Silent Desires - 4 in Hindi Short Stories by Vishal Saini books and stories PDF | Silent Desires - 4

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Silent Desires - 4

नेहा का दिल अब पूरी तरह टूट चुका था। राहुल के साथ हर रात एक नई निराशा लेकर आती थी। उसकी कोशिशें, उसकी खूबसूरती, उसका प्यार सब कुछ व्यर्थ सा लगने लगा था।

उसने फैसला किया कि अब उसे अपनी सबसे करीबी सहेली रिया से बात करनी होगी। रिया और नेहा कॉलेज के दिनों से दोस्त थीं। रिया एक बोल्ड, बिंदास और समझदार लड़की थी, जो हर मुश्किल में नेहा का साथ देती थी। नेहा को यकीन था कि रिया उसे कोई रास्ता जरूर दिखाएगी। 

एक धूप भरी दोपहर, नेहा रिया के घर पहुंची। रिया का फ्लैट दिल्ली के एक पॉश इलाके में था, जहां से शहर का खूबसूरत नजारा दिखता था। नेहा ने दरवाजे की घंटी बजाई, और रिया ने दरवाजा खोला और उसे गले लगाकर स्वागत किया। 

नेहा, तुम इतनी उदास क्यों लग रही हो? सब ठीक तो है ना?” रिया ने चिंता से पूछा, नेहा को सोफे पर बिठाते हुए। 

नेहा ने गहरी साँस ली। “रिया, मैं बहुत परेशान हूँ। राहुल के साथ कुछ ठीक नहीं है।” 

रिया ने कॉफी का कप नेहा की तरफ बढ़ाया। “बता, क्या हुआ? शादी को अभी महीना भी नहीं हुआ, और तुम इतनी टेंशन में हो?” 

नेहा ने हिचकिचाते हुए बात शुरू की। “रिया, मैंने बहुत कोशिश की। हर तरह से। लेकिन राहुल... वो मेरे साथ... मतलब, वो मेरे इंटिमेट नहीं होता।” 

रिया की भौंहें तन गईं। “मतलब? वो तुमसे प्यार नहीं करता?” 

नहीं, ऐसा नहीं है,” नेहा ने जल्दी से कहा। 

वो मुझसे प्यार करता है, मुझे उसकी आँखों में दिखता है। उसने मुझे हर जगह चूमा है मेरे माथे पर, गालों पर, होंठों पर। वो मुझे गले लगाता है, मेरी तारीफ करता है। लेकिन जब बात... मतलब, इंटीमेट होने की आती है, तो वो टाल देता है। कभी कल, कभी स्ट्रेस तो कभी थकान, कुछ होता ही नहीं।” 

रिया ने गहरी साँस ली और सोच में पड़ गई। “नेहा, सुन। कई बार ऐसा होता है। इसमें बातें हो सकती हैं। जैसे, क्या पता उसे लड़कियों में इंटरेस्ट ही ना हो?” 

नेहा ने तुरंत सिर हिलाया। “नहीं, रिया, ऐसा नहीं है। उसने मुझे चूमा है, मुझे गले लगाया है। वो मुझे देखता है, मेरी तारीफ करता है। ऐसा नहीं है। उसे मुझमे इंट्रेस्ट है। उसने मुझे कहा भी है कि वो मुझे पसंद करता है ” 

ठीक है,” रिया ने कहा। “तो, क्या पता उसे कोई और लड़की पसंद हो? कोई पुराना अफेयर?” 

अफेयर....? नहीं नहीं, राहुल ऐसा नहीं है,” नेहा ने दृढ़ता से कहा। “वो बहुत सीधा है। मुझे उस पर पूरा यकीन है। राहुल किसी और से प्यार नहीं कर सकता” 

रिया ने फिर कहा, “तो फिर क्या पता... क्या पता उसका... मतलब, सेक्स के समय उसका इंजन स्टार्ट ना होता हो...मतलब वो उत्तेजित ना होता हो।"

नेहा की आँखें फैल गईं। “क्या? ये... ये कैसे हो सकता है?”

हो सकता है, नेहा,” रिया ने गंभीर स्वर में कहा। “कई बार मेडिकल प्रॉब्लम होती है। या फिर तनाव, डिप्रेशन। तनाव से सेक्स प्रॉब्लम होती है। तुमने उससे खुलकर बात की?” 

कोशिश की,” नेहा ने उदास और भारी स्वर में कहा। “लेकिन वो टाल देता है। कहता है कि थक गया है, या टाइम चाहिए। मैं समझ नहीं पा रही कि क्या करूँ।” 

रिया ने नेहा का हाथ पकड़ा। “नेहा, सुन। तुम्हें उससे साफ-साफ पूछना होगा। अगर कोई प्रॉब्लम है, तो उसे डॉक्टर के ले जाओ। लेकिन अगर वो जिंदगी भर तुम्हारे साथ ऐसा ही बर्ताव करेगा तो तुम क्या करोगी? क्या तुम सारी जिंदगी ऐसे ही जियोगी?” 

नेहा की आँखें नम हो गईं। “रिया, मुझे नहीं पता क्या करूँ। मैं उससे प्यार करती हूँ, लेकिन ये सब... ये मुझे तोड़ रहा है। ये सब मुझसे सहा नहीं जाता। ऐसा कैसे हो सकता है। एक नॉर्मल इंसान को इतनी बड़ी प्रॉब्लम कैसे हो सकती है।”

रिया ने उसे गले लगाया। “चिंता मत कर। पहले उससे बात कर। और अगर वो नहीं मानता और साफ साफ नहीं बोलता की क्या प्रॉब्लम है तो कुछ और रास्ता सोचेंगे।” 

रिया की बातें नेहा के दिमाग में बार-बार घूम रही थीं। उसने फैसला किया कि अब वो राहुल से साफ-साफ बात करेगी। उसका मन बेचैन था। 

क्या राहुल वाकई कुछ छुपा रहा है? क्या रिया की बात सच है? 

उसी शाम, जब राहुल ऑफिस से लौटा, नेहा ने उसे ड्राइंग रूम में बैठाया। उसका चेहरा गंभीर था। “राहुल, हमें बात करनी है। अभी।” 

राहुल घबरा गया , “क्या.... हुआ, नेहा? तु...तुम ठीक हो ना” 

“नहीं, कुछ भी ठीक नहीं है, क्या तुम ठीक हो?” नेहा ने गुस्से में कहा। “तुम मुझसे क्या छिपा रहे हो। मैंने तुम्हारे सामने हर तरह से कोशिश की, लेकिन तुम टालते रहते हो। बताओ, राहुल, क्या बात है? क्या तुम्हें लड़कियों में इंटरेस्ट नहीं है? या कोई और लड़की है तुम्हारी जिंदगी में? या तुममे जोश ही नहीं है?” 

राहुल का चेहरा शर्मिंदगी से लाल हो गया। “नेहा, ये क्या कह रही हो? तुम जानती हो कि मैं तुमसे प्यार करता हूँ। तुम्हारे अलावा मेरी जिंदगी में कोई नहीं है।” 

तो फिर क्या बात है?” नेहा की आवाज काँप रही थी। “तुम मुझे किस करते हो, गले लगाते हो, लेकिन जब बात इंटीमेट होने की आती है, तो तुम पीछे हट जाते हो। क्या... क्या तुम्हारा वो... मतलब, क्या तुममे उत्तेजना नहीं आती?” नेहा का मन रोने का कर रहा था।

राहुल की आँखें नीचे झुक गईं। उसका चेहरा पसीने से भीग गया। वो चुप रहा, जैसे उसका गला सूख गया हो। 

राहुल, कुछ तो बोलो,” नेहा ने क्रोध में कहा। “मैं तुम्हारी बीवी हूँ। अगर कोई प्रॉब्लम है, तो मुझे बताओ। ” 

राहुल ने बहुत मुश्किल से अपनी आवाज निकाली। उसकी आवाज में शर्मिंदगी और दर्द था। 

“नेहा, मुझे... मुझे नहीं पता कैसे कहूँ। लेकिन... मुझे... मुझे कुछ प्रॉब्लम है, मतलब जो तुम बोल रही हो वो सही है। पर मैंने कभी कुछ गलत नही किया।”

नेहा का दिल धक् से रह गया। उसकी आँखें नम हो गईं। “तो... तो तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया? मैं हर रात तुम्हारे लिए कोशिश करती थी, मैं तड़पती रहीं और तुम... तुम चुप रहे? तुम अगर मुझे बताते तो हम मिलकर इसका समाधान निकालते।” 

राहुल ने नजरें झुकाए रखीं। “मुझे शर्मिंदगी महसूस हो रही थी, नेहा। मैं नहीं चाहता था कि तुम मुझे कमजोर समझो। मैंने कभी कुछ गलत नहीं किया नेहा। मुझे ये सुहागरात को पता चला कि मैं....मैं अपना लिंग उत्तेजित नहीं कर पर रहा। मैंने पहले कभी... मतलब, मैंने कभी कोई सेक्सुअल एक्टिविटी नहीं की। मुझे कुछ पता ही मेरे साथ ऐसा क्यूँ हो रहा है ” 

नेहा की आँखों से आँसू बहने लगे वो रोने लगी। “राहुल, तुमने मुझे इतने दिन अंधेरे में रखा। मैं सोचती थी कि शायद मुझमें कोई कमी है। और तुम... तुमने कुछ बताया ही नहीं।” 

राहुल ने धीमी आवाज में कहा, “नेहा, मुझे माफ कर दो। मैं तुम्हें दुख नहीं देना चाहता था। लेकिन... मुझे लगता है कि ये मेरी पुरानी बीमारी की वजह से है। मैंने डाक्टर से बात की थी। इसमें लंबा टाइम लग सकता है।” 

नेहा ने चौंककर पूछा, “कैसी बीमारी?” 

राहुल ने गहरी साँस ली। “पाँच साल पहले मुझे मानसिक बीमारी हुई थी। वो एक अजीब बीमारी थी। उस दोरान मैं बहुत बुरे दौर से गुज़र रहा था। मैंने पाँच साल तक दवाइयाँ लीं। मैंने कभी कोई सेक्सुअल एक्टिविटी नहीं की। मुझे लगता है... शायद उसी की वजह से मेरे साथ ये हो रहा है। ज़्यादा तनाव और दवा से मुझे ये प्रॉब्लम बनी है। मुझे नहीं पता अब क्या करना है।” 

नेहा की आँखों से आँसू रुक नहीं रहे थे। उसका दिल टूट चुका था। वो राहुल की सादगी, उसकी ईमानदारी से प्यार करती थी, लेकिन ये सच उसके लिए बहुत भारी था। 

उसने धीमी आवाज में कहा, “राहुल, तुमने अपनी माइंड प्रॉब्लम के बारे मे भी मुझे नहीं बताया। तुमने सब कुछ मुझसे छिपाया।" नेहा अपने आंसुओ को पोछते हुए " लेकिन मुझे पता है अब क्या करना है।” 

राहुल ने उसकी तरफ देखा, उसकी आँखें डर से भरी थीं। “नेहा, प्लीज...हमे थोड़ा इंतजार करना होगा। ये ठीक हो जाएगा” 

लेकिन नेहा ने सिर हिलाया। “नहीं, राहुल। मैं अब और नहीं झेल सकती। मैं तुमसे प्यार करती हूँ, लेकिन मैं इस रिश्ते को और नहीं निभा सकती।” 

नेहा ने उसी रात अपने कपड़े पैक किए और अपने मायके के लिए निकल गई। उसने राहुल को तलाक के पेपर भेज दिए।

राहुल ने उसे रोकने की कोशिश नहीं की। वो जानता था कि उसकी चुप्पी ने सब कुछ बर्बाद कर दिया।
The End

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लेखक टिप्पणी:
आजकल की तेज़ रफ़्तार ज़िंदगी में तनाव (तनाव, चिंता, और डिप्रेशन) एक आम बात बन चुका है। हम सब किसी न किसी मानसिक दबाव में जी रहे हैं – करियर, रिश्ते, सामाजिक अपेक्षाएँ या फिर खुद से जुड़ी उम्मीदें। यह कहानी पूरी तरह काल्पनिक है, लेकिन इसमें दिखाए गए कुछ पहलू हकीकत से काफ़ी मेल खाते हैं कि 

तनाव न केवल हमारी मानसिक और शारीरिक सेहत को प्रभावित करता है, बल्कि यह हमारी यौन क्षमता और यौन जीवन पर भी गहरा असर डालता है। लगातार तनाव में रहने से शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिससे यौन इच्छा में कमी, इरेक्शन की समस्या और रिश्तों में दूरी जैसी समस्याएँ पैदा हो सकती हैं।

इसलिए यह ज़रूरी है कि हम अपने मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। एक खुशहाल और तनाव-मुक्त जीवन ही एक संतुलित और स्वस्थ यौन जीवन की नींव है।