लेखक की टिप्पणी (Author's Note)
आपने इस स्टोरी पर क्लिक किया है, पर कृपया मुझे माफ़ कीजिए, यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं है। यह सच्चाई से घिरे कुछ शब्द हैं, जो दिल से निकले हैं।
अगर आपने इसे खोल ही लिया है, तो मैं आपसे विनम्र अनुरोध करता हूँ कि कृपया एक बार इसे पूरा पढ़ें। यह आपके कुछ पल लेगा।
धन्यवाद
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लिबरेशन। मोक्ष। मुक्ति
नाम चाहे जो रख लो, मतलब एक ही है इस अनंत जन्म और मरण के चक्र से छुटकारा। हर जीव इस चक्र में फंसा हुआ है। जन्म लेना, दुख सहना, बुढ़ापा देखना, मर जाना और फिर से वही सब दोहराना। जब तक हम अपने कर्मों, वासनाओं और तामसिक जीवन से ऊपर नहीं उठते, तब तक यही चक्र चलता रहता है।
कुछ लोग सोचते हैं कि हमें बिना कुछ किए मोक्ष इस जन्म में मिल जाएगा या थोड़ी सी भक्ति करते है और सोचते है कि हमारा पुनर्जन्म नहीं होगा।
पर सच्चाई ये है कि बड़े-बड़े संतों को भी कई जन्मों तक प्रयास करने के बाद भी मुक्ति नहीं मिली।
इसका मतलब ये नहीं कि हमें कोशिश नहीं करनी चाहिए। क्योंकि कोशिश हमारा धर्म है, फल देना भगवान के हाथ में है।
पहले मै बता दूँ लिबरेशन या मोक्ष या मुक्ति है क्या? इसका मतलब है जन्म-मरण से छुटकारा और भगवद् धाम वापस जाना जो हमारे जीवन का परम लक्ष्य है और जिसके लिए ये उत्तम मनुष्य योनि मिली है।
इस रास्ते में चार बड़े रोड़े हैं, जो हमें मोक्ष पाने से रोकते हैं और जिनसे हमे बचना चाहिए-
1. मांसाहार निषेध – No Meat
मेरी बात गांठ बांध लो – मांस मत खाओ। ये ना केवल हिंसा है, बल्कि इससे आपकी आत्मा को भी भारी पाप लगता है। मुक्ति की खोज में लगे महापुरूष कभी मांस नही खाते और ना ही प्याज-लहसुन। क्योंकि ये चीज़ें कामवासना को बढ़ाती हैं। ये तामसिक होती हैं। सत्त्व की ओर जाने के लिए भोजन भी सत्त्विक होना चाहिए।
2. नशा निषेध – No Intoxication
कोई भी प्रकार का नशा मत करो, न शराब, न बीड़ी, न सिगरेट, न गुटखा, न तंबाकू। ये सभी चीज़ें हमारी चेतना को गिरा देती हैं और आध्यात्मिक मार्ग में बाधा डालती हैं जो आत्मा को मुक्त करना चाहता है, वो नशे की गुलामी में नहीं रहता।
3. अवैध यौन संबंध निषेध – No Illicit Sex
किसी पराई स्त्री के साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए। सभी को माँ, बहन और बेटी के रूप में देखो। यह केवल शरीर का नहीं, बल्कि मन का भी नियम है। अगर मन में भी कोई कामुक विचार आता है, तो वह भी उसी श्रेणी में आता है। यही से आध्यात्मिक पतन की शुरुआत होती है।
4. जुआ निषेध – No Gambling
किसी भी प्रकार का जुआ मत खेलो। चाहे सट्टा हो, ताश हो या ऐसा कोई ऑनलाइन गेम जिसमें पैसा लगे। यहाँ तक कि डे-ट्रेडिंग भी इसी के अंतर्गत आती है। निवेश करना गलत नहीं है, लेकिन वह भी सोच-समझकर लोंग टर्म के लिए और भविष्य की जरूरतों के लिए होना चाहिए – लालच से नहीं।
इन चार नियमों का पालन करके हम एक सात्विक जीवन जी सकते हैं। और ऐसा जीवन ही हमें भक्ति में आगे बढ़ाता है, और भगवान की कृपा के योग्य बनाता है।
लिबरेशन कोई सपना नहीं है, लेकिन उसकी चाबी हमारे ही हाथ में है – नियम, संयम और शुद्धता। आज से ही अपने जीवन में यें नियम लाओ। अगर हम सच्चे मन से इस रास्ते पर चल पड़े, तो भगवान खुद रास्ता बना देते हैं।
भगवान का नाम लो ताकि आखिरी समय में हमे भगवान का नाम स्मरण रहे। इससे मुक्ति आसानी से मिल जाती है अन्यथा जिस भी योनि के जीवों का आखिरी पल मे स्मरण आ गया उसी योनि मे जन्म तय है। ध्यान रहे कि हमारा एक मात्र लक्ष्य है जीवन मरण के चक्र से मुक्ति।
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लेखक की प्रार्थना :
आपने इस कहानी को पढ़ने के लिए समय निकाला, इसके लिए आपका तहे दिल से बहुत-बहुत धन्यवाद।
अगर मेरी बातें आपके दिल को थोड़ी सी भी सच्ची या असरदार लगी हों, तो आपसे मेरी एक छोटी-सी विनती है — कृपया इसे एक प्यारी सी रेटिंग दे दीजिए।
अगर आपने रेटिंग नहीं दी,
तो शायद मैं मान लूंगा कि मेरी लेखनी में वो असर नहीं है जो होनी चाहिए...
लेकिन अगर आपने रेटिंग दी, तो यकीन मानिए —
वही आपकी एक छोटी-सी प्रतिक्रिया मुझे आगे और बेहतर लिखने की ताक़त देगी।
आपके लिए दिल से ढेर सारा प्यार और सम्मान।
– आपका दोस्त
हरे कृष्ण