Anokha Vivah - 29 in Hindi Love Stories by Gauri books and stories PDF | अनोखा विवाह - 29

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अनोखा विवाह - 29

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि कैसे अखण्ड प्रताप अपनी समझदारी से सावित्री जी को सही ग़लत का अहसास करवाते हैं पर फिर भी सावित्री जी अनिकेत के सामने अपनी शर्त रख देती हैं जिसे वो बेमन ही मान लेता है फिर वो दोनों ऑफिस के लिए निकल जाते हैं......

अब आगे .....

सुहानी और अनिकेत दोनों ऑफिस पहुंच चुके थे अनिकेत आज एक 22साल का स्टूडेंट नहीं बल्कि एक हैंडसम बिजनेस टायकून लग रहा था सब उसे ही देखे जा रहे थे तभी अनिकेत का मैनेजर आगे आकर उनका वेलकम करता है पर जब वो सुहानी के पास पहुंचता है तो वो दो कदम पीछे हो जाती है अनिकेत वहीं खड़े दुसरे इम्प्लाइज से बात करने लगता है उसका ध्यान सुहानी से हट जाता है तभी अनिकेत का मैनेजर सुहानी को अकेला देख उसे वेलकम करने के लिए उसे एक बुके देता है पर सुहानी अपने हाथों में बुके नहीं लेती जिससे वो बुके जमीन पर गिर जाता है सुहानी मैनेजर को देखकर बहुत डर गई थी वो जल्दी से आगे बढ़कर अचानक से अनिकेत का हाथ पकड़ लेती है अनिकेत उसकी इस हरकत से चौंक जाता है और थोड़ा सा इरिटेट भी हो जाता है पर जब सुहानी को परेशान देखता है तो अपना हाथ उससे छुड़ाकर अपने हथेली से उसकी हथेली को थाम लेता है और बहुत ही प्यार से उससे पूछता है ," क्या हुआ ! तुम डर क्यों रही हो ? 

सुहानी कुछ कहती उससे पहले ही मैनेजर सुहानी को इग्नोर करते हुए आगे आकर अनिकेत से कहता है ,"  अरे कोई बात नहीं है सर वो शायद गुलाब में कांटा था तो ग़लती से वहीं पर पकड़ लिया होगा मैम ने " फिर बात को बदलते हुए अनिकेत से पूछता है ," सर , क्या आप अपने केबिन में अपनी प्राइवेट लिफ्ट से जाना चाहते हैं या फिर इसी कॉमन लिफ्ट से जाएंगे " ,,,,,,, अनिकेत सुहानी के ऊपर से ध्यान हटाकर अपने मैनेजर की बात का जवाब देने लगता है ," मैं अपनी प्राइवेट लिफ्ट से जाऊंगा " ,,,,,मैनेजर : ओके सर तो चलिए मैं आपको ले चलता हूं" 

अनिकेत, सुहानी का हाथ पकड़कर लिफ्ट के अन्दर आता है और मैनेजर से कॉमन लिफ्ट से केबिन में आने को कहता है अनिकेत अपने केबिन में जाने के लिए जैसे ही बटन प्रेस करने वाला होता है सुहानी एक बार फिर अनिकेत का हाथ पकड़ लेती है और धीरे से कहती है ," हमें डर लग रहा है " अनिकेत को समझ नहीं आता है कि सुहानी क्या कह रही है अनिकेत उसे परेशान देखकर बटन को प्रेस नहीं करता और सुहानी से उसके परेशान होने की वजह पूछता है ," क्या बात है तुम अभी बाहर भी कुछ परेशान थीं बताओ क्या बात है ? किस बात का डर लग रहा है तुम्हें? 

सुहानी, अनिकेत के सवाल पर उसे जवाब देती है ," हम कभी लिफ्ट से गए नहीं हैं तो डर लग रहा है " अनिकेत, सुहानी की इस बात पर थोडा सा मुस्कुराता है फिर सुहानी की हथेली को अपनी हथेली से मजबूती से पकड़कर अपने करीब करते हुए उसकी आंखों में आंखें मिलाकर कहता है ," तुम्हारा पति तुम्हारे साथ है तुम्हें किसी भी बात का डर नहीं होना चाहिए और ये पहली बार है ना इसीलिए डर रही हो जब आदत पड़ जाएगी तो ना मेरी इस हरकत से डर लगेगा और ना लिफ्ट से अब तो रोज ही ऐसे आना है तो मैं तुम्हारा डर खत्म कर दूंगा आदत डाल लो , अपने पति की भी और इस लिफ्ट के साथ की भी " सुहानी अनिकेत का ऐसा बिहेवियर पहली बार देख रही थी उसे उससे सच में थोड़ा सा डर लग रहा था पर उस डर से ज्यादा उसे सुकून मिल रहा था और थोड़ी ही देर में वो दोनों अपने फ्लोर पर पहुंच चुके थे क्योंकि जब अनिकेत ने सुहानी का हाथ पकड़ा था उसी वक्त दूसरे हाथ से लिफ्ट की बटन को प्रेस भी कर दिया था 

सुहानी अभी भी अनिकेत की आंखों में गुम थी अनिकेत ने सुहानी के हाथ को धीरे से दबाया जिससे सुहानी को समझ आता है कि वो ना जाने कब से वैसे ही खड़ी है अपनी इस हरकत पर वो खुद ही शर्मिन्दा हो जाती है अनिकेत उसे देखकर बस मुस्कुराते हुए उसका हाथ पकड़कर लिफ्ट से बाहर निकल अपने केबिन में एंटर करता है वो सुहानी को अपनी चेयर पर बैठाकर खुद उसके सामने पड़ी दूसरी चेयर पर बैठ जाता है तभी बाहर से कुछ इम्प्लाइज और मैनेजर अन्दर आकर एक बार फिर से अनिकेत का वेलकम करते हुए उससे कहते हैं,

" सर जैसा कि आप चाहते थे कि ऑफिस में आपका वेलकम एकदम सिम्पल तरीके से हो तो हमने उसी बात को ध्यान में रखकर किसी भी रिपोर्टर को ऑफिस के अन्दर आने से रोक दिया है पर अब आपके आने की न्यूज़ तो हर जगह हो गई है तो कुछ खास चैनल के रिपोर्टर आपसे मिलना चाहते हैं आप कहें तो मैं मीटिंग रूम रेडी करवा दूं " ,,,,, अनिकेत, सुहानी की तरफ देखते हुए कुछ सोचता है ,,,उसका मैनेजर समझ जाता है कि सर को मैम की फ़िक्र हो रही है तभी उसका मैनेजर अनिकेत से कहता है ," सर , आप मैम की टेंशन मत लीजिए उनके लिए मैंने मिस निआ को बुला लिया है वो मैम की असिस्टेंट बनकर हमेशा मैम के साथ रहेंगी " अपने मैनेजर की बात सुनकर अनिकेत को कुछ तसल्ली होती है ,,,,,, अनिकेत मैनेजर से मिस निआ को केबिन में बुलाने का ऑर्डर देता है ," ऐसा करिए मीटिंग एक घंटे बाद रखिए तब तक आप लोग अपना अपना वर्क कंटिन्यू करें और मेरे केबिन में मिस निआ को आने को कहें "

सभी लोग केबिन के बाहर निकल जाते हैं अब केबिन के अन्दर सुहानी और अनिकेत ही रह गए थे , अनिकेत सुहानी को वापस उसका फोन‌ देकर उसे ऑन‌ करता है और उसे फोन सिखाने लगता है तब तक केबिन के डोर पर नॉक होता है ," सर, मे आई कम इन ( सर मैं अन्दर आ जाऊं) " 

अनिकेत: " यस कम इन " ,,,,,सर मेरा नाम निआ शुक्ला है मैंने अभी हाल ही में आपके ऑफिस में जॉइन किया है ,,,,,,,ओके मिस निआ आज से आप मिसेज अनिकेत प्रताप सिंह की असिस्टेंट हैं मैं चाहता हूं आप इनके साथ हर टाइम रहें मुझे उम्मीद है कि आप मुझे निराश नहीं करेंगी,,,,,,जी सर । 

अनिकेत इतना कहकर  सुहानी के पास आकर उसका हाथ अपने हाथ में लेकर उसे भरोसा दिलाते हुए कहता है ," मेरी एक इम्पॉरटेंट मीटिंग है मुझे जाना होगा तुम मिस निआ के साथ रहो ये तुम्हारा पूरा ध्यान रखेगी तुम्हें किसी भी बात से डरने की जरूरत नहीं है " ,,,,, अनिकेत की इस बात पर सुहानी हां में सिर हिला देती है अनिकेत भी इतना कहकर केबिन से निकल जाता है 

थोडी देर बाद

सुहानी चुपचाप बैठी अपने हाथ में पकड़े फोन को देख रही थी तभी निआ उससे पूछती है ," मैम आपको कुछ चाहिए ?

पहले तो सुहानी नहीं में सिर हिला देती है पर जब उससे बिल्कुल कंट्रोल नहीं होता तो निआ से पानी मांगती है ," वो हमें प्यास लगी है " ,,,,,,ओके मैम मैं अभी लाती हूं,,,,,,,,,, इतना कहकर निआ पानी लेने चली जाती है तब तक अनिकेत का मैनेजर मीटिंग रूम से कुछ बहाना बनाकर अनिकेत के केबिन में आ जाता है जिसे देखकर एक बार फिर सुहानी डर जाती है ....

क्यों अनिकेत के मैनेजर को देखकर सुहानी बार बार डर रही थी जानते हैं नेक्स्ट चैप्टर में.......

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