Mout ki Ajib Kaali Raat - 1 in Hindi Horror Stories by Kaju books and stories PDF | मौत की अजीब काली रात - 1

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मौत की अजीब काली रात - 1

सन,१००९
सत्यगंज राज्य, का जंगल

एक व्यक्ति वृक्ष की छाया में आंख मूंद कर लेटा हुआ था।देखने पर ऐसा लगता हैं मानो गहरी निंद्रा में हो 😴
सर पर पगड़ी और,पुराना सा धोती कुर्ता पहने,कमर पर तलवार अस्त्र,कानो में कुंडल ,पूरा चेहरा कपड़े से लपेटा हुआ था। दिख रही थी तो बस बंद आखें जो किसी की आवाज से खुलने वाली थी और खुल भी गई,,, क्योंकि वृक्ष से बंधा उस व्यक्ति का घोड़ा जोर जोर से हिनहिना रहा था। जैसे उसे किसी का भय हो तभी उस घोड़े को एक चिंता से भरी दयनीय आवाज आती हैं।

"घुनमुन,,,अचानक क्या हुआ तुम्हे,,,?शांत हो जाओ,,,भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है,,,हम हैं ना तुम्हारे साथ,,,शांत हो जाओ" वो व्यक्ति अपनी प्रिय घोड़े,,,नही नही,,,प्रिय घोड़ी घुनमून के सर को प्रेम से सहला कर😌😌 शांत करते हुए बोला।

थोड़ी देर में घुनमुन शांत हो गई। 

"लगता हैं तुमने अवश्य ही कोई भयानक स्वप्न देखा है,,,इसलिए तुम इतनी भयभीत होकर उठ गई ना,,? हम सही कह रहे हैं ना,,,?" उस व्यक्ति की बात सुन घुनमुन अपनी मुंडी हा में हिलाने लगी।😊

"अच्छा,,,देखो हम है ना तुम्हारे पास कुछ भी नहीं होने देंगे तुम्हे,,,☺️चलो अब लौट चलें,,, सूर्यास्त होने वाली है" उस व्यक्ति ने कहा।
और अपनी घुनमुन पर सवार होकर जंगल से बाहर निकल सत्यगंजराज्य ओर बढ़ने लगा।

चलते चलते वो व्यक्ति घुन मून से पूछा "घुनमुन क्या लगता हैं तुम्हे,,,राज्य में आज फिर कोई शिकार मिलेगा,,,?" उसकी बात सुन घुनमुन मुंडी😌 हा में हिला कर हिनहिनाई,,,

तो वो व्यक्ति बोला "अच्छा तुम्हे लगता हैं मिलेगा,,,चलो देखते हैं"
कुछ ही क्षण में सूर्यदेव निंद्रा में जा चुके थे। और इस काली अंधेरी रात में चंद्रदेव अपनी रौशनी पूर्ण गोलीय 🌝आकर धारण कर तेज गति से बिखेर रहे थे।

वही एक विरान खेत में जहां हर जगह बरगद के विशाल वृक्ष लगे थे वहा २०-२५ व्यक्ति एक हाथ में लाठी और दूसरे में मशाल लेकर खड़े थे। वृक्ष इतने घने थे की चांद की रौशनी को उस विरान भूमि पर पड़ने से रोक रही थी।सभी व्यक्ति बहुत 😠क्रोधित होकर चिल्लाए जा रहे थे एक लंगोटी पहने व्यक्ति पर,,,

एक व्यक्ति  ने गुस्से😠 कहा "हम कह रहे हैं चले जाओ हमारे राज्य से,,, इससे पहले की हम तुम्हारी शिकायत महाराज से कर दे"  

तो दूसरे व्यक्ति ने कहा "हा,,,तुम दुष्ट पापी,,,तुमने जो पाप किया है वो तो  क्षमा के योग्य भी नहीं,,,तुम ढोंगी,हो,,,देवी मां तुंझ जैसे दुष्ट कार्य करने वाले पापी को कदापि क्षमा नही करेगी"

तो तीसरे व्यक्ति ने कहा "तुम क्षमा नही,,,केवल मृत्यु 😠के पात्र हो" 

फिर चौथे व्यक्ति ने कहा "विश्वासघाती,,,हमारे विश्वासो 😡के साथ खेला,,,तुझे तो यही जला कर मार देना चाहिए" 

"चुप,,, चुप हो जाओ सब,,,वरना तुम सबकी बलि कालदेवता को चढ़ा दूंगा,,जाओ,,,चुप चाप लौट जाओ,,, अन्यथा मुझसे बुरा कोई नहीं होगा" 
एक ८०-८५ वर्ष का व्यक्ति जिसके अंग पर वस्त्र के नाम पर केवल काली लंगोटी पहने,पूरे अंग पर भस्म ,और गठानों से बंधे बाल का खोपा बनाया हुआ था। 

चेहरे पर क्रोध 😠और दुष्टता 😈के भाव,,,,विशाल बरगद के वृष की नीचे तंत्र साधना कर रहा था। पास में एक बच्ची काले रंग के गोल तंत्रचक्र में बेसुध लेटी हुई थी। वो तांत्रिक उस पर मंत्र बुदबुदाए जा रहा था। 

उसके ऐसे मंत्र जप करने से आसमान में अंधेरा छा गया,,,चांद काले साए में छुप गया था । 

हर तरफ अंधेरा साया पसरा हुआ था,,,। जलती हुई मशाले उस विरान स्थान को और अधिक भयानक रूप दे रही थीं। 
पहले व्यक्ति ने बच्ची को उठाने की कोशिश की,,,पर ये क्या,,,😱वो जल 🔥कर भस्म हो गया। 
बाकी व्यक्ति ये देख कर दंग😱😰 रह गए। एक पल में किसी को अपने आखों के सामने मरते देखना दिल में खौफ पैदा कर ही देता हैं। 

सब डरे सहमे खड़े थे,,,किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी आगे बढ़ बच्ची को उठाने की,,,आखिर चारो तरफ काला तंत्र कवच था। कोशिश करने का नतीजा देख ही चुके थे सब,,,


बाय बाय टू यू दोस्तों मिलते हैं जल्द ही next part में,,,,💜 पर्पल यू 💜