कोशिश करने का नतीजा देख ही चुके थे सब,,, अब आगे,,,,
"हमे महाराज को चुचित करना चाहिए,,,बच्ची के प्राण बचाने ही होंगे,,,इस दुष्ट को रोकना😠 ही होगा,,,अन्यथा राज्य का विनाश हो😫जाएगा" पहले व्यक्ति ने भयभीत होकर कहा।
तो दूसरा व्यक्ति भी बोला "हा,,,हमसे बहुत बड़ी भूल हो गई इस पर विश्वास कर के,,,हमने महाराज से 😓भी ये बात छुपाई,,,पर अब देर नही करनी चाहिए,,,मैं अभी उन्हे बुलाकर लाता हु" ये बोल वो व्यक्ति जैसे ही जाने के लिए पलटा।
तांत्रिक ने उस पर काला भस्म फुक दिया,,,वो व्यक्ति वही के 😶🚶वही के वही पत्थर की मूरत में तब्दील हो गया।
ये देख सब सदमे में जड़ हो गए।
वो तांत्रिक क्रूरता से हंसते हुए बोला "हहाआह आहाहा,,,मेरी मर्जी के बगैर तुम में से कोई कुछ नहीं कर सकता,,,मेरी साधना आज राज पूरी होकर रहेगी,,,इतने वर्षो से हर वर्ष इस काली रात को घोर तपस्या कर मैंने एक एक बच्चे की बली चढ़ाई है,,,आज मैं ये आखिरी बलि चढ़ा कर,,,कालदेवता को पृथ्वी पर लाने का द्वार खोल दूंगा और ये करने से मुझे कोई नही रोक सकता,,, कोई भी नही,,आज की रात काली अंधेरी विनाशकारी रात होगी"
"कहीं ये रात तुम्हारे लिए विनाशकारी ना बन जाए कपाली,,," ये आवाज सुनते ही सब चौंक कर आवाज की दिशा में देखते हैं,,।
सब उस व्यक्ति को बड़े गौर से देखें जा रहे थे। वो व्यक्ति उन्हे जाना पहचाना लग रहा था ।😲🤔🙁
"सत्यजय,,,तू,,,तुम,,,?" वो तांत्रिक गुस्से और डर से लड़खड़ाते😰 हुए इतना ही बोला।
जैसे ही कपाली के मुंह से सत्यजय नाम निकला सब ने खुशी और हैरानी से घोड़ी पर बैठे व्यक्ति को देखा जो "सत्यगंजराज्य" के राजा "सत्यजय पूर्णवंश" थे,,, उन्हे देख कर सबको एक उम्मीद की रौशनी नजर आने लगी।
उन्होंने अपने चेहरे पर से कपड़ा हटाया,,,नीली गहरी आंखे,गोरा रंग,बड़ी काली मुछे और होठों पर विजयी मुस्कान लिए घुनमुन की पीठ से उतर कर कपाली की तरफ बढ़े,,,
"रुक जाइए महाराज आगे मत जाइए,,,इसने अपने चारो ओर,,,अपनी काली शक्तियों से सुरक्षा कवच बनाया है,,,इसे छुते ही हमारा एक मित्र जल कर 😰भस्म हो गया" तीसरा व्यक्ति उन्हे सावधान करते हुए बोला।
"और फिर जब हमने आपको सूचित करने का निर्णय लिया।और हमारा दूसरा मित्र आपको बुलाने के लिए कदम आगे बढ़ाए,,,इस दुष्ट ने 😠😢😥अपने काले तंत्र से उसे पत्थर की मूरत में परिवर्तित कर दिया" चौथे व्यक्ति ने गुस्से और दुख से कहा।
उनकी बात सुनकर सत्यजय ने गुस्से में अपनी 😡😠🤬मुठिया भींच लीं,,,
"हा हा हा हाहा,,,मैं जानता था,,,इस बार भी तुम मुझे रोकने जरूर आओगे इसलिए मैंने पूर्ण योजना के साथ कार्य किया है,,,तुमने हर बार मेरी तपस्या भंग करने की कोशिश की,,,मेरे बली चढ़ाने से पहले ही तुम बच्ची को बचा लेते थे किंतु,,, किंतु लाभ क्या हुआ,,,? तुम्हारे द्वारा बचाए गए बच्चे कितने वर्षों तक जीवित रहे,,,,?एक सप्ताह भी नही,,,है ना,,,क्योंकि मनुष्य हो या प्राणी जिसे बली साधना के लिए चुना जाता हैं,,,अगर बली चढ़ते वक्त रुकावट आती हैं,,,तो भी दो दिन पूर्व उसकी मृत्यु निश्चित हो ही जाती हैं फिर किसे बचाने आए हो तुम मूर्ख राजा,,,ये बच्ची भी शीघ्र मृत्यु को प्राप्त हो जाएगी,,,तुम केवल अपना समय नष्ट कर रहे हो,,,हा हा हाहाहा,,," ये बोल कपाली भयानक 😈👺हसीं हसने लगा।
"हमारे समय की चिंता तुम मत करो,,,अपने समय की करो,,,क्योंकि आज अभी इसी क्षण तुम्हारा समय समाप्त होने वाला है" सत्यजय ने व्यंग तरह से मुस्कुराते 😏हुए कहा,,,!
सभी समझ गए की महाराज अवश्य ही कोई योजना बना कर आए हैं कपाली को रोकने के लिए।
किंतु कपाली सोच सोच कर दुविधा में पड़ गया,,,की आखिर सत्यजय उसे रोकने के लिए कौन सी चाल चलने वाला है,,, सत्यजय अपने एक झोले में कुछ ढूंढ रहा था।
" ये,,,ये 😰क्या करने वाला है,,,? इससे पहले की ये मूर्ख राजा कुछ करे,,,मुझे इस बच्ची पर जल्द ही मानव खंजर से वार करना होगा,,,तभी मेरी बली साधना पूर्ण होगी" कपाली भयभीत होकर मन में बोला।
उसने शीघ्र ही मानव खंजर पर मंत्र जप कर भस्म फूका और बच्ची की ओर बढ़ने लगा।
सब लोग ये देख कर सहम गए। किसी के गले से आवाज़ 😱तक नहीं निकल रही थी।
क्या होगा आगे? जानेंगे हम next part में मिलते हैं जल्द ही,,,💜 पर्पल यू 💜