Bewafa - 48 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | बेवफा - 48

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बेवफा - 48

### एपिसोड 48: नई सुबह की ओर

समीरा ने अपने अतीत के बंधनों से खुद को पूरी तरह आज़ाद कर लिया था। सलोनी और राहुल की साजिशों से पार पाने के बाद, अब वह अपनी ज़िंदगी को एक नई दिशा देने के लिए पूरी तरह तैयार थी। उसकी आँखों में अब कोई डर या झिझक नहीं थी। अब वह एक ऐसी महिला थी जो अपने फैसले खुद लेना चाहती थी और अपनी शर्तों पर जीना चाहती थी।

#### बीते कल की परछाइयाँ

हालांकि, जब भी वह अपने अतीत के बारे में सोचती, एक हल्की सी टीस अब भी महसूस होती थी। राहुल के झूठ, सलोनी की साजिशें, विजय और योगेश का धोखा—सब कुछ एक बुरा सपना बनकर रह गया था। लेकिन अब वह उस सपने से जाग चुकी थी।

आर्यन ने उसे समझाया था, "हमेशा अतीत को याद मत किया करो, समीरा। जब तुम बार-बार पुराने पन्ने पलटोगी, तो नई कहानी कैसे लिखोगी?"

समीरा ने गहरी सांस ली और हल्के से मुस्कुराई। "तुम ठीक कहते हो, आर्यन। अब मुझे अपनी नई कहानी खुद लिखनी होगी।"

#### आत्मनिर्भरता की ओर कदम

समीरा ने खुद को व्यस्त रखने के लिए नई नौकरी शुरू की। अब वह एक जानी-मानी पब्लिशिंग कंपनी में काम कर रही थी, जहाँ उसे अपनी लेखनी को और भी निखारने का अवसर मिला। वह अपने लेखन से लोगों को प्रेरित करना चाहती थी, उन्हें यह दिखाना चाहती थी कि चाहे कितनी भी मुश्किलें आएँ, लेकिन इंसान अगर हिम्मत न हारे तो कुछ भी संभव है।

एक दिन, जब वह अपने ऑफिस में बैठी थी, उसके पास एक नया प्रोजेक्ट आया। यह प्रोजेक्ट एक नई किताब पर था, जिसमें सशक्त महिलाओं की कहानियाँ लिखनी थीं। समीरा को यह प्रोजेक्ट बेहद पसंद आया और उसने पूरे दिल से इस पर काम करना शुरू कर दिया।

#### आर्यन का साथ

आर्यन हर कदम पर उसके साथ था। उसने न केवल भावनात्मक रूप से बल्कि हर तरह से समीरा का समर्थन किया। वह चाहता था कि समीरा अपनी ज़िंदगी में आगे बढ़े और अपनी खुशियों को पूरी तरह से जिए।

एक शाम, जब दोनों कैफे में बैठे थे, आर्यन ने हल्के से उसका हाथ पकड़ा और कहा, "समीरा, तुम जो कुछ भी कर रही हो, मुझे तुम पर गर्व है। लेकिन क्या तुम्हें नहीं लगता कि तुम्हें अपनी खुशियों के बारे में भी सोचना चाहिए?"

समीरा ने उसकी आँखों में झाँका। "तुम्हारा क्या मतलब है, आर्यन?"

आर्यन मुस्कुराया। "मतलब यह कि अब तुम्हें अपनी ज़िंदगी को सिर्फ काम तक सीमित नहीं करना चाहिए। तुम्हें अपने लिए भी वक्त निकालना चाहिए। और अगर तुम चाहो तो... हम दोनों अपनी ज़िंदगी को एक नया मोड़ दे सकते हैं।"

समीरा कुछ पल के लिए चुप रही। क्या वह फिर से किसी पर भरोसा कर सकती थी? क्या वह फिर से प्यार में पड़ सकती थी?

#### एक नई शुरुआत की ओर

समय के साथ समीरा ने समझ लिया था कि इंसान को अपने अतीत में नहीं जीना चाहिए। उसने आर्यन की बातों पर विचार किया और महसूस किया कि वह भी एक खुशहाल और स्नेहमयी जीवन की हकदार है।

एक दिन, जब वे दोनों समुद्र किनारे टहल रहे थे, समीरा ने हल्की मुस्कान के साथ कहा, "शायद, मैं अब खुद को फिर से प्यार करने देने के लिए तैयार हूँ।"

आर्यन ने उसकी आँखों में देखा। "तो क्या इसका मतलब यह है कि तुम..."

समीरा ने उसकी बात बीच में ही काटते हुए कहा, "हाँ, आर्यन। मैं अपने अतीत को पीछे छोड़कर एक नई शुरुआत करना चाहती हूँ। और मैं चाहती हूँ कि तुम इस सफर में मेरे साथ रहो।"

आर्यन की आँखों में खुशी झलक उठी। उसने समीरा का हाथ थाम लिया और दोनों ने एक नई ज़िंदगी की ओर कदम बढ़ाया।

#### उम्मीदों का नया सूरज

समीरा को अब एहसास हो गया था कि जीवन में मुश्किलें आती हैं, लेकिन अगर इंसान मजबूत इरादे रखे तो हर अंधेरा छँट सकता है। उसने अपने मन से सभी डर निकाल दिए थे और अब वह खुद के लिए जीना चाहती थी।

एक नई सुबह के साथ समीरा ने अपनी ज़िंदगी के नए अध्याय की शुरुआत की।

पढ़ना जारी रखे. . .