hindi Best Short Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • मौन कॉलर

    मौन कॉलररात के दो बज रहे थे। पूरा शहर गहरी नींद में डूबा हुआ था। सड़कों पर सन्ना...

  • पहला प्यार

    पहला प्यार... यह वो एहसास होता है जो ज़िन्दगी में बस एक बार आता है, लेकिन उसकी य...

  • काश तुम बनारस होती

    "काश तुम बनारस होती"     बनारस की गलियों से शुरू हुई दास्तां सुबह के साढ़े सात ब...

30 Minister with My Angel - 1 By Shantanu Pagrut

                             मेरी Angel के साथ 30 मिनट       रात का समय था। एक लड़का अंधेरे में किसी से छिपकर तेज़ी से भाग रहा था। वह थक चुका था, साँसे फूल रही थीं, लेकिन रुकने का...

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फ़ासले भी ज़रूरी थे - भाग 1 By Dimpal Limbachiya

भाग 1: दूरियों की चुप्पीदिल्ली, शाम के 6:20।ऑफिस बस से उतरकर माया पैदल अपने घर की ओर चलने लगी। हाथ में भारी लैपटॉप बैग था और मन में राहुल की खामोशी। सड़क पर चाय की दुकान से उठती भा...

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वह आखरी खौफनाक लम्हें By Harish kumar

(वह आखरी खौफनाक लम्हें)दर्द भरी पहलगाम की दास्ता और 'ऑपरेशन सिंदूर' की वारदात तो बच्चे - बच्चे की जुबान पर है। परंतु बात यही तक सीमित नहीं हुई। बात थोड़ी आगे बढ़ाई जाए,तो प...

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तुम्हारे होने से By Veena Vij

धारा ने कर पार्किंग लोट में खड़ी की और दौड़ती हुई साउथ वेस्ट एयरलाइंस के कॉरिडोर में पहुंची तभी उसके फोन की घंटी बजी। वह समझ गई मान्या की फ्लाइट लैंड कर गई है। "मामा हम लैंड कर गए...

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जो कहा नहीं गया By W.Brajendra

जो कहा नहीं गया (एक प्रेम, जो राज्य का नहीं… आत्मा का था)  विरक्त राजकुमार राजकुमार विष्णु का जन्म राजघराने में हुआ था, लेकिन मन उसका वन और वेदांत में बसता था। बचपन से ही उसके भीतर...

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मा ने काटा, बाप ने खाया By BleedingTypewriter

एक गाँव, एक भूखा पिता, एक सौतेली माँ...
और दो मासूम बच्चे — बिरजू और फुलवा।

जब पिता को "मांस" की भूख लगती है, तो सौतेली माँ एक ऐसा निर्णय लेती है,
जो भाई-बहन की दुनिया हमे...

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ईंधन की कोठरी By Deepak sharma

उस अनुभव के बाद ही मैं ने जाना, आंख की अपेक्षा हमारे कान ज़्यादा तेज़ी दिखाते हैं। आंख से पहले कान जान लेते हैं,घटना ने अपना विस्तार किस पल अर्जित किया। किसी भी घटना को वे तात्क्षण...

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भूतिया गाँव By Sunita

बिहार और झारखंड की सीमादोपहर – 3:40 बजेसड़क से 6 किलोमीटर अंदर, धूलभरी पगडंडी परसियाराम का मोबाइल अब नेटवर्क से बाहर था।जंगल के किनारे से गुजरती पगडंडी पर उसकी बाइक धच-धच की आवाज़...

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You Are My Choice - 60 By Butterfly

हाय दोस्तों!!!! थैंक यू सो मच। मुझे इतना सारा सपोर्ट करने के लिए। इस पार्ट में 2000+ वर्ड काउंट है। तो इंजॉय रीडिंग!   Happy Reading---------------------------   काव्या हॉस्पिटल से...

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वापसी उस रात की By Dhiru singh

धीरु एक संवेदनशील मगर साहसी युवक था जो शहर के शोर से दूर एक पुराने जंगल के पास बसे गांव "व्यासपुर" में अपने दादा-दादी के साथ रहता था, जहां बचपन की यादें अभी भी हवा में तैरती थीं और...

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आंसू सूख गए - 3 By LM Sharma

आंसू सूख गए जिस गति से संसार भौतिकता की ओर जा रहा है , उस के कारण नये नये रोगों उत्पन हो रहे हैं । बहुत ऐसे रोग हैं जो पहले नहीं थे परंतु आज के मनुष्य ने बिना किसी प्रयास और रिसर्च...

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तन्हा हवेली में महक की मोहब्बत By Dhiru singh

धीरु शहर से दूर एक छोटे से गांव, चंदनपुर में रहता था, जहां हर चीज़ में सादगी और हर दिल में अपनापन था, लेकिन इस गांव की एक बात बाकी सब चीजों से अलग थी—यहां एक वीरान हवेली थी जिसे लो...

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शापित दरवाज़ा By Dhiru singh

धीरु एक सीधा-सादा मगर मजबूत इरादों वाला लड़का था, जिसकी ज़िंदगी में एक सुकून भरी सादगी थी, लेकिन उसके दिल में हमेशा कुछ बड़ा करने की चाहत थी, कुछ ऐसा जो उसके वजूद को साबित कर दे, म...

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राज और राधा: वो अधूरी दोस्ती, जो इश्क़ से कम न थी By Bikash parajuli

 पहली मुलाकात – जब निगाहें थम गईं️ सुबह की शुरुआतकॉलेज का पहला दिन था। मौसम साफ़ था, आसमान नीला और हवा में एक नयी सी ताजगी थी। लड़के-लड़कियाँ नए-नए कपड़े पहनकर, हाथों में फाइल्स लि...

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अंधेरे में छुपा इश्क़ By Dhiru singh

धीरु एक शांत सा लड़का था जो पहाड़ों की तलहटी में बसे एक छोटे से गांव में रहता था, गांव का नाम था पनघटपुर। वहां की वादियाँ जितनी हसीन थीं, उतनी ही रहस्यमयी भी थीं। गाँव के ठीक ऊपर ए...

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गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानियां - भाग 15 By Anarchy Short Story

आलस का फलगौ तम बुद्ध के प्रिय शिष्यों में एक ऐसा भी था, जो बहुत आलसी था। परंतु वे उसे भी उतना ही स्नेह करते जितना अन्य शिष्यों को। एक दिन गौतम बुद्ध ने उस शिष्य को एक कथा सुनाते हु...

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क्या गुनाह था मेरा By Maya Hanchate

ताजा खबर आज फिर मिली एक लड़की की लाश सड़क पर।आज फिर एक मासूम लड़की बनी किसी दरिंदे की शिकार। क्या यही हालत रहेगी देश में लड़कियों की क्या है कर रहा है कानून क्या सजा मिलेगी उन दरिं...

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मौन कॉलर By Vivek Singh

मौन कॉलररात के दो बज रहे थे। पूरा शहर गहरी नींद में डूबा हुआ था। सड़कों पर सन्नाटा पसरा था, जैसे सबकुछ ठहर गया हो।विक्रम अपनी मेज पर झुका काम कर रहा था। उसे देर रात तक फाइलें निपटा...

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शापित हवेली: रूहों का बदला By Dhiru singh

उत्तर प्रदेश के एक दूरदराज गांव "कुंवरगंज" के किनारे एक पुरानी हवेली खंडहर बन चुकी थी, लोग कहते थे उस हवेली में कोई रूह रहती है, जो हर पूर्णिमा की रात को जागती है, उस हवेली का नाम...

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भिन्न-अभिन्न By Deepak sharma

समान लंबाई- चौड़ाई रखने के बावजूद भी वे दो परिसर आज भिन्न आभास देते हैं। मगर आज से सत्ताईस वर्ष पूर्व वे एक अभिन्न पहचान रखते थे : जुड़वां कोठियों के नाम से चिह्मित थे। प्रत्येक सद...

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तेरा साथ भी, तेरा साया भी – धीरु और खुशबू की अधूरी दास्तां By Dhiru singh

धीरु सिंह, एक शांत लेकिन रहस्यमयी युवक, जिसकी आंखों में दर्द भी था और इरादों में कोई चुप्पी भी थी, छोटे से गांव रतनपुर में अपने दादी के साथ रहता था, मां-बाप की मौत बचपन में एक भयान...

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भूतिया सफर By Sunita

स्थान: बरेली का एक वीरान रेलवे स्टेशनसमय: रात 2:20 बजेघड़ी की टिक-टिक अब जैसे कान में सुराख़ कर रही थी।रात दो बजे के बाद का समय और वो स्टेशन — बरेली जंक्शन का पुराना प्लेटफॉर्म नंब...

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जलती हुई परछाई By Vivek Singh

️ जलती हुई परछाईलेखक: विवेक सिंहरात के दो बज चुके थे। बाहर सुनसान सन्नाटा पसरा था। मीनाक्षी ने बिस्तर पर करवट बदली तो अचानक उसकी नज़र कमरे की दीवार पर पड़ी।हल्की सी रोशनी में उसे अ...

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पहला प्यार By Anjali

पहला प्यार... यह वो एहसास होता है जो ज़िन्दगी में बस एक बार आता है, लेकिन उसकी यादें ताउम्र हमारे दिल में बसी रहती हैं। कुछ अधूरी, कुछ मासूम, कुछ बेहद खास।ये कहानी है रिया और आरव क...

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उफ्फ ये दाल! By Tanzilur rehman

शुक्र है यार, दाल तो गोश्त बन जाती।" जैसे ही वह लाउंज में दाखिल हुई, उसे अपनी सास की आवाज़ सुनाई दी। रफ़ाना की मुस्कान कम हो गई और उसका गुस्सा चरम पर पहुँच गया।"ये लोग दाल-चावल के...

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काश तुम बनारस होती By Rishabh Sharma

"काश तुम बनारस होती"     बनारस की गलियों से शुरू हुई दास्तां सुबह के साढ़े सात बजे बनारस की गलियों में वही रोज़ का शोर था — दूध वाले की आवाज़, मंदिर की घंटियां, और मोहल्ले की औरतों...

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अभागी By Deepak sharma

अपने कमरे से सटी रसोई का वार्तालाप मैं सुन रहा था। “तुम्हारी रसोई में चुहिया बहुत आती है,नंदू,” घर में रसोई का काम नंदू के ज़िम्मे रहता, मां के नहीं। अपने आदेश भी नंदू...

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चौपाल से कैफे तक का फासला By Rishabh Sharma

"चौपाल से कैफे तक का फासला" (हरियाणा का लड़का और दिल्ली की लड़की की वो बात जो अधूरी नहीं थी)   वीरेंद्र एक साधारण सा लड़का था — हरियाणा के झज्जर जिले से। घुटनों तक पजामा, सफेद कुर्...

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शापित हवेली का आखिरी योद्धा - धीरेंद्र और स्नेहा की कहानी By Dhiru singh

गर्मी की छुट्टियों में दस पुराने दोस्त—धीरेंद्र, स्नेहा, राज, विशाल, समीर, अमन, आदित्य, करण, नवीन और रोहित—ने प्लान बनाया कि वे शहर की भागदौड़ से दूर किसी शांत पहाड़ी इलाके में कुछ...

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मां का आंचल By Anjali

सूरज की पहली किरण जैसे ही खिड़की से होकर अंदर आई, राधिका की नींद खुल गई। सामने की दीवार पर टंगी माँ की तस्वीर पर उसकी नजर गई। वो तस्वीर हर सुबह उसे एक नई ताकत देती थी, मानो माँ अब...

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चरख़ी By Deepak sharma

दीपक शर्मा   “एक्सक्यूज़ मी,” क्लास रूम के दरवाज़े पर नीति अपनी सहेली के साथ खड़ी थी, “मुझे आलोक के साथ बहुत ज़रूरी काम है…..” “यह कौन है?...

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जिंदगी के दुश्मन - एक साजिश, एक कुर्बानी By Dhiru singh

चार छायाएं बचपन से एक थीं – अनूप, आनंद, पवन और बबलू। उनकी हंसी, उनकी शरारतें, उनके खेल, उनके सपने – सब कुछ साझा था। जब भी कोई गिरता, बाकी तीन उसे उठाने के लिए जान की बाज़ी लगा देते...

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तेरे साथ, एक वर्दी का सपना By Rishabh Sharma

"तेरे साथ, एक वर्दी का सपना"   गाँव की छोटी सी लाइब्रेरी में हर दिन सुबह 6 बजे एक लड़का आता था — नाम था आकाश। गहरे रंग का, पतला, आंखों में मेहनत की लकीरें और हाथों में एक पुराना नो...

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भूतिया रास्ता By Sunita

हिमाचल प्रदेश – मंडी से सटे एक पहाड़ी क्षेत्ररात के 10:30 बजेविराट चौहान की जीप उस समय एक कच्चे, संकरे रास्ते पर चढ़ रही थी। सामने दूर तक अंधेरा पसरा हुआ था। मोबाइल नेटवर्क गायब था...

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विजय और वो आम वाला बाग By Rishabh Sharma

"विजय और वो आम वाला बाग" विजय बम्बई का लड़का था — ऊंची बिल्डिंग में रहने वाला, चमकते जूते पहनने वाला और ‘थैंक यू’ बोलने वाला लड़का। लेकिन हर साल गर्मी की छुट्टियों में जब वो अपनी न...

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क्या ऋतिका बचा पाएगी अपनी प्रेमी की जान – धीरु की कहानी By Dhiru singh

धीरु एक साहसी और ईमानदार फौजी था जिसने बचपन से ही देशभक्ति को अपना धर्म बना लिया था, उसके पिता भी सेना में थे और बचपन से ही उसने सीखा था कि देश पहले आता है, बाकी सब बाद में, वह हर...

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पेड़ से मीठे जामुन, पर पकड़ से तेज़ थे हम By Rishabh Sharma

“पेड़ से मीठे जामुन, पर पकड़ से तेज़ थे हम”   गर्मी की छुट्टियाँ चल रही थीं और पूरा गांव दिनभर छांव ढूंढता फिरता था। लेकिन हम चार लड़कों के लिए छांव नहीं, पेड़ के ऊपर की टहनी ज़रूर...

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घूंसे की ताकत: धीरु की वापसी By Dhiru singh

धीरु का स्वभाव बचपन से ही अलग था। गुस्से से भरा, मगर अन्याय के खिलाफ हमेशा खड़ा। कोई किसी कमज़ोर को सताए, तो धीरु सबसे पहले सामने आता। उसकी आँखों में आक्रोश जलता था और दिल में न्या...

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दुमछल्ला -समीक्षा By shelly

''दुमछल्ला'' निशांत जैन की लिखी एक कहानी है ...ये एक ऐसी किताब है जिसे कोई लोग खुद से रिलेट कर सकते हैं ..इस कहानी का मुख्य किरदार निर्मय है जो अपनी जिंदगी को अपने...

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धीरु का अधूरा सच्चा प्यार By Dhiru singh

धीरु एक शांत, गम्भीर स्वभाव का लड़का था, जो हमेशा दूसरों की मदद करने को तत्पर रहता था, लेकिन खुद के लिए कभी कुछ नहीं चाहता था, उसका चेहरा हमेशा मुस्कान से भरा होता था, लेकिन उस मुस्...

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मोहब्बत की अधूरी स्याही By Dhiru singh

धीरु एक सीधा-सच्चा लड़का था, जिसकी जिंदगी में बस दो ही चीजें अहम थीं — उसका सपना और उसका प्यार, मेघा। मेघा उसकी ज़िन्दगी की धड़कन थी, वह हर लम्हा मेघा के साथ जीना चाहता था। दोनों क...

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मित्रता और सफाई की सीख By Anita Tanwar

संजू और राजू बहुत अच्छे दोस्त थे। दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे और एक ही क्लास में थे। दोनों की परीक्षा पास आ रही थी। एक दिन दोनों ने मिलकर तय किया कि वे साथ में पढ़ाई करेंगे ताकि...

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अधूरा प्यार, आखिरी बलिदान By Dhiru singh

भाग 1: प्यार की शुरुआतदिल्ली की तंग गलियों में रहने वाली आकांक्षा एक सीधी-सादी, पढ़ने-लिखने वाली लड़की थी। वह एक प्राइवेट कंपनी में काम करती थी और उसके सपनों में बस एक ही नाम था –...

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रहस्यमय बॉक्सा By vaghasiya

जूनागढ़ के जंगलों के पास बसा एक छोटा सा गांव था — चिलावड़ी। गांव तो सीधा-सादा था, लेकिन उसके पास एक पुराना किला था, जो आज भी खड़ा था — आधे गिरे हुए पत्थर, जंग लगे फाटक और faded लिख...

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सिमरन, धीरू, सोनम और भूमि की अधूरी प्यार की कहानी By Dhiru singh

कहते हैं कि हर इंसान की ज़िंदगी में कोई न कोई ऐसा होता है जिसे वो चाहकर भी भुला नहीं पाता। Dhiru की ज़िंदगी में ऐसे चार नाम थे – Simran, Sonam, Bhumi, और एक अधूरा एहसास।Dhiru एक सी...

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तानाजी मालुसरे By Real heros

तानाजी मालुसरे, शिवाजी के घनिष्ठ मित्र और वीर निष्ठावान मराठा सरदार थे। वे छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ हिंदवी स्वराज्य स्थापना के लिए सुभादार (किलेदार) की भूमिका निभाते थे। तानाजी...

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महाराणा प्रताप V S बहलोल खान By Real heros

बहलोल खान अकबर का बड़ा सिपहसालार था। जिस पर अकबर को बड़ा नाज़ था। उसने कभी कोई युद्ध नहीं हारा। नाश्ते में एक बकरा खाता था। दो शराब पिये मदमस्त हाथियों के बिच घुस कर सुंड पकड़कर धकेल...

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क्या यह सही था? By Vaibhav

क्या वह सही था?भीषण गर्मी का दौर चल रहा था। मैं नई-नई कोचिंग जॉइन कर ही रहा था। छुट्टियों के बाद पता चला कि जो पहले पढ़ाते थे, मतलब जिनसे हम छुट्टियों से पहले पढ़ रहे थे, वो कहीं औ...

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भूतबंगला 786 - काली रात की वापसी By Shailesh verma

शैली: थ्रिलर, हॉरर, रहस्य, एक्शन स्थान: बिहार–झारखंड बॉर्डर का वीरान गांव कालीझाड़ीमुख्य पात्र:राघव चौधरी – एक जासूस जो दिल्ली क्राइम ब्रांच छोड़ चुका हैचित्रा सिंह – पत्रकार जो सच...

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30 Minister with My Angel - 1 By Shantanu Pagrut

                             मेरी Angel के साथ 30 मिनट       रात का समय था। एक लड़का अंधेरे में किसी से छिपकर तेज़ी से भाग रहा था। वह थक चुका था, साँसे फूल रही थीं, लेकिन रुकने का...

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फ़ासले भी ज़रूरी थे - भाग 1 By Dimpal Limbachiya

भाग 1: दूरियों की चुप्पीदिल्ली, शाम के 6:20।ऑफिस बस से उतरकर माया पैदल अपने घर की ओर चलने लगी। हाथ में भारी लैपटॉप बैग था और मन में राहुल की खामोशी। सड़क पर चाय की दुकान से उठती भा...

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वह आखरी खौफनाक लम्हें By Harish kumar

(वह आखरी खौफनाक लम्हें)दर्द भरी पहलगाम की दास्ता और 'ऑपरेशन सिंदूर' की वारदात तो बच्चे - बच्चे की जुबान पर है। परंतु बात यही तक सीमित नहीं हुई। बात थोड़ी आगे बढ़ाई जाए,तो प...

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तुम्हारे होने से By Veena Vij

धारा ने कर पार्किंग लोट में खड़ी की और दौड़ती हुई साउथ वेस्ट एयरलाइंस के कॉरिडोर में पहुंची तभी उसके फोन की घंटी बजी। वह समझ गई मान्या की फ्लाइट लैंड कर गई है। "मामा हम लैंड कर गए...

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जो कहा नहीं गया By W.Brajendra

जो कहा नहीं गया (एक प्रेम, जो राज्य का नहीं… आत्मा का था)  विरक्त राजकुमार राजकुमार विष्णु का जन्म राजघराने में हुआ था, लेकिन मन उसका वन और वेदांत में बसता था। बचपन से ही उसके भीतर...

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मा ने काटा, बाप ने खाया By BleedingTypewriter

एक गाँव, एक भूखा पिता, एक सौतेली माँ...
और दो मासूम बच्चे — बिरजू और फुलवा।

जब पिता को "मांस" की भूख लगती है, तो सौतेली माँ एक ऐसा निर्णय लेती है,
जो भाई-बहन की दुनिया हमे...

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ईंधन की कोठरी By Deepak sharma

उस अनुभव के बाद ही मैं ने जाना, आंख की अपेक्षा हमारे कान ज़्यादा तेज़ी दिखाते हैं। आंख से पहले कान जान लेते हैं,घटना ने अपना विस्तार किस पल अर्जित किया। किसी भी घटना को वे तात्क्षण...

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भूतिया गाँव By Sunita

बिहार और झारखंड की सीमादोपहर – 3:40 बजेसड़क से 6 किलोमीटर अंदर, धूलभरी पगडंडी परसियाराम का मोबाइल अब नेटवर्क से बाहर था।जंगल के किनारे से गुजरती पगडंडी पर उसकी बाइक धच-धच की आवाज़...

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You Are My Choice - 60 By Butterfly

हाय दोस्तों!!!! थैंक यू सो मच। मुझे इतना सारा सपोर्ट करने के लिए। इस पार्ट में 2000+ वर्ड काउंट है। तो इंजॉय रीडिंग!   Happy Reading---------------------------   काव्या हॉस्पिटल से...

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वापसी उस रात की By Dhiru singh

धीरु एक संवेदनशील मगर साहसी युवक था जो शहर के शोर से दूर एक पुराने जंगल के पास बसे गांव "व्यासपुर" में अपने दादा-दादी के साथ रहता था, जहां बचपन की यादें अभी भी हवा में तैरती थीं और...

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आंसू सूख गए - 3 By LM Sharma

आंसू सूख गए जिस गति से संसार भौतिकता की ओर जा रहा है , उस के कारण नये नये रोगों उत्पन हो रहे हैं । बहुत ऐसे रोग हैं जो पहले नहीं थे परंतु आज के मनुष्य ने बिना किसी प्रयास और रिसर्च...

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तन्हा हवेली में महक की मोहब्बत By Dhiru singh

धीरु शहर से दूर एक छोटे से गांव, चंदनपुर में रहता था, जहां हर चीज़ में सादगी और हर दिल में अपनापन था, लेकिन इस गांव की एक बात बाकी सब चीजों से अलग थी—यहां एक वीरान हवेली थी जिसे लो...

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शापित दरवाज़ा By Dhiru singh

धीरु एक सीधा-सादा मगर मजबूत इरादों वाला लड़का था, जिसकी ज़िंदगी में एक सुकून भरी सादगी थी, लेकिन उसके दिल में हमेशा कुछ बड़ा करने की चाहत थी, कुछ ऐसा जो उसके वजूद को साबित कर दे, म...

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राज और राधा: वो अधूरी दोस्ती, जो इश्क़ से कम न थी By Bikash parajuli

 पहली मुलाकात – जब निगाहें थम गईं️ सुबह की शुरुआतकॉलेज का पहला दिन था। मौसम साफ़ था, आसमान नीला और हवा में एक नयी सी ताजगी थी। लड़के-लड़कियाँ नए-नए कपड़े पहनकर, हाथों में फाइल्स लि...

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अंधेरे में छुपा इश्क़ By Dhiru singh

धीरु एक शांत सा लड़का था जो पहाड़ों की तलहटी में बसे एक छोटे से गांव में रहता था, गांव का नाम था पनघटपुर। वहां की वादियाँ जितनी हसीन थीं, उतनी ही रहस्यमयी भी थीं। गाँव के ठीक ऊपर ए...

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गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानियां - भाग 15 By Anarchy Short Story

आलस का फलगौ तम बुद्ध के प्रिय शिष्यों में एक ऐसा भी था, जो बहुत आलसी था। परंतु वे उसे भी उतना ही स्नेह करते जितना अन्य शिष्यों को। एक दिन गौतम बुद्ध ने उस शिष्य को एक कथा सुनाते हु...

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क्या गुनाह था मेरा By Maya Hanchate

ताजा खबर आज फिर मिली एक लड़की की लाश सड़क पर।आज फिर एक मासूम लड़की बनी किसी दरिंदे की शिकार। क्या यही हालत रहेगी देश में लड़कियों की क्या है कर रहा है कानून क्या सजा मिलेगी उन दरिं...

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मौन कॉलर By Vivek Singh

मौन कॉलररात के दो बज रहे थे। पूरा शहर गहरी नींद में डूबा हुआ था। सड़कों पर सन्नाटा पसरा था, जैसे सबकुछ ठहर गया हो।विक्रम अपनी मेज पर झुका काम कर रहा था। उसे देर रात तक फाइलें निपटा...

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शापित हवेली: रूहों का बदला By Dhiru singh

उत्तर प्रदेश के एक दूरदराज गांव "कुंवरगंज" के किनारे एक पुरानी हवेली खंडहर बन चुकी थी, लोग कहते थे उस हवेली में कोई रूह रहती है, जो हर पूर्णिमा की रात को जागती है, उस हवेली का नाम...

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भिन्न-अभिन्न By Deepak sharma

समान लंबाई- चौड़ाई रखने के बावजूद भी वे दो परिसर आज भिन्न आभास देते हैं। मगर आज से सत्ताईस वर्ष पूर्व वे एक अभिन्न पहचान रखते थे : जुड़वां कोठियों के नाम से चिह्मित थे। प्रत्येक सद...

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तेरा साथ भी, तेरा साया भी – धीरु और खुशबू की अधूरी दास्तां By Dhiru singh

धीरु सिंह, एक शांत लेकिन रहस्यमयी युवक, जिसकी आंखों में दर्द भी था और इरादों में कोई चुप्पी भी थी, छोटे से गांव रतनपुर में अपने दादी के साथ रहता था, मां-बाप की मौत बचपन में एक भयान...

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भूतिया सफर By Sunita

स्थान: बरेली का एक वीरान रेलवे स्टेशनसमय: रात 2:20 बजेघड़ी की टिक-टिक अब जैसे कान में सुराख़ कर रही थी।रात दो बजे के बाद का समय और वो स्टेशन — बरेली जंक्शन का पुराना प्लेटफॉर्म नंब...

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जलती हुई परछाई By Vivek Singh

️ जलती हुई परछाईलेखक: विवेक सिंहरात के दो बज चुके थे। बाहर सुनसान सन्नाटा पसरा था। मीनाक्षी ने बिस्तर पर करवट बदली तो अचानक उसकी नज़र कमरे की दीवार पर पड़ी।हल्की सी रोशनी में उसे अ...

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पहला प्यार By Anjali

पहला प्यार... यह वो एहसास होता है जो ज़िन्दगी में बस एक बार आता है, लेकिन उसकी यादें ताउम्र हमारे दिल में बसी रहती हैं। कुछ अधूरी, कुछ मासूम, कुछ बेहद खास।ये कहानी है रिया और आरव क...

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उफ्फ ये दाल! By Tanzilur rehman

शुक्र है यार, दाल तो गोश्त बन जाती।" जैसे ही वह लाउंज में दाखिल हुई, उसे अपनी सास की आवाज़ सुनाई दी। रफ़ाना की मुस्कान कम हो गई और उसका गुस्सा चरम पर पहुँच गया।"ये लोग दाल-चावल के...

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काश तुम बनारस होती By Rishabh Sharma

"काश तुम बनारस होती"     बनारस की गलियों से शुरू हुई दास्तां सुबह के साढ़े सात बजे बनारस की गलियों में वही रोज़ का शोर था — दूध वाले की आवाज़, मंदिर की घंटियां, और मोहल्ले की औरतों...

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अभागी By Deepak sharma

अपने कमरे से सटी रसोई का वार्तालाप मैं सुन रहा था। “तुम्हारी रसोई में चुहिया बहुत आती है,नंदू,” घर में रसोई का काम नंदू के ज़िम्मे रहता, मां के नहीं। अपने आदेश भी नंदू...

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चौपाल से कैफे तक का फासला By Rishabh Sharma

"चौपाल से कैफे तक का फासला" (हरियाणा का लड़का और दिल्ली की लड़की की वो बात जो अधूरी नहीं थी)   वीरेंद्र एक साधारण सा लड़का था — हरियाणा के झज्जर जिले से। घुटनों तक पजामा, सफेद कुर्...

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शापित हवेली का आखिरी योद्धा - धीरेंद्र और स्नेहा की कहानी By Dhiru singh

गर्मी की छुट्टियों में दस पुराने दोस्त—धीरेंद्र, स्नेहा, राज, विशाल, समीर, अमन, आदित्य, करण, नवीन और रोहित—ने प्लान बनाया कि वे शहर की भागदौड़ से दूर किसी शांत पहाड़ी इलाके में कुछ...

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मां का आंचल By Anjali

सूरज की पहली किरण जैसे ही खिड़की से होकर अंदर आई, राधिका की नींद खुल गई। सामने की दीवार पर टंगी माँ की तस्वीर पर उसकी नजर गई। वो तस्वीर हर सुबह उसे एक नई ताकत देती थी, मानो माँ अब...

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चरख़ी By Deepak sharma

दीपक शर्मा   “एक्सक्यूज़ मी,” क्लास रूम के दरवाज़े पर नीति अपनी सहेली के साथ खड़ी थी, “मुझे आलोक के साथ बहुत ज़रूरी काम है…..” “यह कौन है?...

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जिंदगी के दुश्मन - एक साजिश, एक कुर्बानी By Dhiru singh

चार छायाएं बचपन से एक थीं – अनूप, आनंद, पवन और बबलू। उनकी हंसी, उनकी शरारतें, उनके खेल, उनके सपने – सब कुछ साझा था। जब भी कोई गिरता, बाकी तीन उसे उठाने के लिए जान की बाज़ी लगा देते...

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तेरे साथ, एक वर्दी का सपना By Rishabh Sharma

"तेरे साथ, एक वर्दी का सपना"   गाँव की छोटी सी लाइब्रेरी में हर दिन सुबह 6 बजे एक लड़का आता था — नाम था आकाश। गहरे रंग का, पतला, आंखों में मेहनत की लकीरें और हाथों में एक पुराना नो...

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भूतिया रास्ता By Sunita

हिमाचल प्रदेश – मंडी से सटे एक पहाड़ी क्षेत्ररात के 10:30 बजेविराट चौहान की जीप उस समय एक कच्चे, संकरे रास्ते पर चढ़ रही थी। सामने दूर तक अंधेरा पसरा हुआ था। मोबाइल नेटवर्क गायब था...

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विजय और वो आम वाला बाग By Rishabh Sharma

"विजय और वो आम वाला बाग" विजय बम्बई का लड़का था — ऊंची बिल्डिंग में रहने वाला, चमकते जूते पहनने वाला और ‘थैंक यू’ बोलने वाला लड़का। लेकिन हर साल गर्मी की छुट्टियों में जब वो अपनी न...

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क्या ऋतिका बचा पाएगी अपनी प्रेमी की जान – धीरु की कहानी By Dhiru singh

धीरु एक साहसी और ईमानदार फौजी था जिसने बचपन से ही देशभक्ति को अपना धर्म बना लिया था, उसके पिता भी सेना में थे और बचपन से ही उसने सीखा था कि देश पहले आता है, बाकी सब बाद में, वह हर...

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पेड़ से मीठे जामुन, पर पकड़ से तेज़ थे हम By Rishabh Sharma

“पेड़ से मीठे जामुन, पर पकड़ से तेज़ थे हम”   गर्मी की छुट्टियाँ चल रही थीं और पूरा गांव दिनभर छांव ढूंढता फिरता था। लेकिन हम चार लड़कों के लिए छांव नहीं, पेड़ के ऊपर की टहनी ज़रूर...

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घूंसे की ताकत: धीरु की वापसी By Dhiru singh

धीरु का स्वभाव बचपन से ही अलग था। गुस्से से भरा, मगर अन्याय के खिलाफ हमेशा खड़ा। कोई किसी कमज़ोर को सताए, तो धीरु सबसे पहले सामने आता। उसकी आँखों में आक्रोश जलता था और दिल में न्या...

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दुमछल्ला -समीक्षा By shelly

''दुमछल्ला'' निशांत जैन की लिखी एक कहानी है ...ये एक ऐसी किताब है जिसे कोई लोग खुद से रिलेट कर सकते हैं ..इस कहानी का मुख्य किरदार निर्मय है जो अपनी जिंदगी को अपने...

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धीरु का अधूरा सच्चा प्यार By Dhiru singh

धीरु एक शांत, गम्भीर स्वभाव का लड़का था, जो हमेशा दूसरों की मदद करने को तत्पर रहता था, लेकिन खुद के लिए कभी कुछ नहीं चाहता था, उसका चेहरा हमेशा मुस्कान से भरा होता था, लेकिन उस मुस्...

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मोहब्बत की अधूरी स्याही By Dhiru singh

धीरु एक सीधा-सच्चा लड़का था, जिसकी जिंदगी में बस दो ही चीजें अहम थीं — उसका सपना और उसका प्यार, मेघा। मेघा उसकी ज़िन्दगी की धड़कन थी, वह हर लम्हा मेघा के साथ जीना चाहता था। दोनों क...

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मित्रता और सफाई की सीख By Anita Tanwar

संजू और राजू बहुत अच्छे दोस्त थे। दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे और एक ही क्लास में थे। दोनों की परीक्षा पास आ रही थी। एक दिन दोनों ने मिलकर तय किया कि वे साथ में पढ़ाई करेंगे ताकि...

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अधूरा प्यार, आखिरी बलिदान By Dhiru singh

भाग 1: प्यार की शुरुआतदिल्ली की तंग गलियों में रहने वाली आकांक्षा एक सीधी-सादी, पढ़ने-लिखने वाली लड़की थी। वह एक प्राइवेट कंपनी में काम करती थी और उसके सपनों में बस एक ही नाम था –...

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रहस्यमय बॉक्सा By vaghasiya

जूनागढ़ के जंगलों के पास बसा एक छोटा सा गांव था — चिलावड़ी। गांव तो सीधा-सादा था, लेकिन उसके पास एक पुराना किला था, जो आज भी खड़ा था — आधे गिरे हुए पत्थर, जंग लगे फाटक और faded लिख...

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सिमरन, धीरू, सोनम और भूमि की अधूरी प्यार की कहानी By Dhiru singh

कहते हैं कि हर इंसान की ज़िंदगी में कोई न कोई ऐसा होता है जिसे वो चाहकर भी भुला नहीं पाता। Dhiru की ज़िंदगी में ऐसे चार नाम थे – Simran, Sonam, Bhumi, और एक अधूरा एहसास।Dhiru एक सी...

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तानाजी मालुसरे By Real heros

तानाजी मालुसरे, शिवाजी के घनिष्ठ मित्र और वीर निष्ठावान मराठा सरदार थे। वे छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ हिंदवी स्वराज्य स्थापना के लिए सुभादार (किलेदार) की भूमिका निभाते थे। तानाजी...

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महाराणा प्रताप V S बहलोल खान By Real heros

बहलोल खान अकबर का बड़ा सिपहसालार था। जिस पर अकबर को बड़ा नाज़ था। उसने कभी कोई युद्ध नहीं हारा। नाश्ते में एक बकरा खाता था। दो शराब पिये मदमस्त हाथियों के बिच घुस कर सुंड पकड़कर धकेल...

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क्या यह सही था? By Vaibhav

क्या वह सही था?भीषण गर्मी का दौर चल रहा था। मैं नई-नई कोचिंग जॉइन कर ही रहा था। छुट्टियों के बाद पता चला कि जो पहले पढ़ाते थे, मतलब जिनसे हम छुट्टियों से पहले पढ़ रहे थे, वो कहीं औ...

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भूतबंगला 786 - काली रात की वापसी By Shailesh verma

शैली: थ्रिलर, हॉरर, रहस्य, एक्शन स्थान: बिहार–झारखंड बॉर्डर का वीरान गांव कालीझाड़ीमुख्य पात्र:राघव चौधरी – एक जासूस जो दिल्ली क्राइम ब्रांच छोड़ चुका हैचित्रा सिंह – पत्रकार जो सच...

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