Ishq da Mara - 71 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 71

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इश्क दा मारा - 71

सुबह होती है........

गीतिका सबके साथ नाश्ता कर रही होती है। तभी मीरा की भाभी बोलती है, "आज मुझे बाजार जाना है तो तुम दोनों मेरे साथ जाओगी"।

ये सुनते ही गीतिका और मीरा खुश हो जाती है और दोनों बोलती है, "हा हा क्यों नहीं "।

तब गीतिका के फूफा जी बोलते हैं, "बहु जब बाजार जा ही रही हो तो गीतिका को भी कुछ सामान दिलवा देना, जब से आई है कुछ भी नहीं लिया है इसने "।

तब गीतिका की बुआ जी बोलती है, "हा इसे जो चाहिए दिलवा देना "।

उधर यूवी सोया रहता है तभी उसकी मां उसके पास आती है और प्यार से उसका सर सहलाती है तभी यूवी नींद में बोलता है, "मां मुझे आपकी गोद में सोना है।

तब यूवी की मां बोलती है, "ये भी कोई बोलनी वाली बात है, सो जा मेरा लाल "।

उसके बाद यूवी अपनी मां के गोद में सो जाता है। तब यूवी बोलता है, "मां आपको पता है कि मे जब आपकी गोद में सर रख कर सोता हु तो मुझे बहुत सकून मिलता है "।

तब उसकी मां बोलती है, "और जब तू मेरी गोद में सोता है न तब मुझे भी बहुत सकून मिलता है कि तू मेरे पास है "।

तभी यूवी के कमरे में यश आता है और बोलता है, "हा मैं तो आपका सौतेला बेटा हू न "।

तब यूवी बोलता है, "जब पता है तो बोल क्यों रहे हो "।

तब यश भी जा कर अपनी मां की गोद में सो जाता है और बोलता है, "जब देखो इसे ही प्यार करते हो, मुझे भी प्यार कर लिया करो कभी "।

तब यूवी बोलता है, "आपकी बीवी है तो आपको प्यार करने के लिए "।

तभी यश मुक्का मारता है यूवी को और बोलता है, "कुछ ज्यादा ही नहीं बोल रहा है "।

तब यूवी बोलता है, "आपकी अब शादी हो चुकी है और अब मां पर सिर्फ मेरा हक है"।

तब यश बोलता है, "और ये किसने कहा कि शादी के बाद मेरा हक खत्म हो गया है मां पर "।

तब यूवी बोलता है, "मैने "।

तब उसकी मां बोलती है, "बस करो दोनों , और तुम दोनों ही मेरे लाल हो और मैं दोनों को ही प्यार करती हूं"।

उधर गीतिका तैयार हो जाती है और मार्केट के लिए निकल जाती है।

गीतिका बहुत ही खुश होती है और अपने लिए सामान ले रही होती है। 

उधर यूवी नहा धो कर तैयार हो जाता है। तब बंटी बोलता है, "अबे तू तैयार हो कर कहा जा रहे है"।

तब यूवी बोलता है, "अपनी मोहब्बत से मिलने"।

तब बंटी बोलता है, "तुझे कुछ ज्यादा ही मोहब्बत नहीं हो गई है उससे"।

तब यूवी बोलता है, "हा करूंगा मैं उससे मोहब्बत और हद से ज्यादा करूंगा, बोल क्या कर लेगा "।

तब बंटी बोलता है, "तेरे बाप को जा कर बताऊं अभी, तेरी मोहब्बत के बारे में "।

तब यूवी बोलता है, "तू ये हर वक्त क्या बाप बाप करता रहता है "।

तब बंटी बोलता है, "क्यों डर लगता है बाप का नाम सुनते ही "।

तब यूवी बोलता है, "मैं किसी से नहीं डरता समझा, अपने बाप से भी नहीं "।

तब बंटी बोलता है, "वो तो वक्त ही बताएगा बेटा "।

उधर गीतिका मार्केट में समान ले रही होती है तभी एक कार आती है और उसमें से बहुत सारे गुंडे निकलते हैं और सब गीतिका की तरफ बढ़ जाते हैं। सब गीतिका को घेर कर खड़े हो जाते हैं।

तभी गीतिका बोलती है,"ओह हेलो तुम सब इस तरह क्यों खड़े हो गए हो, चलो हटो यहां से"।

तभी वहां पर किसी की आवाज आती है। नहीं हटेंगे बोलो क्या कर लोगी जानेमन"।

तभी वो आदमी गीतिका के सामने आता है और गीतिका उसे देख कर चौक जाती है क्योंकि वो कोई और नहीं बल्कि राजीव होता है।

तभी गीतिका बोलती है, "तुम यहां ????

तब राजीव बोलता है, "क्यों मैं यहां पर नहीं आ सकता हूं क्या, और वैसे भी तुम जहां पर भी जाओगी मुझ से छुप नहीं पाओगी, मेरी वजह से तुम यहां आई थी ना, देखो मैं भी तुम्हारे पीछे पीछे यहां तक आ गया "।

तब गीतिका बोलती है, "बकवास बंद करो और जाओ यहां से "।

तब राजीव बोलता है, "जानेमन मैं तो तुम्हे लेने आया हूं और तुम्हे ले कर ही जाऊंगा"।

तब गीतिका बोलती है, "मैं तुम्हारे साथ नहीं जाऊंगी "।

तब राजीव बोलता है, "अगर प्यार से नहीं जाओगी तो जबरदस्ती ले कर जाऊंगा, मगर तुम्हे ले कर तो जरूर जाऊंगा"।

राजीव के सारे गुंडे मीरा उसकी भाभी और छोटे भाई को पकड़ लेते हैं जिससे कि वह गीतिका की मदद नहीं कर पाते हैं।

गीतिका वहां से हट रही होती है तभी राजीव उसका हाथ पकड़ लेता है। तब गीतिका चिल्ला कर बोलती है, "राजीव मेरा हाथ छोड़ो"।

तब राजीव बोलता है, "तुम्हारे चीखने चिल्लाने से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है, और तुझे जितना चिल्लाना है चिल्लाओ चीखों"।

उसके बाद वो गीतिका का हाथ पकड़ कर उसे जबरदस्ती अपनी कार में ले कर चला जाता है...........