Silent Desires - 3 in Hindi Short Stories by Vishal Saini books and stories PDF | Silent Desires - 3

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Silent Desires - 3

जैसे ही नेहा ने राहुल की पैंट की और हाथ बढ़ाया राहुल ने तुरंत उसके हाथ को रोक लिया। 

"नेहा.....अभी नहीं" राहुल बोला।

नेहा ने हताश होकर राहुल को छोड़ दिया। “राहुल, ये क्या हो रहा है? तुम्हें मैं पसंद नहीं हूँ? या कोई और बात है?” उसकी आवाज में गुस्सा और दुख दोनों थे। 

नेहा, ऐसा नहीं है। तुम बहुत सुन्दर हो। मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ। बस... मैं अभी थोड़ा स्ट्रेस में हूँ ” राहुल ने उदास स्वर में कहा। 

नेहा ने अपने कपड़े पहने और बिना कुछ कहे रसोई में चली गई। उसका दिल टूट रहा था। 

नेहा ने हार नहीं मानी। उसने सोचा कि शायद राहुल को और खुलने का मौका देना चाहिए। नेहा सुन्दर होने के साथ-साथ समझदार भी थी। वो समझ रही थी कि जो लोग शर्मीले होते है उन्हें इसके लिए समय चाहिए होता है। मगर राहुल आजकल बहुत उदास रहने लगा था। अपनी सुहागरात से ही उसके चेहरे पर निराशा साफ झलकने लगी थी। राहुल को कोई चिंता अंदर ही अंदर खाए जा रही थी।

"शायद वो सरमा रहा है और सीधा है इसलिए डर रहा है।" नेहा ने मन में सोचा।

नेहा राहुल से प्यार करती थी क्युकी वो उसके सीधेपन की कायल थी।

एक रात उसने फिर वही करने की सोची जो एक कपल करते है।
इस बार उसने एक लाल रंग की साटन ड्रेस पहनी, जो उसके फिगर को पूरी तरह उभार रही थी। राहुल बेडरूम में था। नेहा अभी भी किसी भी बात से बेख़बर थी वो राहुल को सीधा-साधा, शर्मिला सोच रही थी। 

राहुल, आज बस हम दोनों हैं। कोई टेंशन नहीं, कोई जल्दबाजी नहीं,” उसने कहा और राहुल के पास बैठ गई।

उसने राहुल का हाथ पकड़ा और उसे अपनी कमर पर रखा। “राहुल मुझे तुम्हारा प्यार चाहिए,” उसने धीमी आवाज में कहा। 

नेहा ने राहुल को चूमना शुरु किया, उसने उसके गालों पर फिर गर्दन पर किस किया। उसने राहुल की शर्ट उतारी और उसके बदन पर हाथ फेरा। राहुल ने भी कोशिश की। लेकिन राहुल हर बार केवल वहीं तक रुक जाता था। बस चूमना।

नेहा ने अपनी ड्रेस उतारी और राहुल को अपने ऊपर खींच लिया। “राहुल, प्लीज... कुछ तो करो। हमने इतने दिन से कुछ भी नहीं किया है। अगर कुछ प्रॉब्लम है तो बताओ हम मिल कर उसका हल निकलेंगे” उसने लगभग विनती करते हुए कहा। 

नेहा को महसूस हुआ कि राहुल उत्तेजित नहीं हो रहा है "इसके पीछे क्या कारण हो सकता है?" नेहा के दिमाग में बस ये ही चलने लगा था। "क्या वो मुझे पसंद नहीं करता? क्या वो किसी और से प्यार करता है? या क्या उसे लड़कियां पसंद नहीं है?"

जब राहुल रुक गया तो नेहा ने हार मान ली। उसने कपड़े पहने और बिस्तर पर बैठ गई। “राहुल, ये नहीं चल सकता। तुम इस बारे बात क्यों नहीं करते? तुम आगे क्यों नहीं बढ़ते, अगर कोई प्रॉब्लम है, तो बताओ ना मुझे।” वो साफ साफ सवाल पूछ रही थी।

राहुल ने कहा, “नेहा, मैं कोशिश कर रहा हूँ।” 
“क्या कोशिश? तुम कुछ बताते ही नहीं हो!” नेहा का गुस्सा फूट पड़ा। वो बिना कुछ कहे कमरे से बाहर चली गई। 

नेहा का मन टूट रहा था। वो अपनी शादी में प्यार, रोमांस, और शारीरिक सुख की उम्मीद करती थी। 

उसने हर तरह से कोशिश की खूबसूरती, आकर्षण, प्यार लेकिन राहुल का रवैया उसे समझ नहीं आ रहा था। वो समझ नहीं पा रही थी कि राहुल को प्रॉब्लम क्या है। 

राहुल भी परेशान था, लेकिन वो अपनी बात को नेहा के सामने बता नहीं पा रहा था। उसे डर था कि अगर उसने सच बताया, तो नेहा उसे छोड़ देगी।