Anokha Vivah - 9 in Hindi Love Stories by Gauri books and stories PDF | अनोखा विवाह - 9

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अनोखा विवाह - 9

सुहानी अगर उसे नहीं जगाकर नीचे जाती तो भी  उसकी ही पड़नी थी ,,,,,,, सुहानी के बार बार जगाने से अनिकेत जग गया था ,,,,,,,,,,,, क्या है , प्राब्लम क्या है तुम्हारी क्यों मुझे चैन की नींद नहीं लेने दे रही ,,,,,,,,,,,वो हमारे गहने नहीं निकल रहे हैं ,, हमें निकालने नहीं आते हैं,,,,,,,,,, अनिकेत एक बार फिर उसकी बातों से इरिटेट हो चुका था,,,,,,,,,,,,,, अनिकेत उठकर सीधा सुहानी के पास आकर धीरे धीरे उसके सभी गहने निकाल देता है, अनिकेत थोड़ा गुस्से से ये सब कर रहा था जिससे सुहानी को दर्द हो रहा था,,,,,,,,,इस बार अनिकेत के बर्दाश्त की हद हो चुकी थी , अनिकेत ने सुहानी के हाथ को पकड़ अपने साथ वाशरुम ले गया और वहां ले जाकर सीधा शावर के नीचे खड़ा कर दिया,,,,,,,,,,,,,,"अगर तुम यहां से हिली मेरी परमिशन के बिना तो मैं तुम्हें रात भर यही खड़ा रखूंगा " सुहानी को वाशरुम में छोड़ अनिकेत कमरे में बेड पर लेट गया, करीब 5 मिनट बाद वो सुहानी को देखने आया तो वो वैसे ही खड़ी भीग रही ,, अनिकेत को बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि जो लड़की अपनी बहन की जगह खुद मण्डप में बैठ गई वो उसकी इतनी बात कैसे मान रही थी ,,,,,,,,,,,, अनिकेत सुहानी के पास जाकर शावर बंद करते हुए,, तुम अब तक यही खड़ी हो मुझे लगा कि अब तक हट गई होगी,,,,,,,,, सुहानी डरते हुए - आपने कहा था कि अगर हम हटे तो आप पूरी रात खड़ा रखेंगे फिर तो हम नहीं हटे ,,,,,,,,,, अनिकेत, सुहानी की बात सुनकर शॉक्ड हो गया,,,,,,,वो मन में सोच रहा था कि इतनी मासूम लड़की कैसे ये सब कर सकती है,,,,,,,,,,,,, अनिकेत ने सुहानी के हाथ को पकड़ बाहर  लाकर खड़ा कर दिया था वह जब से आई थी यह पहली बार था जब अनिकेत ने सुहानी का हाथ धीरे से पकड़ा था इस वजह से सुहानी को एक अलग ही एहसास होता है और फिर अनिकेत उसको टावेल से अच्छे से पोंछ कर वार्डरोब से अपना लोवर और टीशर्ट देते हुए,,,,,,इसे पहन लो मैं लाइट बन्द कर देता हूं,,,,,,,,,,पर बिना लाइट के कैसे पहनेंगे हम ,,,,,,,,,, अनिकेत अपने फेश पर थके हुए एक्सप्रेशन लेकर - ठीक है लाइट खुली है तुम ऐसा करो पहन लो मैं बाहर बालकनी में हूं,,,,,,,, सुहानी हां में सिर हिला देती है ...


थोड़ी देर बाद अनिकेत कमरे में आता है और सुहानी को खड़ा देख ,,,,,,,,,,, तुम अभी भी खड़ी हो मुझे लगा सो गई होगी ,,,,,,,,,, कहां सोए हम ? 


अनिकेत कन्फ्यूजन के साथ,,,,,,,,,,,,, कहां सोए मतलब यहां बेड पर सोओगी और कहां सोओगी,,,,,,,,,,,,,,,,,पर वहां तो आप सोएंगे,,,,,,,,,,,, अनिकेत खीझते हुए - अगर शादी कर ही ली है अपनी मर्जी से तो ये भी पता होगा कि पति पत्नी एक ही बेड पर सोते हैं,,,,,,,,,,,,,,, सुहानी चुप खड़ी अनिकेत की बातें सुन रही थी और कंपकंपा रही थी ,,,,,,,,, अनिकेत का ध्यान जैसे उसकी कंपकंपाहट पर जाता है ,,वो सुहानी को कन्धे से पकड़ बेड पर बैठा देता है उसका ध्यान सुहानी के पैर की गीली हो चुकी ड्रेसिंग पर जाता है ,,,,, अनिकेत उठकर फर्स्ट एड बॉक्स लाकर फिर से सुहानी की ड्रेसिंग करता है,,,,,,,,,,,,,,,,,एक काम करो तुम आराम करो मैं अभी आता हूं और हां यहां से कहीं जाना नहीं,,,,,,,, सुहानी सिर हिलाते हुए-  हम्ममम !


अनिकेत कमरे से चला जाता है थोड़ी देर बाद जब वो वापस आता है तो उसके हाथ में कॉफी के दो मग होते हैं,,,,,,,,,,,,,,,, ये लो कॉफी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, अनिकेत खुद भी बेड पर बैठ जाता है ,,,,,,,,,,,,,,,,, अनिकेत कुछ सोचते हुए सुहानी से पूछता है -  किस क्लास में हो तुम ? ,,,,, सुहानी, अनिकेत की बात का कोई जवाब नहीं देती ,,,,, अनिकेत सुबह से देख रहा था कि पहली बार में वो एक भी सवाल का जवाब नहीं देती है ,,,,,, अनिकेत एक बार पूछता है - मैने पूछा किस क्लास में हो तुम ?


सुहानी - हम स्कूल नहीं जाते ,,,,,,,,,,,,,, अनिकेत शॉक्ड हो एकदम चिल्लाते हुए - क्या ! तुम स्कूल नहीं जाती 


नहीं !    पर क्यों स्कूल तो सब जाते हैं और तुम अभी बहुत छोटी हो ,,,,,,,,,,,,,,,इस उम्र में लड़कियां स्कूल जाती हैं,,


सुहानी- हम एक बार स्कूल गए थे पर सब बच्चे चिढ़ाते थे हमें फिर हम कभी स्कूल नहीं गए ,,,,,,,,,,


अनिकेत मन में - इसका मतलब अनिकेत प्रताप सिंह जो अगले तीन महीने के अन्दर सिंह इन्टरप्राइजेज का सी ईओ बनने वाला है उसकी वाइफ को लिखना पढ़ना तक नहीं आता ,,,,,,,,,और अगर इसे लिखना नहीं आता है तो,,,,,,,,,,,,,,,,,,


अनिकेत कुछ सोचते हुए - अपने हाथ आगे करो 


सुहानी डरते हुए - नहीं हमने कुछ नहीं किया हमें मत मारिए 


अनिकेत - तुमसे किसने कहा कि मैं तुम्हें मारूंगा,,


सुहानी- जब हम दीदी का कोई काम नहीं करते थे तो वो छड़ी से मेरे हाथों पर मारती थी  


अनिकेत - नहीं मैं ऐसा कुछ नहीं करूंगा,,,,हाथ आगे करो 


सुहानी हाथ आगे कर देती है ,,,,,, अनिकेत सुहानी का हाथ पकड़ उसमें लिखा अपने नाम की ओर उंगली का इशारा कर पूछता है ,,,,,,,,,,,, ये किसने लिखा ?


सुहानी - पता नहीं


अनिकेत - पता नहीं मतलब


सुहानी - हमने नहीं लिखा जिसने मेंहदी लगाईं उन्होंने लिखा होगा 


अनिकेत मन में कुछ सोचते हुए - अच्छा, बहुत रात हो गई है सो जाओ , और हां मेरी बात सुनो,  कुछ बातें बताऊंगा कल तुम्हें उन बातों को बहुत ध्यान से अपने दिमाग में बैठा लेना उन्हीं बातों के हिसाब से चलना है तुम्हें,,,,,,,, सुहानी - हम्ममम |


दोनों अपनी अपनी साइड सो जाते हैं,,,,


सुबह 8 बजे  


अनिकेत के कमरे के बाहर कोई दरवाजा खटखटा रहा था ,,,,,,,,,,,,,, अनिकेत अपनी आंखों को मलते हुए - कोई सोने भी नहीं देता चैन से ,,, अचानक उसकी नज़र बेड के दूसरी साइड जाती है ,,,,,,,ओह गॉड यार ये अब तक सो रही है,,,,,,,,,,,,,,,सुनो सुनो ,,,,,आम्या$$$$$ 


ये लड़की नहीं उठने वाली मुझे ही कुछ करना होगा


अनिकेत दरवाजा खोलते हुए,,,, हां मां क्या है इतनी सुबह सुबह,,,,,,,,,,,,,बेटा समय देखो और और वो तुम्हारी पत्नी कहां है तैयार हो गई वो ,,,,,,,,,,, हां मां वो बस थोड़ी देर में आई ,,,,,, ठीक है बेटा जल्दी भेजना उसे आज उसकी पहली रसोई है ,,,,,,,,,,पर मां वो कैसे कुछ बना पाएगी वो अभी बहुत छोटी है,,,,,,,,,,,,,,,,,,बेटा जी कल तो बहुत गुस्से में थे रात भर में ऐसा क्या कर दिया उस लड़की ने कि आपकी बोली ही बदल गई,,,,,,,,,,,,, नहीं मां ऐसी कोई बात नहीं है मैं भेजता हूं उसे,,,,,,,,,, ठीक है ये कपड़े और गहने दे देना उसे ,,,,,,जी मां


अनिकेत दरवाजा बंद करके अन्दर आता है वो देखता है कि सुहानी अभी भी सो रही है,,,,,,,,,,,, अनिकेत पानी की कुछ छींटे उसके मुंह पर मारता है सुहानी हड़बड़ा कर उठती है ,,,,,,,,,, सुहानी धीरे से ये क्या किया आपने हम पूरा भीग गए 


बात सुनो ,,, मां आईं थीं ये कपड़े और गहने लो और पहन कर आओ जल्दी सिर्फ 10 मिनट में ,,,,,,,,,,,,, सुहानी - हम अभी आते हैं,,,,,,,, सुहानी को वाशरुम में आधा घंटा हो गया था पर वो अब तक बाहर नहीं आई थी  .............. प्लीज फॉलो रेटिंग एंड स्टी

कर 


देखते हैं नेक्स्ट पार्ट में क्या होता है ?