंकि आज तक उसने कभी भी इतनी जोर से आवाज नहीं सुना था। यू बोल सकते हैं कि शिवाय ने कभी अपनी बच्चो पर आवाज तक नहीं उठाया था। शिवाय संन्नवि को डरते देखकर उसके पीठ पर अपने हाथ को सैलाता है और उसे शांत करता है।
रमन जी बोले पर मां हम लोग अंदर क्यों नहीं आ सकते हैं।
खुशी जी बोली जब तक तुम लोगों की आरती नहीं होगी ,तब तक तुम लोग अंदर नहीं आ ओगे ।मेरे बच्चे का कितना बड़ा ऑपरेशन हुआ है और मेरा पोता पूरे 5 साल बाद घर आया है वह भी मेरे परपोता और पोती के साथ।
ऐसे ही तुम लोगों को अंदर आने नहीं दूंगी रुको कुछ देर इशिता बहू और रुचिता बहू आरती का थाली लाते होंगे।
उन्होंने इतना ही कहा था, कि तब तक इशिता जी और रुचिता जी मुस्कुराते हुए आरती की थाली लाते हैं और उन लोगों ने पहले रमन जी की आरती उतारी ,फिर शिवाय ,संन्नवि और आर्य की।
संन्नवि और आर्य ,आरती की थाल को जैसे-जैसे घूमा रहे थे ।वह भी अपनी आंखों को वैसे ही घूमा रहे थे।
उनके ऐसी हरकत देखकर वहां पर खड़े सभी लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ गई।
सभी लोग अंदर आ जाते हैं।
शिवाय अपने घर को देख रहा था ।आज भी वह घर वैसा ही था जैसे उसने 5 साल पहले छोड़कर गया था कुछ भी नहीं बदला सब कुछ वैसे का वैसा ही था। घर के एक तरफ दो लोगों की तस्वीर थी जिस पर फूलों का माला चढ़ा हुआ था ।घर के बीचों बीच एक बड़ा सा सोफा सेट है जिसमें आराम से 10 से 20 लोग बैठ सकते हैं राइट साइड पर किचन है और लेफ्ट साइड पर खुशी जी अरनव जी का बेडरूम है ।
घर के बीचों बीच सीढ़ियां है। जो ऊपर की तरफ जाती है और सीढ़ियों के नीचे लेफ्ट साइड में ही एक लिफ्ट है।
शिवाय और वनराज ने संन्नवि और आर्य को गोद से नीचे उतार देते हैं।
तभी सीढ़ियों से एक लड़की भागते हुए नीचे आती है।उसे लड़की ने इस वक्त सलवार सूट पहना हुआ था।जिसका रंग डार्क ब्लू है ।उस लड़की ने अपने कानों में छोटे-छोटे झुमके पहने थे।हाथों में चूड़ियां है ।पैरों में पायल माथे पर बिंदी, रंग गोरा काली गहरी आंखें।
उस लड़की को ऐसे भागते देखकर इशिता जी बोली पालकी धीरे बेटा गिर जाओगी ।उनकी आवाज सुनकर पालकी अपना चेहरा ऊपर उठाती है।
मुस्कुराके बोलती है , हाँ मां धीरे ही आ रही हूं।
उसकी बात सुनकर सभी मुस्कुराते हैं ।वह लड़की भाग कर आती है और घुटनों के बल नीचे बैठकर आर्य और सनी को अपने गले से लगती हैं । दोनों बच्चे हर बड़ा जाते हैं।
क्यों कि पलकी ने उन्हें संभालने का मौका ही नहीं दिया।
पलकी उन से गले लगते हुए बोली मैं ना आपकी बूआ हूं।
पलकी की बात सुनकर आर्य बोलता (we know that) हमें पता है।
आर्य की बात सुनकर पलकी उन दोनों से अलग होती है। और उनसे बात करने की कोशिश करती है। आर्य तो साइलेंट ट्रीटमेंट ही दे रहा था पर संन्नवि पलकी को जवाब देती है।
पर इस बीच एक बार भी पलकी ,शिवाय की तरफ नहीं देखती है और बच्चों को अपने साथ लेकर उन के साथ बात करती है।
वनराज शिवाय के कंधे पर हाथ रखते हुए बोला जाआ उसे माना ले ।तुझे पता है ना की हम सबसे ज्यादा उसने तेरा इंतजार किया है। तू जानता था ना कि वह तुझसे कितना ज्यादा अटैच है। वह तेरे जाने के बाद कितना रोई है तुझे नहीं पता। तू जानता है ना वह पहले से ही शांत थी पर तेरे जाने से और भी ज्यादा शांत हो गई है।
फिर भी तूने उससे एक बार भी बात नहीं किया है यहां तक कि जब से आया है। तब भी नहीं किया है मुझे तो यह देखने में बड़ा मजा आएगा कि तो उसे कैसे मनाएगा।
वनराज की बात सुनकर शिवाय उसे घूर कर देखता है और अपनी मासूमियत भरी आवाज से बोला भाई अब समझाओ ना उसे आपकी वह बात मान जाएगी ।
वनराज अपना सर ना में हिला कर वहां से चला जाता है।।
प्रणय भी पहली बार इतना बड़ा परिवार देखता है जिसे देखकर वह अपने बॉस के लिए बहुत खुश होता है। वह अपने मन में बोला बस ऐसे ही अपने परिवार के साथ खुश रहे।
ऐसे ही दो दिन बीत गए। पलकी ने एक बार भी शिवाय से बात नहीं किया ,नहीं उसे एक बार भी शिवाय को देखा है। पिछले 2 दिन से लगातार शिवाय पलकी को मना रहा था ।पर पलकी मानने के लिए तैयार ही नहीं थी।
सभी लोग डाइनिंग टेबल पर ब्रेकफास्ट कर रहे थे और रात में होने वाले पार्टी के बारे में बात कर रहे थे।
तभी दरवाजे से एक बच्चे की आवाज आती है ,में घर आ गया।
वह बच्चा दिखने में क्यूट है। उम्र 10 साल गोरा रंग और गोलू मोलू सा है ।वह वनराज और रुचिता का बेटा कौरव है ।जो स्कूल के ट्रिप से आज लौटा है।
कौरव की आवाज सुनकर सभी लोग हाल में आ जाते हैं।
कौरव सभी लोगों से मिलता है। उसकी नजर शिवाय पर जाती है और उसके बाजू खड़े दो बच्चों पर ।जैसे ही कौरव शिवाय को देखता है ।तो वह दौड़कर शिवाय से गले लगता है और बोलता है कि आई मिस यू चाचू ,आई मिस यू वेरी मच।
शिवाय भी घुटनों के बल बैठकर कौरव को गले लगाते हुए बोला ऐ टू मिस यू कैरव ।
कौरव शिवाय से अलग होकर आर्य और संन्नवि से पूछता है तुम दोनो कौन हो?
तो शिवाय उसे बताता है की वह दोनों उसके छोटे भाई ,बहन है ।
जिसे सुनकर कौरव कुछ देर तक दोनों को देखता है और खामोश हो जाता है । कौरव को ऐसे देखकर सबको लगता है कि ,वह उदास हो गया है।
पर कौरव अपने चेहरे को एलईडी बल्ब की तरह चमक कर बोला क्या यह मेरे स्मॉल ब्रदर एंड सिस्टर है।
कौरव को इस तरह बात करते देखा ,रुचिता बोली एस बेटा वह दोनों आपके छोटे भाई बहन हैं आपके चाचू के बच्चे हैं।
कौरव खुश होकर बोला इस का मतलब ,अब मेरे पास भी छोटे भाई बहन है। जीसके साथ में खेल सकता हूं ,जिसको मैं प्रोटेक्ट कर सकता हूं।
कौरव की बात सुनकर सबके चेहरे पर एक राहत भरी सास आती है और इशिता जी बोलती है। हां कौरव।
कौरव खुश होकर दोनों बच्चों के पास जाता है और दोनों को अपने हाथों से पकड़ कर बोला तुम दोनों को पता है मैं तुम्हारा बिग ब्रो हूं आज से तुम दोनों मुझे बिग ब्रो बोलोगे।
संन्नवि और आर्य भी मुस्कुरा कर हां में जवाब देते हैं।
बच्चों को ऐसे घुल मिलकर बात करते देख सबके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।
तभी पालकी कौरव की तरफ आते हुए बोली चलो जल्दी से ब्रेकफास्ट करेंगे ,फिर रात के पार्टी के लिए तैयार भी तो होना है ।
इतना बोलकर वह बच्चों को डाइनिंग टेबल पर लेकर जाकर उनके साथ खाना खाने लगती है उनके पीछे-पीछे सारे लोग भी जाते हैं।
ब्रेकफास्ट के बाद सभी लोग अपने अपने रूम में जाकर शाम के पार्टी के लिए रेडी होने लगते हैं।
क्या होगा पार्टी में।
क्या पार्टी होगा अच्छे से या होगा कोई तमाशा।
शिवाय की खुशियां ऐसे ही बरकरार रहेगा या लगेगा किस्मत पर ग्रहण।
जाने के लिए पढ़ीए है अगला चैप्टर।
स्पॉइल अलर्ट
Shiva is welcome party.
Third lead entry
Aarohi engagement
dear readers please kahani Ko like kare aur comment Karen aapke comment karne se hi mujhe kahani Ko likhane mein Prerna milegi
Thank you for reading my novel 👫👫👫👫
New story
यह कहानी माया और इंद्रजीत की है इंद्रजीत जहां दुनिया में साइको बिजनेसमैन के नाम से जाना जाता है तो दूसरी तरफ माया एक जली आत्मविश्वास पूर्ण लड़की है यह कहानी आग और पानी की है क्या इंद्रजीत बदल देगा माया की जिंदगी या माया बदल देगी इंद्रजीत की जिंदगी क्या होगा इनका इश्क का अंजाम जाने के लिए पढ़ते रहिए इश्क की लाइब्रेरी,
यह कहानी है प्यार के दिवनों की ,जाह मोहना और रोहन की ठाशन बजि की।
अभय क्यु अंजलि की महोबत को इनकार कर था है तो राहुल और आरती आंख में चोली का प्यार . रुचि का ठरकि अंदाज,रितू का एक तरफ प्यार ।
क्या होगा इन के प्यार मूकमल ।
जल्दी आने वाला है।