Ishq da Mara - 72 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 72

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इश्क दा मारा - 72

राजीव जबरदस्ती गीतिका को ले कर अपनी कार में चला जाता है और उसके जाने के बाद राजीव के गुंडे गीतिका के घर वालों को छोड़ देते हैं।

गीतिका के जाते ही सबका कलेजा फट जाता है किसी को समझ में नहीं आता है कि आखिर ये क्या हुआ है।

मीरा की भाभी रोते हुए घर में फोन करती। और मीरा जल्दी से यूवी को कॉल करती है और रोते हुए बोलती है, "यूवी भाई......

तब यूवी बोलता है, "क्या हुआ मीरा तुम रो क्यों रही हों  ????

तब मीरा बोलती है, "भाई वो गीतिका........

तब यूवी बोलता है, "क्या हुआ गीतिका को, उसे दोबारा चक्कर आ गए हैं क्या या उसकी तबियत खराब हो गई है "।

तब मीरा रोते हुए बोलती है, "भाई वो पता नहीं कौन गीतिका को जबरदस्ती उठा कर ले गया है अपने साथ "।

ये सुनते ही यूवी के पैरों तले जमीन खिसक जाती है और वो बोलता है, "तुम्हारा दिमाग तो ठीक है तुम ये क्या बोल रही हो, गीतिका को कौन ले जा सकता है तुम्हारे घर से "।

तब मीरा बोलती है, "भाई हम घर में नहीं हैं हम मार्केट में हैं "।

तब यूवी बोलता है, "इतनी हिम्मत किसी में भी नहीं है कि मेरी गीतिका की तरफ आंख उठा कर भी देखे तो फिर कौन ले गया उसे, और तुम सब कहा थे????

उसके बाद मीरा सब कुछ बता देती है। यूवी जल्दी से कॉल कट कर देता है और घर से जा रहा होता है। तभी बंटी बोलता है, "क्या हुआ तू इतना परेशान क्यों लग रहा है ????

तब यूवी बोलता है, "पता नहीं मेरी गीतिका को कौन उठा कर ले गया है"।

ये सुनते ही बंटी भी चौक जाता है और बोलता है, "तू ये क्या बोल रहा है अपने गांव में उसे कौन ले कर जाएगा "।

तब यूवी गुस्से में बोलता है, "मुझे नहीं पता, मगर मुझे मेरी गीतिका चाहिए किसी भी हालत में "।

उसके बाद यूवी गुस्से में घर से चला जाता है और बंटी उसके साथ साथ चला जाता है।

उधर राजीव गीतिका को एक जंगल में बने टूटे फूटे घर में ले कर आ जाता है और उसे रस्सी से बांध देता है।

तभी गीतिका चिल्लाती है, "राजीव छोड़ो मुझे जाने दो"।

तब राजीव बोलता है, "मैने तुम्हे छोड़ने के लिए थोड़े ही पकड़ा है, उस दिन तो तुम्हारे उस आशिक ने तुम्हें मुझ से बचा लिया था, मगर आज नहीं बचा सकता है"।

तब गीतिका बोलती है, "उस दिन भी तुम जैसे राक्षस से मुझे मेरे यूवी ने बचाया था और आज भी मेरे यूवी ही मुझे बचाएंगे, तुम देख लेना , वो मुझ से बहुत प्यार करते हैं और वो मुझे ढूंढ ही लेंगे "।

तब राजीव बोलता है, "मगर तब तक बहुत देर हो जाएगी और सब कुछ खत्म हो चुका होगा "।

तब गीतिका बोलती है, "मेरे यूवी मुझे कुछ भी नहीं होने देंगे तुम देख लेना, और इस बार तो मेरे यूवी तुम्हारी जान ही लेंगे "।

तब राजीव बोलता है, "मगर उसके आते आते तो तुम्हारी जान ही जा चुकी होगी और साथ में इज्जत भी "।

तब गीतिका डरते हुए बोलती है, "मेरे पास आने की कोशिश भी मत करना "।

तब राजीव बोलता है, "तुम मुझे रोक सकती हो क्या",.

तब गीतिका रोते हुए चिल्लाती है, "यूवी...... आप कहा है यूवी मुझे आपकी जरूरत है"।

तभी राजीव हंसने लगता है और बोलता है, "चिल्लाओ जितना चिल्लाना है चिल्लाओ, मगर तुम्हारा आशिक नहीं आएगा "।

तब गीतिका रोते हुए बोलती है, "तुम कितने नीच और गिरे हुए इंसान हो, तुम्हे बिल्कुल भी शर्म नहीं आई मुझे यहां पर लाते हुए "।

तब राजीव बोलता है, "अभी तुमने मेरी बेशर्मी देखी कहा है अभी तो मैने कुछ किया भी नहीं है, और मुझे तो सच में तुम्हारे उस आशिक पर बड़ी दया आ रही है कि हाय अब उसका क्या होगा तुम्हारे बिना, क्योंकि तुम्हे तो मुझ से अब कोई भी नहीं बचा सकता है "।

तब गीतिका बोलती है, "ये तुम्हारी सोच है कि मुझे कोई नहीं बचा सकता है, मगर मुझे मेरे प्यार पर पूरा भरोसा है कि मेरे यूवी मुझे यहां से ले कर जाएंगे, क्योंकि वो एक शेर है शेर तुम्हारी तरह सुअर नहीं "।

तभी राजीव शराब की बोतल निकालता है और पीने लगता है और बोलता है, "पियोगी जानेमन "।

तब गीतिका बोलती है, "छी ... कितने घटिया इंसान हो तुम, मुझे तो तुझे इन्सान कहने पर भी शर्म आ रही है"।

तभी राजीव बोलता है, "अभी थोड़ा देर रुको मैं पहले इसे पी लेता हूं और उसके बाद तुम्हे बताता हूं कि मैं कौन हूं और कैसा हु "।

उधर यूवी मार्केट पहुंच जाता है और जा कर देखता है कि गीतिका की बुआ जी और फूफा जी भी वहां पर रहते हैं।

तब यूवी बोलता है, "कहा है गीतिका ?????

तब गीतिका की बुआ जी रोते हुए बोलती है, "पता नहीं बेटा कहा चली गई है वो कौन उसे ले कर चला गया है, उसे तो यहां पर कोई जानता भी नहीं है, तो कोई कैसे ले जा सकता है उसे "।

तब यूवी बोलता है, "हमारे गांव में ऐसा कैसे हो सकता है मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है, आपने पुलिस को बताया "।

तब गीतिका की बुआ जी बोलती है, "हा बेटा वो आ ही रहे है "।

तब यूवी बोलता है, "आप लोग यहां पर देखिए तब तक मैं आगे से पर करके आता हूं"।

उसके बाद यूवी अपनी बाइक ले कर गीतिका को ढूंढने लगता है।

शाम हो जाती है......

गीतिका का कही पता नहीं चलता है यूवी बहुत ही परेशान हो जाता है और पेड़ पर अपना हाथ गुस्से में मारता है,और रोने लगता है और बोलता है, "गीतिका तुम कहा हो एक बार तो बता दो, देखो मैं मर जाऊंगा मेरे साथ ऐसा मत करो,क्यों इतना तड़पा रही हो मुझे, एक बार तो बता दो कहा हो"।

तभी पीछे से उसके कंधे पर कोई हाथ रखता है और बोलता है, "तुम तो सच में उसकी मोहब्बत में पड़ गए हो "।

तभी यूवी पीछे मूड कर देखता है और चौक जाता है.............