Bewafa - 47 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | बेवफा - 47

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बेवफा - 47

### एपिसोड 47: **अतीत की परछाइयाँ और भविष्य की रोशनी**  

रात का समय था। समीरा अपने नए घर की बालकनी में खड़ी थी। ठंडी हवा उसके बालों को सहला रही थी, लेकिन उसके मन में बीते कल की गर्म लपटें अब भी महसूस हो रही थीं। सलोनी और राहुल अब उसकी जिंदगी से बाहर हो चुके थे, लेकिन उनके दिए घाव अभी भी भरे नहीं थे।

#### **बीते कल की दस्तक**  

सुबह समीरा अपनी नई नौकरी के लिए तैयार हो रही थी, तभी उसके दरवाजे की घंटी बजी। दरवाजा खोलते ही सामने एक चिट्ठी पड़ी मिली। कांपते हाथों से उसने उसे उठाया और पढ़ने लगी—  

*"समीरा, तुमने जो किया, उसकी कीमत तुम्हें चुकानी पड़ेगी। यह मत समझना कि कहानी यहीं खत्म हो गई है। तुम्हारे लिए अभी और दर्द बाकी है। - एक पुराना साया"*  

समीरा के रोंगटे खड़े हो गए। यह किसने भेजा था? सलोनी और राहुल तो जेल में थे, फिर कौन था जो उसकी खुशियों के बीच कांटे बिछाना चाहता था? क्या उसकी जिंदगी में कोई और दुश्मन था, जिसका उसे अंदाज़ा भी नहीं था?   

#### **आर्यन का सहारा**  

समीरा ने तुरंत आर्यन को फोन किया। वह कुछ ही मिनटों में वहाँ पहुँच गया।  

"कौन कर सकता है ये?" आर्यन ने चिट्ठी पढ़ते हुए पूछा।  

"मुझे नहीं पता, लेकिन मुझे डर लग रहा है। क्या मेरा अतीत कभी पीछा छोड़ने वाला नहीं?" समीरा ने घबराते हुए कहा।  

आर्यन ने उसका हाथ थामा। "मैं तुम्हारे साथ हूँ, समीरा। कोई तुम्हें नुकसान नहीं पहुँचा सकता। हमें पुलिस में रिपोर्ट करनी चाहिए।"  

"शायद... लेकिन क्या यह सिर्फ किसी की धमकी है या सच में कोई मेरे पीछे पड़ा है?" समीरा उलझन में थी।  

#### **खतरे की आहट**  

अगले दिन, जब समीरा ऑफिस से वापस आ रही थी, तब उसे लगा कि कोई उसका पीछा कर रहा है। जब उसने मुड़कर देखा, तो एक परछाईं गली के अंधेरे में गायब हो गई।  

"यह मेरा भ्रम है या सच में कोई मुझे देख रहा है?" उसने खुद से पूछा।  

आर्यन ने पुलिस को सूचना देने की सलाह दी, लेकिन समीरा को लगा कि शायद यह सिर्फ उसका वहम था। वह अपने डर को खुद पर हावी नहीं होने देना चाहती थी। लेकिन सच में, कुछ तो गड़बड़ थी।  

#### **सच का खुलासा**  

कुछ दिनों बाद, समीरा को एक और चिट्ठी मिली, लेकिन इस बार यह मेल के जरिए आई थी। उसमें लिखा था—  

*"क्या तुम सच में सोचती हो कि तुम्हें तुम्हारे कर्मों की सजा नहीं मिलेगी? हम अभी खत्म नहीं हुए हैं।"*  

अब समीरा को यकीन हो गया कि कोई सच में उसे नुकसान पहुँचाना चाहता है।  

"यह मज़ाक नहीं है, आर्यन। कोई मुझे सच में डरा रहा है," समीरा ने कहा।  

आर्यन ने साइबर क्राइम एक्सपर्ट की मदद ली, जिससे पता चला कि यह मेल किसी फेक अकाउंट से भेजा गया था, लेकिन लोकेशन उसी शहर की थी। इसका मतलब था कि खतरा समीरा के आसपास ही मंडरा रहा था।  

"हमें सतर्क रहना होगा," आर्यन ने कहा।  

"अब मैं और नहीं डरूंगी," समीरा ने ठान लिया।  

#### **पुरानी दुश्मनी या नई साजिश?**  

समीरा ने अपने ऑफिस में भी सतर्कता बढ़ा दी। उसने अपने सहकर्मियों से इस बारे में खुलकर चर्चा नहीं की, लेकिन उसकी नज़रों में अब हर कोई संदिग्ध था। उसे याद आया कि कुछ दिन पहले ऑफिस में एक नया गार्ड आया था, जो उसे बार-बार घूरता था। क्या यह वही था जो उसका पीछा कर रहा था?  

एक शाम, जब समीरा ऑफिस से निकली, तो उसे फिर वही परछाईं महसूस हुई। लेकिन इस बार उसने पीछे मुड़कर देखने की बजाय तेज़ी से चलना शुरू कर दिया। वह अपनी गाड़ी तक पहुँची और जल्दी से दरवाजा लॉक कर लिया। तभी, उसकी कार के शीशे पर किसी ने हाथ मारा।  

समीरा का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। उसने हिम्मत करके देखा, लेकिन वहाँ कोई नहीं था। डर और चिंता के बावजूद, उसने खुद को संभाला और घर की ओर बढ़ गई।  

#### **अगला कदम**  

समीरा ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने का फैसला किया। वह अब और नहीं डरना चाहती थी। उसे अपनी ज़िंदगी का हक था, और वह किसी की धमकियों से उसे बर्बाद नहीं होने देगी। आर्यन ने भी उसकी सुरक्षा के लिए कुछ प्राइवेट डिटेक्टिव्स को हायर किया, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह सब कौन कर रहा था।  

एक रात, जब समीरा अपनी बालकनी में खड़ी थी, उसने महसूस किया कि सामने वाली इमारत से कोई उसे देख रहा है। अंधेरे में भी उसे किसी की आँखें अपनी ओर घूरती महसूस हुईं।  

"अब ये खेल खत्म करना होगा," उसने मन ही मन सोचा।  

लेकिन क्या यह सच में खत्म हो गया था? या फिर कोई नई साजिश उसकी जिंदगी को फिर से हिला देने वाली थी?  

**(जारी रहेगा...)**